गठिया एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें जोड़ों में सूजन आ जाती है. साथ ही जोड़ों में अकड़न की वजह से दर्द भी होता है. कुछ लोगों के लिए इस स्थिति में चल पाना भी मुश्किल हो जाता है. Show
वैसे तो यह बीमारी किसी भी उम्र में देखने को मिल सकती है, लेकिन अधिकतर बढ़ती उम्र या 60 साल से ऊपर के लोग इसका शिकार होते हैं. क्या आप जानते हैं गठिया में चने की दाल, मसूर की दाल, फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करके गठिया के लक्षणों से राहत मिल सकती है? आज इस लेख में जानेंगे गठिया में कौन-सी दाल खानी चाहिए. (और पढ़ें - गठिया संबंधी विकार)
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जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती तो ये शरीर के अंदर खून में जमा होने लगता है। बाद में ये छोटे टुकड़ों में टूटकर हड्डियों के बीच बैठ जाता है और इन्हें कमजोर कर देता है। इस स्थिति को गठिया (gout) कहते हैं। यही नहीं शरीर में यूरिक एसिड (uric acid) का स्तर बढ़ने से कई अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। इनमें गाउट, जोड़ों में दर्द, ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी बीमारियां शामिल हैं। इसे कंट्रोल में रखने के लिए नियमित एक्सरसाइज के साथ ही डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। हाई यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे मरीजों को अपनी डाइट में लो प्यूरीन वाले फूड प्रोडक्ट्स ही शामिल करना चाहिए। आइए जानते हैं मूंग की दाल का सेवन करना यूरिक एसिड के मरीजों के लिए किस तरह से फायदेमंद होता है। साथ ही ये भी जानिए कि रोजाना खाने में कौन सी दालें ले सकते हैं और कौन सी नहीं? परेशान कर डालता है बालतोड़? इन टिप्स की मदद से छूमंतर हो जाएगामूंग की दाल मूंग की दाल ये दालें भी हैं फायदेमंद दालों में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। मूंग के अलावा यूरिक एसिड के पेशेंट अपने भोजन में अरहर की दाल शामिल कर सकते हैं। बिल्कुल न खाएं ये दालें यूरिक एसिड के मरीजों को कुछ दाल खाने से परहेज करना चाहिए। मसूर की दाल, राजमा, चना और छोले में प्यूरीन की अधिक मात्रा होती है। इन सभी दालों का सेवन करने से दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है। मटर, मशरूम, बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियां को भोजन में शामिल करने से यूरिक एसिड को कंट्रोल रखने में सहायता मिल सकती है। साथ ही ओट्स, ब्राउन राइस और जौ खाने से भी लाभदायक हो सकता है। Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें। पढ़ें अन्य संबंधित खबरें- डायबिटीज के मरीज चीनी की जगह ऐसे इस्तेमाल करें मुलेठी पाउडर, नहीं बढ़ेगा ब्लड शुगरपथरी के मरीजों को क्यों नहीं खाना चाहिए पपीता? इन बीमारियों में भी करें परहेजफ्रिज में रखकर ना खाएं ये 5 फूड्स, सेहत पर पड़ेगा बुरा असरLatest Health News India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्शन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि घुटने हमारे शरीर का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जो हमारे पूरे शरीर का भार उठाते हुए हमें चलने और आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वहीं, अगर किसी कारण इन घुटनों में दर्द होने लगे, तो छोटे से छोटे काम करना पहाड़ पार करने जैसा लगने लगता है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अर्थराइटिस के मरीज अपनी दैनिक दिनचर्या को बनाए रखने में कितनी तकलीफों का सामना करते हैं। वहीं, इलाज के साथ अगर गठिया रोग में परहेज पर ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या में कुछ हद तक सुधार हासिल किया जा सकता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम अर्थराइटिस में क्या खाएं और गठिया में क्या न खाएं, इस बात को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। पढ़ते रहें लेख तो आइए, सबसे पहले डाइट चार्ट फॉर आर्थराइटिस पेशेंट के बारे में जान लेते हैं। विषय सूची
