भारत में भू संसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्या कौन सी है? - bhaarat mein bhoo sansaadhanon kee vibhinn prakaar kee paryaavaraneey samasya kaun see hai?

भारत में भू-संसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएँ कौन-सी हैं? उनका निदान कैसे किया जाए?

भारत में भू-संसाधनों का निम्नीकरण एक गंभीर समस्या है जोकि कृषि विकास की दोषपूर्ण नीतियों के कारण उत्पन्न हुई है। भू-संसाधनों का निम्नीकरण एक गंभीर समस्या इसलिए है क्योंकि इससे मृदा की उर्वरता क्षीण हो गई है। यह समस्या विशेषकर सिंचित क्षेत्रों में अधिक भयावह है जिसके निम्नलिखित कारण हैं

  1. कृषिभूमि का एक बड़ा भाग जलाक्रांतता, लवणता तथा मृदा क्षारता के कारण बंजर हो चुका है।
  2. अब तक लगभग 80 लाख हेक्टेयर भूमि लवणता व क्षारता से कुप्रभावित हो चुकी है तथा 70 लाख हेक्टेयर भूमि जलाक्रांतता के कारण अपनी उर्वरता खो चुकी है।
  3. कीटनाशकों, रसायनों के व रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मृदा परिच्छेदिका में जहरीले तत्त्वों का सांद्रण बढ़ा है।
  4. सिंचित क्षेत्रों के फसल प्रतिरूप में दलहन का विस्थापन हो चुका है तथा वहाँ बहु-फसलीकरण में बढ़ोतरी से परती भूमि का क्षेत्र कम हुआ है जिससे भूमि में पुनः उर्वरता पाने की प्राकृतिक प्रक्रिया अवरुद्ध हुई है।
  5. उष्ण कटिबन्धीय आर्द्र क्षेत्रों में जल द्वारा मृदा अपन तथा शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में वायु अपरदन एक आम समस्या है।
    ऊपर वर्णित सभी समस्याओं का निदान हम उपयुक्त प्रौद्योगिकी व तकनीक विकसित करके कर सकते हैं। साथ ही समस्याओं को जन्म देने वाले क्रियाकलापों को नियंत्रित करना भी बहुत जरूरी है।

Concept: भारतीय कृषि की समस्याएँ

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भारत में भूमि संसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याएं क्या हैं?

(i) भारत में भूसंसाधनों की विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो निम्नलिखित है :.
(1) अपरदन की समस्या : ... .
(2) जलाक्रांतता की समस्या : ... .
(3) मृदा परिच्छेदिका में जहरीले तत्वों के जमाव की समस्या : ... .
(4) लवणता एवं क्षारता की समस्या : ... .
(5) प्राकृतिक उर्वरता के हा्स के समस्या :.

1 निम्न में से कौन सा भू उपयोग संवर्ग नहीं है?

(i) सीमांत भूमि भू-उपयोग संवर्ग नहीं है।

भू उपयोग संवर्ग क्या है?

भूमि उपयोग पृथ्वी के किसी क्षेत्र का मनुष्य द्वारा उपयोग को सूचित करता है। सामान्यतः जमीन के हिस्से पर होने वाले आर्थिक क्रिया-कलाप को सूचित करते हुए उसे वन भूमि, कृषि भूमि, परती, चरागाह इत्यादि वर्गों में बाँटा जाता है।

पिछले 40 वर्षों में वनों का अनुपात बढ़ने का कौन सा कारण है?

वनीकरण के विस्तृत व सक्षम प्रयास सामुदायिक वनों के अधीन क्षेत्र में वृद्धि वन बढ़ोतरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि