कुछ यूं शुरू हुई छपाई...आज तुम कॉमिक्स पढ़ते हो, किताबें पढ़ते हो, अपना नंदन पढ़ते हो, लेकिन ये सब हाथ से लिखे हुए नहीं होकर छपे हुए होते... Show
Mon, 22 Jul 2013 11:41 AM आज तुम कॉमिक्स पढ़ते हो, किताबें पढ़ते हो, अपना नंदन पढ़ते हो, लेकिन ये सब हाथ से लिखे हुए नहीं होकर छपे हुए होते हैं। जब मुद्रण यानी प्रिंटिंग का आविष्कार नहीं हुआ था, तब सारी पुस्तकें हाथ से ही लिखी जाती थीं। उसमें काफी श्रम तथा समय की जरूरत होती थी। श्रम तथा समय कम लगे इसी कारण मुद्रण कला का आरंभ हुआ। छपाई का सफर भारत का पहला प्रेस भारतीय भाषाओं के टाइप बने इसे सुनेंरोकेंमुद्रण कला का प्रयोग पहली बार चीन में शुरू हुआ, जब 650 ई में भगवान बुद्ध की मूर्ति छापी गई। इतना ही नहीं, चीन की सहस्र् बुद्ध गुफाओं से हीरक सूत्र नामक मिली पुस्तक को ही संसार की पहली मुद्रित पुस्तक माना जाता है। सबसे पहली टाइप मशीन 1041 ई़ में चीन के केपी शैंग ने बनाई थी। इंग्लैंड में मुद्रणकला को पहुंचाने वाला कौन था? इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार, मुद्रण के आविष्कार और विकास का श्रेय चीन को जाता है। यह कला यूरोप में चीन से गई अथवा वहां स्वतंत्र रूप से विकसित हुयी, इसके संदर्भ में कोई अधिकारिक विवरण उपलब्ध नहीं है। भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना कब हुई? इसे सुनेंरोकें1684 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की। लेकिन भारत का पहला समाचार पत्र निकालने का श्रेय भी जेम्स ऑगस्टस हिकी नामक एक अंग्रेज को प्राप्त है, जिसने वर्ष 1780 में ‘बंगाल गजट’ का प्रकाशन किया था। यानी भारत में समाचार पत्रों का इतिहास 232 वर्ष पुराना है। मानव चित्रण में मुद्रा कितनी होती है?इसे सुनेंरोकेंAns – जब मानव चित्रण को सम्मुख मुद्रा में बनाया जाता है तो आयत का अनुपात 2:3 होता है। मुद्रण से क्या अभिप्राय है? इसे सुनेंरोकेंसामान्यत: मुद्रण का अर्थ छपाई से है, जो कागज, कपड़ा, प्लास्टिक, टाट इत्यादि पर हो सकता है। डाकघरों में लिफाफों, पोस्टकार्डों व रजिस्टर्ड चिट्ठियों पर लगने वाली मुहर को भी ‘मुद्रण’ कहते हैं। जॉन गुटेनबर्ग ने मुद्रण कला का अविष्कार कब किया? इसे सुनेंरोकेंयोहानेस गुटेनबर्ग (जर्मन: Johannes Gutenberg, 1398-1468) टाइप के माध्यम से मुद्रण विद्या का आविष्कारक। वेजर्मनी के मेंज के रहने वाले थे।। इन्होनें सन १४३९ में प्रिंटिंग प्रेस की रचना की जिसे एक महान आविष्कार माना जाता है। विश्व में मुद्रण की शुरुआत कब हुई?इसे सुनेंरोकेंसन् १०४१ ई. में चीन के पाई शेंग नामक व्यक्ति ने चीनी मिट्टी की मदद से अक्षरों को तैयार किया। इन अक्षरों को आधुनिक टाइपों का आदि रूप माना जा सकता है। चीन में ही दुनिया का पहला मुद्रण स्थापित हुआ, जिसमें लकड़ी के टाइपों का प्रयोग किया गया था। प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना कब हुई? इसे सुनेंरोकेंभारत का पहला प्रिंटिंग प्रेस 1556 में सेंट पॉल कॉलेज, गोवा में स्थापित किया गया था। 30 अप्रैल 1556 को लोयोला के सेंट इग्नाटियस को लिखे एक पत्र में, फादर गैस्पर कैलेजा ने एबिसिनिया में मिशनरी कार्य को बढ़ावा देने के लिए पुर्तगाल से एबिसिनिया (वर्तमान इथियोपिया) के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस ले जाने वाले जहाज की बात कही। मुद्रण की सर्वप्रथम शुरुआत कहाँ हुई?सन् १०४१ ई. में चीन के पाई शेंग नामक व्यक्ति ने चीनी मिट्टी की मदद से अक्षरों को तैयार किया। इन अक्षरों को आधुनिक टाइपों का आदि रूप माना जा सकता है। चीन में ही दुनिया का पहला मुद्रण स्थापित हुआ, जिसमें लकड़ी के टाइपों का प्रयोग किया गया था।
विश्व में सर्वप्रथम मुद्रण की शुरुआत कहाँ हुई a भारत B जापान C चीन D अमेरिका?विश्व में सर्वप्रथम चीन (China) में मुद्रण (Printing) आरंभ हुआ।
मुद्रण की सबसे पहली तकनीक कहां और कैसे विकसित हुई?मुद्रण की सबसे पहली तकनीक चीन, जापान और कोरिया में विकसित हुई। यह छपाई हाथ से होती थी। तकरीबन 594 ई. से चीन में स्याही लगे काठ के ब्लॉक या तख़्ती पर काग़ज़ को रगड़कर किताबें छापी जाने लगी थीं।
मुद्रण का आविष्कार कब हुआ?मुद्रण का आविष्कार सबसे पहले चीन में: सबसे पहले मुद्रण कला का आविष्कार चीन में हुआ। अक्षरों की छपाई के लिए चीनियों ने लकड़ी के ठप्पे बनाए थे। तांग वंश के शासन काल में (600 ई०) में इस तरह की छपाई शुरू हुई। लकड़ी के ठप्पों से मुद्रित सबसे पुराना ग्रंथ बौद्ध ग्रंथ है।
|