यहां हम आर्थराइटिस डाइट चार्ट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे गठिया से ग्रस्त व्यक्ति इस्तेमाल में ला सकते हैं। बशर्ते उन्हें यह ध्यान में रखना होगा कि यह डाइट चार्ट एक नमूना मात्र है, जो एक सामान्य जानकारी के हिसाब से तैयार किया गया है। व्यक्ति विशेष की स्थिति और समस्या के आधार पर इसमें परिवर्तन किए जा सकते हैं। इसलिए, इस आर्थराइटिस डाइट चार्ट को इस्तेमाल में लाने से पूर्व एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए।
आगे पढ़ें लेख डाइट चार्ट फॉर आर्थराइटिस पेशेंट के बाद हम अर्थराइटिस में क्या खाएं, यह जानेंगे। अर्थराइटिस (गठिया) रोग में क्या खाएं – Food to Eat During Arthritis Disease in Hindiयहां हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें गठिया के लिए डाइट प्लान में शामिल करने से आर्थराइटिस की समस्या में कुछ हद तक लाभ हासिल किया जा सकता है। यह खाद्य पदार्थ कुछ इस प्रकार हैं : 1. मछलीआहार में मछली को शामिल कर आर्थराइटिस की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को काफी हद तक लाभ मिल सकता है। इस बात को एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के मछली से संबंधित एक शोध में भी माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली में एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। यह प्रभाव गठिया की समस्या में राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। इसके लिए भुनी हुई ट्रोट, सोल, हैलीबट, पोक और ग्रोपर मछली उपयोगी मानी जा सकती हैं (1)। इस आधार पर आर्थराइटिस डाइट में मछली को उपयोगी माना जा सकता है। हालांकि, इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि फ्राई यानी तली हुई मछली का सेवन आर्थराइटिस में दुष्परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। 2. लहसुनगठिया की समस्या से राहत दिलाने के मामले में लहसुन भी किसी मामले में पीछे नहीं है। इस बात का प्रमाण गठिया में लहसुन के फायदे से संबंधित एक शोध में देखने को मिलता है। शोध में माना गया कि लहसुन में एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है, जो गठिया की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं, लहसुन में डायलाइल डाइसल्फाइड, एलिसिन, एजोएन और सेलेनियम जैसे तत्व भी होते हैं। इन तत्वों के कारण लहसुन में एंटीआर्थराइटिक (गठिया से राहत दिलाने वाला) प्रभाव भी पाया जाता है (2)। ऐसे में डाइट फॉर आर्थराइटिस में लहसुन को शामिल करना लाभकारी माना जा सकता है। 3. ब्रोकलीगठिया की समस्या को सुधारने के लिए आहार में ब्रोकली को शामिल करना भी लाभकारी साबित हो सकता है। आर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों पर किए गए एक प्रयोग में इस बात को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है। शोध में माना गया है कि ब्रोकली में स्ल्फोराफेन (sulforaphane) नाम का एक खास तत्व प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। यह तत्व खासकर आर्थराइटिस के कारण होने वाली घुटनों में सूजन और दर्द की समस्या में रहत पहुंचाने का काम कर सकता है (3)। इस आधार पर माना जा सकता है कि गठिया के लिए डाइट प्लान में ब्रोकली को शामिल करना मददगार हो सकता है। 4. बेरीजबेरीज को भी डाइट फॉर आर्थराइटिस में जगह दी जा सकती है। दरअसल, आर्थराइटिस में फायदेमंद आहार से संबंधित एक शोध में इस बात को स्वीकार किया गया है। शोध में इसके लिए मुख्य तौर पर ब्लू बेरी, रैस्पबेरी और स्ट्रॉबेरी को असरदार माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि इनमें एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन और फिनोलिक एसिड जैसे पॉलीफिनोल्स पाए जाते हैं। इनके कारण बेरीज में एंटी इन्फ्लामेट्री प्रभाव पाया जाता है, जो आर्थराइटिस में राहत दिलाने का काम कर सकता है (4)। इस आधार पर कहना गलत नहीं होगा कि गठिया से राहत पाने के लिए बेरीज को अपने आहार में जगह दी जा सकती है। जारी रखें पढ़ना 5. पालकआर्थराइटिस डाइट में पालक को भी शामिल किया जा सकता है। वजह यह है कि पालक में भी एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। पालक में मौजूद यह प्रभाव रूमेटाइड आर्थराइटिस (आर्थराइटिस का एक प्रकार, जिसमें जोड़ों में सूजन के कारण गंभीर दर्द होता है) की समस्या में सकारात्मक असर दिखा सकता है। इस बात को एक शोध में भी माना गया है (5)। ऐसे में माना जा सकता है कि गठिया की समस्या से ग्रस्त व्यक्ति द्वारा डाइट फॉर आर्थराइटिस में पालक शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है। 