पीरियड रोकने के लिए कौन सी टेबलेट खानी चाहिए? - peeriyad rokane ke lie kaun see tebalet khaanee chaahie?

महिलाओं में  ज्यादातर देखा जाता है कि उनके अंदर मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्याएं होने लगती है। जो कि एक समान स्थिति नहीं है ऐसी स्थिति को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि आगे चलकर आपके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। ऐसी स्थितियों को नजरअंदाज करने से यह समस्या आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकती है। और किसी चिकित्सक से मिलकर इसके इलाज और पीरियड ब्लीडिंग रोकने की टेबलेट नाम के बारे में जानना चाहिए।

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इसीलिए अगर आपके अंदर भी सामान्य मासिक धर्म की ब्लीडिंग के अलावा ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो तो आपको तुरंत ही सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि पीरियड ब्लीडिंग को रोकने के लिए बहुत ही अच्छी दवाएँ बाजार में उपलब्ध हैं। जिनका इस्तेमाल करके आप अपनी इस समस्या से निजात पा सकते हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं भी उपलब्ध हैं। जोकि आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी बूटियों से बनी हुई होती हैं।

जिनका आपके शरीर पर कोई विपरीत परिणाम भी नहीं पड़ता है। अगर आपके अंदर भी संबंध मासिक धर्म के अलावा ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या हो रही है। तो आपको आपके शरीर में बहुत ज्यादा  थकावट और कमजोरी महसूस होती होगी। जो कि आपको चिड़चिड़ा और उदास बना देती है। जिससे कि आपको किसी भी काम में मन नहीं लगता है और आप बहुत ही परेशान और हताश रहती हैं इसीलिए इस समस्या को खत्म करना ही सबसे उचित उपाय है। जिसको कि आप नीचे बताई गई दवाओं के इस्तेमाल से खत्म कर सकती हैं। 

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Table of Contents

  • पीरियड ब्लीडिंग के प्रमुख कारण 
  • पीरियड ब्लीडिंग (मेनोरेजिया) के लक्षण 
  • ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा
  • पीरियड रोकने की टेबलेट का नाम
  • पीरियड में ब्लीडिंग के लिए घरेलू उपचार 
  • निष्कर्ष 
  • सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर 

पीरियड ब्लीडिंग के प्रमुख कारण 

महिलाओं में पीरियड के दौरान अक्सर देखा जाता है कि उनके पेट में बहुत ज्यादा दर्द और भारी रक्त रसाव  देखने को मिलता है। जिसे अंग्रेजी भाषा में मेनोरेजिया भी कहा जाता है। जिससे उन्हें बहुत सारी दिक्कतें होती है उन्हें बार-बार अपने पैड को बदलना पड़ता है और उनके योनि में बहुत ही चिपचिपापन और गिलापन होने के कारण बहुत ज्यादा अन्य दिक्कतों से भी सामना करना पड़ता है।

जिससे कि उन्हें रोजाना के कामकाज में भी बहुत से दिक्कत होने लगती हैं।मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा खून के थक्के आने लगते हैं और 7 दिनों तक बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती रहती है जिससे कि पूरे शरीर में कमजोरी और थकान बनी रहती है जिससे उनका किसी काम में मन नहीं लगता और बहुत ही सुस्ती और आलस्य बना रहता है। जो कि उनके लिए बहुत ही भयावह और पीड़ादायक स्थिति होती है

इसीलिए ऐसी स्थिति से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि इस समस्या को जन्म देने वाले जिम्मेदार कारणों के बारे में आप जाने और उनके इलाज तक पहुंच सके नहीं तो बिना सही कारण जाने आप उनके सही इलाज और सही दवा के बारे में नहीं जान सकते। इसीलिए आज इस लेख के माध्यम से कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बात कर रहे हैं जिससे मासिक धर्म में हो रही ब्लीडिंग के कारणों को समझा जा सकता है। 

पीरियड रोकने के लिए कौन सी टेबलेट खानी चाहिए? - peeriyad rokane ke lie kaun see tebalet khaanee chaahie?

