आसियान और भारत
संदर्भ: Show आसियान-भारत शिखर सम्मेलन, 2018
आसियान की पृष्ठभूमि:
आसियान के लक्ष्य एवं उद्देश्य
भारत के लिये आसियान का महत्त्व
समस्याएँ एवं चुनौतियाँ
आगे की राह
निष्कर्ष
भारत आसियान संबंध के बारे में क्या चाहिए?आसियान और भारत की क्षेत्र में शांति और सुरक्षा में समान हितों को साझा करते हुए खुला, संतुलित एवं समावेशी क्षेत्रीय संरचना है। भारत हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर तक बड़े समुद्री क्षेत्रों के साथ रणनीतिक रूप से अवस्थित है। ये समुद्री क्षेत्र आसियान के कई सदस्य देशों के लिये महत्त्वपूर्ण व्यापार के रास्ते भी है।
आसियान क्या है Drishti IAS?परिचय: यह एक क्षेत्रीय समूह है जो आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है। इसकी स्थापना अगस्त 1967 में बैंकॉक, थाईलैंड में आसियान के संस्थापकों अर्थात् इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर एवं थाईलैंड द्वारा आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर के साथ की गई।
आसियान क्या है इसके उद्देश्य और इसमें भारत की भूमिका की व्याख्या करें?इसका उद्देश्य सांझा बाजार स्थापित करना है। पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए यह अपने एक सामूहिक संगठन 'आसियण्टा' के माध्यम से कार्य कर रहा है। यह सदस्य देशों में सुरक्षा व शान्ति के लिए आणविक हथियारों पर रोक लगाने पर जोर दे रहा है। यह संगठन दक्षिण-पूर्वी एशिया के आर्थिक विकास पर जोर दे रहा है।
आसियान क्या है आसियान की भूमिका पर प्रकाश डालिए?दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (अंग्रेज़ी:एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है।
|