6. अंगूररूमेटाइड आर्थराइटिस (जोड़ों में सूजन के कारण दर्द की समस्या) में अंगूर का सेवन लाभकारी हो सकता है। इस बात को कोरिया के कैथोलिक रिसर्च इंस्टिट्यूट द्वारा चूहों पर किए गए एक शोध में माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि अंगूर के बीज के अर्क में प्रोएंथोसाइनिडिन (proanthocyanidin) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। इस तत्व में एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों से बचाव करने वाला) और एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) दोनों प्रभाव मौजूद होते हैं। यह प्रभाव संयुक्त रूप से आर्थराइटिस की सूजन को कम करने और हड्डियों की क्षति को रोकने में सहायक हो सकते हैं (6)। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि गठिया के लिए डाइट प्लान में अंगूर को शामिल किया जा सकता है। 7. सेबगठिया की समस्या में विशेषज्ञ सेब का सेवन करने की भी सलाह देते हैं। वजह यह है कि सेब में टैनिन नाम का एक खास फिनोलिक यौगिक पाया जाता है। यह यौगिक कोलेजन (प्रोटीन का एक प्रकार) के कारण होने वाली गठिया की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकता है। दरअसल, सेब में मौजूद टैनिन कोलेजन की मात्रा को कम करने का काम कर सकता है। इस कारण गठिया से ग्रस्त व्यक्ति को इस समस्या में कुछ हद तक आराम महसूस हो सकता है (7)। इस आधार पर सेब को गठिया के आहार में शामिल करना सहायक माना जा सकता है। 8. बथुआकई भारतीय घरों में बथुआ का सेवन बड़े चाव से किया जाता है। इसे अगर गठिया से ग्रस्त व्यक्ति डाइट फॉर आर्थराइटिस में शामिल करें, तो उसे इस समस्या में राहत मिल सकती है। इस बात को एनसीबीआई के एक शोध में साफ तौर पर स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि बथुआ के एसीटोन अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवानोइड तत्व पाए जाते हैं, जिनके कारण इसमें एंटी-आर्थराइटिक (गठिया से राहत दिलाने वाला) प्रभाव पाया जाता है (8)। इस प्रभाव के कारण गठिया के लिए डाइट प्लान में बथुआ को शामिल करना उपयोगी माना जा सकता है। नीचे स्क्रोल करें अर्थराइटिस में क्या खाएं, यह समझने के बाद अब हम गठिया रोग में परहेज के बारे में जानेंगे। अर्थराइटिस (गठिया) बीमारी में क्या ना खाएं- Food to Avoid in Arthritis Disease in Hindiगठिया से पीड़ित मरीजों में यह जानने की उत्सुकता रहती है कि वे गठिया में क्या न खाएं। तो ऐसे में हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से गठिया रोग में परहेज की जाने वाली चीजों के बारे में जान सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
पढ़ना जारी रखें गठिया रोग में परहेज के बाद हम आर्थराइटिस में ध्यान रखी जाने वाली जरूरी बातें जानेंगे। अर्थराइटिस (गठिया) रोग में ध्यान रखने वाली बातें – Points to be Remember in Arthritis Disease in Hindiकुछ खास बातें हैं, जिन्हें गठिया में ध्यान रखना जरूरी होता है। इनको अपनाकर गठिया को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। तो आइए, गठिया में ध्यान रखी जाने वाले कुछ अहम बातें जान लेते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (11) :
लेख को पढ़ने के बाद अब आप समझ ही गए होंगे कि बेशक आर्थराइटिस एक जटिल और परेशान करने वाली समस्या है, लेकिन इससे पार पाना इतना भी मुश्किल नहीं है। जरा सी सावधानी और खान-पान में बदलाव कर इस समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है। इस दिशा में उचित कदम बढ़ाने के लिए लेख में दिए अर्थराइटिस में क्या खाएं और गठिया में क्या न खाएं वाले भाग की मदद ली जा सकती है। वहीं, लेख में शामिल आर्थराइटिस डाइट चार्ट और गठिया में ध्यान रखने वाली कुछ खास बातें, गठिया रोगियों के लिए उपयोगी हो सकती हैं। उम्मीद है, गठिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह लेख लाभदायक साबित होगा। स्वास्थ्य और आहार संबंधी ऐसी ही जानकारी