देवदार का वृक्ष कैसा होता है - devadaar ka vrksh kaisa hota hai

देवदार का पेड़ अपने औषधीय गुणों के कारण अधिक जाना जाता है। आयुर्वेद में भी इसके बारे में बताया गया है। यह पेड़ सौ से दो सौ साल तक जिंदा रहता है। जितना पूराना यह पेड़ होता है उतना ही यह इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसका साइंटिफिक नेम सीड्रस देओदार (Cedrus deodara) है। यह पिनासिए परिवार से ताल्लुक रखता है। इस पेड़ की जड़, छाल, काठ और फल का इस्तेमाल दवाओं में किया जाता है। इसका इस्तेमाल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, अस्थमा, प्रुरिटस (Pruritus), बुखार, जख्म को भरने के लिए किया जाता है। इसके तेल को अर्थराइटिस और सिरदर्द में लगाने की सलाह दी जाती है। यह देवदारा (Devadara) और देवदारू (Devdaru) के नाम से भी जाना जाता है।

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देवदार (Deodar Tree) का उपयोग किस लिए किया जाता है?

इसका इस्तेमाल सूजन को दूर, इन्सोम्निया, कफ, यूरिनरी डिसचार्ज, इचिंग, टीबी, ऑफथालमिक डिसऑर्डर, माइंड डिसऑर्डर, त्वचा रोग आदि के लिए किया जाता है। इसकी पत्तियों को सूजन को दूर करने के लिए उपयोगी माना जाता है। इसकी लकड़ी एक्पेक्टोरेंट के रूप में काम करती है, जिसका इस्तेमाल बवासीर, मिर्गी, किडनी और मूत्राशय में पथरी आदि विकारों के लिए किया जाता है। इसके तेल में एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज होती है जिस वजह से इसका प्रयोग त्वचा रोग, घाव को भरने, डायफोरेटिक और कीटनाशक को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह फंगल रोगों के लिए भी प्रभावकारी माना जाता है। एरोमा थेरेपी में भी एंग्जायटी को दूर करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

देवदार के पेड़ों (Deodar Tree) को इसकी उपयोगिता की वजह से ही आयुर्वेद में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। देवदारु का वृक्ष सौ-दो सौ सालों तक जिंदा रहता है। इसको बढ़ने के लिए जितनी जगह मिलती है उतना ही बढ़ता जाता है। देवदारू का वृक्ष जितना पूराना होता है उतना ही उसकी उपयोगिता औषधि और इस्तेमाल करने के सामान के तौर पर बढ़ता जाता है।

देवदार का वृक्ष कैसा होता है - devadaar ka vrksh kaisa hota hai

देवदार कई तरह के होते हैं और उनका प्रयोग अलग-अलग बीमारियों के लिए किया जाता है। देवदार के पेड़ (Deodar Tree) का इस्तेमाल सिर, कान और गले का दर्द, जोड़ो का दर्द, डायबिटीज को कंट्रोल करने जैसे बहुत सारे बीमारियों में औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।

