अलंकार की परिभाषा:– भाषा को शब्दों से सजाने का तरीका ही अलंकार कहलाता है। अलंकार कितने प्रकार के होते हैं? अलंकार दो प्रकार के होते हैं– शब्दालंकार के अंतर्गत 3 अलंकार आते हैं– १. अनुप्रास अलंकार– अनुप्रास अलंकार
उसे कहते हैं जिसमें एक ही वर्ण की आवर्ती बार-बार हो, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। जैसे:– लॉकडाउन में लड़के लालची हो रहे हैं। २. यमक अलंकार– जब किसी वाक्य में एक ही शब्द दो बार आए और दोनों बार उसके मतलब अलग-अलग हो, तो उसे यमक अलंकार कहते हैं। यमक अलंकार की परिभाषा एक और शब्द में याद किया जा सकता है जैसे यमक का अर्थ होता है दो या जोड़ा। जैसे:– काली घटा का घमंड घटा। इस वाक्य में पहले घटा का अर्थ है बादल
और दूसरे घटा का अर्थ है घट जाना। जहां पर भी ऐसे वाक्य आए वहां पर यमक अलंकार होगा। ३. श्लेष अलंकार– जब शब्द एक ही बार आए लेकिन उसके अर्थ अलग-अलग निकाले जाएं, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं। जैसे:– “ जहां गांठ तहां रस नहीं, इसमें इसके दो अर्थ निकल रहे हैं:– १. गन्ने में जहां गांठ होती है, वहां रस नहीं निकलता। २. जब दो लोगों की दोस्ती में गांठ आ जाती है, तब प्रेम का वह रस नहीं रह जाता। इसी प्रकार आपको जहां भी ऐसे शब्द नजर आए तो आप
वहां श्लेष अलंकार करेंगे। २. अर्थालंकार:– अर्थ अलंकार का अर्थ होता है, अर्थ के जरिए अलंकार की पहचान करना। अर्थालंकार के चार भेद होते हैं– १. उपमा अलंकार १. उपमा अलंकार:– उपमा का सरल अर्थ होता है तुलना। जब दो वस्तुओं या व्यक्ति की तुलना उनके एक जैसे स्वभाव की वजह से होती है, तो इसे उपमा अलंकार कहते हैं। जैसे:– पीपर पात सरिस मन डोला इसमें राजा दशरथ का मन पीपर पात यानी पीपल
के पत्ते की तरह डोल रहा है। ऐसे में आप उपमा अलंकार करेंगे। २. रूपक अलंकार:– जब दो व्यक्ति या वस्तुओं को एक समान बताया जाता है, तो उसे रूपक अलंकार कहते हैं। जैसे:–१. मैया मैं तो चंद्र खिलौना लेहों इसका अर्थ है मां मुझे तो चंद्र खिलौना चाहिए। ऐसे स्थान पर आप रूपक अलंकार का उपयोग करेंगे। ३. उत्प्रेक्षा अलंकार:– जब किसी दो के बीच तुलना होती है, तो एक को उपमेय कहा जाता है और दूसरे को उपमान। जैसे:– पीपर पात सरिस मन डोला मन– उपमेय, पीपर पात– उपमान जिसकी तुलना हो रही है उसे उपमेय कहते हैं और जिससे तुलना होती है उसे उपमान कहते हैं। जब उपमेय में उपमान की तुलना करते हुए कल्पना की जाने लगे तो वहां पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। जैसे:– पाहुन ज्यों आए हों गांव में शहर के, इसमें बादल की तुलना एक दामाद से की गई है, जो शहर से गांव में आया है। उत्प्रेक्षा अलंकार की पहचान करने का सरल तरीका है जिस वाक्य में जानू, मानू, निश्चय,ज्यों आए वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होगा। ४. अतिशयोक्ति अलंकार:– जब कोई वर्णन बहुत बड़ा– चढ़ाकर किया जाए, तो उसे अतिशयोक्ति अलंकार कहते हैं। जैसे:– आगे नदियां पड़ी अपार इसमें इसका वर्णन बहुत बड़ा चढ़ाकर किया गया है, इसलिए यह अतिशयोक्ति अलंकार होगा। Alankar MCQ Class 10 नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का kailash Education पर। आज के इस लेख मे हम अलंकार पर चर्चा करेंग। जिसमे हम अलंकार किसे कहते है? अलंकार की परिभाषा अर्थ भेद अलंकार के सभी प्रकारों के बारें मे विस्तार से जानेंगे। अलंकार किसे कहते हैं?अलंकार का सामान्य अर्थ है आभूषण या गहना। जिस प्रकार आभूषण से शरीर की शोभा बढ़ती है, उसी प्रकार अलंकार से काव्य की शोभ बढ़ती है। अलंकार शब्द का अर्थ है-- वह वस्तु जो सुन्दर बनाए या सुन्दर बनाने का साधन हो। साधारण बोलचाल मे आभूषण को अलंकार कहते हैं। जिस प्रकार आभूषण धारण करने से नारी के शरीर की शोभ बढ़ती है वैसे ही अलंकार के प्रयोग से कविता की शोभा बढ़ती है। अलंकार की विशेषताएं या लक्षण1. कथन के असाधारण या चमत्कार
पूर्ण प्रकारों को अलंकार कहते हैं। अलंकार के भेद या प्रकार इस प्रकार से है---1. शब्दालंकारकाव्य मे जहाँ शब्दविशेष के प्रयोग से सौन्दर्य मे वृध्दि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है। प्रमुख शब्दालंकार निम्नलिखित हैं--- 2. यमक अलंकार 2. अर्थालंकारकाव्य मे जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार उत्पन्न होता है वहाँ अर्थालंकार होता हैं।" अर्थालंकार के भेद अनेक है। अर्थालंकार के अनेक भेद है। यहां पर प्रमुख
अलंकारों की चर्चा करेंगे। अलंकार किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?अलंकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं-
शब्दालंकार : जहाँ शब्दें में अलंकार हो। अलंकार में शब्द विशेष को बदल दिया जाए तो अलंकार नहीं रह पाएगा। अर्थालंकार : जहाँ अलंकार अर्थ पर आश्रित हो, वहां अर्थालंकार होता है। इस अलंकार में शब्दों के परिवर्तन कर देने पर भी अर्थ में बदलाव नहीं आता है।
अलंकार कितने होते हैं Class 10?शब्दालंकार में अनुप्रास, यमक और श्लेष मुख्य हैं, जबकि अर्थालंकारों में उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा मुख्य हैं। [विशेष-पाठ्यक्रम में केवल उपमा, रूपक और उत्प्रेक्षा अर्थालंकार ही सम्मिलित हैं।
अलंकार क्या है इसकी परिभाषा?अलंकार की परिभाषा | Definition of Figure of Speech
Alankar Ki Paribhasha: जो यंत्र काव्य की सुंदरता बढ़ाते हैं, उन्हें अलंकार कहा जाता हैं । जिस प्रकार से नारी अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों को धारण करती हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का इस्तेमाल किया जाता है ।
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