मिट्टी के बर्तन को कैसे मजबूत बनाया जाता है? - mittee ke bartan ko kaise majaboot banaaya jaata hai?

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Last updated on Dec 13, 2022

CTET Pre-Admit Card for December 2022 Exam Released! The CTET exam is to be conducted between 29th December 2022 to 23rd January 2023. The exact exam dates will be mentioned in the CTET Admit Card. The CTET Application Correction Window was active from 28th November 2022 to 3rd December 2022.The detailed Notification for  CTET (Central Teacher Eligibility Test) December 2022 cycle was released on 31st October 2022. The last date to apply was 24th November 2022. The CTET exam will be held between December 2022 and January 2023. The written exam will consist of Paper 1 (for Teachers of class 1-5) and Paper 2 (for Teachers of classes 6-8). Check out the CTET Selection Process here. Candidates willing to apply for Government Teaching Jobs must appear for this examination.

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हालांकि आपके पास आपकी पसंदीदा प्लेट्स, कटोरियाँ और प्याले हैं--परंतु स्वयं मिट्टी के बर्तन बनाने की विधि (pottery) से अपने लिए ये वस्तुएँ बनाना और भी अच्छा होगा। किसी दुकान से लुभावने सामान लेना ठीक है, पर प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली वस्तुओं में अपना हाथ होना अमूल्य होगा- और आपकी सोच से अधिक सरल भी!

  1. मिट्टी के बर्तन को कैसे मजबूत बनाया जाता है? - mittee ke bartan ko kaise majaboot banaaya jaata hai?

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    आप व्यवहारिक या अव्यवहारिक मिट्टी का सामान बनाना चाहते हैं?: आपकी आवश्यकता के अनुसार, मिट्टी के बर्तन बनाने की चाक (pottery wheel) पर एक कटोरा बनाना सर्वोत्तम होगा, परंतु सजावटी मिट्टी का सामान संभवतः हाथ से बनाना सर्वश्रेष्ठ होगा। आप अधिकांशतः भीतर से खोखली मिट्टी की प्रतिमा भी बना सकते हैं जिसे आग में पकाते समय हवा निकलने के लिए एक छिद्र भी बनाया हो।

  2. मिट्टी के बर्तन को कैसे मजबूत बनाया जाता है? - mittee ke bartan ko kaise majaboot banaaya jaata hai?

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    आप उस वस्तु को बनाने के उद्देश्य, नाप, आकार, और रंग की कल्पना करें: "पॉटरी" एक बहुत ही भ्रामक परिभाषा है --किसी भी एक कृति की रचना की दर्जनों विधियाँ हो सकती हैं। प्रत्येक वस्तु की रचना के लिए, कला के विभिन्न तत्वों को ध्यान में रखना होगा। किसी मिट्टी की वस्तुओं की बिक्री करने वाली पॉटरी गैलरी में जाकर पता करें कि वो कैसे बनी हैं। आप कलात्मक वस्तुओं के लिए आपूर्ति की दुकान में जाकर सर्वश्रेष्ठ सामग्रियों, मूल्य, जलावन, रोगन, या नौसिखियों की कक्षा के विषय में विचार विमर्श कर सकते हैं जिनसे मनचाहा परिणाम प्राप्त हो। आप अपनी कृति के चयन के लिए उपलब्ध संसाधनों का पता करें।

    • विचार करना आरंभ करें। यदि आप बीड्स, साबुनदानियाँ और ऐसी अन्य छोटी वस्तुएँ ही बनाना चाहते हैं, तो तख्ते की विधियाँ सर्वोत्तम होंगी। सजावटी बक्सा बनाना कठिन होगा क्योंकि मिट्टी को बक्से के आकार में खड़ा करने के लिए उसके सूखने का अनुमान आपको होना चाहिए। 50% पानी और मिट्टी के मिश्रण, स्लिप (slip), को आप गोंद के समान प्रयुक्त कर सकते हैं। एक बेंत से मिट्टी के खुरदुरेपन को समतल करके स्लिप लगानी चाहिए और फिर उँगलियों से उसे सील कर देना चाहिए। पशु बनाना मज़ेदार होता है, पर उनके पैर बनाने में समस्या उठती है। बैठे हुये पशु बनाने के विषय में सोचें। फूलदान, प्लेटें, बर्तन, डिनर के बर्तन, दीवार सजाने की वस्तुएँ आदि बनाने की सीमा अंतहीन है।

  3. मिट्टी के बर्तन को कैसे मजबूत बनाया जाता है? - mittee ke bartan ko kaise majaboot banaaya jaata hai?

