दारू कौन सी अच्छी रहती है सेहत के लिए? - daaroo kaun see achchhee rahatee hai sehat ke lie?

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पीनी ही है तो ऐसे पियो

शराब पीना सही है या गलत, इस बात पर बहस बेमानी है, क्योंकि पीने वालों को तो बस पीने का बहाना चाहिए। लेकिन जान है तो जहान है, सुरूर की खातिर सेहत को नजरअंदाज करना मुमकिन नहीं। इसलिए जरूरी है कि पियो लेकिन रखो हिसाब।

हालांकि एक के बाद एक शोध बताते हैं कि कम शराब पीने और अच्छी सेहत के बीच गहरा रिश्ता है। तो क्या जाम टकराने वालों के लिए यह गुड न्यूज है? जरूरी नहीं, क्योंकि मधुशाला में मौज-मस्ती लूटने वालों की बीवियों की राय ऐसी किसी भी रिसर्च से अलग होगी। दरअसल, मियां-बीवी के मसले से परे हट कर मेडिकल साइंस ने माना है कि सीमित शराब पीकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बच सकते हैं। इसके पक्ष में सबूत भी पेश किए गए हैं।

अल्कोहल का नियंत्रित सेवन सेहत के लिए खून में अच्छा एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। साथ ही यह फाइब्रिनोजन जैसे घटक कम करता है, जो नसों में खून जमने से हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बनते हैं। रिसर्चर यह भी दावा करते हैं कि सीमित शराब पीने वालों को टाइप-2 डायबिटीज और पित्त पथरी का जोखिम कम रहता है। संयमित और अनुशासित होकर ही शराब को फायदेमंद बनाया जा सकता है। जैसे ही मात्रा बढ़ने लगती है तो फायदे की जगह नुकसान शुरू हो जाता है। इससे कोलन (मलाशय) और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। हालांकि फोलिक एसिड के सेवन से महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम कर सकती हैं।

कम पीने का मतलब क्या?

सेहत पर पड़ने वाले इसके असर को लेकर अहम सवाल है कि इसकी लिमिट क्या है? अलग-अलग स्टडीज के आधार पर यह ड्रिंक लिमिट तय की गई है। मर्दो के लिए एक दिन में दो ड्रिंक्स और औरतों के लिए एक की लिमिट बताई गई है। अलग-अलग गणनाओं के बाद माना गया है कि एक ड्रिंक या पेग में लगभग 14 ग्राम अल्कोहल होता है। लगभग 340 एमएल की बीयर की छोटी बोतल, जिसमें 5 फीसदी अल्कोहल है, उसे एक ड्रिंक मान सकते हैं।

12 फीसदी अल्कोहल वाले लगभग 140 एमएल वाइन के गिलास और 40 फीसदी अल्कोहल वाली लगभग 40 एमएल की हार्ड लिकर (रम, व्हिस्की) के गिलास को भी एक ड्रिंक मान सकते हैं। शराब की यही वह लिमिट है, जिसका संबंध सेहत के साथ बताया गया है। लोगों की रोजाना की शराब की औसत खुराक के आधार पर यह स्टडी की गई है। यह अब भी बहस का विषय है कि कम शराब पीने से सेहत को किस तरह फायदा मिल सकता है। इसका मतलब यह है कि फायदा थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोज शराब पीने वालों को मिलेगा या फिर शराब की थोड़ी मात्रा बढ़ाकर और रोज पीने की बजाय हफ्ते में तीन-चार दिन पीने वालों को।

ज्यादा पीने के मायने क्या?

ज्यादा शराब पीने से होने वाले दुष्परिणामों की लंबी फेहरिस्त है। शराब का बहुत ज्यादा सेवन करने वालों को रोड एक्सिडेंट और लड़ाई-झगड़े जैसी मुसीबतों के अलावा अलग-अलग किस्म के कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर और सिरोसिस जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल अब्यूज एंड अल्कोहॉलिज्म (एनआईएएए) के मुताबिक एक दिन में चार ड्रिंक और एक हफ्ते में 14 ड्रिंक से ज्यादा लेने वाले मर्द और एक दिन में तीन और एक हफ्ते में 7 ड्रिंक से ज्यादा लेने वाली महिलाएं पियक्कड़ की श्रेणी में आती हैं। लिमिट इसलिए है क्योंकि इससे ज्यादा पीने पर समस्याएं बढ़ जाती हैं।