Contents

  • 1 देवदार का पेड़ क्या है? (What is Deodar Tree in Hindi?)
  • 2 अन्य भाषाओं में देवदार के पेड़ के नाम (Name of Devadaru Tree in Different Languages)
  • 3 देवदार के पेड़ के फायदे और उपयोग (Deodar Tree Uses and Benefits in Hindi)
    • 3.1 देवदार सिरदर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद (Deodar Tree Benefits in Headache in Hindi)
    • 3.2 पिल्ल नामक नेत्ररोग में फायदेमंद देवदार (Devdaru Benefits in Eye Disease in Hindi)
    • 3.3 नासास्राव(नाक से खून बहना) में फायदेमंद देवदार (Devdaru Benefits in Nose Bleeding in Hindi)
    • 3.4 पीनस में  लाभकारी देवदार का पेड़ (Devadaru Benefits in Rhinitis in Hindi)
    • 3.5 गण्डमाला (ग्लैंड में सूजन) में फायदेमंद देवदार का पेड़ (Devadaru for Scrofula in Hindi)
    • 3.6 देवदारु और इन्द्रवारुणी जड़ को पीसकर लेप करने से ग्लैंड की सूजन कम होती है। 
    • 3.7 गोएटर से दिलाये राहत देवदार का पेड़ (Deodar Tree Benefits in Treatment of Goitre in Hindi)
    • 3.8 कान दर्द से दिलाये राहत देवदार ( Devadaru Benefits for Ear pain in Hindi)
    • 3.9 कफ या खांसी से दिलाये राहत देवदार का पेड़ (Uses of Devadaru Tree to Get Relief from Cough in Hindi)
    • 3.10 पेट के बीमारी में फायदेमंद देवदार का पेड़ ( Benefit of Devadaru Tree in Abdominal Disease in Hindi)
    • 3.11 डायबिटीज को करे कंट्रोल देवदार का पेड़ (Deodar to Control Diabetes in Hindi)
    • 3.12 गर्भाशय-शूल से दिलाये राहत देवदार (Deodar Beneficial in Uteralgia in Hindi)
    • 3.13 अर्थराइटिस में फायदेमंद देवदार (Deodar for Arthritis in Hindi)
    • 3.14 हाथीपांव से दिलाये राहत देवदार का पेड़ (Devdaru Benefits for Filaria in Hindi)
    • 3.15 कुष्ठ में फायदेमंद देवदार का पेड़ (Deodar for Leprosy in Hindi)
    • 3.16 अल्सर का घाव करे कम देवदार का पेड़ (Deodar to Get Relief from Ulcer in Hindi)
    • 3.17 घाव को जल्द ठीक करे देवदार (Deodar to Treat Wound in Hindi)
    • 3.18 सूजन कम करे देवदार (Devadaru for Inflammation in Hindi)
    • 3.19 बुखार में फायदेमंद देवदार (Deodar to Treat Fever in Hindi)
    • 3.20 दर्द से दिलाये राहत देवदार (Deodar Beneficial in Pain  in Hindi)
    • 3.21 संक्रमण से बचाये देवदार (Deodar Beneficial to Prevent from Infection in Hindi)
    • 3.22 आंतों के सूजन को कम करे देवदार की पत्तियां (Benefit of Deodar to Get Relief from Stomach Inflammation in Hindi)
    • 3.23 एक्जिमा के इलाज में देवदार तेल फायदेमंद (Deodar Oil Beneficial to Treat Eczema in Hindi)
    • 3.24 गठिया के दर्द से राहत दिलाये देवदार का तेल (Deodar Oil Beneficial to Get Relief from Gout in Hindi)
    • 3.25 मुँहासे ठीक करने में देवदार तेल का उपयोग (Deodar Oil Beneficial to Treat Pimples in Hindi)
  • 4 देवदार का उपयोगी भाग (Useful Parts of Devdaru)
  • 5 देवदार का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए ?(How to Use Devdaru  in Hindi?)
  • 6 देवदार कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Devdaru Found or Grown in Hindi?)

देवदार का पेड़ क्या है? (What is Deodar Tree in Hindi?)

प्राचीन आयुर्वेदीय संहिताओं एवं निघण्टुओं में इसका विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। चरक-संहिता के स्तन्यशोधन, अनुवासनोपग तथा कटुस्कन्ध एवं सुश्रुत-संहिता में वातसंशमन द्रव्यों के रूप में इसकी गणना की गई है। इसके अतिरिक्त चरक-संहिता में प्राय: सभी रोगों की चिकित्सा के रुप में देवदारु का उल्लेख मिलता है। बृहत्रयी में देवदारु का प्रयोग हिक्का, सांस संबंधी समस्या, बुखार, सूजन एवं कफ की चिकित्सा में किया गया है।

