हम क्यों सुन सकते हैं कारण बताइए? - ham kyon sun sakate hain kaaran bataie?

'लगता है पैरों में मधुमक्खियां काट रही हैं'

26 दिसंबर 2017

हम क्यों सुन सकते हैं कारण बताइए? - ham kyon sun sakate hain kaaran bataie?

इमेज स्रोत, Getty Images

मेरी रोज कई सालों से ठीक से सोने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि जैसे उन पर कीड़ों का हमला हो गया है.

अपने तकलीफदेह अनुभव को बताते हुए वह कहती हैं, ''यह कुछ ऐसा है जैसे मधुमक्खियों का झुंड आपके पैरों की त्वचा में घुस गया हो. यह बहुत-बहुत तकलीफदेह है.''

अपने 80वें साल में चल रहीं यह इतिहासकार रेस्टलेस लैग्स सिंड्रॉम (आरएलएस) से पीड़ित हैं जिसकी वजह से वह रात भर परेशान रहती हैं.

वो कहती हैं, ''इसके कारण पैरों में खुजली महसूस होती और उठकर चलने को मजबूर होना पड़ता है. लेटना और सोना मुश्किल हो जाता है क्योंकि पैरों में चीटियां सी काटती हैं जिसे सहन करना मुश्किल होता है.''

इसके लक्षण इतने गंभीर थे कि वह रात को सोने तक नहीं जाना चाहतीं थीं.

''नींद नहीं आती''

मेरी रोज नहीं जानतीं कि ये समस्या कब शुरू हुई लेकिन कई सालों तक उन्हें इस बीमारी का पता नहीं चला.

उन्होंने बताया, ''लोग कहते थे कि आपकी मांसपेशियां खिंच गई हैं; वो अलग-अलग सलाह भी देते थे और मैंने वो सब किया भी.''

लेकिन, इस सब का उन पर कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने अपने पैरों पर तेल भी लगाया ताकि यह जलन खत्म हो जाए लेकिन इससे भी बात नहीं बनी.

बाद में उन्हें लंदन में गायज़ एंड सेंट थॉमस अस्पताल में रेफर किया गया जहां न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर गाय लैशजाइनर उनका इलाज कर रहे हैं.

डॉक्टर लैशजाइनर बताते हैं, ''रेस्टलैस लैग्स सिंड्रॉम एक सामान्य न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसके कारण खासकर रात में पैरों को हिलाने की इच्छा होती है. इसका कारण पैरों में होने वाली उत्तेजना होती है.''

''यह बीमारी 20 में से एक वयस्क को होती है और इसके कारण नींद में बहुत कमी हो सकती है.''

मेरी रोज के साथ हालत इतनी बुरी है कि वो रात में सिर्फ कुछ घंटों के लिए सोती हैं और कभी-कभी तो इससे भी कम.

उन्होंने कहा, ''मैंने कई रातें बिना सोए बिताई हैं.

बेचैनी का ये अनुभाव आनुवांशिक है लेकिन आयरन की कमी और गर्भधारण सहित कई कारणों से हो सकता है. इसका इलाज करना भी आसान होता है.

कुछ लोगों में यह कैफ़ीन, एल्कोहल न लेने और कुछ मेडिकेशन व व्यायाम करने से ठीक हो सकता है लेकिन कुछ लोगों को दवाइयां लेने की जरूरत पड़ती है.

मेरी रोज की हालत इतनी गंभीर है कि उनके पास सिर्फ़ दवाइयां लेने का ​विकल्प है इसलिए डॉक्टर लैशजाइनर उनकी बीमारी को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों के मेल का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे उन्हें कुछ फ़ायदा हो रहा है.

वह खुशी से कहती हैं, ''मेरे पैरों की बैचेनी में अब राहत है. कभी-कभी मुझे फिर से इसका अटैक पड़ता है जो बहुत डरावना होता है जिसके कारण मुझे पूरी रात चलना पड़ता है. लेकिन, इसमें मेरी ही गलती होती है क्योंकि मैं दवाइयां लेना भूल जाती हूं.''

ध्यान भटकाने का तरीका

मेरी रोज का इलाज चला रहा है फिर भी वो पूरी रात सो नहीं पातीं.

वह कहती हैं, ''दरअसल, मेरे पैर पहले से ज्यादा नियंत्रण में हैं और मेरी नींद को ज्यादा प्रभावित नहीं करते. शायद सुबह तीन बजे ऐसा समय है जब मेरी नींद खुलती है.''

डॉक्टर लैशजाइनर कहते हैं कि यह असामान्य नहीं है.

वह बताते हैं, ''कई सालों से जिन लोगों को नींद संबंधी समस्या रही है उनमें यह होना सामान्य बात है. उनमें इस तरह की नींद की आदत बन जाती है.''

नींद में रुकावट और रात का डर कई सालों तक बना रहता है.

इसके साथ ही मेरी रोज ने कई सालों से नींद में परेशानी झेलने के बाद इंसोमेनिया से निपटने के लिए कुछ अपने भी तरीके खोज लिए हैं.