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    मिट्टी का चयन करें: कुछ बनाने का निश्चय करने के बाद आप अपनी सामग्री का चयन कर सकेंगे। हवा से सूखने वाली मिट्टी को आग में पकाना भी नहीं होगा। किन्तु ये कुछ अधिक महंगा होगा, अतः आप छोटी कृतियों तक ही स्वयं को सीमित रखना चाहेंगे। फ़ीमो (Fimo) मिट्टी को सामान्य ओवेन में पकाया जाता है और ये कई रंगों में उपलब्ध भी है जिन्हें आपस में मिलाया जा सकता है। अन्यथा, भिन्न परिणाम देने वाली, धीमी और तीव्र आंच की मिट्टियाँ भी मिलती हैं।

    • धीमी आंच की मिट्टी चटकीले रंगों और महीन सजावट के लिए बहुत अच्छी होती है। परंतु पानी में ये बहुत अच्छी नहीं होती हैं, इसलिए जब आप इस मिट्टी का प्रयोग कर रहे हों, तो उसपर रोगन का प्रयोग करें जो इसको सील कर दे।
    • तीव्र आंच की मिट्टियाँ चटक रंगों के लिए बहुत अच्छी नहीं होतीं, परंतु वे दृढ़ और जलरोधक होने के साथ साथ सुगमता से आकार में ढाली जा सकती हैं। आग में रोगन बह सकता है, जिससे सूक्ष्म चित्रकारी धूमिल हो सकती है।[१]

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    अपनी परियोजना के लिए सर्वोत्तम विधि का निर्णय करें: चयन करने के लिए आपके पास कुछ विकल्प हैं:

    • चाक(potter’s wheel): कटोरों, प्लेट्स, फूलदानों या वे वस्तुएँ जिनके आकार को समरूपता और गोलाई चाहिए, के लिए सर्वश्रेष्ठ है। इसमें पारंगत होने के लिए अत्यधिक अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसमें भट्ठी के साथ साथ आंच तथा रोगन के ज्ञान की भी आवश्यकता होती है। यह छोटी और बड़ी वस्तुओं के लिए अच्छा होता है, परंतु आरंभ में त्रुटि होने पर उसका पुनर्निर्माण कठिन होता है।
    • हाथ की चुटकी से: छोटी वस्तुओं के लिए सर्वोत्तम। ये विधि बहुत सरल है: कम मात्रा में मिट्टी लें जिसे अपनी हथेली पर रखकर काम कर सकें। यदि आप इसको सम और गोल आकार का बनाना चाहते हैं तो अपने अंगूठे और तर्जनी से दबाव डालते हुये इसे दूसरी हथेली पर पलटते रहें। इसकी सतह को चिकना करने के लिए गीले स्पंज का प्रयोग करें।
    • कुंडलीकरण (coiling): खोखली और बेडौल कृतियों के लिए सर्वश्रेष्ठ: आप अनेक पर्तों वाली एक रोचक आकृति बना सकते हैं। मिट्टी के केवल एक पिंड (block) के स्थान पर, कई पिंड एक के ऊपर एक रखकर आकार दें। वे स्लिप से एक दूसरे से चिपक कर एक ढेर बना लेंगे।
    • पटिया (slab) बनाना: चिपटी रचनाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ। आप मिट्टी के किनारों को एक आकार पर रख दें। उस आकार पर हल्का खाना पकाने वाले तेल का लेप लगा दें या एक प्लास्टिक थैली का प्रयोग करें जिससे ये सतह पर चिपक न जाये। सूखने पर इसे ढांचे से उठा लें, ये सिकुड़ हुआ होगा और संभवतः बर्तन के ऊपर ढंका हुआ छोड़ने से इसमें दरारें पड़ी होंगी परंतु इसका आकार बना रहेगा।

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    आकार दें: ये आपके और आपकी निपुणता के ऊपर है। यदि आपके पास चक्का है, तो अति उत्तम। किन्तु यदि नहीं है, तो आपके पास कार्य करने के अनेकों मार्ग हैं। यदि आप पॉटरी के लिए नए हैं, तो किसी अनुभवी व्यक्ति से या ऑनलाइन वीडिओज़ से सीख सकते हैं; यह एक कला है, जिसके लिए निपुणता अत्यावश्यक है।

    • कुछ मिट्टियाँ आकार में सरलता से नहीं ढलती हैं, इनको पुनः एक गेंद जैसा बनाकर, फिर आकार दिया जाता है। मिट्टी का चयन करते समय सावधानी बरतें – किंचित मिट्टी आपको दूसरा अवसर न दे।

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    पॉटरी को विद्युतीय भट्ठी में रखें: 12 घंटे के लिए भट्ठी का तापमान 850 डिग्री तक बढ़ाएँ। इससे “बिस्क” (“Bisque”) या “अनग्लेज़्ड़ पॉटरी” (“Unglazed Pottery”) प्राप्त होगी। आपकी कृति का भौतिक और रासायनिक जल, तपाने की प्रारम्भिक क्रिया से सूख जाएगा जिससे उसपर रोगन करते समय वह टूटेगा नहीं और न ही कीचड़ में बदलेगा। सिरेमिक्स (Ceramics) जगत में तापमान श्रेणी को “कोन्स” (“Cones”) कहा जाता है।[२]