अगर आपको कम पीने वालों की कैटेगिरी में ही रहना है तो विमहांस, दिल्ली के साइकोलॉजिस्ट पुलकित शर्मा बताते हैं, ‘डिप्रेशन या स्ट्रेस में शराब न पिएं क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसे वक्त लिमिट पर कंट्रोल नहीं रख पाते। एंजॉयमेंट मंे शराब भी सही नहीं है। बेहतर यही है कि अपनी लिमिट तय कर लें।’ अकेलेपन में भी पीने की लिमिट क्रॉस होने का खतरा रहता है। अगर उनके फैमिली मेंबर भी इस वक्त उन्हें अलर्ट करते रहेंगे, तो वे लिमिट में रहेंगे।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सोशल साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर अमित कुमार शर्मा कहते हैं, ‘भारत में एक बहुत बड़ा तबका पश्चिमी मुल्कों की तरह सोचता है। यह तबका जिंदगी को अलादीन के चिराग की तरह मानता है और बहुत जल्दी मनचाही सफलता हासिल करना चाहता है। इनमें से बहुत सारे लोग जल्दी निराश हो जाते हैं और फिर शराब की तरफ बढ़ते हैं।’ पीने या न पीने का फैसला पूरी तरह आप पर है, क्योंकि यह बेहद निजी मामला है। लेकिन बढ़िया सेहत और खुशनुमा जिंदगी के लिए शराब से दूरी बेहतर है। अगर आप उसके सुरूर का लुत्फ लेना चाहते हैं, तो जाम पर काबू करना सीखिए, वरना जाम आप पर काबू पा जाएगा।

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशंस

शराब से दूर रहना ही अच्छा है, लेकिन अगर आप शराब पीते हैं, तो उसे सही ढंग से पीने के नुस्खों पर जरूर ध्यान दें:

‘शराब के मामले में संयमित रहने के लिए हमारी धर्म, परिवार या संस्कृति में आस्था होनी चाहिए, क्योंकि ये हमें शराब से दूर बनाए रखने में मदद करते हैं। एकदम से मिलने वाली खुशी और निराशा के मौकों पर सतर्क रहना चाहिए और सब चलता है वाली सोच नहीं रखनी चाहिए’

- डॉ. अमित कुमार शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, सोशल साइंस-जेएनयू

‘अगर आपको कम पीने वालों की कैटेगिरी में ही रहना है तो कभी भी डिप्रेशन या स्ट्रेस में शराब न पिएं, क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसे वक्त में पीने की लिमिट पर कंट्रोल नहीं रख पाते। शराब मंे एंजॉयमेंट ढूंढना भी सही नहीं है। बेहतर यही है कि अपनी लिमिट तय कर लें’

- डॉ. पुलकित शर्मा, साइकोलॉजिस्ट, विमहांस हॉस्पिटल, दिल्ली

‘आपको डर है कि आप भी धीरे-धीरे मॉडरेट ड्रिंकर से हैवी ड्रिंकर की श्रेणी में जा सकते हैं, तो अपनी इच्छाशक्ति को बीच-बीच में जांचते रहिए। खाली पेट कभी भी पार्टियों में न जाएं। खाना खाकर पार्टी में जाएंगे, तो ज्यादा पीने के रिस्क से खुद को बचा सकेंगे’

- राकेश, अल्कॉहलिक एनॉनिमस इंडिया

शरीर के लिए कौन सी दारू अच्छी है?

व्हाइट और रेड वाइन दोनों ही आपकी सेहत के लिए अच्छी हो सकती हैं। हालांकि, इन दोनों वाइन के अलग-अलग स्वास्थ्य लाभ हैं। अंगूर की त्वचा में कई एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो रेड वाइन को स्वस्थ विकल्प बना सकते हैं।

सबसे अच्छी अंग्रेजी शराब कौन सी है?

व्हिस्की ब्रांड रॉयल चैलेंज – (Royal Challenge) आपको बता दे भारत का सबसे मशहूर ब्रांड रॉयल चैलेंज (Royal Challenge) 1980 में शॉ वालेस एंड को द्वारा शुरू किए जाने के बाद से भारत में आया | आज के समय में ये भारत में सबसे अधिक बिकने वाली व्हिस्की में से एक है। इसका नाम भारत के टॉप व्हिस्की ब्रांड्स में शामिल है।

इंडिया की नंबर वन दारू कौन सी है?

25 बड़े ब्राण्ड की लिस्ट में पहले नंबर पर ही भारतीय ब्रांड 'मैकडॉवेल्स' काबिज है। ये दुनिया में सबसे ज़्यादा बिकने वाली व्हिस्की (World Number One Whisky) है। इसे विजय माल्या के स्वामित्व वाली 'यूनाइटेड ब्रेवररीज' बनाती है। इसकी सालाना बिक्री 27.63 करोड़ लीटर है।

रोज रोज शराब पीने से क्या होता है?

शराब का सेवन शरीर में ब्लड प्रेशर को हाई कर सकता है. इसके साथ ही कोलेस्ट्रोल का लेवल भी बढ़ने लगता है. कई शोध में देखा गया है कि शराब का नियमित सेवन करने वाले लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.