वनों से क्या लाभ प्राप्त होते हैं? - vanon se kya laabh praapt hote hain?

लकड़ी एक महत्वपूर्ण ईंधन है। वनों से हमें सागौन, साल, शीशम, चीड़, देवदार, आबनूस और चंदन आदि लकड़ियां मिलती है। लकड़ीयों से फर्नीचर भी बनाया जाता है।


2.जानवरों के लिए चारागाह

वन क्षेत्र एक उत्तम चारागाह स्थल है। वनों से जानवरों को खाने के लिए घास व पत्तियां मिलती है।


3.रोज़गार प्रप्ति

वनों से करोड़ों व्यक्तियों का रोज़गार जुड़ा हुआ है। वनों से प्राप्त लकड़ीयों और कुछ खास किस्म की लकड़ियों का क्रय-विक्रय करने से लोगों को रोजगार प्राप्ति होती है।


4.लघु उद्योगों में सहायक

वन लघु उद्योगों में काफी सहायक सिद्ध हुए हैं। वनों के कारण ही आज ना ना प्रकार के लघु उद्योगों में वृद्धि हुई है।


5.विदेशी मुद्रा की प्राप्ति

वनों से प्राप्त लाख, तारपीन का तेल, चंदन का तेल और लकड़ीयों से बनी कलात्मक वस्तुओं का निर्यात करने से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।


वनों से होने वालेे अप्रत्यक्ष लाभ


1.वर्षा में सहायक

वनों के वृक्ष बादलों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिससे वर्षा होने के अवसर बढ़ जाते हैं।


2.प्रदूषण रोकने में सहायक

वन भूमि को बंजर होने से रोकते हैं और प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं। वनों के विकास के लिए सरकार ने 1950 में वन-महोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया, परन्तु प्रेरणा के आभाव में यह मंद पड़ गया। सरकार ने वनों की कटाई पर रोक लगा दी, परन्तु हिमालय के क्षेत्रों में आज भी कटाई जारी है।

3.भूमि को उर्वरता में सहायक

वनों के वृक्षों के कारण ही बाढ़ आने की स्थिति में मिट्टी की ऊपरी सतह नहीं बह पाती। अर्थात् मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कोई कमी नहीं आती है और मिट्टी उपजाऊ बानी रहती है।


4.रोग मुक्ति में सहायक

वन बहुत हद तक रोग मुक्ति में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। वनों से तरह-तरह की प्राकृतिक औषधियाँ मिलती है, जिसके सेवन से जटिल से जटिल रोगों का इलाज किया जा सकता है।


5.बाढ़ नियंत्रण में सहायक

वनों के वृक्ष अचानक आयी हुई बाढ़ और सुनामी को नियंत्रित करते हैं। वृक्ष बाढ़ के वेग को कम कर देते हैं जिससे बाढ़ से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है।

मानव जीवन के लिए एक वन बहुत महत्वपूर्ण है। इनसे अनेक लाभ है, जैसे यह वन्य जीवन को सुरक्षित रखते हैं बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। वन जल के वाष्पीकरण में तथा सूखे को रोकने में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।वन नदियों के जल के बहाव को नियमित करते हैं। वन जल और मिट्टी की भी रक्षा करते हैं वन मृदा अपरदन को रोकने में सहायक होते हैं।वन के महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं।

वनों से क्या लाभ प्राप्त होते हैं? - vanon se kya laabh praapt hote hain?

वनों से होने वाले मुख्य लाभों का उल्लेख कीजिए।

शहरीकरण एवं जनसंख्या में वृद्धि, पर्यावरणीय संरक्षण की जागरुकता में कमी, अनियंत्रित पशुचारण, स्लश या बर्न विधि से खेती (झूम कृषि), वनों में आग लगना, ईंधन हेतु व्यापक कटाई, बाँध एवं सड़क निर्माण, सैलानियों का दबाव, वन-विभाग, ठेकेदार एवं वन-माफियाओं का कहर, सरकार की

Table of Contents

  • वनों से होने वाले प्रत्यक्ष लाभ
  • 1.लकड़ी की प्राप्ति
  • 2.जानवरों के लिए चारागाह
  • 3.रोज़गार प्रप्ति
  • 4.लघु उद्योगों में सहायक
  • 5.विदेशी मुद्रा की प्राप्ति
  • वनों से होने वालेे अप्रत्यक्ष लाभ
  • 1.वर्षा में सहायक
  • 2.प्रदूषण रोकने में सहायक
  • 3.भूमि को उर्वरता में सहायक
  • 4.रोग मुक्ति में सहायक
  • 5.बाढ़ नियंत्रण में सहायक
  • 6.प्रकृति के संतुलन में सहायक

