विद्युत के एक कुचालक पदार्थ का नाम लिखिए - vidyut ke ek kuchaalak padaarth ka naam likhie

  • सुचालक और कुचालक की परिभाषा, उदाहरण, गुण तथा अंतर क्या है?
    • Definition of Conductor and Insulator in Hindi
    • चालक या सुचालक किसे कहते हैं? Definition of Conductor:-
    • कुचालक या अचालक किसे कहते हैं? Definition of Insulator
    • सुचालक और कुचालक पदार्थों में अंतर स्पष्ट कीजिये
    • सारांश – सुचालक और कुचालक पदार्थों की परिभाषा, गुण, अंतर तथा उपयोग

सुचालक और कुचालक की परिभाषा, उदाहरण, गुण तथा अंतर क्या है?

Conductor and Insulator Definition in Hindi:- सुचालक एवं कुचालक पदार्थ से सम्बंधित प्रश्न अक्सर बच्चों के परिक्षावों में पूछा जाता है. एक ही प्रश्न को अलग अलग तरीकों द्वारा पूछा जाता है जैसे की सुचालक और कुचालक किसे कहते हैं, या सुचालक और कुचालक की परिभाषा क्या है, सुचालक एवं अचालक में अंतर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये, कुचालक और सुचालक पदार्थों के नाम बताईये इत्यादि.

आज के इस लेख में सुचालक (Conductor) तथा कुचालक या अचालक (Insulator) से सम्बंधित परिभाषाएं, उदाहरण, अंतर, पदार्थों के नाम, उपयोग आदि को बताने वाले हैं. अतः ध्यान पूर्वक पढ़ें.

Definition of Conductor and Insulator in Hindi

चालक या सुचालक किसे कहते हैं? Definition of Conductor:-

सुचालक की परिभाषा:- “ऐसे पदार्थ जिनमे विद्युत् धारा या विद्युत आवेश आसानी से प्रवाहित हो जाता है वो सुचालक (Conductor) कहलाते हैं.” इसके अतिरिक्त ऐसे पदार्थ जिनमे मुक्त इलेक्ट्रानो की संख्या बहुत अधिक होती है सुचालक कहलाती हैं.

चालक या सुचालक के उदाहरण :- कॉपर या तांबा, एल्युमीनियम, चांदी, सोना, निकल इत्यादि.

ऊष्मा के सुचालक की परिभाषा :- जिन पदार्थों में ऊष्मा (Heat) का संचरण बहुत ही आसानी से या सुगमतापूर्वक हो जाता है, वे सभी पदार्थ ऊष्मा के सुचालक कहलाते हैं.

उदहारण:- लोहे की छड़ को एक सिरे पर गर्म करने पर दूसरा सिरा भी गर्म होने लगता है.

सुचालक पदार्थों के गुण :-

  • सुचालक पदार्थों की प्रतिरोधकता कम होता है.
  • मुक्त इलेक्ट्रानों की संख्या अधिक होती है.
  • तापमान बढ़ने पर पदार्थ का प्रतिरोध बढ़ता है.

चालक का उपयोग :- विद्युत् धारा के प्रवाहन में तथा विद्युत चालित उपकरणों के निर्माण में उपयोग

परावर्तन और अपवर्तन में अंतर

कुचालक या अचालक किसे कहते हैं? Definition of Insulator

कुचालक की परिभाषा:- ऐसे पदार्थ जिनमे विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होता है, वे सभी पदार्थ कुचालक या अचालक (Insulator) कहलाते हैं. या ऐसे पदार्थ जिनमे मुक्त इलेक्ट्रान नहीं होते हैं वे सभी अचालक पदार्थ होते हैं.

अचालक या कुचालक पदार्थों का उदाहरण :- लकड़ी, रबर, कांच, कागज, वायु इत्यादि.

ऊष्मा के कुचालक की परिभाषा :- ऐसे पदार्थ जिनमे ऊष्मा का संचरण या प्रवाह नहीं होता है वे उष्मा के कुचालक कहलाते हैं.