  • हार्मोन की समस्या 
  • यूट्रस का बढ़ जाना 
  • प्रेग्नेंसी से संबंधित समस्या होने पर 
  • कैंसर की वजह से 
  • कुछ दवाओं की वजह से 

हार्मोन की समस्या

बहुत सी महिलाओं में देखा गया है कि उनके मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण बहुत सी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनको  बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या हार्मोन की वजह से भी हो सकती है। क्योंकि महिलाओं के यूट्रस में 21 दिन में एक परत का निर्माण होता है। जोकि मासिक धर्म के दौरान बाहर आने वाले रक्त के साथ बाहर आ जाती है। लेकिन जब आपके शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है तो  यह परत बहुत ज्यादा मोटी हो जाती है इसीलिए मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा हेवी ब्लीडिंग होने लगती है। 

यूट्रस का बढ़ जाना 

महिलाओं में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या के लिए यूट्रस का बढ़ जाना भी एक मुख्य कारण माना जाता है। क्योंकि यूट्रस में फाइब्रॉयड्स ट्यूमर की समस्या हो सकती है। जिसकी वजह से महिलाओं में बहुत ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग होती रहती है और यूट्रस की परत में पॉलिप्स की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या होना शुरू हो जाती है।

प्रेग्नेंसी से संबंधित समस्या होने पर

महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा कॉम्प्लेक्शन होने के कारण बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसमें से की प्रेगनेंसी के बाद होने वाली ब्लीडिंग भी है। जो कि फर्टिलाइज्ड एग ट्यूब से बाहर आने लगते हैं। तो इस स्थिति को एक्टोपिक प्रेगनेंसी भी कहते हैं और इसी स्थिति की वजह से महिलाओं में प्रेगनेंसी के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या हो सकती है।

कैंसर की वजह से 

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या के बहुत से कारण हो सकते हैं। लेकिन इन समस्याओं में से एक कारण कैंसर भी हो सकता है। क्योंकि जब किसी भी महिला के गर्भाशय या ओवरी में कैंसर हो जाता है। तो बहुत ही भयावह स्थिति बन जाती है और महिलाओं में ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है।

दवाओं के साइड इफ़ेक्ट्स की वजह से 

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा  ब्लीडिंग और दर्द होने की समस्या बहुत ही आम और साधारण है। लेकिन अगर यह समस्या बढ़ जाए तो बहुत ही बड़ी चिंता का कारण बन जाती है और इन समस्याओं के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कारण है कि जब महिलाओं को जलन और सूजन को कम करने वाली दवा दी जाती है।

तो उन दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी उन्हें बहुत ज्यादा हेवी पीरियड्स और हेवी ब्लीडिंग होने लगती है। इसीलिए ऐसी दवा के सेवन के समय आपको अगर  हेवी पीरियड और हैवी ब्लीडिंग के समस्या हो रही है। तो बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है इसके लिए आप अपने चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। 

पीरियड ब्लीडिंग (मेनोरेजिया) के लक्षण 

कुछ महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा रक्त रिसाव होने लगता है। जिसे बहुत ही आम और साधारण माना जाता है। लेकिन इसे नजरअंदाज करना बिल्कुल भी सही नहीं होता है। मासिक धर्म के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना बहुत सी महिलाओं को यह लगता है कि यह सिर्फ मासिक धर्म का ही प्रभाव है। इसीलिए उसे नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन बाद में जब बहुत ज्यादा दिक्कत होने लगती है।

तो पता चलता है कि वह किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हो चुकी हैं और वह पीरियड्स रोकने की मेडिसिन नाम के बारें में जानने की कोशिश करतीं हैं। पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने को मैनोरेजिया भी कहते हैं इसी मैनोरेजिया की वजह से महिलाओं को बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और वह इससे  बहुत ज्यादा परेशान और कमजोर हो जाती हैं। इसी समस्या की वजह से उनके अंदर बहुत सारे ऐसे मर्ज हो जाते हैं।

जो कि  उनको बहुत ज्यादा परेशानी में डाल सकते हैं। इसीलिए ऐसे मर्जों के लक्षण के बारे में सबसे पहले जाने के बाद आप इसका सही इलाज कर सकते हैं। इसीलिए इस लेख के माध्यम से मैनरेजिया के प्रमुख लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया गया है जिनको जानने के बाद आप के अंदर जन्म ले रहे मैनरेजिया के मरीज को आयुर्वेदिक दवाओं और एलोपैथिक दवा के सेवन से इस मर्ज दूर किया जा सकता हैं।

  • भारी रक्त स्राव के कारण कुछ ही घंटों में बार-बार पैड्स बदलना
  •  नींद में रहने पर भी  भारी रक्त रसाव होना 
  • सामान्य मासिक धर्म की अवधि से ज्यादा समय तक ब्लीडिंग होना
  • अनियमित  पीरियड्स होना
  • बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करना
  • सांस का फूलना
  • भूख ना लगना
  •  चिड़चिड़ापन महसूस करना

भारी रक्त स्राव के कारण कुछ ही घंटों में बार-बार पैड्स बदलना

बहुत ज्यादा रक्त रिसाव के कारण महिलाओं को कुछ ही घंटों में बार-बार पेड्स बदलना पड़ता है। जोकि उनके लिए बहुत ही कष्टकारी और दिक्कत पैदा करने वाला होता है। ज्यादातर कामकाजी महिलाओं के लिए ऐसी स्थिति बहुत ही संकट खड़ी करने वाली होती है। जब कभी भी आपके साथ ऐसा हो रहा हो तो तुरंत ही आपको सतर्क हो जाना चाहिए और किसी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि यह मैनरेजिया का एक प्रमुख लक्षण है।

