हिन्दी भाषा का शब्द ‘व्यष्टि अर्थशास्त्र‘ अगेंज्री भाषा के शब्द माइक्रो (Micro), ग्रीक भाषा के शब्द ‘माइक्रोस’ (Micros) का हिन्दी रूपान्तरण है। व्यष्टि से अभिप्राय है- अत्यतं छोटी इकाई अथार्त् व्यष्टि अर्थशास्त्र का संबंध अध्ययन की सबसे छोटी इकाई से है। इस प्रकार, व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत वयैक्तिक इकाइयों जैसे- व्यक्ति, परिवार, उत्पादक फर्मे उद्योग आदि का अध्ययन किया जाता है। Show
व्यष्टि अर्थशास्त्र की इस रीति का प्रयोग किसी विशिष्ट वस्तु की कीमत निर्धारण, व्यक्तिगत उपभोक्ताओं तथा उत्पादकों के व्यवहार एवं आर्थिक नियोजन, व्यक्तिगत फर्म तथा उद्योग के संगठन आदि तथ्यों के अध्ययन हेतु किया जाता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र की परिभाषाप्रो. बोल्डिंग के अनुसार- “व्यष्टि अर्थशास्त्र विशिष्ट फर्मे विशिष्ट परिवारों वैयक्तिक कीमतों मजदूरियों आयो विशिष्ट उद्योगों और विशिष्ट वस्तुओं का अध्ययन है।“ प्रो. चेम्बरलिन के शब्दों में- “व्यष्टि अर्थशास्त्र पूर्णरूप से व्यक्तिगत व्याख्या पर आधारित है और इसका संबंध अन्तर वैयक्तिक संबंधों से भी होता है।” बोल्डिंग के अनुसार, ‘‘इसमें विशेष फर्मों, विशेष परिवारों, व्यक्तिगत कीमतों, मजदूरी, आय, व्यक्तिगत उद्यमों तथा विशेष वस्तुओं का अध्ययन’’ शामिल है। कीमत निर्धारण के विश्लेषण तथा विशिष्ट प्रयोगों में संसाधनों के आवंटन से यह अपना संबंध रखता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्रों में से कुछ ये हैं - फर्म या उद्योग के संतुलन उत्पादन का निर्धारण, एक विशिष्ट प्रकार के श्रम की मजदूरी दर, तथा चावल, चाय या कार जैसी किसी विशिष्ट वस्तु की कीमत का निर्धारण। ऐक्ले के अनुसार, ‘‘व्यष्टि अर्थशास्त्र उद्योगों, वस्तुओं और फर्मों में कुल उत्पादन के वितरण एवं प्रतियोगी ग्रुपों के बीच संसाधनों के आवंटन से संबंध रखता है। इसकी रुचि विशेष वस्तुओं तथा सेवाओं की सापेक्षित कीमतों से है।’’ व्यष्टि अर्थशास्त्र के प्रकार1. व्यष्टि स्थैतिकी- व्यष्टि स्थैतिकी विश्लेषण में किसी दी हुई समयावधि में संतुलन की विभिन्न सूक्ष्म मात्राओं के पारस्परिक संबंधों की व्याख्या की जाती है। इस विश्लेषण में यह मान लिया जाता है कि संतुलन की स्थिति एक निश्चित समय बिन्दु से संबंधित होती है आरै उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है।
व्यष्टि अर्थशास्त्र की विशेषताएं1. वैयैक्तिक इकाइयों का अध्ययन- व्यष्टि अर्थशास्त्र की पहली विशेषता यह है कि यह वयैक्तिक इकाइयों का अध्ययन करती है। व्यष्टि अर्थशास्त्र वैयक्तिक आय, वैयक्तिक उत्पादन एवं वैयक्तिक उपभागे आदि की व्याख्या करने में सहायता करता है। यह प्रणाली अपना संबंध समूहों से न रखकर व्यक्तिगत इकाइयों से रखती है। इस प्रकार व्यष्टि अर्थशास्त्र वैयक्तिक समस्याओं का अध्ययन करते हुए समस्त अर्थव्यवस्था के विश्लेषण में सहायता प्रदान करता है।
व्यष्टिगत अर्थशास्त्र का विषय क्षेत्रजैसा की आप जानते है कि उत्पादन, उपभोग और निवेश अर्थव्यवस्था की प्रमुख प्रक्रियाएं है। और ये परस्पर संबंधित हैं। सभी आर्थिक क्रियाएं इन प्रक्रियाओं से जुड़ी हुई है। वे सभी जो इन क्रियाओं के करने में लगे हुए है। उन्है। आर्थिक एजेंट या आर्थिक इकाइयां कहते है। ये आर्थिक एजेंट या इकाइयां उपभोक्ता और उत्पादन के साधनों के स्वामी है। आर्थिक एजेंटों के एक समूह की आर्थिक क्रियाएं अन्य समूहों को प्रभावित करती हैं और इनकी पारस्परिक क्रियाएं बहुत से आर्थिक चरों जैसे कि वस्तु की कीमत, उत्पादन के साधनों की कीमत, उपभोक्ताओं और उत्पादकों की संख्या आदि को प्रभावित करती है।