एकमात्र भारतीय खिलाड़ी कौन है जिन्होंने डबल ट्रैप शूटिंग में ओलंपिक पदक जीता है? - ekamaatr bhaarateey khilaadee kaun hai jinhonne dabal traip shooting mein olampik padak jeeta hai?

ओलंपिक खेलों की पिछली शताब्दी में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था। हमने काफी लम्बे समय में बहुत ही कम पदक हासिल किए है।

हालांकि, 21वीं सदी में ये सभी चीजें काफी तेजी से बदलीं। भारतीय निशानेबाजों ने लगातार एक के बाद एक व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने शुरू किए।

इसकी शुरुआत तब हुई जब राज्यवर्धन सिंह राठौर ने एथेंस 2004 में रजत पदक जीता। इसके बाद से पिछले चार ग्रीष्मकालीन खेलों में तीन अन्य भारतीयों ने भी पोडियम स्थान हासिल किया।

भारतीय निशानेबाजों ने अब तक चार ओलंपिक शूटिंग मेडल जीते हैं। यहां पर उन्हीं पर नज़र डालेंगे और जानेंगे कि आखिर उन्होंने यह कैसे किया।

एथेंस 2004 मेंस डबल ट्रैप से यूएई के अहमद अल मकतौम और चीन के वांग ज़ेंग के साथ भारतीय राज्यवर्धन सिंह राठौड़।

फोटो क्रेडिट Getty Images

राज्यवर्धन सिंह राठौर - 2004 एथेंस ओलंपिक में मेंस डबल ट्रैप में रजत पदक

आर्मी मैन राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 में उस समय सुर्खियां बटोरीं, जब वह स्वतंत्रता के बाद व्यक्तिगत रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।

जयपुर के शॉटगन शूटर ने एथेंस ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने से पहले ही अपना नाम बना लिया था। उन्होंने पहले 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता और इसके बाद 2003 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया।

एथेंस में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने डबल-ट्रैप इवेंट में बहुत अच्छी शुरुआत नहीं की, वह क्वालीफायर में प्रदर्शन के बाद पांचवें स्थान पर रहे। हालांकि, वह फाइनल कट बनाने में कामयाब रहे, क्योंकि वह शीर्ष पर चल रहे संयुक्त अरब अमीरात के अहमद अल मकतूम के साथ शीर्ष छह में जगह बनाने में कामयाब रहे।

अहमद अल मकतूम ने फाइनल में आसानी से स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए अपनी बढ़त को बनाए रखा, लेकिन दूसरे स्थान के लिए उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी।

राज्यवर्धन सिंह राठौर ने चीन के वांग झेंग की कड़ी चुनौती को पार करते हुए रजत पदक जीता और इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में हमेशा-हमेशा के लिए अपना नाम दर्ज करा दिया।

बीजिंग 2008 में 10 मीटर एयर राइफल में अपने स्वर्ण पदक के साथ अभिनव बिंद्रा

अभिनव बिंद्रा - 2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक

पिछले खेलों में राज्यवर्धन सिंह राठौर की सफलता के बाद, भारतीय निशानेबाजी दल को अभिनव बिंद्रा से काफी उम्मीदें थीं।

देहरादून में जन्मे अभिनव ने एथेंस ओलंपिक में क्वालिफिकेशन राउंड में ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया, लेकिन फाइनल में अपनी बेहतरीन फॉर्म को बरकरार रखने में असफल रहे।

इसके चार साल बाद अभिनव बिंद्रा एक बार फिर ओलंपिक खेलों में गौरव हासिल करने के लिए तैयार थे।

भारतीय निशानेबाज क्वालीफाइंग राउंड में चौथे स्थान पर रहे, लेकिन फाइनल में सिर्फ एक शॉट शेष रहने पर वह फिनलैंड के हेनरी हक्किनेन के साथ बराबरी करने में सफल रहे।