दोषपूर्ण वन-नीति, ईंट-भट्ठा उद्योग द्वारा निकला प्रदूषण/कार्बन, भू-स्खलन, प्राकृतिक आपदा भूकम्प, आँधी, तेज हवायें, कीड़ों, दीमकों एवं बीमारियों का प्रकोप, व्यापारिक फसलों के लिये वन क्षेत्रों का सफाया, वन उत्पादों का उद्योगों में व्यापक उपयोग, अंधाधुंध वनों का कटाव और वनों का दोहन, यथा चीड़ से लीसा निकालना।

वनों से क्या लाभ प्राप्त होते हैं? - vanon se kya laabh praapt hote hain?

वनों से होने वाले प्रत्यक्ष लाभ

1.लकड़ी की प्राप्ति

लकड़ी एक महत्वपूर्ण ईंधन है। वनों से हमें सागौन, साल, शीशम, चीड़, देवदार, आबनूस और चंदन आदि लकड़ियां मिलती है। लकड़ीयों से फर्नीचर भी बनाया जाता है।

2.जानवरों के लिए चारागाह

वन क्षेत्र एक उत्तम चारागाह स्थल है। वनों से जानवरों को खाने के लिए घास व पत्तियां मिलती है।

इन्हें भी पढ़ें:- लोकतंत्र में विविधता-

3.रोज़गार प्रप्ति

वनों से करोड़ों व्यक्तियों का रोज़गार जुड़ा हुआ है। वनों से प्राप्त लकड़ीयों और कुछ खास किस्म की लकड़ियों का क्रय-विक्रय करने से लोगों को रोजगार प्राप्ति होती है।

4.लघु उद्योगों में सहायक

वन लघु उद्योगों में काफी सहायक सिद्ध हुए हैं। वनों के कारण ही आज ना ना प्रकार के लघु उद्योगों में वृद्धि हुई है।

5.विदेशी मुद्रा की प्राप्ति

वनों से प्राप्त लाख, तारपीन का तेल, चंदन का तेल और लकड़ीयों से बनी कलात्मक वस्तुओं का निर्यात करने से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।

वनों से होने वालेे अप्रत्यक्ष लाभ

1.वर्षा में सहायक

वनों के वृक्ष बादलों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिससे वर्षा होने के अवसर बढ़ जाते हैं।

इन्हें भी पढ़ें:- हिमालय के तीन प्रमुख प्रवाह तंत्र बताइए।

2.प्रदूषण रोकने में सहायक

वन भूमि को बंजर होने से रोकते हैं और प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं। वनों के विकास के लिए सरकार ने 1950 में वन-महोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया, परन्तु प्रेरणा के आभाव में यह मंद पड़ गया। सरकार ने वनों की कटाई पर रोक लगा दी, परन्तु हिमालय के क्षेत्रों में आज भी कटाई जारी है।

3.भूमि को उर्वरता में सहायक

वनों के वृक्षों के कारण ही बाढ़ आने की स्थिति में मिट्टी की ऊपरी सतह नहीं बह पाती। अर्थात् मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कोई कमी नहीं आती है और मिट्टी उपजाऊ बानी रहती है।

4.रोग मुक्ति में सहायक

वन बहुत हद तक रोग मुक्ति में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। वनों से तरह-तरह की प्राकृतिक औषधियाँ मिलती है, जिसके सेवन से जटिल से जटिल रोगों का इलाज किया जा सकता है।

5.बाढ़ नियंत्रण में सहायक

वनों के वृक्ष अचानक आयी हुई बाढ़ और सुनामी को नियंत्रित करते हैं। वृक्ष बाढ़ के वेग को कम कर देते हैं जिससे बाढ़ से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है।

इन्हें भी पढ़ें:- रक्त और लसीका में अंतर।

6.प्रकृति के संतुलन में सहायक

जहाँ वन प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं वहीँ ये मानव जीवन का संरक्षण करने में भी मददगार हैं। वर्षा समय पर हो, मिट्टी का कटाव रोका जा सके, प्रदूषण की मात्रा घटे, बाढ़ न आए, अकाल न पड़े आदि मुसीबतों से भी वन हमें बचाते हैं। हमारी जरूरतों को पूरा करते हैं। लकड़ी, कागज़, फर्नीचर, दवाइयाँ सभी के लिए हम वनों पर निर्भर हैं।