यह 50-80 मी ऊँचा, विशाल, पुष्ट, शंकुकार, सुंदर, सदाहरित वृक्ष होता है। इसका तना सीधा, स्थूल तथा शाखाएँ-फैली हुई होती हैं। छाल स्थूल, काले रंग की, खुरदरी, भीतरी अंश-तैलीय, सुगन्धित, सख्त, हल्के पीले-भूरे रंग की होती है। इसके पत्ते त्रिकोणयुक्त, सूई के आकार, तीखा, 2.5-8 सेमी लम्बे, लगभग-3-5 वर्ष तक स्थायी होते हैं। इसके फूल साधारणतया उभयलिंगाश्रयी, प्रशाखाओं के अंत पर, पुरुष केटकीन एकल, बेलनाकार, 4.3 सेमी लम्बे, शंकु-गोलाकार अथवा अण्डाकार प्रशाखाओं के अंत पर एकल होते हैं। इसका फल शंकु सीधा 10-12.5 सेमी लम्बा तथा 7.5-10 सेमी चौड़ा होता है। बीज 6-15 मिमी लम्बे, भूरे रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अप्रैल से जनवरी तक होता है।

देवदार के पेड़ के छाल बहुत ही औषधी के दृष्टि से उपयोगी है। देवदारु कषाय, तिक्त, कड़वा, गर्म, लघु, स्निग्ध, कफ वात दूर करने वाला, अल्सर का घाव ठीक करने वाला, वक्र-शोधक, पुंस्त्वघ्न तथा स्तन्यशोधक होता है।

यह विबन्ध, आध्मान, सूजन, आमदोष,नींद, हिक्का, बुखार, रक्तरोग, डायबिटीज, पीनस, कफज कास, खुजली, श्वास, चर्बी, कृमि तथा पाइल्स को ठीक करने में देवदार सहायता करता है। इसका तैल कषाय, तिक्त, कटु, दुष्टव्रणविशोधक, मेदोरोग, कफजरोग, कृमि तथा अर्शनाशक होता है। इसमें शोथरोधी प्रभाव दृष्टिगत होता है।

 

अन्य भाषाओं में देवदार के पेड़ के नाम (Name of Devadaru Tree in Different Languages)

देवदार का वानास्पतिक नाम Cedrus deodara (Roxb. ex Lamb.) G.Don (सीड्रस देओदार) Syn-Cedrus indica Chambray, Pinus deodaraRoxb है। देवदार Pinaceae (पाइनेसी) कुल का है। देवदार के पेड़ को अंग्रेजी में Himalayan cedar ( हिमालयन सीडार ) कहते हैं। लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतों में देवदार को भिन्न भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-

Devadaru in-

Sanskrit-देवदारु, दारुभद्र, दारु, इन्द्रदारु, द्रुकिलिम, किलिम, पीतद्रु, पूतिकाष्ठ, शक्रपादप, पारिभद्रक, भद्रदारु, पीतदारु, सुरभूरुह (देवभूमि में होने वाला वृक्ष) सुरदारु, भद्रदारु, सुराहय, देवकाष्ठ, कल्पपादप, अमरदारु, दारुक, स्निग्धदारु, शिवदारु, शामभव, रुद्रवत्, भूतहारि, दारुभद्र, स्नेहवृक्ष, सुरद्रुम, सुरकाष्ठ, स्नेहविद्ध;

Hindi-देवदार;

Urdu-देओदार (Deodara); उत्तराखण्ड-देवदार (Devdar); कश्मीर-ददार (Dadar), दार (Dar);

Kannada-गुण्डूगुरगी (Gundugruagi), पीतदारु (Peetdaru);

Gujrati-देवदार (Devdar);

Telegu-देवदारि (Devadari);

Tamil-टेवादारु (Tevadaru), वण्डुगोली (Vandugolli);

Bengali-देवदारु (Devadaru);

Nepali-देवादारु (Devadaru);

Punjabi-केलु (Kelu), दादा (Dada);

Marathi-देवदार (Devadar);

Malayalam-देवतारम् (Devataram)।

English-देओदार (Deodar), देओदारासीडार (Deodaracedar);

Arbi-कुलब (Kulb), सेनोबरुलहिन्द (Sanobarulhind);

Persian-देवदार (Devdar), दरखते देवदार (Darakhatedevdar), नस्तर (Nashtar)।

 

