तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

  • Home (current)
  • Online Courses
  • Geography
  • History
  • Current affairs
  • Contact

शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि (उत्तर-पूर्वी मानसून)

शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि (उत्तर-पूर्वी मानसून) Download

  • भारत में शीत ऋतु में केवल पश्चिमी विक्षोभ से ही वर्षा नहीं होती, बल्कि उत्तर-पूर्वी मानसून से भी भारत में वर्षा होती है|
  • जहाँ पश्चिमी विक्षोभ से उत्तरी भारत में पहाड़ी तथा मैदानी इलाकों में वर्षा होती है, वहीं उत्तरी-पूर्वी मानसून से तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर वर्षा प्राप्त होती है|
  • विषुवत् रेखा पर वर्षभर सूर्य की किरणें लम्बवत् चमकती हैं, इसके कारण विषुवत् रेखा पर स्थल का तापमान उच्च हो जाता है| उच्च तापमान के कारण विषुवत् रेखा से हवाएँ गर्म होकर ऊपर की ओर उठने लगती हैं| ये चक्र वर्षभर चलता रहता है, इसके  कारण विषुवत् रेखा पर वर्षभर वायुमण्डल में निम्न दाब का क्षेत्र बना रहता है|
  • विषुवत् रेखीय निम्न दाब के क्षेत्र को भरने के लिए दोनों गोलार्द्धों (35० दक्षिणी अक्षांश तथा 35०उत्तरी अक्षांशों) से विषुवत् रेखा कि तरफ हवाएँ चलने लगती हैं| इन विषुवत् रेखीय हवाओं को हम व्यापारिक पवनकहते हैं|
  • व्यापारिक पवनें दोनों गोलार्द्धों (उत्तरी तथा दक्षिणी) में 35० अक्षांश से लेकर0० अक्षांश,अर्थात् विषुवत् रेखा तक प्रवाहित होती है|
  • जब व्यापारिक पवनें 35० अक्षांश से विषुवत् रेखा की ओर प्रवाहित होती हैं, तो ये पवनें सीधे विषुवत् रेखा की ओर न जाकर पश्चिम की दिशा में मुड़ जाती हैं|
  • फेरल के नियमानुसार, उत्तरी गोलार्द्ध में हवाएँ अपनी दाईं ओर और दक्षिणी गोलार्द्ध में अपनी बाईं ओर मुड़ जाती हैं, इसका परिणाम यह होता है कि दोनों गोलार्द्धों में व्यापारिक पवनें पश्चिम की ओर मुड़ जाती हैं|
  • इसके परिणाम स्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में व्यापारिक पवनों की दिशा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम हो जाती है और दक्षिणी गोलार्द्ध में व्यापारिक पवनों की दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर हो जाती है, इसलिए इन व्यापारिक पवनों को उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवन और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक पवन कहते हैं|

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?
शीत ऋतु में मौसम की क्रिया विधि (उत्तर-पूर्वी मानसून)

  • विषुवत् रेखा पर वर्षभर दोनों गोलार्द्धों (उत्तरी तथा दक्षिणी ) से हवाएँ आपस में टकराकर ऊपर की ओर उठ जाती हैं, इसलिए इस क्षेत्र को अन्त: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र(Intertropical Convergence Zone-ITCZ)कहते हैं|
  • ‘विषुवत् रेखा की अधिकतम तापमान की पेटी’अन्त: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (Intertropical convergence zone- ITCZ)को कहते हैं|
  • सूर्य की लम्बवत् किरणें वर्षभर कर्क और मकर रेखाओं के बीच विचलन करती रहती हैं, अर्थात् सूर्य उत्तरायन और दक्षिणायन होता रहता है| सूर्य के उत्तरायन और दक्षिणायन होने के कारण अन्त: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र(ITCZ) भी उत्तरायण और दक्षिणायन होता रहता है|
  • शीत ऋतु में जब सूर्य दक्षिणायन होता है, तब अन्त: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र भी दक्षिणी गोलार्द्ध की तरफ चला जाता है, इसके चलते भारत पूरी तरह से उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनों के अधीन हो जाता है|
  • शीत ऋतु में भारत के ऊपर बहने वाली उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें स्थल-खण्डों से होकर प्रवाहित होती है, इसके कारण इन हवाओं में नमी की मात्रा नगण्य होती है, इसलिए अधिकांश  क्षेत्र में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनों से भारत में वर्षा नहीं हो पाती है|
  • किन्तु उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनों का वह भाग जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर से प्रवाहित होता है, वह बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त मात्रा में नमी सोख लेती है, इसलिए जब ये पवनें तमिलनाडु में पहुँचती हैं तो पूर्वी घाट पर्वत से टकराकर तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर वर्षा कर देती हैं| यही कारण है कि शीत ऋतु में उत्तर-पूर्वी मानसून पवनों द्वारा तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर वर्षा होती है|
  • उत्तर-पूर्वी मानसूनी पवन स्थल-खण्डों से होकर प्रवाहित होती हैं, इसलिए इन पवनों द्वारा भारत के अधिकांश भागों में वर्षा नहीं होती है| किन्तु उत्तर-पूर्वी मानसूनी पवनों का जो भाग बंगाल की खाड़ी से होकर प्रवाहित होती है, उसमें पर्याप्त आर्द्रता हो जाती है और इसके उपरांत ये हवाएँ पूर्वी घाट पर्वत से टकराकर तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर पर्याप्त वर्षा करती हैं|
  • उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर वर्षा करती हैं, इसलिए हम इसे उत्तर-पूर्वी मानसून भी कहते हैं|
  • शीतऋतु में वर्षा के दो क्षेत्र हैं –

          (a) उत्तर भारत के पहाड़ी और मैदानी  राज्य – यहाँ वर्षा पश्चिमी विक्षोभ से होती है|

          (b) तमिलनाडु का कोरोमण्डल तट – यहाँ उत्तर-पूर्वी मानसून से वर्षा होती है|

#1 Online Coaching

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा क्यों होती? - tamilanaadu tat par sheet rtu mein varsha kyon hotee?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा अधिक क्यों होती है?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है। सर्दियों के समय देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र की ओर बहती हैं। इसलिए देश के ज़्यादातर इलाकों में शुष्क मौसम होता है। तमिलनाडु का तट अधिकतम वर्षा इन्ही पवनों से प्राप्त करता है क्योंकि वहाँ ये पवनें समुन्द्र से स्थल की तरफ बहती है।

तमिलनाडु में शीतकालीन वर्षा क्यों होती है संक्षिप्त उत्तर?

Detailed Solution. तमिलनाडु में मानसूनी वर्षा उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण होती है। ऐसी वर्षा अक्टूबर महीने से शुरु होती है और जनवरी मध्य तक रहती है।

तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में शरद ऋतु में वर्षा क्यों होती है?

भारत के दक्षिणी भागों विशेष रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा तट पर शरद ऋतु में वर्षा होती है क्योंकि पवनें मुख्य भूमि से बंगाल की खाड़ी में वापस जा रही होती हैं। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में शरद ऋतु के मौसम में मानसून का अनुभव होता है।

तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में वर्षा कब होती है?

देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों जैसे तमिलनाडु तट पर अधिकतर वर्षा अक्टूबर एवं नवंबर में होती है। सामान्य रूप से तटीय क्षेत्रों के तापमान में अंतर कम होता है।