जीवन नहीं मरा करता है इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - jeevan nahin mara karata hai is kavita se hamen kya seekh milatee hai?

जीवन नहीं मरा करता है, गीत ऋषि श्री गोपालदास नीरज

  • December 16, 2021February 12, 2022
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मेरे शब्दों के दुनिया के दोस्त, आपका पुनः स्वागत है मेरे ब्लॉग के एक नए लेख में, जो की आधारित है नीरज जी की कविता जीवन नहीं मरा करता हैं|
मेरी उँगलियों में उत्सुकता और शीघ्रता तथा मन में उत्साह का आगमन हो चुका है पर विचारों में गहराई तथा ठहराव प्रतीत हो रहा है |
दोस्तों मेरा आज का पूरा दिन यादों के हवाले रहा है| मेरी स्मृतियों में मेरे अपनों की यादें और हाल ही में बीती घटना का चित्रण रहा है …….खैर दिन तो सुखद नहीं बीता पर शाम सुहानी हो गई क्योंकि इन्ही यादों की गलियों से शाम में गीत ऋषि श्री गोपालदास नीरज भी गुजरे |
वैसे तो नीरज किसी के परिचय के मोहताज नहीं है| फिरभी नीरज ने हिन्दी सिनेमा की अनेक सुपरहिट फिल्मो में गीत लिखे तथा कविता को मुहावरे में परिवर्तित कर गाँव, गली, मोहल्ले में पहुचा दिया | श्री नीरज के बारे में, मैं जितना भी लिखूँ कम है|
अब आते हैं अपने टाइटल पर “जीवन नहीं मरा करता है” इस कविता की कुछ पन्क्तियाँ लिख रहा हूँ|


छिप छिप अश्रु बहाने वालों , मोती व्यर्थ लुटाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है |
सपना क्या है नयन सेज पर,
सोया हुआ आँख का पानी ,
और टूटना है उसका ज्यों ,
जागे कच्ची नींद जवानी ,
गीली उमर बनाने वालों , दुबे बिना नहाने वालों
कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है |


जीवन में उतार चढ़ाव का क्रम निरंतर चलता रहता है पर प्रसन्नता के क्रम को कभी भी नहीं रोकना चाहिय..

आज मेरे अतीत ने मुझे झझकोर कर रख दिया.
वो दोस्त भी याद आये जिन्होंने मुझे बहुत स्नेह दिया और वो दोस्त भी याद आये जिन्होंने अपनी आवश्यकता अनुसार मुझसे मित्रता रखी|
व्यक्तिगत जीवन में मैंने अनुभव किया कि कुछ भी खो देना सबकुछ खोना नहीं है और कुछ भी पा लेना सबकुछ पाना नहीं है |
अर्थात सन्तुलन की स्थिति बनायें रखे तथा जीवन फकीराना जीते रहे|


श्री नीरज जी की पंक्तियों से सीखना चाहिय “कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है”
आज का दिन कैसा रहा इससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ा पर इस लेख को लिखने में मुझे जिस आनंद की अनुभूति हुई उसे मै ही समझ सकता हूँ|
मेरे शब्दों की दुनिया के दोस्त अंत में मै यही कहना चाहूँगा कि स्थितियां अनुकूल हो या प्रतिकूल उन्हें बदलने के लिया प्रतीक्षा नही प्रयास की आवश्यकता है|
हबीब अमरोहवी कहते हैं ……
बेहतर दिनों की आस लगाते हुए ‘हबीब’,
हम बेहतरीन दिन भी गंवाते चले गए|
अतः
“प्रतीक्षा नहीं प्रयास कीजिए “
इति
@ ✍मोहन अबोध #Mohanabodh

जीवन नहीं मरा करता है इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - jeevan nahin mara karata hai is kavita se hamen kya seekh milatee hai?

जीवन नहीं मरा करता है इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - jeevan nahin mara karata hai is kavita se hamen kya seekh milatee hai?

Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - Jivan Nahi Mara Karta Hai

Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - Jivan Nahi Mara Karta Hai प्रश्न-अभ्यास

Solution 1

  1. कितनी बार गगरियाँ फूटी शिकन न आई पनघट पर। 
  2. कुछ मुखड़ों की नाराजी से दर्पण नहीं मरा करता है। 
  3. खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर केवल जिल्द बदलती पोथी। 
  4. कुछ दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं मरा करता है। 
  5. तूफानों तक ने छेड़ा पर खिड़की बंद न हुई धूल की। 

Solution 2

पतझड़ हर वर्ष आता है और उपवन के सारे पेड-पौधों के पत्तों को झाड़ देता है परंतु कुछ ही समय के बाद जब वसंत ऋतु का आगमन होता है तो पुन: पेड़-पौधे नए पत्तों से लद जाते हैं। यहाँ पर कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि जीवन एक बार असफल होने से थमता नहीं है। मनुष्य को दुखी या निराश होकर बैठने के बजाय पुन: प्रयास करना चाहिए। 

Solution 3

पनघट पर पानी भरते समय अकसर स्त्रियों, पुरुषों और बच्चों के हाथों से गगरियाँ फूट जाती है पर पनघट कभी इस बात का शोक नहीं मनाता बल्कि वह लोगों की आने-जाने की चहल-पहल पर खुश होता रहता है यहाँ पर कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि मनुष्य ने जीवन में क्या खोया इस पर विचारकरते हुए उसके पास जो कुछ है उस आंनद का उपभोग करना चाहिए मनुष्य को सदैव जीवन में आशावादी दृष्टिकोण रखना चाहिए 

Solution 4

'जीवन मरा नहीं करता' इस कविता का आशय यह है कि मनुष्य को जीवन से हार नहीं माननी चाहिए मनुष्य को सदैव आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रयास करते रहना चाहिए 

Solution 5

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर केवल जिल्द बदलती पोथी,

जैसे रात उतार चाँदनी पहने सुबह धूप की धोती

Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - Jivan Nahi Mara Karta Hai भाषा की ओर

Solution 1

  1. (कामायनी) महाकाव्य - कवि जयशंकर प्रसाद। 
  2. विशाखा लंदन से दिल्ली आती है [हवा जैसे] - आने की सूचना नहीं देती। 
  3.  