देवदार के पेड़ के फायदे और उपयोग (Deodar Tree Uses and Benefits in Hindi)

देवदार के पेड़ (Debdaru tree) के विभिन्न अंश जड़, फल, छाल और काठ का उपयोग भिन्न-भिन्न कामों के लिए किया जाता है। चलिये देवदार के पेड़ के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

देवदार का वृक्ष कैसा होता है - devadaar ka vrksh kaisa hota hai

देवदार सिरदर्द से राहत दिलाने में फायदेमंद (Deodar Tree Benefits in Headache in Hindi)

अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो देवदार का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी सिद्ध होगा।

-देवदारु, तगर, कूठ, खस और शुण्ठी इन 5 द्रव्यों को समान मात्रा में लेकर, कांजी में पीसकर, अरंडी के तेल में मिलाकर मस्तक पर लेप करने से वात के कारण जो सिर में दर्द होता है, उससे राहत मिलती है।

-देवदारु फल से बने तेल को गुनगुना करके 1-2 बूंद को नाक में डालने से सिर, गले तथा नाक के रोगों में लाभ होता है।

-देवदारु ((Debdaru tree)) के काठ को पीसकर मस्तक पर लेप करने से सिर का दर्द कम होता है।

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पिल्ल नामक नेत्ररोग में फायदेमंद देवदार (Devdaru Benefits in Eye Disease in Hindi)

देवदार  के औषधीय गुण पिल्ल रोग से राहत दिलाने में मदद करते हैं। देवदारु के सूक्ष्म चूर्ण को बकरी के मूत्र में पीसकर, उसमें स्नेह मिला कर पिल्ल नामक आँखों के रोग से राहत दिलाने में मदद करता है। 

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नासास्राव(नाक से खून बहना) में फायदेमंद देवदार (Devdaru Benefits in Nose Bleeding in Hindi)

कुछ लोगों को अत्यधिक गर्मी या ठंड के कारण भी नाक से खून बहने की समस्या होती है। इसके अलावा किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर भी नाक से खून बहता है। देवदारु का तीक्ष्ण धूम्रपान कराने से नासास्राव में लाभ होता है।

पीनस में  लाभकारी देवदार का पेड़ (Devadaru Benefits in Rhinitis in Hindi)

नाक के म्यूकस मेमब्रेन में सूजन से राहत दिलाने में देवदार (Debdaru tree) का औषधीय गुण फायदेमंद साबित होता है। घी से बना देवदारु तेल का सेवन करने तथा दूध एवं शालि चावल का आहार लेने से कुष्ठ एवं पीनस से राहत मिलने में आसानी होती है।

गण्डमाला (ग्लैंड में सूजन) में फायदेमंद देवदार का पेड़ (Devadaru for Scrofula in Hindi)

देवदारु और इन्द्रवारुणी जड़ को पीसकर लेप करने से ग्लैंड की सूजन कम होती है। 

गोएटर से दिलाये राहत देवदार का पेड़ (Deodar Tree Benefits in Treatment of Goitre in Hindi)

देवदारु तथा इन्द्रायण को पीसकर लेप करने से गलगण्ड या गोएटर में लाभ होता है।

कान दर्द से दिलाये राहत देवदार ( Devadaru Benefits for Ear pain in Hindi)

अगर सर्दी-खांसी या  किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के तौर पर कान में दर्द होता है तो देवदार से इस तरह से इलाज करने पर आराम मिलता है।

-देवदारु, कुष्ठ तथा सरल की लकड़ी को जलाने से प्राप्त तेल (दीपिका तैल) को 1-2 बूंद कान में डालने से कर्णशूल (कान के दर्द) से छुटकारा मिलने में सहायता मिलती है।

-तेल से लिप्त देवदारु के जड़ पर लपेटकर, उसको जलाने से प्राप्त तेल को 1-2 बूंद कान में डालने से कान की वेदना कम होती है।

