आगत स्वर कौन सी भाषा से लिया गया है? - aagat svar kaun see bhaasha se liya gaya hai?

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Last updated on Sep 21, 2022

The Madhya Pradesh Professional Examination Board (MPPEB) is soon going to release the official notification for the MP Patwari Recruitment 2022. More than 5000+ vacancies are expected to release this year. For the last recruitment cycle, a total number of 9235 were released for the MP Patwari Post. The selection of the candidates depends on their performance in the Written Examination. With a minimum educational qualification of 12th pass, it is a great opportunity for job seekers. Candidates can check the MP Patwari eligibility criteria here.


आगत स्वर कौन सी भाषा से लिया गया है? - aagat svar kaun see bhaasha se liya gaya hai?
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आगत स्वर कौन सी भाषा से लिया गया है? - aagat svar kaun see bhaasha se liya gaya hai?

हिंदी भाषा के स्वरों की स्थिति इस प्रकार है ---
परंपरा से प्राप्त स्वर – अ , आ , इ , ई , उ , ऊ, ( ऋ ) ,ए , ऐ , ओ , औ .
आगत स्वर - ऑ .

उक्त स्वरों में मूल स्वर तो दस ही हैं. “ ऋ “ संस्कृत भाषा का स्वर हिंदी में प्रयोग किया जाता था . उच्चारण के स्तर पर अब ये समाप्त हो चुका है . इसका प्रयोग केवल तत्सम शब्दों (संस्कृत भाषा के शब्द ) के लेखन में किया जाता है . आज हिब्दी भाषा- भाषी “ ऋ “ का उच्चारण स्वर के रूप में न करके र ( यहाँ र पर हलंत आएगा जो टाइपिंग में नहीं आ रहा है ) र + इ के संयुक्त रूप ( रि के रूप ) में करते हैं
जहाँ एक स्वर था , अब इसका उच्चारण हिंदी में व्यंजन र + इ स्वर के मिले हुए रूप से हो गया है. . हम लिखते तो ऋषि , कृपा , मृग हैं परन्तु बोलते रिशी, क्रिपा , तथा म्रिग हैं .
यहाँ एक प्रश्न उठता है कि यदि हिंदी में “ ऋ “ स्वर का उच्चारण समाप्त हो गया है तो भी हम इसे वर्ण – माला में क्यों रखे हुए हैं ?
इसका प्रमुख कारण ये है कि भाषा विकास क्रम में ध्वनियों के उच्चारण में तो निरंतर परिवर्तन स्वत: ही होते रहते हैं परन्तु लेखन – व्यवस्था सम्बन्धी परिवर्तन स्वत: नहीं होते . जब कभी विद्वानों की कोई समिति बैठती है और विचार करती है तब वह कुछ परिवर्तन का सुझाव देती है . हिंदी की लिपि – वर्तनी में समय – समय पर अनेक बार इस तरह के सायास प्रयत्न होते रहे हैं . दूसरा लाभ है कि इन वर्णों को वर्ण – माला में रखने से शब्द का लिखित रूप देख कर उसका परंपरागत रूप पता चल जाता है , भले ही वह ध्वनि का उच्चारण न होता हो.
अत: आज हिंदी में “ऋ “ स्वर का प्रयोग तत्सम शब्दों के लेखन करते समय किया जाता है , जैसे ऋषि , मृग , गृह ,पृथा आदि .
आगत स्वर --- ऑ स्वर अंग्रेजी और अनेक यूरोपीय भाषाओँ के शब्द हिंदी भाषा में समाहित हो जाने से आया है....इसलिए इसे आगत स्वर कहते हैं . बहुत से अंग्रेजी भाषा के शब्द आज हिंदी के बन गए हैं जैसे – doctor , coffee , copy , shop , इन शब्दों की “o “ ध्वनि न तो हिंदी की ओ है और ना ही औ .इसका उच्चारण इन दोनों के मध्य में कहीं होता है . इस आगत ध्वनि के लिए “ ऑ “ वर्ण बना लिया गया है .मानक वर्तनी के अनुसार इन आगत शब्दों को ऑ स्वर से लिखा जाना चाहिए . जैसे
डाक्टर – डॉक्टर
कापी / कोपी – कॉपी
शोप / शाप – शॉप आदि
अनुनासिक स्वर ध्वनि

जब स्वरों का उच्चारण करते समय वायु को मुख के साथ साथ नाक से भी बाहर निकाला जाता है तब वे स्वर अनुनासिक हो जाते हैं .अत: अनुनासिकता स्वरों का एक गुण है. हिंदी में सभी मूल स्वर अनुनासिक हो सकते हैं उदाहरण के तौर पर---
शब्द                     ध्वनि                                    
सवार                       अ                                         
सँवार                       अं   ( चन्द्र बिंदु)
सास                       आ
साँस                       आँ
आई                        ई
आईं                        ईं
पूछ                         उ
पूँछ                         ऊँ
इस प्रकार हिंदी में अनुनासिक स्वर शब्दों का अर्थ परिवर्तन कर देते हैं...
उपर्युक्त जानकारी मानक हिंदी व्याकरण पुस्तक पर आधारित हैं ..
आप सब सुधिजन की टिप्पणियों का इंतज़ार है.

आगत स्वर की ध्वनि कौन सी भाषा से ली गई है?

आगत ध्वनियाँ ज़ और फ़ है; इन्हें आगत व्यंजन कहते हैं। यह अरबी, फ़ारसी भाषाओं से आए हैं; जैसे – कागज़, ज़मीन, अंग्रेज़ी, फ़कीर, लिफ़ाफ़ा आदि।

आगत स्वर क्या होता है?

आगत स्वर का उच्चारण आ तथा ओ के बीच में होता है। बास्तव में विदेशी (मूल रूप से अंग्रेज़ी भाषा) के शब्दों को हिंदी भाषा में सम्मलित करने से जिस स्वर का निर्माण हुआ है उसको आगत स्वर कहते है।

आगत स्वर का दूसरा नाम क्या है?

Answer: नवनिर्मित ध्वनि कहते है।

आगत स्वर की संख्या कितनी है?

➲ दो ✎... हिंदी में आगत व्यंजनों की संख्या मुख्यतः दो है, जो हैं...