इंद्रधनुष में कितने रंग होते हैं और कौन कौन से? - indradhanush mein kitane rang hote hain aur kaun kaun se?

स्कूल में किताबों में हम सभी ने इंद्रधनुष के बारे में पढ़ा है। किताबों में यह भी देखा है कि इंद्रधनुष में कितने सारे रंग होते हैं। बारिश के बाद आकाश में इंद्रधनुष दिखाई देता है। इसकी आकृति आकाश में दिखते ही सभी बच्चों का मन खिल उठता है। यह एक प्रकृति के नियम से ही आकार बनता है। 

बारिश के मौसम में आसमान में काली घटाएं छाती है। इसके बाद तेज बारिश के आसार होते हैं और बारिश होती है। लेकिन अक्सर बारिश होने के बाद सूरज पर से बादलों का साया छट जाता है और हल्की-हल्की धूप निकलने लगती है, तब आकाश में इंद्रधनुष बनता है। बच्चे इंद्रधनुष को देखकर बहुत उत्साहित हो जाते हैं। इंद्रधनुष में कुल सात रंग होते हैं। लेकिन सभी रंग हर बार नजर नहीं आते हैं। 

इंद्रधनुष में बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल रंग होते हैं। हल्की बारिश के बाद यह वृत्ताकार चक्र जैसा कभी-कभी दिखाई देता है। मूल रूप से इंद्रधनुष के 7 रंग ही सबसे मुख्य रंग है। अगर यह नहीं होते तो शायद सभी चीजें सफेद और काली होती। 

इंद्रधनुष में कितने रंग होते हैं?

(A) 7 रंग
(B) 10 रंग
(C) 12 रंग
(D) 5 रंग

Question Asked : RRB Bhopal Train Clerk 2003

Explanation : इंद्रधनुष में 7 रंग होते हैं–लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुनी, तथा बैंगनी। परावर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन तथा अपवर्तन द्वारा वर्ण विक्षेपण का सबसे अच्छा उदाहरण इंद्रधनुष है। जब वर्षा की बूंदों पर आपतित होने वाली सूर्य की किरणों का दो बार अपवर्तन एवं एक बार परावर्तन होता है। तो प्राथमिक इंद्र धनुष बनता है। ....अगला सवाल पढ़े

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तुमने स्कूल की बुक्स में अक्सर इंद्रधनुष पर ढेरों कविताएं पढ़ी और सुनी होंगी। बहुत से बच्चों ने इंद्रधनुष देखा भी होगा। बारिश के बाद आसमान में सात रंगों की बनी खूबसूरत आकृति को इंद्रधनुष कहते हैं। तो आओ मृदुला भारद्वाज से जानते हैं कि क्या कहते हैं इंद्रधनुष के सात रंग..

बरसात के मौसम में जब कभी आसमान में काले-काले बादल छाए होते हैं तो मन खुशी से खिल उठता है और तभी अगर हल्की-फुल्की बारिश की फुहारें पड़ने लगें तो सभी झूम उठते हैं। बारिश के बंद होने के बाद जब सूर्य की किरणें बादलों से टकराती हैं तो आकाश में रंग-बिरंगी आकृति दिखाई देती है। यही आकृति इंद्रधनुष कहलाती है। इंद्रधनुष के निकलते ही मोर नाचने लगते हैं। चारों तरफ मानो खुशी का माहौल बन जाता है।

1.बैंगनी 
बैंगनी रंग का नाम एक सब्जी बैंगन के नाम पर रखा गया है। इसे अंग्रेजी में वॉयलेट कहते हैं, जो इसी नाम के फूल से रखा है। वॉयलेट रंग, बैंगनी रंग का हल्का शेड होता है। बैंगनी रंग रॉयलिटी, लग्जरी और वेल्थ का रंग हैं। ये रंग लाल और नीले रंग के मेल से बनता है।