नींद में रहने पर भी भारी रक्त रसाव होना 

महिलाओं में सामान्य मासिक धर्म के दौरान हल्की फुल्की ब्लीडिंग होती है। जोकि नींद में रहने पर भी पता नहीं चलती है। लेकिन आपके अंदर बहुत ज्यादा  ब्लीडिंग की समस्या हो रही हो या फिर आपके नींद में रहने पर भी  भारी ब्लीडिंग की समस्या हो रही हो जिससे कि आपकी नींद खुल जाए और आपको बार-बार पैड बदलना पड़े ऐसे ही समस्या पीरियड में ब्लीडिंग  का प्रमुख लक्षण हो सकता है।

सामान्य मासिक धर्म की अवधि से ज्यादा समय तक ब्लीडिंग होना

ज्यादातर महिलाओं में तमाम मासिक धर्म की अवधि 7 से 21 दिन की होती है। अगर आपके अंदर भी 7 से 30 दिन की अवधि तक ही मासिक धर्म के कारण ब्लीडिंग की समस्या हो रही हो तो यह सामान्य स्थिति मानी जा सकती है। लेकिन आपके अंदर सामान्य अवधि से ज्यादा समय तक  ब्लीडिंग की समस्या हो रही हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि ऐसी समस्या मेनोरेजिया का लक्षण मानी जाती है।

अनियमित पीरियड्स होना

महिलाओं में मासिक धर्म का होना बहुत ही साधारण स्थिति मानी जाती है। क्योंकि यह हर एक महिला में होता है। महिलाओं में पीरियड आने के एक निश्चित समय होते हैं। जो कि सिर्फ 7 से 21 दिन के बीच में ही खत्म हो जाते हैं। लेकिन आपके अंदर अनियमित पीरियड की समस्या हो रही हो तो आपको यह मान लेना चाहिए कि यह आपके अंदर मेनोरेजिया जैसी बीमारी के लक्षण है।आपको तुरंत ही किसी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस करना

महिलाओं में बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी की समस्या हमेशा बनी रहती है। क्योंकि उनके अंदर मासिक धर्म की वजह से हो रहे रक्त रिसाव की समस्या ही उनकी कमजोरी और थकान का मुख्य कारण हो सकती है। अगर आपके अंदर भी बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस हो रही है। तो आपको तुरंत ही इसकी जांच करानी चाहिए क्योंकि यह पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग का एक प्रमुख लक्षण है।

सांस का फूलना 

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बहुत सारी समस्याएं होने लगती है। जैसे उनके पेट में दर्द और थकान,कमजोरी की समस्या होने लगती है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह भी देखा जाता है कि उनकी बहुत ज्यादा सांस फूलती है और उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। ऐसा मासिक धर्म में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण भी हो सकता है। इसीलिए आपके अंदर भी अगर ऐसी कोई समस्या दिख रही हो तो आपको तुरंत इसकी दवा के बारे में जानकारी लेकर इलाज कराना चाहिए। क्योंकि ऐसी समस्या आपके अंदर हेवी ब्लीडिंग का एक लक्षण है।

भूख ना लगना

पीरियड के दौरान महिलाओं में यह समस्या देखी जा सकती है कि उनको बहुत ही कम भूख लगती है और कुछ भी खाने पीने की इच्छा नहीं करती है उनके अंदर बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी बनी रहती है और उनके ना खाने पीने की वजह से भी उनके अंदर थकान और कमजोरी की समस्या बनी रहती है जोकि उनके लिए बिल्कुल भी सही नहीं हो और ऐसा इसलिए होता है कि जब पीरियड के दौरान ब्लीडिंग होने लगती है

तो उनके शरीर में थकान और कमजोरी  होने के कारण उनका कुछ भी खाने पीने की इच्छा नहीं होती है अगर आपके अंदर भी ऐसे कुछ लक्षण दिख रहे हो तो आपको तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि ऐसे लक्षण  ही  मैनोरेजिया जैसे  मर्ज के प्रमुख लक्षण है।

चिड़चिड़ापन महसूस करना 

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाली बिल्डिंग की वजह से बहुत सारी समस्या देखी जा सकती है। लेकिन उनके अंदर ऐसी कोई बड़ी समस्या नहीं होती है। जिसकी वजह से उनको किसी प्रकार की ज्यादा दिक्कत हो लेकिन कुछ महिलाओं को देखा जाता है कि बहुत चिड़चिड़ी और सुस्त  रहती हैं।

