पदेन र का चिन्ह क्या है - paden ra ka chinh kya hai

इसे सुनेंरोकेंपाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ ‘र’ का प्रयोग जब ‘र’ से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो ‘र’ से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और ‘र’ के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।

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पदेन र कौन सा होता है *?

इसे सुनेंरोकेंर के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जाता है, जैसे- खर्र-खर्र, टर्र-टर्र आदि। क्र या ट्रे – र के इस रूप को “पदेन” कहा जाता है। यह र का स्वर सहित रूप है। जिस वर्ण को बोलने में अ आता है, वह र का स्वर सहित रूप है, जैसे- क बोलने में अ आता है।

र में उ और ऊ की मात्रा कहाँ लगती हैं?

इसे सुनेंरोकेंजैसे – र, रा, रि, री, रु, रू, रे ,रै, रो, रो ! र के साथ उ ( उ की छोटी मात्रा, मतलब ह्रस्व उकार )का प्रयोग : र + उ = रु ! इसे लिखने के लिए र लिखकर यह मात्रा (ु) लगानी पड़ती है तो रु लिख सकते हैं।

पदेन चिन्ह क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दी भाषा में स्वर और व्यंजन दोनों को मिलाकर वर्ण बनते हैं। र एक व्यंजन वर्ण है। हिन्दी भाषा में र का प्रयोग विभिन्न रूपों में होता है।

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हिन्दी भाषा में आधा र कैसे लिखें?

इसे सुनेंरोकेंर का अपना आधा रूप केवल ऐसे भी लिखा जा सकता है = र् यदि आधे र की ध्वनि अगले अक्षर के उपरान्त है तो र का रूप उस अक्षर के पैर पर दिखाई देगा। इस रूप को कुछ अक्षरों के साथ विशेष प्रकार से दर्शाया जाता है।

व्यंजन के पीछे आने वाली मात्रा कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंइसको बारहखड़ी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें अक्षरों के ऊपर बारह मात्राओं को लगाया जाता है इसलिए इनको बारहखड़ी बोला जाता है. लेकिन ऋ मात्राएं को छोड़कर जितनी भी मात्राएं है उन सभी का प्रयोग अक्षर के ऊपर किया जाता है. उनको बारहखड़ी बोला जाता है.

आधा ह कैसे लिखते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसबसे पहले जवाब दिया गया: हिंदी टाइपिंग में आधा अक्षर कैसे लिखे? किसी भी हिंदी अक्षर को आधा लिखना हो (यानी कि हलतं लगाना हो) तो कीबोर्ड से पहले तो उस अक्षर को टाइप करिए और हलन्त के चिन्ह् को लगा दीजिए।

इसे सुनेंरोकेंहिन्दी भाषा में ‘र’ के चार रूप होते हैं – रेफ़, पदेन, रडार, लुण्ठित।

पदेन र का चिन्ह क्या है?

इसे सुनेंरोकेंहिन्दी भाषा में स्वर और व्यंजन दोनों को मिलाकर वर्ण बनते हैं। र एक व्यंजन वर्ण है। हिन्दी भाषा में र का प्रयोग विभिन्न रूपों में होता है।

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दर्द शब्द में र का कौन सा रूप प्रयोग हुआ है?

इसे सुनेंरोकेंव्यंजन-गुच्छों में जब ‘र्’ पहले आकर अन्य व्यंजनों से मिलता है, तब वह शिरोरेखा के ऊपर एक विशेष चिन्ह के रूप में लगता है और उसे ‘रेफ’ कहते हैं। जैसे- तर्क, शर्त, दर्द, सर्प, वर्ष। इन रूपों में ‘र’ पर लगी रेफ़ भी होती है (फर्र, बर्र)।

र के कौन से रूप में र अपूर्ण होता है?

इसे सुनेंरोकेंपाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ ‘र’ का प्रयोग जब ‘र’ से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो ‘र’ से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और ‘र’ के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।

र के विभिन्न प्रकार कौन कौन से हैं उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए?