-समान मात्रा में सेंधानमक, हींग, देवदारु, वचा, कूठ तथा शुण्ठी के पेस्ट से पकाए हुए तिल तैल का 1-2 बूंद कान में डालने से कान के समस्त रोगों में लाभ होता है।

देवदार का वृक्ष कैसा होता है - devadaar ka vrksh kaisa hota hai

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कफ या खांसी से दिलाये राहत देवदार का पेड़ (Uses of Devadaru Tree to Get Relief from Cough in Hindi)

देवदारु तेल की बूँदों में सोंठ, मरिच, पीपल तथा यवक्षार मिला कर पीने से बलगम वाली खांसी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

पेट के बीमारी में फायदेमंद देवदार का पेड़ ( Benefit of Devadaru Tree in Abdominal Disease in Hindi)

अक्सर मसालेदार खाना खाने या असमय खाना खाने से पेट में गैस हो जाने पर पेट दर्द की समस्या होने लगती है। देवदारु, पलाशबीज, मदार की जड़, गजपिप्पली, सहिजन की छाल तथा अश्वगंधा को पेट पर लेप करने से जल्दी आराम मिलता है।

डायबिटीज को करे कंट्रोल देवदार का पेड़ (Deodar to Control Diabetes in Hindi)

आजकल की भाग-दौड़ और तनाव भरी जिंदगी ऐसी हो गई है कि न खाने का नियम और न ही सोने  का। फल ये होता है कि लोग को मधुमेह या डायबिटीज की शिकार होते जा रहे हैं। 10-20 मिली देवदार्वाद्यरिष्ट को पीने से मधुमेह या डायबिटीज, वातव्याधि, ग्रहणी, बवासीर, मूत्र संबंधी बीमारी, कण्डु तथा कुष्ठ रोगों में लाभ होता है।

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गर्भाशय-शूल से दिलाये राहत देवदार (Deodar Beneficial in Uteralgia in Hindi)

देवदारु, वच, कूठ, पिप्पली, शुण्ठी, कायफल, नागरमोथा, चिरायता, कुटकी, धनिया, हरीतकी, गजपिप्पली, धमासा, जवासा, गोखरू, बड़ी कटेरी, अतीस, गुडूची, कर्कटश्रृंगी तथा कालाजीरा-इन 20 द्रव्यों से निर्मित अष्टमांश-शेष-काढ़े को 10-20 मिली मात्रा में प्रसूता स्त्री को पिलाने से गर्भाशय में दर्द, खांसी, बुखार, श्वास, बेहोशी, कम्प तथा सिरदर्द आदि में लाभ होता है।

अर्थराइटिस में फायदेमंद देवदार (Deodar for Arthritis in Hindi)

देवदारु को पीसकर जोड़ों में लगाने से जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।

हाथीपांव से दिलाये राहत देवदार का पेड़ (Devdaru Benefits for Filaria in Hindi)

-चित्रकमूल तथा देवदारु को गोमूत्र में पीसकर थोड़ा गर्म करके लेप करने से श्लीपद या हाथी पांव में लाभ होता है।

-गुडूची, सोंठ तथा देवदारु चूर्ण (1-2 ग्राम) को गोमूत्र के अनुपान के साथ सेवन करने से हाथी पांव में लाभ होता है।

-श्वेत सरसों, सहिजन, देवदारु तथा सोंठ को गोमूत्र से पीसकर लेप करने से श्लीपद तथा सूजन में लाभ होता है।

-देवदारु चूर्ण को सर्षप तेल के साथ पीसकर लगाने से श्लीपद में लाभ होता है।

कुष्ठ में फायदेमंद देवदार का पेड़ (Deodar for Leprosy in Hindi)

5-6 मिली देवदारु स्नेह में 60 मिग्रा लौह भस्म, 5-6 ग्राम घी तथा 10-12 ग्राम मधु मिला कर लेप करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।

अल्सर का घाव करे कम देवदार का पेड़ (Deodar to Get Relief from Ulcer in Hindi)

-सरल निर्यास, राल, सरल की छाल, देवदारु तथा सालसारादि द्रव्यों से घाव  का धूपन करने से जल्दी ठीक होता है।

