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संज्ञा की परिभाषा: (Sangya ki Paribhasha in Hindi)संज्ञा का शाब्दिक अर्थ होता है – नाम। किसी व्यक्ति , गुण, प्राणी, एवं जाति, स्थान , वस्तु, क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। निम्न
वाक्यों पर ध्यान दें :- उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति , वस्तु, स्थान , भाव, समूह, धातुओं का संकेत करते हैं। अतः संज्ञा को इस रूप में परिभाषित किया जा सकता है : “किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव के नामो को संज्ञा कहते हैं।” जैसे : राम, मोहन, आगरा, विद्यालय, पुस्तक, मेज, सुंदरता, बुढ़ापा, झुण्ड, सेना, सोना, लोहा इत्यादि। संज्ञा के उदाहरण Sangya ke Udaharan, Sangya examples in Hindiरमेश परीक्षा में प्रथम आया था। इसलिए वह दौड़ता हुआ स्कूल से घर पहुंचा, इस बात से वह बहुत खुश था। उसने यह बात अपने माता- पिता को बताई। यह समाचार सुन वह इतने आनंदित हुए कि उन्होंने उसे गले लगा लिया। यहाँ पर खुश और आनंदित (भाव ), रमेश , माता-पिता (यक्ति ), स्कूल, घर (स्थान ), गले आदि संज्ञा आई हैं। संज्ञा के भेद (Sangya Ke Bhed) :- (Types of Noun in Hindi)1. जातिवाचक संज्ञा Common Noun in Hindi 2. भाववाचक संज्ञा Abstract Noun in Hindi 3. व्यक्तिवाचक संज्ञा Proper Noun in Hindi 4.समूहवाचक संज्ञा Collective Noun in Hindi 5. द्रव्यवाचक संज्ञा Material Noun in Hindi 1. जातिवाचक संज्ञा क्या होती है :-(Common Noun Paribhasha in Hindi)
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण :-(Common Noun Examples in Hindi) मोटर साइकिल, कार, टीवी, पहाड़, तालाब, गॉंव, लड़का, लडकी,घोडा, शेर।
2. भाववाचक संज्ञा क्या होती है :-(Abstract Noun Paribhasha in Hindi) जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण, दोष, दशा, स्वाभाव , भाव आदि का बोध हो वहाँ पर भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाव का तात्पर्य प्राणी या वस्तु के गुण दोष, अवस्था, कार्य या व्यवहार से है। किसी व्यक्ति या वस्तु को देखकर मन में जो अनुभूति होती है उस
अनुभूति से उत्पन्न भाव, भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आता है, जैसे- सुंदर, कुरूप, मीठा, कड़वा, खट्टा, बुढ़ापा ,जवानी इत्यादि। भाववाचक संज्ञा के उदाहरण :-(Abstract Noun Examples in Hindi) गर्मी, सर्दी, मिठास, खटास, हरियाली, सुख। भाववाचक संज्ञा बनाना :-भाववाचक संज्ञा चार प्रकार से बनाई जा सकती हैं — 1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा का निर्माण 1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना :-जातिवाचक संज्ञा से किसी वर्ग विशेष का बोध होता है, जैसे पुरुष से पुरुष वर्ग का, शिशु से शिशु वर्ग का, बच्चा से बच्चों के वर्ग का, व्यक्ति से व्यक्तियों के वर्ग का। इस तरह वर्ग विशेष का जो विशेष गुण होता है वह भाववाचक संज्ञा में परिवर्तित हो जाता है। जातिवाचक संज्ञा = भाववाचक संज्ञा
2. सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना :-सर्वनाम = भाववाचक संज्ञा
3. विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना :-व्यक्ति या वस्तु के विशेष गुण को विशेषण कहते हैं और उस विशेष गुण के अंदर छिपा भाव ही भाववाचक संज्ञा कहलाता है अर्थात विशेषण का विशेष गुण भाववाचक संज्ञा में परिवर्तित हो जाता है। विशेषण = भाववाचक संज्ञा
4. क्रिया से भाववाचक संज्ञा बनाना :-क्रिया = भाववाचक संज्ञा
5. अव्यय से भाववाचक संज्ञा का निर्माण–अव्यय = भाववाचक संज्ञा 3. व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या होती है :-(Proper Noun Paribhasha in Hindi) जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, विशेष स्थान, विशेष वस्तु का बोध होता है उसे व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे : राम, सीता, गोपाल (व्यक्ति विशेष) ; आगरा, पटना, दिल्ली (स्थान विशेष) ; कामायनी, साकेत, रामायण (वस्तु विशेष)। उपर्युक्त उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि व्यक्ति वाचक संज्ञा से समाज के किसी ख़ास व्यक्ति का, ख़ास वस्तु का, या ख़ास जगह का बोध होता है जो सिर्फ और सिर्फ एक ही होता है। व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण :- (Proper Noun Examples in Hindi) भारत, गोवा, दिल्ली, भारत, महात्मा गाँधी , कल्पना चावला , महेंद्र सिंह धोनी , रामायण ,गीता, रामचरितमानस आदि। जातिवाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा में अंतर-