ऐसा उनके साथ इसलिए होता है। क्योंकि जब पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है और वह उसे सामान्य मानकर नजरअंदाज करती रहती है। तो इसी कारण से उनके अंदर चिड़चिड़ापन होने लगता है। अगर आपके अंदर भी ऐसे समस्या दिख रही हो तो आपको तुरंत ही हेवी ब्लीडिंग के रोकथाम के लिए इलाज और दवा का इस्तेमाल करना चाहिए।

ब्लीडिंग रोकने की आयुर्वेदिक दवा

महिलाओं के शरीर में  मासिक धर्म पर हो रही ब्लीडिंग को रोकने के लिए बहुत सारी ऐसी आयुर्वेदिक दवाएं और औषधियां उपलब्ध है। जिनका इस्तेमाल करके आप बहुत ही आसानी से अपने मासिक धर्म से हो रहे  ब्लीडिंग को रोक सकते हैं और मासिक धर्म पर हो रहे दर्द को भी खत्म किया जा सकता है। क्योंकि महिलाओं में मासिक धर्म के समय दर्द और रक्त रसाव बहुत ही साधारण और आम बात है।

लेकिन जब यह बहुत ही ज्यादा अनियमित और अस्थाई हो जाता है। तो उनके अंदर बहुत सारी समस्या खड़ी करने लगते हैं। जैसे कि उनके शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी आने लगती है। उनको थायराइड की प्रॉब्लम भी हो सकती है। शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी भी हो जाती है। जिस कारण उनको बराबर थकान और जोड़ों में दर्द भी बना रहता है और उनके अंदर बराबर कोई ना कोई बीमारी स्थाई रूप से बनी रहती है।

एक स्वस्थ और अच्छा जीवन जीने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप रोग मुक्त रहें। आपके शरीर में अगर मासिक धर्म  के कारण बहुत सारी समस्या हो रही है तो इन समस्याओं से बचने के लिए आपको आयुर्वेदिक दवाओं का भी इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि इसका कोई भी दुष्प्रभाव आपके शरीर पर नहीं पड़ता । इन दवाओं के इस्तेमाल पर आपका शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है।

  • शतावरी जूस 
  • भूतकेशी 
  • दशमूल क्वाथ  
  • पतंजलि घृतकुमारी स्वरस 
  • नर कचूर पाउडर

शतावरी जूस

शतावरी हिमालय पर पाई जाने वाली एक प्रकार की ब्लीडिंग रोकने की दवा और आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो कि बहुत सारे मर्जों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।  शतावरी से ही बने शतावरी जूस के पीने से महिलाओं में हो रही पीरियड ब्लीडिंग को रोकने का काम करती है।

इसमें बहुत सारे ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि महिलाओं के शरीर में कमजोरी को दूर करने का भी काम करते है। शतावरी जूस में विटामिन सी,विटामिन ए,विटामिन के और विटामिन ई जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि महिलाओं के मासिक धर्म में ब्लीडिंग को रोकने और सफेद पानी की रामबाण दवा के रूप  में बहुत ही फायदेमंद साबित होते हैं। 

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भूत केशी

भूत केशी एक प्रकार की प्राकृतिक और आयुर्वेदिक औषधि है। जोकि बहुत ही ज्यादा पौष्टिक और लाभकारी गुणों से परिपूर्ण है।  इस दवा को महिलाओं में हो रहे मासिक धर्म से ब्लीडिंग को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा के इस्तेमाल से महिलाओं में ब्लीडिंग के कारण हो रही कमजोरी और थकावट को भी दूर किया जा सकता है।

इस दवा को मासिक धर्म से हो रहे दर्द को खत्म करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा को आप गुनगुने पानी में दो चम्मच भूत केशी पाउडर डालकर शहद के साथ दिन में 2 बार ले सकते हैं। जिससे आपको मासिक धर्म के दर्द और रक्त रसाव की रुकावट पर लाभ देखने को मिल सकता है।

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दशमूल क्वाथ

दशमूल क्वाथ को महिलाओं के मासिक धर्म हो रहे दर्द और ब्लीडिंग को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बहुत सारे ऐसे लाभकारी गुण पाए जाते हैं। जो कि रक्तरसाव को रोकने का काम करतें हैं। दशमूल क्वाथ को दशमुल इसलिए कहा जाता है। क्योंकि यह 10 आयुर्वेदिक औषधियों को मिलाकर तैयार किया गया है। दशमूल क्वाथ कोबेल, श्योनाक, खंभारी, पाढ़ल, अरलू, सरिवन, पिठवन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और गिलोय के मिश्रण से तैयार किया गया है। जिसको महिलाएं अपने मासिक धर्म  की समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। 