इन इकाइयों के आर्थिक व्यवहार का अध्ययन व्यष्टिगत अर्थशास्त्र की विषय वस्तु है। व्यक्ति या परिवार अपनी आय को वैकल्पिक उपयोगों में कैसे आबंटित करते है। ? उत्पादक या फर्म अपने ससाधनों को विभिन्न वस्तुओं आरै सेवाओं के उत्पादन में कैसे आबंटित करते हैं ? वस्तु की कीमत कैसे निधार्िरत हातेी है ? व्यष्टि अर्थशास्त्र का महत्व व्यष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक विश्लेषण की एक महत्त्वपूर्ण विधि है जिसे केन्ज ने मनुष्य के विचार के उपकरण का आवश्यक भाग माना है। इसके सैद्धतिक तथा व्यावहारिक दोनों ही महत्व हैं। 1. अर्थव्यवस्था के कार्यकरण को समझना -व्यष्टि अर्थशास्त्र एक मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के कार्यकरण के समझने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। ऐसी अर्थव्यवस्था में आर्थिक प्रणाली का नियोजन और समन्वय करने के लिए कोई भी संस्था नहीं होती है। ऐसे निर्णय कि उत्पादन वैफसे किया जाए, क्या उत्पादित किया जाये, किसके लिए उत्पादन किया जाये, कैसे वितरण किया जाये और क्या उपभोग किया जाये, सभी बिना किसी बाह्य शक्ति के उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं द्वारा लिए जाते हैं। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि एक केद्रीय आयोजित अर्थव्यवस्था में आयोजन प्राधिकारी एक मुक्त उद्यम अर्थव्यवस्था के अभाव में अर्थव्यवस्था के कुशल कार्यकरण को नोट प्राप्त नहीं कर सकते। जैसा कि लरनर ने कहा है, ‘‘व्यष्टि अर्थशास्त्र हमें यह सिखाता है कि अर्थव्यवस्था का पूर्णरूपेण ‘‘सीधा’’ कार्यकरण असंभव है-आधुनिक अर्थव्यवस्था इतनी जटिल है कि कोई भी केद्रीय आयोजन संस्था सारी सूचना प्राप्त नहीं कर सकती और इसके कुशल कार्यकरण के लिए सभी आवश्यक निर्देश नहीं दे सकती।’’ लरनर इसको अधिक स्पष्ट करते हुए कहता है, ‘‘व्यष्टि अर्थशास्त्र यह समझने की सुविधा देता है कि बुरी तरह से जटिल अस्त-व्यस्त तथ्यों के लिए व्यवहार के माॅडल बनाकर जो काफी हद तक वास्तविक घटनाओं के समान होते हैं। उनके समझने में सहायक होगा। इसी समय ये माॅडल अर्थशास्त्रियों को उच्च कोटि तक व्याख्या करने की सामर्थ्य देते हैं जहाँ तक कि वास्तविक घटनाएँ निश्चित आदर्श रचनाओं में विकसित होती हैं, जो पूर्णतया व्यक्तिगत और सामाजिक उद्देश्यों को पूर्ण करेंगे। इसी प्रकार वे केवल वास्तविक आर्थिक स्थिति का ही वर्णन करने में सहायक नहीं होते, परंतु नीतियाँ भी सुझाती हैं जो कि बहुत सफलता एवं बहुत दक्षता के साथ इच्छित परिणामों को लायेंगी और ऐसी नीतियाँ एवं अन्य घटनाओं के परिणामों की भी भविष्यवाणी करेंगी।’’ इस प्रकार, यह समस्या सुलझाने की एक बढि़या विधि है। व्यष्टि सूक्ष्म अर्थशास्त्र की क्या विशेषताएँ हैं?व्यष्टि अर्थशास्त्र मे एक इकाई का रूप इतना छोटा होता है कि इसके द्वारा किये गये परिवर्तन का सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था पर कोई विशेष प्रभाव नही पड़ता है। व्यष्टि अर्थशास्त्र को कीमत या मूल्य का सिद्धांत भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत मांग एवं पूर्ति द्वारा विभिन्न वस्तुओं के व्यक्तिगत मूल्य निर्धारित किये जाते है।
व्यष्टि अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है?व्यष्टि का अर्थ है - छोटा, सूक्ष्म । अतः जब अध्ययन अथवा समस्या एक इकाई या अर्थव्यवस्था के एक भाग से संबंधित होती है तो इस अध्ययन विषय को व्यष्टि अर्थशास्त्र कहा जाता है ।
अर्थशास्त्र की क्या विशेषताएं हैं?अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। 'अर्थशास्त्र' शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - 'धन का अध्ययन'।
व्यष्टि अर्थशास्त्र की शाखाएं कौन सी है?प्रो. चेम्बरलिन के शब्दों में- “व्यष्टि अर्थशास्त्र पूर्णरूप से व्यक्तिगत व्याख्या पर आधारित है और इसका संबंध अन्तर वैयक्तिक संबंधों से भी होता है।” बोल्डिंग के अनुसार, ''इसमें विशेष फर्मों, विशेष परिवारों, व्यक्तिगत कीमतों, मजदूरी, आय, व्यक्तिगत उद्यमों तथा विशेष वस्तुओं का अध्ययन'' शामिल है।
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