आखिरी शॉट में अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए 10.8 का स्कोर हासिल किया, जबकि हक्किनेन केवल 9.7 का स्कोर ही हासिल कर सके। बता दें, यह अभी भी भारत का पहला और एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक बना हुआ है।

गगन नारंग - 2012 लंदन ओलंपिक में मेंस 10 मीटर राइफल में कांस्य पदक

भारत को लंदन ओलंपिक खेलों में सबसे अधिक सफलता मिली और गगन नारंग सहित पूरा निशानेबाजी दल इसका एक बड़ा कारण रहा।

बीजिंग ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गगन नारंग ने फाइनल में जगह बनाने के लिए लंदन में अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि मौजूदा चैंपियन अभिनव बिंद्रा क्वालिफिकेशन राउंड से ही बाहर हो गए।

रॉयल आर्टिलरी बैरक में हुए फाइनल में गगन नारंग ने लगातार 10 अंक हासिल करते हुए अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और कुल 701.1 अंक के साथ कांस्य पदक का दावा किया। यह लंदन ओलंपिक में भारत का पहला पदक रहा।

लंदन 2012 में गगन नारंग (सीधी तरफ) के हाथ आया ब्रॉन्ज़ मेडल 

विजय कुमार - 2012 लंदन ओलंपिक में मेंस 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में रजत पदक

राज्यवर्धन सिंह राठौर के एथेंस में रजत पदक जीतने के आठ साल बाद एक अन्य आर्मी मैन विजय कुमार ने निशानेबाजी में भारत के लिए दूसरा रजत पदक जीता। इस बार यह पदक राइफल इवेंट में आया।

भारतीय सेना में एक सूबेदार के रूप में तैनात विजय कुमार राष्ट्रमंडल खेलों के चैंपियन के रूप में लंदन गए और चौथे स्थान पर रहते हुए फाइनल राउंड के लिए उन्होंने क्वालीफाई किया।

बता दें, नए निशानेबाजी नियमों के तहत क्वालिफिकेशन स्कोर फाइनल में नहीं जुड़ना था, इसलिए विजय कुमार के पास नए सिरे से शुरुआत करने और आगे बढ़ने का एक अच्छा अवसर था।

धीरे-धीरे निशानेबाज एलिमिनेशन में बाहर होते रहे, विजय कुमार ने अंतिम दो में बने रहने तक आगे बढ़ने के लिए शानदार शॉट लगाए। हालांकि, क्यूबा के लेउरिस पुपो ने फाइनल शॉट लगाने से पहले तक एक अच्छी बढ़त बना ली और भारतीय राइफल शूटर गगन नारंग को दूसरे स्थान पर रहते हुए रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

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कौन एकमात्र भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने डबल ट्रैप शूटिंग में ओलंपिक पदक जीता है?

एथेंस 2004 मेंस डबल ट्रैप से यूएई के अहमद अल मकतौम और चीन के वांग ज़ेंग के साथ भारतीय राज्यवर्धन सिंह राठौड़।

ओलंपिक में लगातार पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी कौन थे *?

भारतीय पहलवानों ने अब तक ओलंपिक में सात पदक जीते हैं। हॉकी के बाद कुश्ती ऐसा खेल है, जिसमें भारतीय एथलीटों ने समर ओलंपिक गेम्स में सबसे ज्यादा सफलता हासिल की है। ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान केडी जाधव थे, जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी खेलों में कांस्य पदक जीता था।

ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी कौन है?

भारतीय खेलों के लिए गौरव का पहला क्षण सिडनी 2000 में आया जब महान कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता, जो आज भी ओलंपिक पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय वेटलिफ्टर हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय कौन थे?

Solution : भारतीय पेशेवर निशानेबाज अभिनव बिन्द्रा 2008 के बीजिंग ओलम्पिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय बने। उन्होंने 10 मी. एयर राइफल इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। यह 1980 में पुरुष फील्ड हॉकी टीम द्वारा जीते गए स्वर्ण पदक के बाद भारत का पहला स्वर्ण पदक भी था।