4. समूहवाचक संज्ञा क्या होती है :-(Collective Noun Paribhasha in Hindi) जिस संज्ञा शब्द से किसी समूह या समुदाय का बोध होता हैं उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे- सेना, भीड़ विद्यालय ,दल, झुण्ड इत्यादि। अथार्त जो शब्द किसी विशिष्ट या एक ही वस्तुओं के समूह या एक ही वर्ग एवं जाति के समूह को दर्शाता है वहाँ पर समूहवाचक संज्ञा होती है। समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण :-(Collective Noun Examples in Hindi) गेंहू का ढेर, लकड़ी का गट्ठर , विद्यार्थियों का समूह , भीड़ , सेना, खेल आदि। 5. द्रव्यवाचक संज्ञा क्या होती है :-(Material Noun Paribhasha in Hindi) संज्ञा का वह रूप जिससे संसार के समस्त धातुओं का बोध होता है ,उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। धातु उस वस्तु का पर्याय है जिससे अनेक वस्तुओं का निर्माण होता है। द्रव्य ठोस भी होता है और तरल भी, जैसे – पीतल, लोहा ( बर्तनों के लिए), लकड़ी (फर्नीचर के लिए), सोना ,चांदी (आभूषणों के लिए) तरल द्रव्य- दूध ,तेल, पानी इत्यादि। द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण :-(Material Noun Examples in Hindi) गेंहू , तेल, पानी, सोना, चाँदी, दही , स्टील , घी, लकड़ी आदि। समूहवाचक संज्ञा एवं द्रव्यवाचक संज्ञा का एकवचन में प्रयोग :समूहवाचक संज्ञा एवं द्रव्यवाचक संज्ञा प्रायः एकवचन में प्रयुक्त होता है क्योंकि यह गणनीय नही होते हैं और व्याकरण के नियमों के अनुसार जो वस्तु गणनीय नहीं होते है वह एकवचन में प्रयुक्त होते हैं जबकि गणनीय वस्तुओं को बहुवचन में रखा जाता है। समूहवाचक संज्ञा एवं द्रव्यवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा के उपभेद: मूलतः समूहवाचक संज्ञा और द्रव्यवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा के ही उपभेद है। धातुओं के नाम हो या समूहों के नाम वे किसी वर्ग विशेष का ही संकेत करतें है परंतु गुण और स्वरूप में अंतर होने के कारण इसका वर्णन अलग से किया जाता है। जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग–कभी-कभी समाज में कोई जातिवाचक संज्ञा किसी व्यक्ति के नाम के अर्थ में रूढ हो जाता हैं। ऐसी स्थिति में वह जातिवाचक संज्ञा व्यक्तिवाचक का पर्याय माना जाता है। जैसे-
व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग–कभी-कभी किसी व्यक्ति का नाम किसी विशेष अर्थ के लिए रूढ़ हो जाता है। ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति वाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा का पर्याय बन जाता है, जैसे-
याद रखने योग्य बातें–
संज्ञा के रूपान्तर (लिंग, वचन और कारक में सम्बन्ध)संज्ञा विकारी शब्द है। विकार शब्द रूपों को परिवर्तित अथवा रूपान्तरित करता है। संज्ञा के रूप लिंग, वचन और कारक चिह्नों (परसर्ग) के कारण बदलते हैं। लिंग के अनुसार संज्ञा के रूपान्तरनर खाता
है- नारी खाती है। इन वाक्यों में ‘नर’ पुंलिंग है और ‘नारी’ स्त्रीलिंग। ‘लड़का’ पुंलिंग है और ‘लड़की’ स्त्रीलिंग। इस प्रकार, लिंग के आधार पर संज्ञाओं का रूपान्तर होता है। वचन के अनुसार संज्ञा के रूपान्तरलड़का खाता है- लड़के खाते हैं। इन वाक्यों में ‘लड़का’ शब्द एक के लिए आया है और ‘लड़के’ एक से अधिक के लिए। ‘लड़की’ एक के लिए और ‘लड़कियाँ’ एक से अधिक के लिए व्यवहृत हुआ है। यहाँ संज्ञा के रूपान्तर का आधार ‘वचन’ है। ‘लड़का’ एकवचन है और ‘लड़के’ बहुवचन में प्रयुक्त हुआ है। कारक- चिह्नों के अनुसार संज्ञा के रूपान्तरलड़का खाना खाता है- लड़के ने खाना खाया। इन वाक्यों में ‘लड़का खाता है’ में ‘लड़का’ पुंलिंग एकवचन है और ‘लड़के ने खाना खाया’ में भी ‘लड़के’ पुंलिंग एकवचन है, पर दोनों के रूप में भेद है। इस रूपान्तर का कारण कर्ता कारक का चिह्न ‘ने’ है, जिससे एकवचन होते हुए भी ‘लड़के’ रूप हो गया है। इसी तरह, लड़के को बुलाओ, लड़के से पूछो, लड़के का कमरा, लड़के के लिए चाय लाओ इत्यादि वाक्यों में संज्ञा (लड़का-लड़के) एकवचन में आयी है। इस प्रकार, संज्ञा बिना कारक-चिह्न के भी होती है और कारक चिह्नों के साथ भी। दोनों स्थितियों में संज्ञाएँ एकवचन में अथवा बहुवचन में प्रयुक्त होती है। उदाहरणार्थ- बिना कारक-चिह्न के- लड़के खाना खाते हैं। (बहुवचन) कारक-चिह्नों के साथ- लड़कों ने खाना खाया। |