1 महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस कब लौटे क 1914 ख 1915 ग 1918 घ 1919? - 1 mahaatma gaandhee dakshin aphreeka se vaapas kab laute ka 1914 kh 1915 ga 1918 gh 1919?

1915 में एक भारतीय बैरिस्टर ने दक्षिण अफ्रीका के अपने करियर को त्याग अपने देश वापस आने का फैसला किया। जब मोहनदास करमचंद गांधी मुंबई के अपोलो बंदरगाह में उतरे तो न वो महात्मा थे और न ही बापू।

फिर भी न जाने क्यों बहुतों को उम्मीद थी कि ये शख्स अपने गैर-परंपरागत तरीकों से भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करा लेगा। उन्होंने भारतवासियों को निराश नहीं किया। इसे इतिहास की विडंबना ही कहा जाएगा कि जब गांधी भारत लौटे तो एक समारोह में उनका स्वागत किया था बैरिस्टर मोहम्मद अली जिन्ना ने।

ये अलग बात है कि पांच साल के भीतर ही गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र से आने वाले इन धुरंधरों ने अलग-अलग राजनीतिक रास्ते अख्तियार किए और भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रपिता कहलाए।

1915 से लेकर 1920 के बीच महात्मा गांधी ने किस तरह अपने आपको भारत के राजनीतिक पटल पर स्थापित किया। पढ़िए, महात्मा गांधी के स्वदेश वापस आने पर कई अनुछुए पहलू।

महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से कब लौटे थे?

09 जनवरी 1915 की सुबह बंबई (अब मुंबई) के अपोलो बंदरगाह पर गांधी जी और कस्तूरबा पहुंचे तो वहां मौजूद हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की याद में हर साल 09 जनवरी का दिन प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

1 महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से वापस कब लौटे अ 1914 ब 1915 स 1918 द 1919?

मोहनदास करमचंद गाँधी विदेश में दो दशक रहने के बाद जनवरी 1915 में अपनी गृहभूमि वापस आए। इन वर्षों का अधिकांश हिस्सा उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में बिताया। यहाँ वे एक वकील के रूप में गए थे और बाद में वे इस क्षेत्र के भारतीय समुदाय के नेता बन गए।

महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब वापिस आये 1916 1915 1917 1918?

संक्षिप्त कालक्रम.

1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद गांधीजी ने अपनी पहली प्रमुख सार्वजनिक उपस्थिति कहाँ रखी थी?

102 साल पहले 9 जनवरी को ही महात्मा गांधी भारत पहुंचे थे और फिर यहां उन्होंने मोहनदास से महात्मा तक का सफर तय किया था.