अपने दादा जी को एक पत्र लिखकर बताइए कि परिवार का उनके जीवन में क्या स्थान है? - apane daada jee ko ek patr likhakar bataie ki parivaar ka unake jeevan mein kya sthaan hai?

विषयसूची

  • 1 5 अपने दादा जी को एक पत्र लिखकर बताइए कि परिवार का उनके जीवन में क्या स्थान है?
  • 2 दादाजी को पत्र कैसे लिखते हैं?
  • 3 पाँच बातें आप अपने दादा दादी के साथ क्या लिखना?
  • 4 दादा जी क्या नहीं चाहते हैं और क्यों?
  • 5 राधा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?

Expert-verified answer question

  • २३१ चन्दन स्ट्रीट
  • पुणे
  • दिनाँक_______
  • प्रिय दादा जी,
  • सादर प्रणाम!
  • कल आपके द्वारा भेजा गया उपहार मिला। उसे देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
  • अब आपकी तबीयत कैसी है? क्या आप डॉक्टर को दिखाने गए थे?
  • अब पत्र समाप्त करता हूँ। घर में माँ-बापूजी तथा दादीजी को मेरा प्रणाम कहिएगा।

दादा जी क्या पढ़ते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवह स्नान करता है और देवताओं को अपनी प्रार्थनाएं देता है। वह कुछ समय के लिए गीता पढ़ता है। उन्होंने 8 ‘एएम में नाश्ता किया है, वह ड्राइंग रूम में बैठे हैं और विभिन्न कागजात और पत्रिकाओं को पढ़ते हैं।

दादाजी को पत्र कैसे लिखते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदादा जी आपको जानकर ख़ुशी होगी कि मैं अपनी कक्षा में प्रथम आया हूँ और मुझे स्कूल की तरफ से पुरस्कार भी मिला है। माता-पिता जी ने मुझे उपहार में एक साइकिल दी है। मैं बहुत खुश हूँ और आप से वादा करता हूँ कि आगे भी इसी तरह अच्छे अंक लाऊंगा। मेरी ओर से दादी जी को प्रणाम।

दादाजी को पत्र लिखते समय संबोधन में क्या लिखना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंपूज्य दादा जी, प्रणाम। प्रिय विवेक स्नेह। औपचारिक पत्रों में संबोधन के रूप में प्रायः महोदय, प्रिय महोदय का प्रयोग किया जाता है। अभिवादन का शब्द लिखने के बाद पूर्ण विराम (1) अथवा संबोधन-चिह्न (!)

पाँच बातें आप अपने दादा दादी के साथ क्या लिखना?

दादा दादी घर के सब से आदरणीय और प्रिय सदस्य होते हैं।

  • दादा दादी के देख रेख में घर को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है।
  • उन्हें दुनिया का अनुभव होता है।
  • दादा दादी का अपने पोता पोती से एक अनोखा और मजबूत रिश्ता होता है।
  • दादा दादी उन्हें उनके माता पिता से भी ज्यादा प्यार करते हैं।
  • दादाजी का क्या मतलब है?

    इसे सुनेंरोकेंदादाजी MEANING – NEAR BY WORDS उदाहरण : जुना कोट, नन्दादीप, पूजा, अपघात, जैसी कहानियॉँ ईमानदारी, सहानुभूति, सेवा बलिदान, तर्क तथा आत्मसंयम पर बल देती है।

    दादा जी क्या नहीं चाहते हैं और क्यों?

    इसे सुनेंरोकेंउत्तर: दादाजी नहीं चाहते थे कि परेश अपने बहू को लेकर परेशान हो जाए और अलग रहने जाए। इसलिए सबको यह समझाने के लिए बुलाया कि घृणा से अपमान करने से किसी पर हँसने से कुछ नहीं मिलेगा। वह समझाते हैं कि छोटी बहू बुद्धिमती, सुशिक्षित और सुसंस्कृत है, उसका आदर करना चाहिए।

    दादा जी के मरने के बाद घर की स्थिति खराब होने का क्या कारण था?

    इसे सुनेंरोकेंAnswer : दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए खराब हो गई क्योंकि उनके श्राद्ध में लेखक के पिताजी ने अतुल संपत्ति व्यय की और पहले का उधार लिया रूपया कोई नहीं दे रहा था।

    राधा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?

    इसे सुनेंरोकेंउत्तर : दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए ख़राब होने लगी क्योंकि उनके पिताजी व भैया ने धन का सही इस्तेमाल नही किया। ग़लत मित्रों की संगति से सारा धन नष्ट कर डाला। दादा के श्राद्ध में भी दादी माँ के मना करने पर भी लेखक के पिताजी ने अपार संपत्ति व्यय की।

    दादाजी को पत्र लिखते समय संबोधन में क्या लिखना चाहिए?

    इसे सुनेंरोकेंपूज्य दादा जी, प्रणाम। प्रिय विवेक स्नेह। औपचारिक पत्रों में संबोधन के रूप में प्रायः महोदय, प्रिय महोदय का प्रयोग किया जाता है।

    दादाजी को पत्र कैसे लिखें?

    दादा जी आपको जानकर ख़ुशी होगी कि मैं अपनी कक्षा में प्रथम आया हूँ और मुझे स्कूल की तरफ से पुरस्कार भी मिला है। माता-पिता जी ने मुझे उपहार में एक साइकिल दी है। मैं बहुत खुश हूँ और आप से वादा करता हूँ कि आगे भी इसी तरह अच्छे अंक लाऊंगा। मेरी ओर से दादी जी को प्रणाम।

    आप अपने दादा दादी के लिए क्या क्या करते हैं जिससे उनको और आपको खुशी मिलती है?

    अपने दादा जी और दादी जी को खुश करने के लिए आप उनके साथ समय बिता ये । उन्हें बहुत अच्छा लगेगा हो सके तो उनसे बात करते करते उनके पैर भी दबाए । उन्हें बहुत आराम मिलेगा और इससे दादा और दादी जी को खुशी भी मिलेगी। ऐसा करने पर उनको तो खुशी मिलेगी ही साथ में आपको भी उनका प्यार और बहुत सारा आशीर्वाद मिलेगा ।

    माता पिता और दादा दादी एक दूसरे की मदद कैसे कर सकते हैं?

    खुला और सामंजस्यपूर्ण संवाद * दूसरों को अपनी आशाओं और विचारों को समझाने का सबसे सरल तरीका, उन्‍हें इनके बारे में सीधे बता देना है। इनको बताने का तरीका भी मायने रखता है। यदि माता-पिता को दादा-दादी का सहयोग चाहिए, तो उन्‍हें दादा-दादी को कुछ बातें समझा देनी चाहिए, उदाहरण के लिए “कैंडी खाने के बाद टोनी को भूख नहीं लगेगी।