    • तापमान को कम होने दें और 48 घंटे बाद जब तापमान एकदम ठंढा हो जाये तो पॉटरी को भट्ठी से निकाल लें।

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    अपनी रचना को चमकीले रोगन (Glaze) से रंगें: ये ध्यान रखें की रोगन बह जाता है। अपनी रचना की पेंदी पर मोम की पर्त लगा दें जिससे वह भट्ठी की ताक से चिपके नहीं। यदि आप अधिक सूक्ष्म रेखाएँ बनाना चाहते हैं, तो “बिस्क स्टेन” (“Bisque Stain”) से रंग करें और उसपर पारदर्शी रोगन लगाएँ।

    • यदि आपकी कृति की सतह खुरदुरी है, तो 100 ग्रिट रेगमाल या रसोई के छीलन वाले चाकू के किनारे से उसे चिकना कर लें। फिर स्पंज से उसकी धूल को हटा दें जिससे रोगन भलीभाँति चिपक सके।[२]
    • रोगन अनेक विधियों से किया जाता है: डुबाकर, ब्रश से, स्पंज से, या उकेरकर –- सूचि लंबी है। पॉटरी की पेंदी को रोगन से बचाने के लिए मोम का लेप करें। आप सूखा या तरल रोगन ख़रीद भी सकते हैं। एक दिन आप अपना रोगन स्वयं बना सकेंगे।

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    रोगन को पिघलाकर सील करने के लिए पॉटरी को पुनः गरम करें: आपकी रचना की मिट्टी, उसकी नाप, और रोगन पर निर्भर करते हुये आपको 25000 फ़ारेनहाइट (11480 C) ताप वाली भट्ठी चाहिए।

    • बहुत मंद ऊष्मा से रात भर भट्ठी को गरम करें। मंद ऊष्मा पर दो घंटे (2000 F प्रति घंटा से अधिक ताप वृद्धि न हो) और फिर दो घंटे मध्यम ऊष्मा पर (3000 F प्रति घंटा से अधिक ताप वृद्धि न हो)। अंततः, तेज़ ऊष्मा (300 से 4000 F प्रति घंटा ताप वृद्धि) पर, मनोवांछित तापमान होने पर कार्य पूर्ण करें।

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    अपनी रचना की पेंदी को चिकना कीजिये: भट्ठी में अनुपयुक्त ढंग से रखे होने के कारण, संभवतः उसका आधार समतल न रह गया हो। उसे बराबर कर लें जिससे ताक या मेज़ पर बिना लुढ़के टिक सके।

    • आप चाहें तो रचना के आधार पर नमदा चिपकाएँ। और अब अपनी तैयार कलाकृति को सराहें!

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यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

मिट्टी के बर्तन को कैसे मजबूत किया जाता है?

सही उत्तर पकाकर है।.
मिट्टी के बर्तनों को मजबूत बनाने की सबसे अच्छी प्रक्रिया पकाना है।.
उन्हें विभिन्न आकृतियों में आकार देने के बाद, उन्हें मिट्टी के बर्तनों की तकनीक का उपयोग करके आग में पका देना चाहिए।.

मिट्टी के बर्तन को कैसे ठीक करें?

गर्म पानी और बेकिंग सोडा को मिट्टी के बर्तन में डालकर तकरीबन आधा घंटा रखने के बाद उसे धोने पर बर्तनों से आ रही बदबू गायब हो जाती है. अगर बर्तन में आप एक लीटर पानी डाल रहे हैं तो बेकिंग सोडा (Baking Soda) 3 चम्मच डालें. आप मिट्टी के बर्तनों को नमक से भी साफ कर सकते हैं.

मिट्टी के बर्तन को कैसे बनाया जाता है?

सबसे पहले कुम्हार मिट्टी से कंकड-पत्थर और विभिन्न प्रकार की चीजें निकालकर मिट्टी को छानते है | इसके बाद मिट्टी के अनुसार उसमें रेत मिलायी जाती है | दरअसल मिट्टी में रेत का मिश्रण करनें से मिट्टी की पानी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और हांडी बनाने में फटती नहीं है।

मिट्टी के बर्तन बनाने की कला को क्या कहा जाता है?

मृत्तिका तथा अन्य सिरैमिक पदार्थों का उपयोग करके 'बर्तन एवं अन्य वस्तुए बनाना कुंभकारी' या पॉटरी कहलाता है। इन बर्तनों को कठोर और टिकाऊ बनाने के लिए उच्च ताप पर पकाया जाता है। कुंभकारी एक व्यापक शब्द है और इसके अन्तर्गत मिट्टी के बर्तन, पत्थर के बर्तन तथा चीनी मिट्टी के बर्तन एवं वस्तुएँ बनाने का कार्य सभी आ जाते हैं