-मातुलुङ्ग नींबू, अग्निमंथ, मूली, काँजी, सोंठ और देवदारु से बने लेप को लगाने से वात दोष से होने वाले घाव में लाभ होता है।

घाव को जल्द ठीक करे देवदार (Deodar to Treat Wound in Hindi)

देवदारु तेल को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है।

सूजन कम करे देवदार (Devadaru for Inflammation in Hindi)

अगर किसी चोट के कारण या बीमारी के वजह से किसी अंग में हुए सूजन से परेशान है तो देवदार के द्वारा किया गया घरेलू इलाज बहुत ही फायदेमंद होता है।

-देवदारु, वर्षाभू तथा सोंठ से पकाए हुए दूध (100-200 मिली) को पीने से सूजन कम होता है।

-देवदारु तथा सोंठ चूर्ण (1-4 ग्राम) को गोमूत्र या वर्षाभू कषाय के अनुपान से एक मास तक सेवन करने से सूजन दूर होता है।

बुखार में फायदेमंद देवदार (Deodar to Treat Fever in Hindi)

-देवदारु, हरीतकी, वासा, शालपर्णी, शुण्ठी तथा आँवला इन द्रव्यों से बने काढ़ा (10-30 मिली) में मधु 6 माशा या 6 माशा मिश्री मिलाकर प्रयोग करने से खांसी श्वास, मन्दाग्नि तथा चातुर्थक ज्वर में लाभ होता है।

-देवदारु, बृहती, चित्रक, सोंठ तथा पुष्करमूल का काढ़ा (10-30 मिली) बनाकर पीने से वात के कारण हुए बुखार में लाभ होता है।

-देवदारु, धनिया, सोंठ, बृहती तथा कण्टकारी का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में पीने से ज्वर में लाभ होता है।

-देवदारु, हरड़, आँवला, शालपर्णी, वासा तथा सोंठ इन औषधियों से बने काढ़े (10-30 मिली) में मधु तथा शर्करा मिलाकर पीने से बुखार में लाभ होता है।

-नल, वेतस मूल, मूर्वा तथा देवदारु से निर्मित क्वाथ (10-30 मिली) का सेवन करने से ज्वर में लाभ होता है।

देवदार का वृक्ष कैसा होता है - devadaar ka vrksh kaisa hota hai

दर्द से दिलाये राहत देवदार (Deodar Beneficial in Pain  in Hindi)

देवदारु तेल की मालिश करने से किसी भी प्रकार का वेदना या दर्द कम होता है।

 

संक्रमण से बचाये देवदार (Deodar Beneficial to Prevent from Infection in Hindi)

देवदार की छाल का उपयोग संक्रमण से बचाने में मदद करता है, क्योंकि देवदार में एन्टीबैक्टिरीयल का गुण पाया जाता है जो कि संक्रमण को बढ़ने नहीं देता है। 

 

आंतों के सूजन को कम करे देवदार की पत्तियां (Benefit of Deodar to Get Relief from Stomach Inflammation in Hindi)

देवदार की पत्तियां आंत संबंधी समस्या में बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि ये आंतों की सूजन कम करने के साथ आंतो के संकोचन से होने वाले दर्द में भी आराम देती है क्योंकि देवदार में एंटी-स्पॅस्मॉडिक क्रियाशीलता पायी जाती है। 

 

एक्जिमा के इलाज में देवदार तेल फायदेमंद (Deodar Oil Beneficial to Treat Eczema in Hindi)

अगर आप एक्जिमा से परेशान है तो देवदार का तेल आपके लिये एक अच्छा उपाय हो सकता है, क्योंकि देवदार का तेल एक्जिमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। 

 

गठिया के दर्द से राहत दिलाये देवदार का तेल (Deodar Oil Beneficial to Get Relief from Gout in Hindi)

गठिया के दर्द से राहत पाने के लिये देवदार के तेल की मसाज एक अच्छा उपाय है क्योंकि देवदार में वातहर का गुण होता है जो कि गठिया में होने वाले दर्द में आराम देता है। 