उदहारण:- लकड़ी, रबर, कांच आदि.

कुचालक पदार्थों का गुण:-

  • कुचालक पदार्थों की प्रतिरोधकता बहुत अधिक होता है.
  • मुक्त इलेक्ट्रान न के बराबर होते हैं.
  • बाहरी कक्षा के इलेक्ट्रान बहुत अधिक आकर्षण बल से बंधे होते हैं.

कुचालक या अचालक का उपयोग:- सुचालक पदार्थों से बने तारों के आवरण के लिए, विद्युत् रोधी वस्तुओं के निर्माण में उपयोग

सुचालक और कुचालक पदार्थों में अंतर स्पष्ट कीजिये

सुचालक (Conductor) कुचालक (Insulator)
1. ऐसे पदार्थ में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित हो जाती है. 1. ऐसे पदार्थों में विद्युत् धारा प्रवाहित नहीं होते हैं.
2. मुक्त इलेक्ट्रान बहुत अधिक होते हैं. 2. मुक्त इलेक्ट्रोनों की संख्या न के बराबर होती हैं.
3. प्रतिरोध बहुत कम होता है. 3. प्रतिरोध बहुत अधिक होता है.
4. ऊष्मा का प्रवाह आसानी से हो जाता है. 4. ऊष्मा का प्रवाह नही होता है.
5. विद्युत क्षेत्र सतह पर होता है किन्तु पदार्थ के अंदर शून्य होता है. 5. विद्युत क्षेत्र कुचालक पदार्थों में मौजूद नहीं रहता है.
6. उदाहरण – तांबा, सोना, एल्युमीनियम, चांदी 6. उदाहरण – रबर, पेपर , कांच, लकड़ी
7. विद्युत् उपकरणों को बनाने में प्रयोग होता है. 7. विद्युतरोधी पदार्थ बनाने में उपयोग होता है.

सारांश – सुचालक और कुचालक पदार्थों की परिभाषा, गुण, अंतर तथा उपयोग

ऊपर के लेख में सुचालक तथा कुचालक पदार्थों की परिभाषा, अंतर, गुण, उपयोग तथा उदाहरण को बताया गया है. अगर किसी विद्यार्थी को इस टॉपिक से सम्बंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकता है.

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कुचालक को अलग-अलग काम के अनुसार और उनके आकार के अनुसार कुछ श्रेणियों में बांटा गया है जिसके बारे में नीचे आपको एक एक करके बताया गया है.

1.ठोस कुचालक :– ऐसे कुचालक जो भारी और कठोर होते हैं वह ठोस कुचालक की श्रेणी में आते हैं जैसे कि कांच , मार्बल , चीनी मिट्टी इत्यादि .
2.नरम कुचालक :– ऐसे कुचालक जो वजन में कुछ हल्के होते हैं ऐसे पदार्थों को नरम कुचालक की श्रेणी में रखा जाता है जैसे कि रबड़, मायका ,PVC इत्यादि.
3.तरल कुचालक :– ऐसे कुचालक जो कि तरल अवस्था में होते हैं उन्हें तरल कुचालक की श्रेणी में रखा जाता है जैसे कि तेल वार्निश इत्यादि.

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कुचालक की विशेषताएं

एक अच्छा कुचालक बनने के लिए उस पदार्थ में कुछ खास विशेषताएं होनी बहुत जरूरी है तभी उसे एक अच्छा कुचालक माना जा सकता है तो एक अच्छे कुचालक में क्या क्या खास बातें होने चाहिए उसके बारे में नीचे आपको बताया गया है.

  1. एक अच्छा कुचालक वाटर प्रूफ और नमी रोधी होना चाहिए. ताकि उस पर किसी प्रकार के वातावरण का प्रभाव ना पड़े.
  2. कुचालक कभी भी ज्वलनशील नहीं होना चाहिए.
  3. कुचालक की प्रतिरोधक क्षमता बहुत ज्यादा होने चाहिए.
  4. कुचालक यांत्रिक तौर पर मजबूत होना चाहिए कुचालक पर किसी प्रकार की रासायनिक क्रिया का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए .
  5. कुचालक आसानी से बाजार में उपलब्ध होने वाला होना चाहिए .