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इसे सुनेंरोकें’द’ और ‘ह’ में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो ‘द् + र = द्र’ और ‘ह् + र = ह्र’ हो जाता है, जैसे- दरिद्र, रुद्र, ह्रद, ह्रास इत्यादि। ‘त’ और ‘श’ में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो ‘त् + र = त्र’ और ‘श् + र = श्र’ हो जाता है, जैसे – त्रिशूल, नेत्र, श्रमिक, अश्रु इत्यादि।

पदेन र का अर्थ क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंर के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जाता है, जैसे- खर्र-खर्र, टर्र-टर्र आदि। क्र या ट्रे – र के इस रूप को “पदेन” कहा जाता है। यह र का स्वर सहित रूप है। जिस वर्ण को बोलने में अ आता है, वह र का स्वर सहित रूप है, जैसे- क बोलने में अ आता है।

पदेन मात्रा वाला शब्द कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंपदेन की मात्रा किसी भी पूर्ण अक्षर के नीचे लगाई जाती है। यह मात्रा र से पहले पूरी पाई वाले अक्षर पर लगाई जाती है और इसमें आधा रहता है नीचे दिए गए कुछ शब्द पदेन की मात्रा के शब्द है: क्रम, प्रकाश, चंद्र, ग्रह, चक्र आदि।

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आधा कैसे लिखें?

इसे सुनेंरोकें- आधा अक्षर बनाने के लिए पहले वह अक्षर लिखें, जिसे आधा लिखना है। फिर अ के साथ हलंत वाला बटन सॉफ्ट दबाएंगे। इसके अगला अक्षर लिखते ही पिछला वाला आधा दिखने लगेगा। – लेफ्ट की तरफ बने Shift बटन से अक्षरों के और विकल्प आते हैं।



के विभिन्न रूप

एक व्यंजन वर्ण है। उच्चारण की दृष्टि से यह लुंठित व्यंजन ध्वनि है।

हिंदी भाषा में के विभिन्न रूपों का प्रयोग होता है। कहीं पर का प्रयोग स्वर रहित होता है तो कहीं पर स्वर सहित।

जिसमें की ध्वनि हो वह  स्वर सहित (क,,,, प) जिसमें की ध्वनि न हो वह  स्वर रहित (क्, च्, ट्, त्, प्)

के विभिन्न रूप - , रा, रु, रू, र्र, क्र, ट्र, ह्र


का सामान्य रूप

रमन, दरवाजा, दीवार

के सामान्य रूप का प्रयोग में शब्द के आरंभ में, मध्य में और अंत में आ सकता है।

में सभी मात्राएँ लग सकती है सिवाय और हलंत (्) के, जैसे -

, रा, रि, री, रु, रू, रे, रै, रो, रौ 

र+उ=रु (रुद्र, रुचि, पुरुष, गुरु, रुपया)

र+ऊ=रू (रूप, रूठना, अमरूद, डमरू, रूखा)


रेफ

यह रेफवाला कहलाता है। यह स्वर रहित है।

          शब्दों में इसका प्रयोग होते समय इसके उच्चारण के बाद आने वाले वर्ण की अंतिम मात्रा के ऊपर लग जाता है, जैसे-

परव = पर्व

जुरमाना = जुर्माना  

वरणन = वर्णन

          कुछ ऐसे शब्द जिसमें के बाद का वर्ण भी स्वर रहित हो तो रेफ का प्रयोग उसके अगले वर्ण के सिर पर लगता है, जैसे-

व् + अ + र् + ण् + य् + अ = वर्ण्य

अ + र् + घ् + य् + अ = अर्घ्य

विशेष द्रष्टव्य

vकुछ शब्द ऐसे भी हैं जिसमें दो रेफों का प्रयोग लगातार होता है, जैसे- धर्मार्थ, पूर्वार्ध, वर्षर्तु।

vरेफ का प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं लग सकता।   

vस्वर वर्ण के सिर पर लगा चिह्न और रेफ का चिह्न एक समान होता है, प्रयोग के समय ध्यान दें।

v के ऊपर भी रेफ का प्रयोग हो सकता है, जैसे- खर्र-खर्र, अंतर्राष्ट्रीय इत्यादि।  


नीचे पदेन

^ यह का नीचे पदेन वाला रूप है।का यह रूप भी स्वर रहित है। यह का रूप अपने से पूर्व आए व्यंजन वर्ण में लगता है। पाई वाले व्यंजनों के बाद प्रयुक्त का यह रूप तिरछा होकर लगता है, जैसे- क्र, प्र, म्र इत्यादि।

