हड़प्पा सभ्यता के लोग क्या खाते हैं? - hadappa sabhyata ke log kya khaate hain?

विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक, सिंधु घाटी सभ्यता को लेकर लोगों के मन में आज भी कई सवाल हैं. जैसे कि सिंधु सभ्यता के लोगों की खुराक क्या थी? वो क्या खाते थे, कैसे खाते थे? कच्चा खाते थे या पक्का आदि-आदि. ऐसे में इन्हीं सब सवालों के जवाब सामने आए हैं एक रिसर्च से.

जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस ने अपनी रिसर्च में बताया है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग सुअर, मवेशी, भैंस और बकरे आदि का मांस खाते थे. साथ ही उत्तर-पश्चिम भारत (वर्तमान में हरियाणा व उत्तर प्रदेश) के हिस्से में शहरी और ग्रामीण इलाकों में डेयरी प्रोडक्ट्स का भी इस्तेमाल किया जाता था. 

ये वो लोग हैं, जिनका विकास सिंधु (प्राचीन सरस्वती नदी) के किनारे हुआ. हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा और खारीगढी इसके प्रमुख केन्द्र थे, जो कि पाकिस्तान, उत्तर पश्चिम, पश्चिमी भारत और अफगानिस्तान के हिस्सों में फैली हुई थी. 

जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस ने अपनी रिसर्च के लिए पांच गांवों को चुना था. जिसमें मेरठ (उत्तर प्रदेश) का आलमगीरपुर, हिसार (हरियाणा) के दो गांव, मसूदपुरा लोहारी राघो, भिवानी का खनक, रोहतक का फरमना और हिसार का राखगडी गांव शामिल थे.

रिसर्च के मुताबिक, सिंधु घाटी सभ्यता की बस्तियों को बड़े शहरों में विकसित किया गया था. पौधे के विविध उत्पाद और अलग-अलग फसल के बारे में भी रिसर्च बताती है कि सर्दी और गर्मी के लिहाज से सिंधु घाटी सभ्यता के लोग फसल उगाते थे. 

वे लोग गेहूं, जौ, चावल, बाजरा की अलग-अलग किस्म उगाते थे, सर्दी-गर्मी के लिए दाल, फल और बैंगन, खीरा अंगूर, खजूर, समेत कई सब्जियों को उगाकर लोग इस्तेमाल करते थे. ऐसा माना जा रहा है कि तंदूरी रोटी और चिकन कि शुरुआत भी यहीं से हुई थी. 

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रिसर्च के मुताबिक, जो बर्तन इन जगहों से मिले हैं, वो मिट्टी के हैं. एक बार मिट्टी के बर्तन में जो खाना बनाया जाता है, वो उसमें चिपक जाता है, इसीलिए उस बर्तन की मिट्टी को लेकर रिसर्च किया गया और इसमें भेड़ और बकरे के मांस का हिस्सा कुछ हद तक पाया गया है. गोमांस भी बर्तनों से पाया गया है. इसके अलावा सिंधु घाटी सभ्यता के लोग खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते थे, ये भी रिसर्च में कुछ हद तक साफ हो गया है. 

फूड डेस्क। सिंधु घाटी की सभ्यता को सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक माना जाता है। इसके शहरों मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के निवासी पशुपालन और खेती करते थे और कई तरह के अनाज, फल, दालें, मसाले वगैरह उगाते थे। मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिले अवशेषों से वहां के लोगों की खानपान की आदतों का भी पता चला है। खाते थे हेल्दी चीजें...

इतिहासकारों और आर्कियोलॉजिस्ट्स (Shaffer and Liechtenstein, Dorian Fuller, Jim G. Shaffer) के मुताबिक मोहनजोदड़ो के लोगों की डाइट काफी हेल्दी थी। ज्यादातर लोग फ्रूट और वेजिटेबल्स खाते थे। उनके दांतों और हड्डियों के अवशेषों से पता चलता है कि पुरुषों की खुराक महिलाओं से ज्यादा अच्छी थी। विभिन्न रिसर्च के हवाले से हम बता रहे हैं मोहनजोदड़ो के लोगों की फूड हैबिट्स के बारे में।

(सोर्स : Fuller D. की बुक Indus and Non-Indus Agricultural Traditions)

(NOTE : तस्वीरों का इस्तेमाल प्रतीकात्मक है)

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म्यूजियम 25 फरवरी तक ‘Historical Gastronomica’ यानी ऐतिहासिक पकवानों का कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है. कार्यक्रम में सिंधु घाटी सभ्यता के खान पान का अनुभव दिलाने के लिए विशेष मेन्यू बनाया गया है.

दिल्ली के नेशनल म्यूजियम में नॉनवेज खाने की एंट्री बंद कर दी गई है. वहां देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियां और गौतम बुद्ध के अवशेष होने का हवाला देते हुए नॉनवेज बैन किया गया है. नॉनवेज के आउट होते ही बहस की एंट्री हो गई है.