जीवन नहीं मरा करता है इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - jeevan nahin mara karata hai is kavita se hamen kya seekh milatee hai?
 

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जीवन नहीं मरा करता है इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - jeevan nahin mara karata hai is kavita se hamen kya seekh milatee hai?
 

Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - Jivan Nahi Mara Karta Hai सोचो और बताओ

Solution 1

वनस्पति - यदि सूर्य-प्रकाशहोता तो हम वनस्पति जगत के बारे में जान हीपाते सूर्यप्रकाशहो तो वनस्पतियों का जन्म हीहो पाता वनस्पतियों को अपना भोजन बनाने के लिए सूर्य-किरणों की आवश्यकता होती है। अत: वनस्पतियों के लिए सूर्य प्रकाश अति आवश्यक है। 

पशु-पक्षी - यदि सूर्य-प्रकाश न होता तो इस धरती पर पशु-पक्षियों की प्रजातियाँ का आगमन भी संभव न होता क्योंकि कहीं न कहीं पशु-पक्षी इन्हीं पेड़-पौधों पर अपने भोजन के लिए आश्रित होते हैं। 

मानव - यदि सूर्य प्रकाश न होता तो धरती पर मानव जीवन भी असंभव होता क्योंकि मनुष्य भी अपने आहार के लिए वनस्पति-जगत पर ही निर्भर रहता है। रोज खाए जाने वाले आहार उसे इसी प्रकृति से ही प्राप्त होते हैं। अत: सूर्य प्रकाश वस्पति, पशु-पक्षी और मानव तीनों के लिए ही जीवन का अहम् घटक है।

Sulabhbharti Solution for Class 7 Hindi Chapter 8 - Jivan Nahi Mara Karta Hai मेरी कलम से

Solution 1

दीप - दीपशिखा, दीपावली, दीपदान, दीपमाला, दीपोत्सव, दीपक 

Sulabhbharti - VII Class 7 Chapter Solutions

  • Chapter 1 - Vaachan Mela
  • Chapter 2 - Ful Or Kaanten
  • Chapter 3 - Daadi Maa Ka Parivaar
  • Chapter 4 - Dehat Or Shhar
  • Chapter 5 - Bandar ka Dhandha
  • Chapter 6 - Prithvi Se Aagni Tak
  • Chapter 7 - Jahan Chaah Vvahan Raah
  • Chapter 8 - Jivan Nahi Mara Karta Hai
  • Chapter 9 - Aspataal
  • Chapter 10 - Beti Yug
  • Chapter 11 - Do LaghuKathaayen
  • Chapter 12 - Sabd Sanpda
  • Chapter 13 - Basant Geet
  • Chapter 14 - Chnada Mama Ki Jai
  • Chapter 15 - Rahasya
  • Chapter 16 - Hum Chalte Sina Taan Ke

  • Sulabhbharti - VII Class 7 Textbook Solution

जीवन नहीं मरा करता है इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है? - jeevan nahin mara karata hai is kavita se hamen kya seekh milatee hai?

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जीवन नहीं मरा करता कविता का भाव क्या है *?

८ 15 ३४ कविता का सरल अर्थ यदि हमारा कोई सपना पूरा न हो पाए, समय से पहले ही टूट जाए, तो हमें निराश नहीं होना चाहिए। छिप छिपकर रोना नहीं चाहिए। आँसू रूपी मोतियों को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए। कुछ सपने यदि पूरे नहीं - हो सके, तो जीवन समाप्त नहीं हो जाता।

जीवन नहीं मरा करता है कविता के माध्यम से कवि ने क्या कहना चाहा है?

'जीवन मरा नहीं करता' इस कविता का आशय यह है कि मनुष्य को जीवन से हार नहीं माननी चाहिए। मनुष्य को सदैव आशावादी दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रयास करते रहना चाहिए। जैसे रात उतार चाँदनी पहने सुबह धूप की धोती।

जीवन नहीं मरा करता कविता में कौन सी पंक्ति है जो हमारे जीवन में आशा का संचार करती है?

नीरज की कविता जीवन नहीं मरा करता है निराशा के इन्हीं क्षणों से हमें मुक्त कर आशा का संचार करती है। बच्चों का हृदय बड़ा निश्छल होता है। उनमें किसी प्रकार के भेद-भाव नहीं होते। जैसे-जैसे वे बड़े होने लगते हैं, उनके भीतर भेदमूलक व्यवहार उनके व्यक्तित्व में झलकने लगते हैं।

जीवन के सपने समाप्त होने से क्या समाप्त नहीं होता?

जीवन के सपने समाप्त होने से जीवन समाप्त नहीं होता। दीपक के बुझ जाने से क्या नहीं मरता? Answer: दीपक के बुझ जाने से आँगन नहीं मरता।