वह बताती हैं, ''मेरी ऑडियो किताबें या म्यूजिक सुनने से मेरा​ दिमाग चलना बंद हो जाता है और फिर मुझे नींद आने लगती है. लेकिन, इसका ये मतलब नहीं है कि मुझे दो घंटों से ज्यादा की नींद आती है.''

डॉ. लैशजाइनर ने कहा, ''इसमें आप अपना ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं. कहानी या संगीत के बारे में सोचते वक्त आप नींद के बारे में नहीं सोच रहे होते हैं और इस तरह आपका दिमाग पैसिव मोड में चला जाता है और फिर अपने आप नींद आ जाती है.''

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

ध्वनि तरंगें और उसकी आवृत्ति‍ परिसर से जुड़े तथ्य

जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं.

X

हम क्यों सुन सकते हैं कारण बताइए? - ham kyon sun sakate hain kaaran bataie?

wave Frequency

हम क्यों सुन सकते हैं कारण बताइए? - ham kyon sun sakate hain kaaran bataie?

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2014,
  • (अपडेटेड 13 अक्टूबर 2014, 3:21 PM IST)

ध्वनि तरंग क्या है, इसको जानने के लिए जानें पराश्रव्य तरंगे, तरंगों की आवृति से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:

ध्वनि तरंग (sound waves)
1.
ध्वनि तरंग अनुदैधर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं.
2. जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं.

ध्वनि तरंगों का आवृत्ति परिसर:
(i) अवश्रव्य तरंगें (infrasonic waves) : 20Hz से नीचे से आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को अवश्रव्य तरंगें कहते हैं. इसे हमारा कान नहीं सुन सकता है. इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकर के स्रोत्रों से उत्पन्न किया जा सकता  है.
(ii) श्रव्य तरंगें (audible waves): 20Hz से 2000Hz के बीच की आवृत्ति वाली तरंगों को श्रव्य तरंगें कहते हैं. इन तरंगों को हमारा कान सुन सकता है.
(iii) पराश्रव्य तरंगें (ultrasonic waves):
2000Hz से ऊपर की तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है. मुनष्य के कान इसे नहीं सुन सकता है. परंतु कुछ जानवर जैसे :- कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ आदि, इसे सुन सकते है. इन तरंगों को गाल्टन की सीटी के द्वारा तथा दाब वैद्युत प्रभाव की विधि द्वारा क्वार्ट्ज के क्रिस्टल के कंपन्नों से उत्पन्न करते है. इन तरंगो की आवृत्ति बहुत ऊंची होने के कारण इसमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है. साथ ही इनका तरंगदैधर्य छोटी होने के कारण इन्हें एक पतले किरण पुंज के रूप में बहुत दूर तक भेजा जा सकता है.

3. पराश्रव्य तरंगें के उपयोग:
(i) संकेत भेजने में
(ii) समुद्र की गहराई का पता लगाने में
(iii) कीमती कपड़ो वायुयान तथा घड़ियों के पुर्जो को साफ़ करने में
(iv) कल-कारखानों की चिमनियों से कालिख हटाने में
(v) दूध के अंदर के हानिकारक जीवाणुओं की नष्ट में
(vi) गठिया रोग के उपचार एवं मष्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में

आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें

  • हम क्यों सुन सकते हैं कारण बताइए? - ham kyon sun sakate hain kaaran bataie?

  • हम क्यों सुन सकते हैं कारण बताइए? - ham kyon sun sakate hain kaaran bataie?

शरीर सुन्न क्यों हो जाता है?

अंगों के रक्त संचार की कमी से सुन्नता आ जाती है जब शरीर में अधिक समय तक कोई दबाव रहता हो या रक्त संचार सही से न होने पर नसों पर असर पड़ने लगता है। इससे शरीर के सारे अंगों को उचित मात्रा में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता, जिसके कारण उन अंगों में झनझनाहट होने लगती है और वो सुन्न पड़ जाते है।

हाथ पैर सुन होना कौन सी बीमारी है?

हाथ-पैरों में झनझनाहट होना डायबिटीज का शुरूआती लक्षण माना जाता है. यह झनझनाहट पैरों के तलवों से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे पैर में होने लगती है. बहुत से मामलों में, पैरों में झनझनाहट होना डायबिटीज का शुरुआती लक्षण होता है. इससे व्यक्ति को हाथ-पैर सुन्न पड़ना, झनझनाहट और जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है.

हाथ पैर सुन्न हो जाए तो क्या करना चाहिए?

अगर आपके हाथ या फिर पैर सुन्न पड़ गए हैं तो आप उसे करीब 5 से 10 मिनट तक गुनगुने पानी में डालकर रखें। ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा। ज्यादातर अंगों का सुन्न पड़ना या फिर हाथ और पैर में झनझनाहट इस वजह से भी होती है क्योंकि डाइट ठीक नहीं होती है।

सोते समय हाथ सुन्न क्यों हो जाते हैं?

हाथों का सुन्न होना शुरू हो जाता है। कई बार विटामिन बी-12 की कमी से ऐसा होता है। रात में सोते हुए हाथों में झनझनाहट महसूस हो रही है या फिर हाथ सो गया है। अक्सर महिलाएं इस पर शुरू में ध्यान नहीं देती हैं