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में इस्तेमाल होने वाले इंसुलेटर

बिजली को रोकने के लिए अक्सर इंसुलेटर का इस्तेमाल किया जाता है चाहे वह किसी भी रुप में हो जैसे कि अगर हमें फर्श पर इंसुलेटर लगाना है तो वहां पर हम रबड़ का मैच बिछा देते हैं. और अगर किसी पोल या टावर पर इंसुलेटर लगाना है तो वह Porcelain से बना होता है तो इसी प्रकार अलग अलग कुचालक का इस्तेमाल करके बिजली से संबंधित काफी सामान बनाया जाता है जिसके बारे में नीचे बताया गया है .

1.अभ्रक (Mica) :– अब तक एक ऐसा पदार्थ है जिसमें कुचालक के सभी गुण होते हैं . यह वाटर प्रूफ होता है और नमी रोधी होता है. यह पदार्थ काफी मोटी मोटी परतों के रूप में पाया जाता है फिर इसको पतली परतों में बदला जाता है. इसका इस्तेमाल बिजली की प्रेस में, वाणर बनाने के लिए और हीटिंग एलिमेंट बनाने के लिए किया जाता है.

2. बैकेलाइट :– बैकेलाइट भी एक अच्छा कुचालक होता है जिसका इस्तेमाल कई बिजली के सामान बनाने के लिए किया जाता है यह पाउडर के रूप में पाया जाता है लेकिन इसे बाद में सांचे में डालकर एक निश्चित आकार दिया जाता है और इसका इस्तेमाल स्विच, सॉकेट, होल्डर इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है.

3. एस्बेस्टस :- यह पदार्थ की बहुत अच्छा कुचालक है. और यह फायर प्रूफ होता है और ऊष्मा रोधी होता है . और इस पर रासायनिक क्रियाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और यह नमी को भी सोख लेता है .इसका इस्तेमाल प्रेस, ओवन ,बिजली की केतली इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है.

4. रबड़ :– शुद्ध रबड़ बहुत ही नर्म होता है इसीलिए इसके अंदर 5% गंधक और अन्य खनिज पदार्थ मिलाकर 150 डिग्री तक गर्म करके बनाया जाता है. रबर पर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन रबड़ पर तेल और ग्रीस प्रभाव पड़ता है. इसमें गंधक मिले होने के कारण तांबे की तारों पर चढ़ाने से पहले इसकी Tinning की जाती है . ताकि गंधक तांबे की तारों को खराब ना कर सके .इसका इस्तेमाल तांबे की तार ऊपर इंसुलेशन के रूप में और दस्ताने बनाने के लिए किया जाता है.

5.कांच :– कांच एक ऐसा कुचालक होता है. जिसके आर पार देखा जा सकता है. और इसकी कुचालक की खास बात यह है कि इस पर नमी, तेल, ग्रीस इत्यादि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता .और ना ही किसी और रासायनिक अभिक्रिया का प्रभाव इस पर पड़ता. और कांच के बारीक रेसे बनाकर इसे तारों के ऊपर इंसुलेशन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. परंतु इसकी यांत्रिक क्षमता बहुत ही कमजोर होती है जिसके कारण ही है बहुत जल्दी और आसानी से टूट जाता है. कांच का इस्तेमाल बल्ब, ट्यूबलाइट, मरकरी लैंप इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है.

6. फाइबर (Fiber) :– फाइबर का इस्तेमाल कई बिजली का सामान बनाने के लिए किया जाता है यह अलग-अलग आकार में और अलग-अलग मोटाई में पाया जाता है.फाइबर को बहुत ही आसानी से काटा जा सकता है. जिससे कि इस को किसी भी प्रकार का रुप दिया जा सकता है. इसका उपयोग बिजली की वायरिंग में पैनल बनाने के लिए किया जाता है.