2.जामुनी
जामुनी रंग का नाम जामुन फल के नाम पर रखा गया है। ये बहुत ही गहरा रंग है। ये रंग हमें विराट होने का एहसास कराता है। जामुनी रंग रीगल (शाही) रंगों की सूची में आता है। जामुनी रंग कहता है कि हमें इस बड़ी सी दुनिया में बहुत बड़ा बनना है यानी अपना नाम रोशन करना है।

3.नीला
आसमान और सागर दोनों का रंग नीला होता है। नीला रंग ठंडा रंग माना जाता है। नीला रंग हमें शांत, भरोसेमंद, वफादार और अपने जीवन में स्थिरता लाने की शिक्षा देता है। नीला रंग हमें सिखाता है कि हमें किसी भी परिस्थिति में अपना नियंत्रण नहीं खोना चाहिए और हर काम ठंडे दिमाग से करना चाहिए।

4.हरा
हरा रंग हरियाली का प्रतीक माना जाता है। हरा रंग वसंत के आने यानी नए जीवन का सूचक होता है। घनी सर्दियों के बाद बाग-बगीचों, पेड़-पौधों पर फिर से एक बार हरियाली नजर आने लगती है। हरा रंग हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन को रोज एक नई उमंग, उत्साह और धैर्य के साथ जीना चाहिए।

5.पीला
पीला चमकदार और सुंदर रंग है। यह सूर्य का रंग है, जो प्रतीक है जीवन और रोशनी का। यह रंग हंसमुख है। स्वच्छ और उज्जवल है। स्पष्टता और जागरूकता की शिक्षा देता है। यह ऊर्जा का प्रतीक है।

6.नारंगी
नारंगी रंग सुबह-सुबह के सूरज का रंग हैं। जिस तरह सूरज सुबह-सुबह निकलकर हमें उजाला देता है, उसी तरह ये रंग आस और विश्वास का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि अंधेरे के बाद रोशनी जरूर आती है।

7.लाल
लाल रंग रक्त का रंग है। ये वीरता, साहस और शौर्य का प्रतीक होता है। जिस तरह सबके लहू का एक ही लाल रंग होता है, उसी तरह लाल रंग सिखाता है कि हमें बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ प्यार से रहना चाहिए।

कैसे बनता है इंद्रधनुष’ बरसात के मौसम में जब पानी की बूंदें सूर्य की किरणों पर पड़ती हैं, तब सूर्य की किरणों का विक्षेपण ही इंद्रधनुष के सुंदर रंगों का कारण बनता है। आसमान में शाम के समय पूर्व दिशा में और सुबह पश्चिम दिशा में, बारिश के बाद लाल, नीला, पीला, हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी रंगों का वृत्ताकार चक्र जैसा कभी-कभी दिखाई देता है। ये ही सप्तरंगी इंद्रधनुष है।

सोचो अगर हमारे जीवन में रंग न होते तो हमारी जिंदगी कितनी बदरंग होती। सब चीजें काली या सफेद ही होतीं। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है। रंगों की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूर्य ही है। सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं। प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है। ये रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।

इन्द्रधनुष में कितने रंग होते हैं उनके नाम लिखे?

आकाश में संध्या समय पूर्व दिशा में तथा प्रात:काल पश्चिम दिशा में, वर्षा के पश्चात् लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, तथा बैंगनी वर्णो का एक विशालकाय वृत्ताकार वक्र कभी-कभी दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष कहलाता है।

इंद्रधनुष के सात रंग कौन कौन से हैं?

सूर्य की किरणों में सात रंग होते हैं। प्रिज्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है। ये रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।

धनुष कितने रंग के होते हैं?

इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं। इंद्र धनुष में सात रंग होते है।

इंद्रधनुष में कौन सा रंग नहीं दिखाई देता है?

सही उत्तर काला है। इंद्रधनुष विक्षेपण(फैलाव) दिखाने वाली एक प्राकृतिक घटना है।