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👉'उपमा अलंकार' क्या है? जब किसी कथन या वाक्य में एक वस्तु की दूसरी वस्तु से समानता या तुलना की जाती है, वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। दो वस्तुओं के रूप, गुण आदि के आधार पर क्षमता या तुलना की जाती है। किसी कथन या पंक्ति में 'उपमा अलंकार' का प्रयोग होने पर उसने 4 तरह के शब्दों का प्रयोग होता है, जिसे हम 'उपमा' के चार अंग मानते हैं।
1. उपमेय- उपमेय शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है- "जिसके लिए उपमा दी जाए"। जिस व्यक्ति या वस्तु की किसी अन्य से समता या तुलना की जाती है उसे 'उपमेय' कहा जाता है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। 2. उपमान- उपमान का शाब्दिक अर्थ है- "जिससे तुलना या समता हो।" जिस प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से समानता बताई जाती है या तुलना की जाती है, उसे उपमेय कहा जाता है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। 3. साधारण धर्म- उपमेय और उपमान में पाया जाने वाला समान गुण साधारण धर्म कहलाता है। 4. वाचक शब्द- वाचक वे शब्द है जो उपमेय और उपमान में पाए जाने वाले गुण की समानता प्रकट करते हैं। जैसे 'सी', 'जैसा', 'सरिस', 'तुल्य' आदि शब्दों से समानता या तुलना की जाती है अतः ऐसे शब्द 'वाचक शब्द' कहलाते हैं। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। अभ्यास- निम्नलिखित उदाहरणों में से उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द छाँटकर तालिका में लिखिए। 1. सीता का मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है। क्र. उपमेय – उपमान – साधारण धर्म – वाचक शब्द 1. सीता ..... चन्द्रमा ....... सुन्दर ............ समान आशा है, उक्त अलंकार के संबंध में जानकारी आपको काफी उपयोगी लगी होगी। RF Temre I hope the above information will be useful and important. Watch video for related information
Watch related information below किसी प्रस्तुत वस्तु की उसके किसी विशेष गुण, क्रिया, स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता स्थापित की जाए तो उपमा अलंकार होगा। हरि पद कोमल कमल से -यहाँ हरि (भगवान) के पैरों को कमल के समान कोमल बताया गया है। उपमा के चार अंग होते हैं 1 उपमेय - काव्य में जिसकी समान गुन धर्म के आधार पर तुलना की जाती है उसे उपमेय कहते है। 2 उपमान - उपमेय की तुलना जिसके वस्तु साथ की जाती है उसे उपमान कहते हैं। 3 साधरण धर्म- उपमेय और उपमान के बीच समान गुणधर्म को साधारण धर्म कहते है। 4 वाचक शब्द - जो शब्द उपमेय और उपमान के बीच समानता को दर्शाते है उन्हें वाचक शब्द कहते है सा, सी, सम, सरिस, जैसा, ज्यो। उपमान का दूसरा नाम क्या होता है?उपमान- उपमान का शाब्दिक अर्थ है- "जिससे तुलना या समता हो।" जिस प्रसिद्ध व्यक्ति या वस्तु से समानता बताई जाती है या तुलना की जाती है, उसे उपमेय कहा जाता है।
अप में और उपमान में क्या अंतर है?उपमा के चार अंग होते हैं 1 उपमेय - काव्य में जिसकी समान गुन धर्म के आधार पर तुलना की जाती है उसे उपमेय कहते है। 2 उपमान - उपमेय की तुलना जिसके वस्तु साथ की जाती है उसे उपमान कहते हैं। 3 साधरण धर्म- उपमेय और उपमान के बीच समान गुणधर्म को साधारण धर्म कहते है।
उपमान से क्या तात्पर्य है?वह वस्तु जिससे उपमा दी जाय । वह जिसके समान कोई दूसरी वस्तु बतलाई जाय । वह जिसके धर्म का आरोप किसी वस्तु में किया जाय । जैसे,—'उसका मुख कमल के समान है' इस वाक्य में 'कमल' उपमान है ।
उपमा कितने प्रकार के होते हैं?उपमा अलंकार के प्रकार. उपमा अलंकार के चार अंग है:- ... . उपमाअलंकार दो प्रकार के होते हैं:-. 1)- पुणोर्पमाअलंकार-जहाँ उपमा अलंकार के चारों अंग विधमान होते हैं, वहाँ पुणोर्पमा अलंकार होता है।. 2)- लुप्तोपमाअलंकार- जहाँ उपमेय, उपमान, वाचक और साधारण धर्म में से कोई एक भी लुप्त हो जाय, वहाँ लुप्तोपमा अलंकार होता है।. |