7.चीनी मिटटी (Porcelain ):– चीनी मिट्टी एक बहुत ही अच्छा सुचालक है जिसे किसी भी आकार में डाला जा सकता है. और यह फायर प्रूफ होता है और इस पर पॉलिश करने के बाद में इस पर पानी का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता.इसका इस्तेमाल किटकैट फ्यूज, इंसुलेटर इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है.

8. पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC) :– इस पदार्थ का पूरा नाम पॉलीविनाइल क्लोराइड है. यह कई पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है और इस पर वातावरण , रसायनिक क्रिया का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता . इसे हर प्रकार क्या कार में बदला जा सकता है इसे पतला, मोटा, नरम किया जा सकता है . लेकिन यह ज्वलनशील है और यह पेट्रोल में घुलनशील भी है .इसका इस्तेमाल फ्लेक्सिबल तारों पर इंसुलेशन के रूप में किया जाता है .और इस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल PVC पाइप बनाने के लिए किया जाता.

9.बिटुमिन (Bitumen) :– यह पदार्थ तारकोल के जैसा होता है और यह रबड़ से काफी सस्ता भी होता है. और गर्म होने पर यह गर्म हो जाता है और कुछ हद तक की है वाटर प्रूफ भी होता है. और इसका इस्तेमाल केवल पर इंसुलेशन के रूप में किया जाता है और वार्निश बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता.

10.काजग (Paper) :– अगर कोई कागज सूखा है तो वह एक प्रकार का कुचालक होता है और कागज को तेल में डुबोकर उसे वाटर प्रूफ भी बनाया जा सकता है. कागज में कुछ और रसायनिक पदार्थ मिलाकर इसे मोटर की वाइंडिंग में इस्तेमाल किया जाता है. और यह काफी लचीला होता है और सस्ता भी.

11.माइकानाईट (Micanite) :-जब मायका को वार्निश द्वारा किसी कागज पर लगाया जाता है तो उसे माइकानाइट कहते हैं . यह पदार्थ गर्म होने पर नरम और ठंडा होने पर कठोर हो जाता है. इसका इस्तेमाल मोटर की वाइंडिंग में लगी तारों को अलग रखने के लिए किया जाता है.

12.रुई तथा रेशम (Cotton And Silk) :– अगर कहीं पर वोल्टेज कम हो वहां पर रूई तथा रेशम एक अच्छे कुचालक का काम करते हैं. इसीलिए इसका इस्तेमाल कम वोल्टेज वाले उपकरण में किया जाता है जैसे कि टेलीफोन की क्वायल को टेपिंग करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.

13.लकड़ी (Wood) :– कागज की तरह हैं सूखी लकड़ी भी एक अच्छे कुचालक का काम करती है इसीलिए लकड़ी का इस्तेमाल करके स्विच बोर्ड बनाए जाते हैं. लेकिन लकड़ी नमी और आग के प्रभाव में बहुत जल्दी आ जाती है. इसे तेल और वार्निश में भिगोने से इसे काफी हद तक बचाया जा सकता है. लेकिन फिर भी इसका इस्तेमाल बहुत से बिजली के उपकरण में किया जाता है.


विद्युत का कुचालक कौन कौन से हैं?

विद्युत के कुचालक या अवरोधक के कुछ सामान्य उदाहरण हैं - रबर, कांच, लकड़ी, पोर्सेलेन, बैकेलाइट आदि।

विद्युत कुचालक का उदाहरण क्या है?

<br> कुचालक -वे पदार्थ जिनमे से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है, कुचालक पदार्थ कहलाते है। <br> उदाहरण- सुखी लकड़ी, प्लास्टिक, कांच, कागज आदि।

विद्युत सुचालक पदार्थ का नाम क्या है?

चाँदी, तांबा, तथा एलुमिनियम विद्युत के सुचालक कहलाते है।