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पतंजलि घृतकुमारी स्वरस

पतंजलि घृतकुमारी स्वरस एलोवेरा से बनी हुई आयुर्वेदिक औषधि है जो कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और महिलाओं में मासिक धर्म से हो रहे दर्द और रक्त रसाव को रोकने का काम करती  है। पतंजलि घृतकुमारी स्वरस में पाए जाने वाले एलोवेरा में बहुत सारे ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।

जो कि शरीर के अंदरूनी घावों को भरने का भी काम करते हैं। जिससे कि मासिक धर्म के कारण हो रहे रक्तरसाव और घाव  को भरने का काम करती है।घृतकुमारी रस महिलाओं के लिए yoni tightening medicine के रूप में भी काम करती है। इस दवा को आप गुनगुने पानी में 25ml के मात्रा दिन में दो बार ले सकते हैं।

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नर कचूर पाउडर

हमारे शरीर के बहुत से मर्जों को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का सहारा लिया जाता है। उसी में से एक नर कचूर पाउडर भी है। जोकि हल्दी की ही प्रजाति मानी जाती है। नर कचूर पाउडर को ज्यादातर मासिक धर्म के कारण हो रहे इन्फेक्शन और रक्त रिसाव को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस चूर्ण के सेवन से महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द में भी आराम मिलता है। इस चूर्ण को आप दूध में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। जो कि महिलाओं के मासिक धर्म से हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 

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पीरियड रोकने की टेबलेट का नाम

महिलाओं में पीरियड की समस्या बहुत ही आम बात है। इससे बहुत ज्यादा परेशान और चिंतित होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि एक निश्चित उम्र हो जाने के बाद यह महिलाओं के शरीर में एक साधारण कार्य के रूप में शुरू हो जाता है। लेकिन जिन महिलाओं के अंदर मासिक धर्म 21 दिन में ही आता है। उन्हें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन इन महिलाओं के अंदर मासिक धर्म 21 दिनों से ज्यादा समय के बाद आता है और उनके साथ लगातार घटित हो रहा है।

तो उन्हें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए । क्योंकि ऐसी समस्या से तुरंत बचाव कर लेना ही बहुत ही आवश्यक होता है नहीं तो बाद में यह समस्या बड़ा रूप लेकर बहुत ज्यादा दिक्कत खड़ी कर सकती है। जिन महिलाओं के अंदर अनियमित मासिक धर्म होने लगता है तो इससे यह प्रतीत होता है। कि उनके अंदर बहुत सारे हार्मोनल बदलाव हो रहे इस कारण उनके  अंदर ऐसी समस्या होने लगती है। इसीलिए ऐसी समस्याओं से बचने के लिए आप नीचे बताई गई टेबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

  • ट्रापिक 500 एमजी टैबलेट    
  • Texakind MF 
  • Texakind
  • Trenaxa 500mg
  • मिसोगोन 200mg टैबलेट     
  • Tranostat 500 mg tablet

ट्रापिक 500 एमजी टैबलेट

 ट्रॉपिक 500mg टेबलेट को सबसे ज्यादा महिलाओं में मासिक धर्म से हो रही समस्याओं से निजात दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इस दवा के इस्तेमाल से मासिक धर्म के कारण हो रही बिल्डिंग को रोका जा सकता है। इस दवा को महिलाएं अपने मासिक धर्म से हो रहे ब्लीडिंग को रोकने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। इस दवा को गर्भावस्था में खून आने को रोकने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। महिलाओं में मासिक धर्म की ब्लीडिंग को हमेशा के लिए रोका नहीं जा सकता। लेकिन इस दवा के इस्तेमाल से ब्लीडिंग कुछ समय के लिए रुक जाती है। जिससे कि उनको मासिक धर्म के दर्द और होने वाले अन्य समस्याओं में बहुत राहत पहुंचता है।

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Texakind MF   

ट्रेनक्शा 500 एमजी एलोपैथिक टेबलेट है जोकि महिलाओं के मासिक धर्म से हो रही ब्लीडिंग रोकने की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।इस दवा के इस्तेमाल से महिलाओं में पीरियड आने बंद हो जाते हैं। जिससे की पीरियड में हो रही ब्लीडिंग भी खत्म हो जाती है और पीरियड के कारण और दर्द से भी बहुत निजात मिलता है।

पीरियड संबंधित समस्या से निजात पाने के लिए जब भी आप किसी चिकित्सक से परामर्श करते हैं यहाँ तक चिकित्सक इसी दवा का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं।  इस दवा के इस्तेमाल से महिलाएं अपने पीरियड को आगे बढ़ा सकती हैं। इस दवा को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग को रोकने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि महिलाओं में ब्लीडिंग के कारण बहुत ज्यादा दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

