श्री कृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है ऐसा गोपियों ने कैसे जान लिया? - shree krshn ne raajaneeti padh lee hai aisa gopiyon ne kaise jaan liya?

विषयसूची

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  • 1 श्री कृष्ण के जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
  • 2 श्री कृष्ण ने कौन शिक्षा प्राप्त कर ली है?
  • 3 श्री कृष्ण ने कौन सा गुरु ग्रंथ पढ़ लिया है?
  • 4 कृष्ण ने क्या पढ़ ली है?
  • 5 श्री कृष्ण के कितने नाम है?
  • 6 भगवान श्री कृष्ण के कुल गुरु कौन थे?

श्री कृष्ण के जीवन से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: श्रीकृष्‍ण और सुदामा की मित्रता हमें बचपन से इसलिए पढ़ाई-सिखाई जाती है, क्योंकि वो हमें रिश्तों की कद्र करना और दोस्तों के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित करती हैं. साथ ही ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी, छोटे-बड़े की पाबंदियों से दूर दोस्ती सबसे अहम रिश्ता भी यह कृष्‍ण-सुदामा ने हमें सिखाया.

श्री कृष्ण ने कौन शिक्षा प्राप्त कर ली है?

इसे सुनेंरोकेंकृष्ण ने 64 दिनों में ली थी पूरी शिक्षा महर्षि सांदीपनि आश्रम शिप्रा नदी के गंगा घाट पर स्थित है। इस स्थान पर गोमती कुंड भी बना हुआ है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने गुरू सांदीपनि स्नान के लिए गोमती नदी का जल उपलब्ध कराया था। इसलिए इसका नाम गोमती कुंड पड़ गया।

कृष्ण की महानता को जानने का क्या प्रभाव है?

इसे सुनेंरोकेंभगवान श्री कृष्ण के अनुसार हमें अच्छे कर्म करते रहना चाहिये और व्यर्थ की बातों में अपना समय नष्टï नही करना चाहिये और न ही किसी से डरना चाहिये। 2. भगवान कृष्ण ने मुश्किल घड़ी में पांडवों का साथ देकर ये साबित कर दिया कि दोस्त वही अच्छे होते हैं जो कठिन से कठिन परिस्थिति में आपका साथ देते हैं।

भगवान श्री कृष्ण क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंश्रीकृष्ण, हिन्दू धर्म में भगवान हैं। वे विष्णु के 8वें अवतार माने गए हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता है। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे।

श्री कृष्ण ने कौन सा गुरु ग्रंथ पढ़ लिया है?

इसे सुनेंरोकेंसांदीपनी : भगवान श्रीकृष्ण के सबसे पहले गुरु सांदीपनी थे। उन्हीं के आश्रम में श्रीकृष्ण ने वेद और योग की शिक्षा और दीक्षा के साथ ही 64 कलाओं की शिक्षा ली थी।

कृष्ण ने क्या पढ़ ली है?

इसे सुनेंरोकेंकृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है ऐसा गोपियों ने कैसे जान लिया – Brainly.in.

श्री कृष्ण के अनुसार अच्छे लोगों के साथ धोखा क्यों होता है?

इसे सुनेंरोकेंश्री कृष्ण अर्जुन को ये कथा सुनाने के बाद कहते है पार्थ क्या तुम्हे अब तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मिल पाया। ऐसा सोचना की भगवान् लोगो के अच्छे कर्मो को नजरअंदाज कर रहा है ये बिल्कुल भी सत्य नहीं है। भगवान हमें क्या किस रूप में दे रहा है ये मनुष्य की समझ में नहीं आता है।

श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या क्या सोच रहे?

इसे सुनेंरोकें2. श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे? उत्तर:- श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे थे कि उनकी चोटी भी बलराम भैया की तरह लम्बी, मोटी हो जाएगी फिर वह नागिन जैसे लहराएगी।

श्री कृष्ण के कितने नाम है?

