In this article, we will share MP Board Class 11th Chemistry Solutions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books. Show
तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता NCERT अभ्यास प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
उत्तर:
प्रश्न 8. प्रश्न 9. आयनिक त्रिज्या: प्रश्न 10. प्रश्न 11.
उत्तर:
प्रश्न 12.
उत्तर:
Al3+ < Mg2+ < Na+ < F– < O2- < N3- प्रश्न 13. प्रश्न 14. X(g) → X(g)+ + e– वह बल जिससे इलेक्ट्रॉन नाभिक के प्रति आकर्षित होता है, अणु में उपस्थित अन्य परमाणुओं अथवा पड़ोस में स्थित अन्य परमाणुओं से भी प्रभावित होता है। अतः आयनन एन्थैल्पी सदैव गैसीय अवस्था में ज्ञात की जाती है क्योंकि गैसीय अवस्था में अन्तराण्विक स्थान अधिकतम होता है तथा अन्तराण्विक आकर्षण बल न्यूनतम होता है। पुनः आयनन एन्थैल्पी कम दाब पर मापी जाती है, क्योंकि मात्र एक परमाणु को विलगित करना संभव नहीं है परन्तु दाब कम करके अन्तराण्विक आकर्षण बल को कम किया जा सकता है। इनके कारण ही आयनन एन्थैल्पी की परिभाषा में, आद्य अवस्था में विलगित गैसीय परमाणु पद जोड़ा गया है। इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी यह आद्य अवस्था में किसी विलगित गैसीय परमाणु (X) द्वारा एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर एनायन (X) बनाने में निर्मुक्त ऊर्जा की मात्रा है। X(g) + e– → X(g)– परमाणु की सबसे स्थायी अवस्था आद्य अवस्था होती है। यदि विलगित गैसीय परमाणु उत्तेजित अवस्था में हो तो एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने पर तुलनात्मक रूप से कम ऊर्जा निर्मुक्त होगी। अतः गैसीय परमाणुओं की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी सदैव आद्य अवस्था में मापी जाती है। अतः ‘आद्य अवस्था’ तथा ‘विलगित गैसीय अणु’ इलेक्ट्रॉन लब्धि एंन्थैल्पी की परिभाषा में अवश्य सम्मिलित किए जाने चाहिए। प्रश्न 15. प्रश्न 16.
उत्तर: 2. O की आयनन एन्थैल्पी (∆iH) का मान N और F से कम होगा चूँकि किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर परमाणु आकार में कमी होने के साथ-साथ आयनन एन्थैल्पी का मान बढ़ता है। O की ∆iH, F से कम होगी किन्तु 7N = 1s22s22p3 में p – कक्षक पूर्णतया अर्धपूरित रहता है और अतिरिक्त स्थायित्व दर्शाता है। अतः O की ∆iH, N से भी कम होती है। प्रश्न 17. प्रश्न 18. 1. समूह में ऊपर से नीचे जाने पर मुख्य क्वाण्टम संख्या n का मान (कक्षों की संख्या) बढ़ने के कारण परमाणु का आकार बढ़ता है। अतः संयोजी इलेक्ट्रॉनों पर नाभिक का आकर्षण कम होता है, जिससे इलेक्ट्रॉन मुक्त करने के लिए क्रमशः कम ऊर्जा की आवश्यकता होगी और आयनन एन्थैल्पी का मान कम होता जाता है। 2. समूह में नीचे जाने पर संयोजी इलेक्ट्रॉनों पर परिरक्षण प्रभाव बढ़ता है, जिससे भी आयनन एन्थैल्पी में कमी आती है। प्रश्न 19. सामान्य से इस विचलन की प्रवृत्ति की व्याख्या आप किस प्रकार करेंगे? उत्तर: Ga एवं TI की प्रथम आयनन एन्थैल्पी (∆iH) का मान असामान्य रूप से क्रमशः Al एवं In से ज्यादा होता है, क्योंकि Ga के 3d – कक्षक के संयोजी इलेक्ट्रॉन एवं T के 4f – कक्षक के इलेक्ट्रॉनों पर 5 एवं pकक्षकों के इलेक्ट्रॉनों की तुलना में कम परिरक्षण प्रभाव होता है। अतः इनकी ∆iH कुछ ज्यादा होती है। प्रश्न 20.