म्यूजियम 25 फरवरी तक ‘Historical Gastronomica’ यानी ऐतिहासिक पकवानों का कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है. कार्यक्रम में सिंधु घाटी सभ्यता के खान पान का अनुभव दिलाने के लिए विशेष मेन्यू बनाया गया है. इसमें खाने के लिए उन चीजों को शामिल किया जाएगा जो पुरातत्वविदों के मुताबिक सिंधु घाटी सभ्यता में खाने के लिए इस्तेमाल की जाती थी.

यही बहस की जड़ है कि क्या सिंधु घाटी सभ्यता में सिर्फ शाकाहारी खाना खाया जाता था?

सिंधु घाटी सभ्यता (3300 से 1300 ईसा पूर्व) के पुरातात्विक सबूतों को देखा जाए तो ऐसा नहीं लगता कि उस समय लोग सिर्फ शाकाहारी खाना खाते थे. फूड हिस्टोरियन केटी अचाया ने अपनी किताब Indian Food: A Historical Companion में लिखा है कि सिंधु घाटी सभ्यता से जिस मात्रा में हड्डियां मिली हैं उन्हें देखकर लगता है कि जानवरों का मांस भी खाया जाता था. बीफ, मटन, कछुए, घड़ियाल और समुद्री जीवों को खाने के सबूत मिले हैं.

क्या खाते थे हड़प्पा सभ्यता के लोग

पुरातत्वविदों के मुताबिक सिंधु घाटी सभ्यता में लोग कई तरह के अनाज और दालों का सेवन भी करते थे. मटर, चना, अरहर, मूंग आदि की खेती होने के सबूत भी मिले हैं. हड़प्पा में कई प्रकार के गेहूं भी मिले हैं और इसके अलावा धान वगैरह की खेती के भी पुरातात्विक अवशेष मिले हैं. अचाया ने उस जमाने में तिल, अलसी, और सरसों जैसी फसलों की खेती होने की बात भी कही है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक One Station Million Stories (OSMS) यह आयोजन म्यूजियम में करा रहा है. इसके मेन्यू में हड़प्पा कालीन भोजन का अहसास दिलाने के लिए बाजरे की रोटी, जौ और मसूर की डिशेज, जौ का केक, पालक के पत्तों का सूप, चना और मूंग, गुड़ के लड्डू और जौ से बनी ड्रिंक्स को शामिल किया गया है. इनके अलावा चना और काली मिर्च की चटनी, खीरे का अचार आदि भी रहेंगे.

सिंधु घाटी सभ्यता के खाने का अनुभव कराने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे इस मेन्यू से भारतीय लोग परिचित होंगे. इसके अलावा आलू, टमाटर, मिर्च, चीज़ और सेब आदि दुनिया के कई देशों से भारत आए हैं. हड़प्पा सभ्यता के समय भारतीयों को आलू या टमाटर का जरा भी अंदाजा नहीं था, जो कि आज हर सब्जी में इस्तेमाल किया जाता है.

हड़प्पा सभ्यता के लोगों का मुख्य भोजन क्या था?

ये लोग जानवरों को चावल खिलाते थे और स्वयं जौ,बाजरा, गेहूं का सेवन करते थे। दालें, हरि सब्जियां और फ्रूट भी थी रोज की डाइट में शामिल। ये लोग मुर्गी और बत्तख का करते थे पालन। रोज लेते थे अंडे।

हड़प्पा के लोगों की भोजन सामग्री क्या थी?

हड़प्पा शहरों के लोगों के लिए भोजन के निम्नलिखित सामान उपलब्ध थे:.
अनाज: गेहूं, जौ, मसूर, मटर, ज्वार, बाजरा, तिल, सरसों, राई, चावल आदि।.
मवेशियों, भेड़, बकरी, भैंस, सुअर का मांस।.
हिरण, सूअर, घड़ियाल आदि जैसे जंगली प्रजातियों का मांस।.
पौधे और उनके उत्पाद।.

हड़प्पा सभ्यता के लोग भोजन कैसे प्राप्त करते थे?

उत्तर: हड़प्पा के लोग विभिन्न तरह के शाकाहारी और मांसाहारी भोजन करते थे। वे लोग अनाज के रूप मे गेहूँ, जौ, दाल, मटर, धान, तिल और सरसों से बना पकवान खाते थे। साथ हीं वे फल, दूध, मांस और मछलियां भी खाते थे

सिंधु सभ्यता में मुख्य खाद्यान्न क्या था?

गेहूँ और जौ तो सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगों के मुख्य खादान्न थे ही, वे खजूर, सरसों, तिल और मटर भी उगाते थे. सरसों तथा तिल की खेती मुख्य रूप से तेल के लिए करते रहे होंगे. वे राई भी उपजाते थे.