जिन व्यंजनों में एक सीधी लकीर ऊपर से नीचे की ओर आती हैं उसे ही हम खड़ी पाई वाले व्यंजन कहते हैं, जैसे – क,,,,,, य इत्यादि

          पाई रहित व्यंजनों में नीचे पदेन का रूप ^   इस तरह का होता है, जैसे- राष्ट्र , ड्रम, पेट्रोल, ड्राइवर इत्यादि।

जिन व्यंजनों में एक सीधी लकीर ऊपर से नीचे की ओर बहुत थोड़ी मात्रा में आती हैं उसे ही हम पाई रहित  वाले व्यंजन कहते हैं, जैसे – ट,,,, इत्यादि


और में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो द् + र = द्र और  ह् + र = ह्र हो जाता है, जैसे- दरिद्र, रुद्र, ह्रद, ह्रास इत्यादि।

और में जब नीचे पदेन का प्रयोग होता है तो त् + र = त्र और श् + र = श्र हो जाता है, जैसे – त्रिशूल, नेत्र, श्रमिक, अश्रु इत्यादि।

विशेष द्रष्टव्य

v^ का प्रयोग केवल और व्यंजन वर्णों के साथ ही होता है। ड्र से अधिकतर अंग्रेज़ी शब्दों का ही निर्माण होता है। 

vकुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें दो नीचे पदेन का प्रयोग एक ही शब्द में हो सकता है, जैसे- प्रक्रम, प्रकार्य इत्यादि 

vकुछ शब्द ऐसे हैं जिनमें नीचे पदेन और रेफ का प्रयोग शब्द के एक ही वर्ण में हो सकता है, जैसे- आर्द्र, पुनर्प्रस्तुतिकरण इत्यादि ।   


और में निहित अंतर

          और में निहित अंतर को समझना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि कभी-कभी कुछ छात्र और से जुड़ी गलतियाँ कर बैठते हैं।

v व्यंजन वर्ण है और स्वर वर्ण 

v का रूप  क्र,र्क, ट्र  और की मात्रा है, जैसे – ग्रह और गृह

v का प्रयोग जिस किसी भी शब्द के साथ होता है, वह तत्सम (संस्कृत के शब्द) शब्द ही होता है।

v का उच्चारण अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से होता है, कृष्णा शब्द का उच्चारण बिहार, दिल्ली में Krishna और ओडिशा, महाराष्ट्र में Krushna होता है, अर्थात् भाषा चलन के अनुसार कहीं रि और रु हो जाता है।  

पदेन र का चिह्न क्या है?

के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जाता है, जैसे- खर्र-खर्र, टर्र-टर्र आदि। क्र या ट्रे - के इस रूप को "पदेन" कहा जाता है। यह का स्वर सहित रूप है। जिस वर्ण को बोलने में अ आता है, वह का स्वर सहित रूप है, जैसे- क बोलने में अ आता है।

पदेन कैसे लिखते हैं?

Paden ki Matra | Paden r ka roop | पदेन की मात्रा | पदेन र का रूप | र का रूप | R ka roop | Hindi |

र के तीन रूप कौन कौन से हैं?

हिन्दी भाषा में '' के चार रूप होते हैं – रेफ़, पदेन, रडार, लुण्ठित। हम यह भी कह सकते हैं कि को चार प्रकार से लिखा जा सकता है।

र का प्रयोग करने के क्या नियम है?

पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजनों के साथ 'र' का प्रयोग जब '' से पहले प्रयुक्त व्यंजन बिना स्वर का होता है यानी अर्ध होता है और इसका उच्चारण प्रयुक्त वर्ण के बाद होता है तो '' से पहले पूरा वर्ण लिखा जाता है और '' के लिखने का रूप बदल जाता है। ऐसी स्थिति में पाई तथा बिना पाई वाले व्यंजन के साथ इनका प्रयोग अलग होता है।