उत्तर: 1. ऑक्सीजन तथा फ्लुओरीन दोनों द्वितीय आवर्त में स्थित है। किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर, इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान सामान्यतः अधिक ऋणात्मक होता जाता है। ऑक्सीजन से फ्लुओरीन की ओर जाने पर, परमाणु संख्या में वृद्धि के साथ-साथ प्रभावी नाभिकीय आवेश का मान बढ़ता है
तथा परमाणु का आकार घटता है, इसके कारण आने वाले इलेक्ट्रॉन के लिए, नाभिक के प्रति आकर्षण बल बढ़ता है। यही कारण है कि फ्लुओरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी, ऑक्सीजन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी की अपेक्षा अधिक होती है। पुनः एक फ्लुओरीन इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके स्थायी विन्यास प्राप्त कर लेता है। अतः फ्लुओरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी (-328 kJ mol-1), ऑक्सीजन (-141 kJ mol-1) से बहुत अधिक ऋणात्मक होती है। 2. किसी वर्ग में नीचे की ओर जाने पर, इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी की ऋणात्मकता क्रमशः घटती जाती है। परन्तु क्लोरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी (-349 kJ mol-1), फ्लुओरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी (-328 kJ mol-1) की अपेक्षा अधिक ऋणात्मक होती है। यह फ्लुओरीन के छोटे आकार के कारण होता है। 3p कक्षक (Cl) की अपेक्षा 2p कक्षक (F) में इलेक्ट्रॉन-इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षण अधिक होता है। अतः बाहर से आने वाला इलेक्ट्रॉन क्लोरीन की अपेक्षा फ्लुओरीन में अधिक प्रतिकर्षण अनुभव करता है। इसी कारण फ्लुओरीन की तुलना में क्लोरीन की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी अधिक ऋणात्मक होती है। प्रश्न 21. O(g) + e (g)– → O(g)– ∆egH1 = -141 kJ mol-1 Or(g)– + e(g)2- → O(g)2-, ∆egH2 = +780 kJ mol-1 प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24.
उत्तर:
प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27.
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प्रश्न 28. प्रश्न
29.
प्रश्न 30. (i) ns2np4 जिसके लिए n = 3 है। उत्तर: प्रश्न 31. ऊपर दिए गए तत्वों में से कौन-सी –
उत्तर: 2. सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु तत्व II है क्योंकि इसकी प्रथम आयनन एन्थैल्पी न्यूनतम तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी कम ऋणात्मक है। 3. सबसे अधिक अभिक्रियाशील अधातु तत्व III है क्योंकि इसकी प्रथम आयनन एन्थैल्पी उच्च है तथा इलेक्ट्रॉन लब्धि अधिक ऋणात्मक है। 4. सबसे कम अभिक्रियाशील अधातु तत्व IV है क्योंकि इसकी प्रथम आयनन एन्थैल्पी कम है किन्तु इलेक्ट्रॉन लब्धि अधिक ऋणात्मक है। 5. ऐसी धातु जो स्थायी द्विअंगी हैलाइड (सूत्र MX,) बनाने वाली धातु तत्व VI होगी जो कि एक क्षारीय मृदा धातु होगी जिसकी प्रथम एवं द्वितीय आयनन एन्थैल्पी के मान में ज्यादा अंतर नहीं है। 6. ऐसी धातु जो MX सूत्र वाले स्थायी सहसंयोजी हैलाइड बनाती है तत्व I होगी जो कि एक क्षारीय धातु होगी, जिसकी प्रथम आयनन एन्थैल्पी कम तथा द्वितीय आयनन एन्थैल्पी उच्च होती है। साथ ही इसकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी कम ऋणात्मक होती है। यह तत्व Li जैसा होगा। प्रश्न 32.
उत्तर:
प्रश्न 33. प्रश्न 34. प्रश्न 35. प्रश्न 36. प्रश्न 37. प्रश्न 38. प्रश्न 39. प्रश्न 40. तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नतत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 2.
उत्तर:
प्रश्न 3. उत्तर:
प्रश्न 4.
उत्तर:
तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. आधुनिक आवर्त सारणी:
मेण्डलीफ आवर्त सारणी:
प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न
20. प्रश्न 21. प्रश्न 22.
आयनिक त्रिज्या
प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. Mg+2 आयन का आकार O-2 से छोटा
होता है, जबकि दोनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है। समझाइये। प्रश्न
28. प्रश्न 29. तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. 1. इसके बाह्यतम कोश की इलेक्ट्रॉनिक संरचना 3523p है अतः यह p ब्लॉक का तत्व है। 2. समूह: 3. उपसमूह: 4. आवर्त: प्रश्न 5. आवर्त: प्रश्न 6. प्रश्न 7.
उत्तर: 1. Cl और F में क्लोरीन की आयनन ऊर्जा कम है क्योंकि Cl का आकार F से बड़ा है। 2. Cl और S में S की आयनन ऊर्जा कम है क्योंकि दोनों में कोशों की संख्या समान है लेकिन S में क्लोरीन की तुलना में नाभिकीय आवेश कम है इसलिये S का आकार CI से बड़ा है। 3. K तथा Ar में K की आयनन ऊर्जा कम है। पोटैशियम के संयोजी कोश में 1 इलेक्ट्रॉन है जिसे वह सरलता से दान कर K+ आयन बना सकता है जबकि Ar में अष्टक पूर्ण होने की वजह से स्थायी है तथा इलेक्ट्रॉन निकालने के लिये ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 4. Kr तथा Xe में Xe की आयनन ऊर्जा कम है क्योंकि Xe का आकार Kr से बड़ा है। प्रश्न 8. 1. सक्रिय गैस: 2. प्रतिनिधि तत्व:
3. संक्रमण तत्व: 4. अंतर संक्रमण तत्व: प्रश्न 9.