 

मुँहासे ठीक करने में देवदार तेल का उपयोग (Deodar Oil Beneficial to Treat Pimples in Hindi)

अगर आप मुंहासों से परेशान है तो देवदार का तेल आपके लिये फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि देवदार में एंटी इंफ्लेमेटरी का गुण होने के कारण यह मुंहासों को नियंत्रित करने में मदद करता है लेकिन तेल होने के कारण अगर आपकी त्वचा ज्यादा तैलीय है तो चिकित्सक से परामर्श लेकर ही उपयोग करें। 

देवदार का उपयोगी भाग (Useful Parts of Devdaru)

आयुर्वेद में देवदार के पेड़ की जड़, फल, काठ तथा छाल का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।

देवदार का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए ?(How to Use Devdaru  in Hindi?)

बीमारी के लिए देवदार के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए देवदार का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें। 

चिकित्सक के परामर्श के अनुसार-

-10-20 मिली काढ़ा,

-2-4 ग्राम चूर्ण,

-1-2 बूंद तेल का सेवन कर सकते हैं।

देवदार कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Devdaru Found or Grown in Hindi?)

देवदारु का बहुत विशाल और ऊँचा वृक्ष होता है। इसके काठ की छाल तथा जड़ सुगन्धित होती है। इसकी जड़ तथा काष्ठ-सार में हल्के पीले रंग का एक तेल होता है। इसकी लकड़ी से पैकिंग करने के बॉक्स भी बनाए जाते हैं। औषधीय-प्रयोग हेतु इसके काष्ठ-सार, तेल तथा जड़ का प्रयोग किया जाता है। यह विश्व में एशिया माईनर, अफगानिस्तान, उत्तरी-बलूचिस्तान एवं हिमालय में पाया जाता है। भारत में यह उत्तर-पश्चिमी हिमालय में पूर्व की ओर उत्तराखण्ड में 1800-3600 मी की ऊँचाई तक पाया जाता है।

देवदार के वृक्ष कैसे होते हैं?

देवदार (वैज्ञानिक नाम:सेडरस डेओडारा, अंग्रेज़ी: डेओडार, उर्दु: ديودار देओदार; संस्कृत: देवदार) एक सीधे तने वाला ऊँचा शंकुधारी पेड़ है, जिसके पत्ते लंबे और कुछ गोलाई लिये होते हैं तथा जिसकी लकड़ी मजबूत किन्तु हल्की और सुगंधित होती है। इनके शंकु का आकार सनोबर (फ़र) से काफी मिलता-जुलता होता है।

देवदार के पेड़ के क्या फायदे?

देवदार कई तरह के होते हैं और उनका प्रयोग अलग-अलग बीमारियों के लिए किया जाता है। देवदार के पेड़ (Deodar Tree) का इस्तेमाल सिर, कान और गले का दर्द, जोड़ो का दर्द, डायबिटीज को कंट्रोल करने जैसे बहुत सारे बीमारियों में औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है।

देवदार की लकड़ी कैसे होती है?

इस पेड़ की लकड़ी बहुत ही मजबूत एवं सख्त होती है. यही कारण है कि तमाम तरह के फर्नीचर्स में इसका उपयोग होता है. वैज्ञानिक भाषा में सिड्रस देवदार (Cedrus Deodara) नाम से प्रसिध्द ये पेड़ 3500 से 12000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है. लंबाई में ये 45 मीटर या उससे कुछ अधिक हो सकता है.

देवदार जड़ी बूटी क्या है?

इस पेड़ की जड़, छाल, काठ और फल का इस्तेमाल दवाओं में किया जाता है। इसका इस्तेमाल न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, अस्थमा, प्रुरिटस (Pruritus), बुखार, जख्म को भरने के लिए किया जाता है। इसके तेल को अर्थराइटिस और सिरदर्द में लगाने की सलाह दी जाती है। यह देवदारा (Devadara) और देवदारू (Devdaru) के नाम से भी जाना जाता है।