श्री कृष्ण के 108 नाम

  • कृष्ण
  • कमलनाथ
  • वासुदेव
  • सनातन
  • वसुदेवात्मज
  • पुण्य
  • लीलामानुष विग्रह
  • श्रीवत्स कौस्तुभधराय

भगवान श्री कृष्ण के कुल गुरु कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंगौरतलब है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा और ज्ञान संदीपनि आश्रम में ही गुरू संदीपनि से प्राप्त किया था. उज्जैन स्थित महर्षि संदीपनि आश्रम जो ऋषि सांदीपनि की तप स्थली है. यहां महर्षि ने घोर तपस्या की थी. इसी स्थान पर महर्षि संदीपनि ने वेद-पुराण शास्त्रादि की शिक्षा के लिए आश्रम का निर्माण करवाया था.

कृष्ण को गुरु कैसे बनाये?

इसे सुनेंरोकेंउपनिषदों से गुरु शब्द की उत्पत्ति हुई है। गु का अर्थ है अज्ञान और रु का अर्थ है अज्ञान को मिटाने वाला, प्रकाश देने वाला। जो अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाए औरजो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए, वही गुरु है। श्रीमदभागवत में भगवान श्रीकृष्ण भी कहते हैं कि इष्ट से मिलाने का कार्य गुरु ही करते हैं।

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Question

गोपियों ने यह क्यों कहा कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं? क्या आपको गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आता है, स्पष्ट कीजिए।

Solution

गोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि श्री कृष्ण ने सीधी सरल बातें ना करके रहस्यातमक ढंग से उद्धाव के माध्यम से अपनी बात गोपियों तक पहुचाई है। गोपियों का यह कथन कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। कहीं न कहीं आज की भ्रष्ट राजनीति को परिभाषित कर रहा है। इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आ रहा है। जिस तरह से श्री कृष्ण ने अपनी बात सीधे-सीधे न करके घुमा-फिराकर उद्धव के माध्यम से गोपियों के समक्ष रखी है, उसी तरह आज के राजनीतिज्ञ भी अपनी बात को घुमा-फिराकर जनता के समक्ष रखते हैं। दूसरी तरफ यहाँ गोपियों ने राजनीति शब्द को व्यंग के रूप में कहा है। आज के समय में भी राजनीति शब्द का अर्थ व्यंग के रूप में लिया जाता है।

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श्री कृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है ऐसा गोपियों में कैसे जान लिया?

श्रीकृष्ण गोपियों से प्रेम करते थे और प्रेम सदा सीधी राह पर चलता है। जब वे मधुरा चले गए थे तो उन्होंने गोपियों को योग का संदेश उद्धव के माध्यम से भिजवा दिया था। कृष्ण के इस दोहरे आचरण के कारण ही गोपियों को कहना पड़ा था कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। गोपियों का यह कथन आज की राजनीति में साफ -साफ दिखाई देता है।

गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने कौन सा शास्त्र पढ़ लिया है?

उत्तर : गोपियों के अनुसार श्रीकृष्ण ने राजनीति शास्त्र पढ़ लिया है। वे बदल गए हैं । इसलिए वे पहले से भी अधिक बुद्धिमान और चतुर हो गए हैं। उन्होंने हमस ब गोपियों को योग - ज्ञान के कठिन मार्ग पर चलने का संदेश भेजा है।

गोपियों ने ऐसा क्यों कहा कि कृष्ण ने राजनीति पढ़ ली है उन्हें कृष्ण में कुशल राजनीतिज्ञ के कौन से गुण दिखाई दिए?

गोपियों ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि श्री कृष्ण ने सीधी सरल बातें ना करके रहस्यातमक ढंग से उद्धाव के माध्यम से अपनी बात गोपियों तक पहुचाई है। गोपियों का यह कथन कि हरि अब राजनीति पढ़ आए हैं। कहीं न कहीं आज की भ्रष्ट राजनीति को परिभाषित कर रहा है। इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में नज़र आ रहा है।

गोपियों के अनुसार राजनीति में निपुण कौन हो गया है?

गोपियों का एकनिष्ठ प्रेम-गोपियों के हृदय में श्रीकृष्ण के प्रति एकनिष्ठ गहरा प्रेम था। वे उन्हें पलभर भी भुला नहीं पाती थीं। उन्हें लगता था कि श्रीकृष्ण ही उनके जीवन के आधार थे जिनके बिना वे पलभर जीवित नहीं रह सकती थीं। वे तो उनके लिए हारिल पक्षी की लकड़ी के समान थे जो उन्हें जीने के लिए मानसिक सहारा देने वाले थे।