प्रश्न 10. p ब्लॉक तत्वों के सामान्य गुण:
प्रश्न 11.
अतः यह तत्व 2A समूह में चौथे आवर्त में स्थित है। प्रश्न 12. इलेक्ट्रॉन बंधुता: अंतर: आवर्तिता: प्रश्न 13. 1. तत्वों के अध्ययन में सहायक: 2. नये तत्वों की खोज में सहायक: 3. अनेक तत्वों के परमाणु द्रव्यमान ज्ञात करने में: परमाणु द्रव्यमान = तुल्यांकी द्रव्यमान x संयोजकता 4. अनुसंधान में सहायक: प्रश्न 14. संक्रमण तत्वों के सामान्य गुण:
प्रश्न 15. लैन्थेनाइड्स: एक्टिनाइड्स: अंतर संक्रमण तत्वों के सामान्य गुण:
प्रश्न 16. आवर्त:
दूसरे तथा तीसरा आवर्त लघु आवर्त हैं इनमें क्रमशः 8-8 तत्व हैं। चौथा, पाँचवाँ आवर्त दीर्घ आवर्त हैं। इनमें क्रमशः 18-18 तत्व हैं । छठवाँ आवर्त अति दीर्घ आवर्त है इसमें 32 तत्व हैं। सातवाँ आवर्त अपूर्ण है। वर्ग:
प्रश्न 17. मेण्डलीफ की आवर्त सारणी:
आधुनिक आवर्त सारणी:
प्रश्न 18. आवर्त: वर्ग में: तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को बढ़ते हुये परमाणु क्रमांक के क्रम में रखा गया है जिसके कारण मेण्डलीफ आवर्त सारणी के अधिकांश दोष दूर हो गये हैं। 1. अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व का कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व के पहले रखा जाना: 2. समस्थानिकों का स्थान: 3. असमान गुण वाले तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है: 4. अक्रिय गैसों का स्थान: प्रश्न 2. Me(g) + ऊर्जा →
M(g)+ + इलेक्ट्रॉन मात्रक: आयनन ऊर्जा को प्रभावित करने वाले कारक: 1. परमाणु या आयन का आकार: 2. नाभिकीय
आवेश: 3. परिरक्षण प्रभाव: 4. पूर्ण एवं अर्धपूर्ण कक्षक: 5. बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 6. आवर्तिता: (ii) आवर्त में आवर्तिता: प्रश्न 3. इस प्रकार किसी उदासीन विलगित परमाणु में एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन के प्रवेश करने से ऊर्जा मुक्त होती है अतः इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान धनात्मक होता है। परन्तु इस ऋण आयन में और अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन का समावेश करने के लिये अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान ऋणात्मक होता है। मात्रक: इलेक्ट्रॉन बंधुता को प्रभावित करने वाले कारक: 1. परमाणु या आयन का आकार: 2. प्रभावी नाभिकीय
आवेश: 3. बाह्य कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास: 4. अर्धपूर्ण तथा पूर्ण कक्षक: 5. आवर्तिता: (ii) वर्ग में आवर्तिता: प्रश्न 4.
उत्तर: 2. ऋणविद्युतता: 3. आयनन ऊर्जा: 4. धात्विक लक्षण: 5. संयोजकता: MP Board Class 11th Chemistry Solutionsकिसी समूह में ऊपर से नीचे की ओर बढ़ने पर क्या होता है?Solution : किसी वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर चलने पर तत्वों के परमाणु क्रमांको के साथ-साथ उनके धात्विक गुणों में भी वृद्धि होती जाती है, क्योकि परमाणु का आकार बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति बढ़ती है, जबकि अधात्विक गुण में कमी होती है।
समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का साइज़ कैसे प्रभावित होता है?Solution : किसी समूह मे ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है, क्योंकि तत्वों के परमाणुओं में कक्षा की संख्या बढ़ती जाती है। कक्षा की संख्या बढ़ने से परमाणु का आकार भी बढ़ जाता है।
आवर्त सारणी में किसी समूह में ऊपर से नीचे जाने पर क्या होता है?आधुनिक आवर्त सारणी में 18 समूह और 7 आवर्त हैं। कृपया ध्यान दीजिए कि एक समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु आकार बढ़ता है। एक समूह में ऊपर से नीचे आने पर विद्युत ऋणात्मकता कम हो जाती है। एक समूह के अंदर ऊपर से नीचे आने पर इलेक्ट्रॉन आकर्षण कम हो जाता है।
आवर्त सारणी के एक समूह में ऊपर से नीचे जाने पर निम्नलिखित में से क्या नहीं बढ़ता है?घटता है समान रहता है बढ़ता है इनमे से कोई नहीं ।
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