के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज। अक्सर पूछे जाने वाले सवालगठिया के लिए कौन सी सब्जियां खराब हैं? लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि सोलेनेसी (solanaceae) फैमिली के खाद्य पदार्थ जैसे :- आलू, बैंगन व टमाटर का गठिया में उपयोग नहीं करना चाहिए (5)। इसलिए, इन सब्जियों को गठिया में खराब माना जाता है। क्या गठिया के लिए अंडे अच्छे हैं? अंडे में ओमेगा-3 की मात्रा पाई जाती है, जो गठिया में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है (12)। इसलिए, इस आधार पर कहा जा सकता है कि नियंत्रित मात्रा में अंडे का सेवन लाभदायक हो सकता है। आर्थराइटिस और रूमेटाइड आर्थराइटिस में क्या फर्क है? आर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या होती है। वहीं, रूमेटाइड आर्थराइटिस, आर्थराइटिस का एक प्रकार है, जिसमें सक्रीय प्रतिरोधक क्षमता खुद ही जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बन जाती है (11)। क्या कॉफी गठिया के लिए अच्छी है? एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कॉफी का सेवन रूमेटाइड आर्थराइटिस के जोखिम को बढ़ाने का काम कर सकता है (13)। इस आधार पर कॉफी को गठिया के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता है। फिलहाल, इस पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है। क्या नींबू पानी पीना गठिया के लिए अच्छा है? नींबू में आर्थराइटिस से राहत दिलाने की क्षमता पाई जाती है (14)। इसलिए, नींबू पानी को गठिया के लिए अच्छा माना जा सकता है। क्या नट्स गठिया के लिए खराब हैं? ओमेगा 6 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को गठिया में न लेने की सलाह दी जाती है। इन खाद्य पदार्थों में नट्स भी शामिल हैं (15)। वहीं, दूसरी ओर बादाम और मूंगफली जैसे नट्स को उनके एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण के कारण गठिया में सहायक माना जाता है (16)। इसलिए, नट्स को पूरी तरह से खराब नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में अगर कोई गठिया में मूंगफली और बादाम के अलावा किसी नट्स का सेवन करना चाहता है, तो उसे इस संबंध में एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह ले लेनी चाहिए। किन खाद्य पदार्थों से गठिया में सूजन आती है? लाल मांस, तेल, घी, नमक व डेयरी उत्पाद (दही को छोड़कर) गठिया में सूजन को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इन्हें गठिया में न लेने की सलाह दी जाती है। इस बात को अर्थराइटिस में क्या न खाएं, वाले भाग में विस्तार से बताया गया है।
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अनुज जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। अनुज को प्रिंट... more गठिया में कौन कौन सी दाल खानी चाहिए?गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद है मूंग दाल।
क्या गठिया में दही अच्छा है?गठिया के मरीजों को ज्यादा प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। प्रोटिन युक्त भोजन गठिया के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। गठिया के मरीजों को फ्रिज में रखी हुई दही, खट्टी और ठंडी छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आइसक्रीम, कुल्फी और बर्फ से बनी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
गठिया के लिए कौन सा फल अच्छा है?जरूर खाएं संतरा
इस फल को खाने से जोड़ों में दर्द और सूजन की शिकायत कम हो सकती है. संतरा में अच्छी मात्रा में विटामिन-सी होता है. इस फल में पाया जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट से काफी मात्रा में जोड़ों की सूजन कम होती है. बता दें कि अर्थराइटिस के मरीजों को संतरा, मौसमी और नींबू जैसे खट्टे फल खाने चाहिए.
गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?यदि आप गठिया की समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो आप हल्दी का सेवन जरूर करें। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में प्रचुर मात्रा में पहुंच जाता है तो शरीर से अनेकों बीमारियां दूर हो जाती है। हल्दी के सेवन से जोड़ों के दर्द दूर हो जाता है।
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