उत्साह कविता में कवि ने बादलों के संबंध में क्या क्या कहा है? - utsaah kavita mein kavi ne baadalon ke sambandh mein kya kya kaha hai?

उत्साह

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

बादल, गरजो!
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुंघराले,
बाल कल्पना के से पाले,
विद्युत छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो
बादल गरजो!

इस कविता में कवि ने बादल के बारे में लिखा है। कवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो। उन्हीं बादलों से कवि कहता है कि वे पूरे आसमान को घेर कर घोर ढ़ंग से गर्जना करें। बादल के हृदय में किसी कवि की तरह असीम ऊर्जा भरी हुई है। इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे किसी नई कविता की रचना कर दें और उस रचना से सबको भर दें।


Chapter List

  • सूरदास
  • तुलसीदास
  • देव
  • जयशंकर प्रसाद
  • सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
  • नागार्जुन
  • गिरिजाकुमार माथुर
  • ऋतुराज
  • मंगलेश डबराल
  • नेताजी का चश्मा
  • बालगोबिन भगत
  • लखनवी अंदाज
  • मानवीय करुणा की दिव्य चमक
  • एक कहानी यह भी
  • स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
  • नौबतखाने में इबादत
  • संस्कृति

विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!
तप्त धरा, जल से फिर
शीतल कर दो –
बादल, गरजो!

इन पंक्तियों में कवि ने तपती गर्मी से बेहाल लोगों के बारे में लिखा है। सभी लोग तपती गर्मी से बेहाल हैं और उनका मन कहीं नहीं लग रहा है। ऐसे में कई दिशाओं से बादल घिर आए हैं। कवि उन बादलों से कहता है कि तपती धरती को अपने जल से शीतल कर दें।


अभ्यास

प्रश्न 1: कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?

उत्तर: कवि का मानना है कि केवल रिमझिम बारिश से काम नहीं चलने वाला है। कवि तो चाहता है कि प्रचुर मात्रा मे बारिश हो जिससे उसका सबसे अधिक फायदा मिल सके। इसलिए वह बादलों से गरजने के लिए कहता है।

प्रश्न 2: कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?

उत्तर: यह कविता उस उत्साह को चित्रित करता है जिस उत्साह से हर भारतीय मानसून का इंतजार और स्वागत करता है। मानसून का हमारी अर्थव्यवस्था और संस्कृति के लिए बहुत महत्व है। इसलिए इस कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।


प्रश्न 3: कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?

उत्तर: इस कविता में बादल कई अर्थों की ओर संकेत करता है; जैसे कि कोई अनगढ़ बालक, कोई नवीन रचना या फिर कोई अनजान दिशा से आया पथिक।

प्रश्न 4: शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।

उत्तर: विद्युत छबि, बज्र, इत्यादि ऐसे शब्द हैं जिससे नाद सौंदर्य का भाव मिलता है।


  • Prev
  • Next

उत्साह कविता में कवि ने बादलों के सम्बन्ध में क्या क्या कहा है?

Solution : उत्साह कविता में कवि बादल से अनुरोध करता है कि हे बादलो तुम गगन को चारों ओर से घेर लो, घोर अंधकार कर लो और क्रांति करो। अनंत दिशा से आकर घनघोर गर्जना करके बरसों और तपती हुई धरा को शीतल कर दो। क्रांति के द्वारा परिवर्तन ले आओ।

कवि ने बादलों को क्या क्या कहा है?

उत्तर कवि ने बादलों को 'मानव मन को सुख से भर देने वाले ' इसलिए कहा है, क्योंकि जब बादल अपने हृदय में बिजली की चमक लिए हुए आते हैं और वर्षा करते हैं, तो भयंकर गर्मी से बेचैन और उदास धरती पर रहने वाला हर प्राणी स्वयं को प्रसन्न और सुखी महसूस करने लगता है।

उत्साह कविता में कवि ने बादलों को ही क्यों संबोधित किया है?

बादलों को नवजीवन वाले इसलिए कहा गया है क्योकि वे वर्षा करके मुरझाई-सी धरती में नया जीवन फूंक देते हैं। वे धरती को उपजाऊ बना देते हैं और गर्मी से मुक्ति दिलाते हैं। कवि को . नवजीवन वाले.

कविता के बादल से कवि क्या करने के लिए कह रहा है?

का वे फल चखते हैं।