जनसंख्या की विभिन्न विशेषताएं क्या है? - janasankhya kee vibhinn visheshataen kya hai?

इस पोस्ट में हमलोग जानेगे कि जनसंख्या संघटन क्या होता है ? इसमें कौन-कौन से तत्वों को शामिल किया जाता है। मानव भूगोल में या विश्व जनसंख्या में इसका क्या महत्व है।

किसी क्षेत्र की जनसंख्या को उनके विविध विशेषताओं के आधार पर वर्गीकृत करके जनसंख्या का तुलनात्मक अध्ययन करना जनसंख्या संघटन कहलाता है। जनसंख्या संघटन को जनांकिकी संरचना भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत जनसंख्या के उन विशेषताओं को प्रदर्शित किया जाता है जिसकी माप की जा सके और जो कि जनसमूहों में अंतर स्पष्ट करने में सहायक होते है।

जैसे।:- आयु संघटन, लिंग संघटन, व्यवसायिक संघटन, साक्षरता, ग्रामीण नगरीय संघटन, धार्मिक संघटन, भाषा संघटन इत्यादि।

जनसंख्या की विभिन्न विशेषताएं क्या है? - janasankhya kee vibhinn visheshataen kya hai?
जनसंख्या संघटन।

जनसंख्या संघटन

जनसंख्या संघटन

इसको समझने के लिए एक उद्हारण का सहायता लेते है। जैसे :- किसी परिवार की रचना कैसे होती है, उसमे कुछ लोग पुरुष होते है कुछ स्त्री होते है।

इसमें बच्चे , युवा और वृद्ध भी होते है। इसमें कुछ पढ़े लिखे और कुछ अनपढ़ भी होते है।

कुछ लोग काम करते है तो कुछ लोग बेरोजगार होते है।

परिवार किए कुछ लोग कृषि करते है तो कुछ लोग नौकरी।

कुछ लोग रोजगार, शिक्षा के लिए शहरों में रहते है तो बाकि बचे लोग गाँवो रहते है।

एक और उद्हारण का सहायता लेते है। भोजन में कौन-कौन से चीज शामिल होते है ? आप कहेगे कि इसमें चावल, रोटी, दाल, सब्जी, फल, अचार, पापड़, मिठाई इत्यादि। ये सभी वस्तु भोजन के संघटक है।

जनसंख्या की विभिन्न विशेषताएं क्या है? - janasankhya kee vibhinn visheshataen kya hai?

ठीक इसी प्रकार जनसंख्या का निर्माण विभिन्न विशेषताओं वाले लोगो के मिलने से होता है।

जिसमे लिंग (पुरुष,स्त्री), आयु वर्ग (बच्चे, वयस्क, बूढ़े), लोगो के निवास स्थान (नगरीय, ग्रामीण), साक्षरता (शिक्षित,अशिक्षित),

विभिन्न प्रकार के व्यवसाय करने वाले लोग (कृषि, व्यपार, सेवा इत्यादि) इन्ही जनांकिकी विशेषताओं को जनसंख्या संघटन कहते है।

जनसंख्या संघटन के अध्ययन करने का मुख्य उद्देश्य यह होता है की किसी देश के प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में अद्वितीय होते है।

इन व्यक्तियों (परुष, स्त्री, बच्चे, वयस्क, वृद्ध, साक्षर, निरक्षर, ग्रामीण, नगरीय, कोई भी व्यवसाय करने वाले, किसी भी भाषा को बोलने वाले, किसी भी धर्म को मानने वाले इत्यादि ) को आपस में तुलनात्मक अध्ययन करके

सभी वर्गो को ऊपर उठाने के लिए,

तथा अलग-अलग क्षेत्रो के अनुसार अलग-अलग योजनाएं बनाकर क्षेत्र के विकास के लिए किया जाता है।

उम्मीद है आपलोगो को यह लेख पढ़कर जनसंख्या संघटन के बारे समझ गए होंगे।

विषयसूची

  • 1 जनसंख्या की विशेषताएं क्या हैं?
  • 2 जनांकिकी संरचना से आप क्या समझते हैं?
  • 3 संसाधन के रूप में जनसंख्या से आप क्या समझते हैं?
  • 4 अनुकूलतम जनसंख्या से क्या आशय है?
  • 5 जनसंख्या वृद्धि से क्या आशय है?

जनसंख्या की विशेषताएं क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय जनसंख्या की एक विशेषता है कि देश में विभिन्न जातियों, धर्म, रहन-सहन, भोजन, आवास के अन्तर्गत अनेकता में एकता का लक्षण विद्यमान है, किन्तु राष्ट्र के विकास एवं एकता में धर्मनिरपेक्षता के दर्शन होते हैं।

जनांकिकी क्या है इसका क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंलोगों के जीवन निर्वाह के उपक्रम, उनकी जीवन शैली, सम्बन्धों का स्वरूप, परिवर्तन, अपराध आदि अनेक सामाजिक कारक जनसंख्या से प्रत्यक्षतः जुड़े हुए हैं। इसीलिए जनसंख्या शास्त्र (जनांकिकी) समाजशास्त्र की एक शाखा के रूप में जनसंख्या उससे जुड़े सामाजिक, आर्थिक पक्ष और उनके प्रभावों का अध्ययन करता है।

जनांकिकी संरचना से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजनांकिकी समाजशास्त्र की एक ऐसी शाखा है जिसके अन्तर्गत जनसंख्या की संरचना, आकार, वितरण आदि अध्ययन किया जाता है। शब्दिक अर्थ में जनांकिकी को जनसंख्या की विशेषताओं का अध्ययन और विश्लेषण करने वाले विज्ञान के रूप में परिभाषति किया जा सकता है।

भारत में जनसंख्या की कौन कौन सी विशेषताएं हैं?