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Texakind

यह एक प्रकार की एलोपैथिक दवा है जोकि महिलाओं में पीरियड में हो रहे ब्लीडिंग को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा के इस्तेमाल से आपके शरीर में खून गाढ़ा और थक्केदार हो जाता है। जिससे कि महिलाओं में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग नहीं हो पाती है। जिससे कि उनके शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है। इस दवा के इस्तेमाल से महिलायें अपने पीरियड को भी आगे बढ़ा सकती हैं। जिससे कि उन्हें बहुत ज्यादा दर्द से बचाया जा सकता है। जब शरीर में खून के थक्के बनने बंद हो जाते हैं जोकि ब्लीडिंग को रोकने में बहुत ही सहायक होते हैं। ऐसे थक्कों को बनाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। 

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मिसोगोन 200mg टैबलेट

महिलाओं के शरीर में बहुत सारी अनियमितता के कारण उनके अंदर मासिक धर्म से बहुत ज्यादा रक्त रसाव होने लगता है। जोकि उनके लिए बहुत ही परेशानी की वजह बन जाती है। इस वजह से उनके अंदर बहुत सारी दिक्कतें जन्म लेने लगती है। जिससे कि वह बहुत ही परेशान और चिड़चिड़ी हो जाती है। स्वस्थ जीवन के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।

इसलिए मिसोगोन टेबलेट को पीरियड में हो रहे ब्लीडिंग और  डिलीवरी के पश्चात हो रही ब्लीडिंग को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा के इस्तेमाल कर मासिक धर्म जैसी समस्याओं में तुरंत निजात मिलता है। बाजार में मिसोगोन 200 mg टेबलेट किसी भी मेडिकल स्टोर से बहुत ही आसानी से मिल जाता है। इसके खुराक के लिए आप चाहे तो किसी चिकित्सक से भी परामर्श कर सकते हैं।

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Tranostate 500 mg tablet

ट्रनोस्टेट फाइव हंड्रेड एमजी टेबलेट एक प्रकार की एलोपैथिक दवा है। जोकि महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या से निजात पाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इस दवा के इस्तेमाल से महिलाओं में मासिक धर्म के कारण हो रहे बहुत ज्यादा दर्द और बिल्डिंग से निजात मिलता है।

महिलाओं के शरीर में कमजोरी को दूर करने और नई ऊर्जा का संचार करने का काम करती है जिससे उनके अंदर  किसी भी रोग से लड़ने की शक्ति आ जाती है। इस दवा के इस्तेमाल से महिलाओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। पीरियड की ब्लीडिंग को रोकने के लिए रोग प्रतिरोधक  क्षमता का मजबूत होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता ही आपके शरीर में किसी भी रोग से लड़ने में सहायक होता है। 

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पीरियड में ब्लीडिंग के लिए घरेलू उपचार 

महिलाओं में मासिक धर्म को तो चिकित्सीय रूप से सही माना जाता है। क्योंकि इससे उनके शरीर में सारे विषैले पदार्थ खत्म हो जाते हैं और उनके शरीर में नए सिरे से खून बनता है और नए  खून का पूरे शरीर में संचार होता है। लेकिन मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या उनके लिए चिंता का सबब बन जाती है। कुछ महिलाएं तो इसको सामान्य मान कर नजरअंदाज करती रहती है।

क्योंकि  मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में हल्की ब्लीडिंग होती है। लेकिन पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या खतरनाक स्थिति होती है। इसलिए इसके बारे में उपचार शुरू कर देना चाहिए । नहीं तो या आगे चलकर  बड़ी और भयावह स्थिति हो सकती है। इसीलिए ऐसे मरीज को ठीक करने के लिए आपको सबसे पहले उन घरेलू उपचारों का उपयोग करना चाहिए। जोकि हमेशा आपके इर्द-गिर्द रहते हैं और आप आसानी से प्राप्त हो सकते हैं।

जिनके सेवन मात्र से ही आपको ऐसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है और ऐसे ही लाभकारी खाद्य पदार्थ और औषधियां आपके शरीर में अन्य समस्याओं को भी खत्म करने का काम करती हैं। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों  का आपको जरूर सेवन करना चाहिए जिससे आपके अंदर सारे विषाक्त पदार्थ बाहर हो जाएं और आपका शरीर स्वस्थ हो जाए। इस लेख में खाद्य पदार्थ और आयुर्वेदिक घरेलू उपचार के बारे में बताया जा रहा है। जिसका उपयोग करके आप अपने ब्लीडिंग की समस्या को दूर कर सकती हैं। 

  • पौष्टिक आहार 
  • स्वस्थ जीवन शैली 
  • अशोक की छाल का सेवन
  • चंदन 
  • हिबिस्कस 
  • मुलेठी 
  • हिंग 
  • वजन नियंत्रण 
  • विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ

पौष्टिक आहार 

महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान हो रही ब्लीडिंग की समस्या से रिकवरी करने के लिए आपको सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप नियमित रूप से स्वस्थ एवं पौष्टिक आहारों का सेवन करें। अगर आप पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करती हैं। तो आपके अंदर हारमोंस में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव बने रहते हैं। जो कि आपके मासिक धर्म की प्रक्रिया को बहुत ही ज्यादा प्रभावित करते हैं। मासिक धर्म के दौरान आपको बहुत ज्यादा मिर्च मसाले या मांस मछली का सेवन नहीं करना चाहिए इस दौरान आपको सिर्फ फल का उपयोग करना चाहिए।

पीरियड रोकने के लिए कौन सी टेबलेट खानी चाहिए? - peeriyad rokane ke lie kaun see tebalet khaanee chaahie?

स्वस्थ जीवन शैली 

मासिक धर्म के दौरान हो रही ब्लीडिंग की समस्या से बचने के लिए आपको स्वस्थ जीवन शैली अपनानी चाहिए मासिक धर्म के दौरान आपको बराबर व्यायाम करना चाहिए। जिससे कि आपके शरीर में हार्मोन इंबैलेंस ना होने पाए। जोकि आपके मासिक धर्म की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं होने देता है। इसलिए आप को नियमित रूप से सुबह और शाम में व्यायाम करना चाहिए। जिससे कि आपका वजन कम होता है और आपके शरीर में ताजगी बनी रहती है और आपको कमजोरी महसूस नहीं होती है।

अशोक की छाल का सेवन

अशोक की छाल को स्त्री प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त रखने के लिए सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है अशोक का मतलब होता है दुखों का निवारण करना। इसीलिए अशोक की छाल से बने काढ़े का आपको मासिक धर्म के दौरान नियमित सेवन करना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन करने से आपके शरीर में कमजोरी दूर होती है और मासिक धर्म के दौरान हो रहे बहुत ज्यादा ब्लीडिंग से पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करता है।

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चंदन 

महिलाओं में मासिक धर्म होने वाले बहुत ज्यादा ब्लीडिंग को खत्म करने के लिए आप चंदन की जड़ों का या फिर पत्तियों का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से पीना चाहिए। जिससे कि आपके अंदर मासिक धर्म में हो रही  ब्लीडिंग की वजह से कमजोरी को खत्म करने का काम करता है। इसके बेहतर परिणाम के लिए आपको इसको गाय के दूध में मिलाकर नियमित रूप से सुबह और शाम में सेवन करना चाहिए।

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हिबिस्कस

हिबिस्कुस को गुड़हल का फूल भी कहा जाता है। जिसमें की बहुत सारे औषधि गुण होते हैं। जो कि प्रजनन प्रणाली को सीधे फायदा पहुंचाने के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या के लिए गुड़हल के फूल को चाय के रूप में पकाकर पीना चाहिए। क्योंकि यह आपके शरीर में एक हर्बल चाय के रूप में काम करता है और आपके शरीर में ताजगी  बनाए रखने और कमजोरी को खत्म करने का काम करता है।

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मुलेठी 

मुलेठी में बहुत सारे ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो कि महिलाओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या से निजात दिलाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत होना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि अगर आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत नहीं होगी तो वह ब्लीडिंग से हो रही कमजोरी को दूर करने में नाकाम रहेगी। इसीलिए ऐसी समस्या को दूर करने के लिए मुलेठी को चाय में मिलाकर पीना चाहिए और या फिर इसका काढ़ा बनाकर भी आप पी सकते हैं। 

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हिंग

 हींग को ज्यादातर पेट की समस्या से निजात दिलाने के लिए जाना जाता है। लेकिन आज हम आपको इसके बहुत सारे ऐसे औषधीय गुणों के बारे में बताएंगे। जोकि महिलाओं के अंदर मासिक धर्म में हो रही बिल्डिंग की समस्याओं से भी निजात दिलाने का काम करते हैं। इसके सेवन से महिलाओं के शरीर में  प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है। जिससे कि महिलाओं के अंदर नियमित मासिक धर्म होता है और बिल्डिंग की समस्या भी खत्म हो जाती है।

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वजन नियंत्रण 

महिलाओं का बहुत ज्यादा वजन होना भी उनके लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। उनके वजन बढ़ने की समस्या से उनके अंदर बहुत सारी ऐसी समस्या जन्म ले लेती है। जोकि उनके लिए बहुत सारी दिक्कतें और परेशानियां खड़ी कर देती है। महिलाओं में बहुत ज्यादा वजन हो जाने से उनके पीरियड पर भी प्रभाव पड़ने लगता है। जिसकी वजह से उनके पीरियड के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है। इसलिए आपको ब्लीडिंग की समस्या से बचने के लिए या निजात पाने के लिए वजन को नियंत्रण करना बहुत ही आवश्यक है।  

विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ

महिलाओं में पीरियड के अनियमितता और पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या के लिए आपके शरीर में विटामिन डी की कमी भी एक मुख्य कारण मानी जाती है। इसीलिए ऐसी समस्या से बचने के लिए आपको विटामिन  डी की कमी को पूरा करने के लिए आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

जिससे कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी हो सके और इस कमी के पूरे होने से आपके शरीर में ताकत और हड्डियों को मजबूती मिलती है। जिससे कि आपका शरीर सुचारू रूप से काम करने लायक और ऊर्जावान बना रहता है। विटामिन डी पोषित खाद्य पदार्थ जैसे दूध,दही,पनीर,दाल आदि का सेवन करना चाहिए।

निष्कर्ष 

इस लेख में महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म से बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए बहुत सारि ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं,एलोपैथी और पीरियड ब्लीडिंग रोकने की टेबलेट नाम के बारे में विस्तार से बताया गया है। जिनके बारे में आप जानकर अपने मासिक धर्म में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या को खत्म करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। जो कि आपको ऐसी समस्या से तुरंत निजात दिलाने में बहुत ही सहायक और लाभकारी साबित हो सकती है।

क्योंकि आपके शरीर में  पीरियड के दौरान बहुत ज्यादा  ब्लीडिंग हो जाने के कारण दिक्कतें शुरू हो जाती है जैसे की कमजोरी और थकान हमेशा बनी रहती है। जो कि आपको बीमार कर सकती है। इसीलिए आप इस लेख में बताई गई आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल कर सकतीं हैं और एलोपैथिक दवाओं का भी इस्तेमाल कर सकतीं हैं। लेकिन एलोपैथिक दवा इस्तेमाल से पहले उनके खुराक के बारे में आप किसी डॉक्टर से परामर्श कर सकतीं हैं। क्योंकि आप के  समस्या के अनुसार खुराक अलग भी हो सकती है।

सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर 

प्रश्न: पीरियड रोकने के लिए कौन सी टेबलेट ले ?

उत्तर- पीरियड रोकने के लिए आप ट्रापिक 500 एमजी टैबलेट ले सकतीं हैं ।

प्रश्न: ब्लीडिंग बंद करने के लिए क्या करें?

उत्तर- ब्लीडिंग बंद करने के लिए आप आयुर्वेदिक और एलोपथिक दवाओं का सेवन कर सकतीं हैं।

प्रश्न:  पीरियड ज्यादा दिन तक रहे तो क्या करें?

उत्तर- पीरियड ज्यादा दिन तक रहें तो सबसे पहले आप दवाओं का सहारा लें अगर फिर भी आराम न मिलें तो आप सर्जरी का सहारा ले सकतीं हैं। 

पीरियड्स रोकने की टेबलेट का क्या नाम है?

मिसोगोन 200mcg टैबलेट एक दवा है जो चिकित्सीय गर्भपात (गर्भपात) के लिए इस्तेमाल की जाती है. यह डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग को रोकने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. यह दवा गर्भाशय पर कार्य करती है और इसके संकुचन को बढ़ाती है.

पीरियड्स को तुरंत कैसे रोकें?

पूरा पढ़ेंजिलेटिन- एक कटोरी पानी में जिलेटिन का पैकेट घोलकर उसे तुरंत पी लें। इससे आप तीन से चार घंटों के ल‍िए पीरियड्स टाल सकती हैं। यही नहीं इसे बार-बार पीने से आप जितनी मर्जी उतने दिन तक पीरियड्स से दूर रह सकती हैं।

पीरियड रोकने के लिए क्या खाएं?

3) नींबू- इस खटृटे फल में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। नींबू पीरियड्स को टालने, और ब्‍लड फ्लो को कंट्रोल करने या रोकने में मददगार होता है। इसके अलावा यह पीरियड्स से संबंधित परेशानियों को भी कम कर देता है। इसके लिए आप पानी में नींबू नीचोड़कर भी पी सकती हैं।

पीरियड आगे बढ़ाने की टेबलेट कौन सी है?

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की जगह इसे न लें डॉक्टर के अनुसार उन्होंने कुछ मामलों में देखा पीरियड्स टालने की गोलियों को महिलाएं ना-समझी में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के तौर पर देखती और इस्तेमाल करती हैं। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स प्रेग्नेंसी को कंट्रोल करती हैं। इनका इस्तेमाल पीरियड्स को आगे पीछे खिसकाने के लिए नहीं करना चाहिए।