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शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि (उत्तर-पूर्वी मानसून)शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि (उत्तर-पूर्वी मानसून) Download
शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि (उत्तर-पूर्वी मानसून)
(a) उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी राज्य – यहाँ वर्षा पश्चिमी विक्षोभ से होती है| (b) तमिलनाडु का कोरोमण्डल तट – यहाँ उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है| #1 Online Coaching
तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा अधिक क्यों होती है?तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है। सर्दियों के समय देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र की ओर बहती हैं। इसलिए देश के ज़्यादातर इलाकों में शुष्क मौसम होता है। तमिलनाडु का तट अधिकतम वर्षा इन्ही पवनों से प्राप्त करता है क्योंकि वहाँ ये पवनें समुन्द्र से स्थल की तरफ बहती है।
तमिलनाडु में शीतकालीन वर्षा क्यों होती है संक्षिप्त उत्तर?Detailed Solution. तमिलनाडु में मानसूनी वर्षा उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण होती है। ऐसी वर्षा अक्टूबर महीने से शुरु होती है और जनवरी मध्य तक रहती है।
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में शरद ऋतु में वर्षा क्यों होती है?भारत के दक्षिणी भागों विशेष रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा तट पर शरद ऋतु में वर्षा होती है क्योंकि पवनें मुख्य भूमि से बंगाल की खाड़ी में वापस जा रही होती हैं। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में शरद ऋतु के मौसम में मानसून का अनुभव होता है।
तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में वर्षा कब होती है?देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों जैसे तमिलनाडु तट पर अधिकतर वर्षा अक्टूबर एवं नवंबर में होती है। सामान्य रूप से तटीय क्षेत्रों के तापमान में अंतर कम होता है।
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