इसे सुनेंरोकेंएक समूह के भीतर लोगों की विस्तृत व्यक्तिगत विशेषताये जैसे की लिंग, आयु, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा, व्यवसाय, और घर के मुखिया के साथ रिश्ते आदि के आधार पर किया गए वितरण को जनसंख्या संरचना कहा जाता है। जनसंख्या को दो भागों में बांटा गया हैं – ग्रामीण और शहरी, आकार और बस्तियों के कब्जे के आधार पर ।

संसाधन के रूप में जनसंख्या से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकें’संसाधन के रूप में लोग’ से आप क्या समझते हैं? ‘संसाधन के रूप में लोग’ से अभिप्राय वर्तमान उत्पादन कौशल और क्षमताओं के संदर्भ में किसी देश के कार्यरत लोगों के वर्णन करने की एक विधि से है। दूसरे उत्पादन संसाधनों की भाँति जनसंख्या भी एक संसाधन है जिसे मानव संसाधन कहते हैं।

भारत की जनसंख्या की विशेषताएं क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसामाजिक और आर्थिक विशेषताओं का एक महत्वपूर्ण सूचक जनसंख्या की संरचना को लोगो के निवास के स्थान के आधार पर किया गया वितरण है । आजादी के बाद से पहली बार जनसंख्या में पूर्ण वृद्धि शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक है। ग्रामीण – शहरी वितरण : 68.84 % और 31.16 %।

अनुकूलतम जनसंख्या से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकें”अनुकूलतम जनसंख्या, उस सर्वोत्तम जनसंख्या को कहते हैं, जो किसी देश में एक निश्चित समय पर उपलब्ध साधनों का अधिकतम उपयोग करने अथवा अधिकतम उत्पादन करने के लिए आवश्यक होती है।” इस कथन से स्पष्ट है कि जनसंख्या का आकार तभी अनुकूलतम माना जायेगा, जब प्रति व्यक्ति आय अधिकतम हो।

जनसंख्या वृद्धि क्या है परिभाषा?

इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है।

जनसंख्या वृद्धि से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या में निश्चित अवधि में आए परिवर्तन को व्यक्त करती है। जनसंख्या परिवर्तन के तीन मुख्य कारक है जन्म–दर, मृत्यु-दर और प्रवास । एक वर्ष के जन्म दर और मृत्यु दर के अन्तर से वार्षिक वृद्धि दर ज्ञात होती है।

जनसंख्या से आप क्या समझते हैं भारत में जनसंख्या वृद्धि के क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा का बढ़ना है। मृत्यु-दर में कमी होने से जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर दो ऐसे कारक हैं जो जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करते है। भारत में सन् 1921 में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष थी जो वर्तमान में बढ़कर 63 वर्ष हो गयी है।

जनसंख्या की विशेषताएं क्या है?

Solution : एक आबादी के पास कुछ विशेषताएँ हैं जो एक व्यक्तिगत जीव नहीं होता है। एक व्यक्ति के जन्म और मृत्यु हो सकते हैं, लेकिन एक जनसंख्या में जन्म दर और मृत्यु दर होती है। एक व्यक्ति और आबादी में कुछ विशेषताएं होती हैं। जैसे- जनसंख्या का आकार या घनत्व, जन्म दर, मृत्यु दर, लिंग अनुपात, आयु पिरामिड।

भारत की जनसंख्या की कौन कौन सी विशेषताएं हैं?

भारतीय जनसंख्या में ग्रामीण जनसंख्या की अधिकता व शहरी जनसंख्या की अल्पता है। भारतवर्ष में 1991 की जनगणना के अनुसार 84.6 करोड़ जनसंख्या में से 62.8 करोड़ लोग ग्रामों में ओर 21.7 कराड़ लाग शहरों व कस्बों में निवास करते थे फलतः देश की 74.2% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों व 25.8% जनसंख्या शहरी है।

जनसंख्या की परिभाषा क्या है?

जीव विज्ञान में, विशेष प्रजाति के अंत: जीव प्रजनन के संग्रह को जनसंख्या कहते हैं; समाजशास्त्र में इसे मनुष्यों का संग्रह कहते हैं।

जनसंख्या वृद्धि की विशेषताएं क्या है?

जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा का बढ़ना है। मृत्यु-दर में कमी होने से जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर दो ऐसे कारक हैं जो जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करते है। भारत में सन् 1921 में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष थी जो वर्तमान में बढ़कर 63 वर्ष हो गयी है।