सब्सक्राइब करे youtube चैनल Be का असंगत व्यवहार तथा Al के साथ विकर्ण सम्बन्ध : क्षारीय मृदा धातुओं का प्रथम सदस्य Be अपने वर्ग की अन्य धातुओं से भिन्न गुण प्रदर्शित करता है। इसके निम्नलिखित कारण है – Be अपने वर्ग की अन्य धातुओं से भिन्नता प्रदर्शित करता है जबकि विकर्ण स्थिति पर स्थित Al से निम्न गुणों में समानता प्रदर्शित करता है। 1. बेरेलियम (Be) में परमाणु आकार
छोटा तथा आवेश घनत्व अधिक होने के कारण सहसंयोजक बंध बनाने की प्रबल प्रवृति होती है इसलिए इसके यौगिको के गलनांक बहुत कम होते है। Al (एल्युमिनियम) हैलाइड की तरह Be के सभी हैलाइड कार्बनिक विलायको में घुलनशील होते है तथा आसानी से जल अपघटित हो जाते है , जबकि वर्ग II की अन्य धातुएं सामान्यतया आयनिक यौगिक बनाते है। 2. BaCl2 व AlCl3 दोनों
ही प्रबल लुईस अम्ल की तरह व्यवहार करते है। 3. BeH2 , AlH3 के समान इलेक्ट्रॉन न्यून तथा बहुलकी होता है एवं बहुकेंद्री सेतु बंध बनाता है जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातु ये गुण नहीं दर्शाते है। 4. BeCl2 व AlCl3 दोनों ही वाष्प अवस्था में द्विलकी सेतु क्लोराइड संरचना बनाते है। 5. समान ध्रुवण क्षमता होने के कारण Be व Al कई संकुल बनाते है जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातु इस प्रकार के संकुल नहीं बनाते है। 6. Be के ऑक्साइड तथा हाइड्रोक्साइड Al के समान स्वभाव से उभयधर्मी होते है। BeO + 2HCl → BeCl2 + H2O BeO + 2NaOH → Na2BeO2 + H2O Al2O3 + 6HCl → 2AlCl3 + 3H2O Al2O3 + 2NaOH → 2NaAlO2 + H2O जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातु ऑक्साइड क्षारीय होते है। 7. Be (बेरेलियम) के लवण Al (एल्यूमिनियम) की तरह आसानी से जल अपघटित हो जाते है तथा जलीय विलयन में हाईड्रेड बनाते है। 8. Be के कार्बाइड सहसंयोजक होते है जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुओं के कार्बाइड आयनिक होते है। Be कार्बाइड Al कार्बाइड के समान जल क्रिया करके मैथैन गैस देता है। Be2C + 2H2O → 2Be(OH)2 + CH4 Al4C3 + 12H2O → 4Al(OH)3 + 3CH4 जबकि अन्य क्षारीय मृदा कार्बाइड जल से क्रिया करके एसिटीलिन गैस देते है। CaC2 + 2H2O → Ca(OH)2 + HC≡CH उपयोग :
Ca (कैल्सियम) के मुख्य यौगिक1. कैल्शियम ऑक्साइड (CaO) : CaO को बिना बुझा हुआ चूना भी कहते है। जब CaCO3 (चूने का पत्थर) को 1070-1270 K ताप पर गर्म किया जाता है तो CaO प्राप्त होता है। CaCO3→ CaO + CO2 यह अभिक्रिया उत्क्रमणीय होती है अत: कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) को अभिक्रिया हटाते जाते है। अभिक्रिया का ताप 1270K से अधिक नहीं होना चाहिए क्योंकि चूने के पत्थर में अशुद्धि के रूप में सिलिका (SiO2) उपस्थित होता है तथा यह सिलिका , CaO से क्रिया करके CaSiO3 बनाता है। CaO + SiO2→ CaSiO3 गुण :
CaO + H2O → Ca(OH)2 CaO + CO2 → CaCO3
CaO + H2O → Ca(OH)2
CaO + 2HCl → CaCl2 + H2O CaO + SiO2 → CaSiO3 CaO + SO2 → CaSO3 CaO + P4O10 → 2Ca3(PO4)3
CaO + 2NH4Cl → CaCl2 + 2NH3 + H2O
CaO + 3C → CaC2 + CO उपयोग :
2. कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3)CaCO3 को लाइम स्टोन भी कहते है , यह प्रकृति में चोक , संगमरमर ,
डोलोमाईट के रूप में पाया जाता है। CaCO3 + MgCO3 के मिश्रण को डोलोमाइट कहते है।
CaCO3 → CaO + CO2
CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + H2O +CO2 CaCO3 + H2SO4 → CaSO4 + H2O + CO2 उपयोग :
tags in English : calcium carbonate in hindi ? विकर्ण संबंध क्या है Li और MG के बीच मुख्य समानता देने वाले विकर्ण संबंधों पर चर्चा करें?It is due to same charge density, e.g. `Li` resembles `Mg`. Step by step solution by experts to help you in doubt clearance & scoring excellent marks in exams. Why does Li and Mg exhibit diagonal relationship? Li, Mg के साथ विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करता है।
विकर्ण संबंध से आप क्या समझते हैं?एक बिंदु p को एक वृत्त के भीतरी भाग से यादृच्छिक रूप से चयन किया जाता है, तो वह, प्रायिकता क्या होगी जिससे यह वस्तुतः वृत्त की परिसीमा के नजदीक होने की बजाय वृत्त के केंद्र से अधिक नजदीक होगा। एक रेखा x- अक्ष से `120^@` तथा y-अक्ष से `60^@` का कोण बनाती है, तो रेखा द्वारा z-अक्ष से बना कोण ज्ञात कीजिए।
विकर्ण संबंध क्या होता है byl का उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए?Explanation: लघु आवर्त में द्वितीय आवर्त के तत्व तृतीय आवर्त के अगले समूह के तत्व से गुणों में समानता प्रदर्शित करते हैं, इसे विकर्ण सम्बन्ध कहते हैं। उदाहरण- Li, Mg से तथा Be, Al से विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करता है।
आवर्त सारणी में विकर्ण संबंध क्या है?एक विकर्ण संबंध आवर्त सारणी के दूसरे और तीसरे आवर्त (पहले 20 तत्वों ) में तिरछे आसन्न तत्वों के कुछ जोड़े के बीच मौजूद है । ये जोड़े हैं ( लिथियम (Li) और मैग्नीशियम ( Mg ), बेरिलियम (Be) और एल्यूमीनियम (Al), बोरॉन (B) और सिलिकॉन (Si)।
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