2022 सत्यनारायण पूजा Show शुक्ल पूर्णिमा पौष, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 01:48 पी एम, जनवरी 16 समाप्त - 03:47 पी एम, जनवरी 17 शुक्ल पूर्णिमा माघ, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 08:12 ए एम, फरवरी 15 समाप्त - 08:55 ए एम, फरवरी 16 मार्च 17, 2022, बृहस्पतिवार शुक्ल पूर्णिमा फाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 12:59 ए एम, मार्च 17 समाप्त - 12:17 ए एम, मार्च 18 अप्रैल 15, 2022, शुक्रवार शुक्ल पूर्णिमा चैत्र, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 01:55 पी एम, अप्रैल 15 समाप्त - 11:54 ए एम, अप्रैल 16 शुक्ल पूर्णिमा वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 12:15 ए एम, मई 15 समाप्त - 09:13 पी एम, मई 15 शुक्ल पूर्णिमा ज्येष्ठ, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 08:32 ए एम, जून 13 समाप्त - 04:51 ए एम, जून 14 शुक्ल पूर्णिमा आषाढ़, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 03:30 पी एम, जुलाई 12 समाप्त - 11:36 ए एम, जुलाई 13 अगस्त 11, 2022, बृहस्पतिवार शुक्ल पूर्णिमा श्रावण, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 10:08 पी एम, अगस्त 10 समाप्त - 06:35 पी एम, अगस्त 11 सितम्बर 9, 2022, शुक्रवार शुक्ल पूर्णिमा भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 05:37 ए एम, सितम्बर 09 समाप्त - 02:58 ए एम, सितम्बर 10 शुक्ल पूर्णिमा आश्विन, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 03:11 पी एम, अक्टूबर 08 समाप्त - 01:54 पी एम, अक्टूबर 09 शुक्ल पूर्णिमा कार्तिक, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 02:45 ए एम, नवम्बर 07 समाप्त - 03:01 ए एम, नवम्बर 08 शुक्ल पूर्णिमा मार्गशीर्ष, शुक्ल पूर्णिमा प्रारम्भ - 06:31 पी एम, दिसम्बर 06 समाप्त - 08:07 पी एम, दिसम्बर 07 टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप
में Redwood City, संयुक्त राज्य अमेरिका के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं। 2022 श्री सत्यनारायण पूजा और कथा के दिनश्री सत्यनारायण की पूजा भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। श्री नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। भगवान विष्णु को इस रूप में सत्य का अवतार माना जाता है। सत्यनारायण की पूजा को करने का कोई दिन तय नहीं है और श्रद्धालु इसे किसी भी दिन कर सकते हैं लेकिन पूर्णिमा के दिन इसे करना अत्यन्त शुभ माना जाता है। श्रद्धालुओं को पूजा के दिन उपवास करना चाहिए। पूजा प्रातःकाल व सन्ध्याकाल के समय की जा सकती है। सत्यनारायण की पूजा करने का समय सन्ध्याकाल ज्यादा उपयुक्त है जिससे उपवासी पूजा के बाद प्रसाद से अपना व्रत तोड़ सकते हैं। द्रिक पञ्चाङ्ग सन्ध्याकाल के लिए श्री सत्यनरायण पूजा के दिनों को सूचीबद्ध करता है। इसीलिए दिये गए सत्यनारायण पूजा के दिन चतुर्दशी अर्थात पूर्णिमा के एक दिन पहले भी आ सकते हैं। जो श्रद्धालु पूजा को प्रातःकाल में करना चाहते है उन्हें द्रिकपञ्चाङ्ग से सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि पूजा पूर्णिमा तिथि के अन्दर करी जाती है। पूर्णिमा के दिन, प्रातःकाल के दौरान तिथि समाप्त हो सकती है और इसी वजह से पूर्णिमा तिथि हर बार प्रातःकाल की पूजा के लिए उपयुक्त नहीं है। भगवान सत्यनारायण जो भगवान विष्णु के अत्यन्त हितैषी रूप है उनकी पूजा को मिलाकर पूजा के धार्मिक कृत्य बने होते हैं। पञ्चामृत (दूध, शहद, घी/मख्खन, दही और चीनी का मिश्रण) का उपयोग शालिग्राम जो कि महा विष्णु का पवित्र पत्थर है, को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। पँजीरी जो कि मीठी और गेहूँ के भुने हुए आटे की होती है, केला और अन्य फलों को प्रसाद के रूप में उपयोग में लिया जाता है। तुलसी की पत्तियाँ भी प्रसाद में मिला दी जाती है जिससे प्रसाद और भी ज्यादा पवित्र हो जाता है। पूजा की अन्य आवश्यकता पूजा की कहानी होती है जिसे कथा के रूप में भी जाना जाता है और यह कथा पूजा में शामिल श्रद्धालुओं और जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं, उनके द्वारा सुनी जाती है। सत्यनारायण कथा में पूजा की उत्पत्ति, पूजा को करने के लाभ और किसी के द्वारा पूजा करने का भूलने से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं की कहानी शामिल हैं। पूजा की समाप्ती आरती के साथ होती है जिसमें भगवान की मूर्ति या छवि के आस-पास कर्पूर से ज्वलित छोटी सी ज्वाला को घुमाते हैं। आरती के बाद श्रद्धालु लोग पञ्चामृत और प्रसाद को ग्रहण करते हैं। व्रत करने वाले श्रद्धालु पञ्चामृत से व्रत को तोड़ने के बाद प्रसाद को ले सकते हैं। जुलाई के महीने में सत्यनारायण व्रत कब है?श्री सत्यनारायण व्रत (13 जुलाई, बुधवार)
जो लोग रामायण पाठ या भागवत कथा जैसे लंबे आयोजन करने में समर्थ नहीं होते हैं वे सत्यनारायण की कथा कर लेते हैं। इस कथा को प्राय़: एकादशी या पूर्णिमा के दिन किया जाता है। इस व्रत के पीछे मूल उद्देश्य सत्य की पूजा करना है।
जुलाई 2022 में सत्यनारायण व्रत कब है?सत्यनारायण व्रत केवल पूर्णिमा के दिन को रखा जाता है क्योंकि पूर्णिमा श्री सत्यनारायण का पसंदीदा दिन है। द्रिक पंचांग के अनुसार इस माह श्री सत्यनारायण व्रत आषाढ़ मास में बुधवार 13 जुलाई 2022 को होगा.
सत्यनारायण की कथा कब करनी चाहिए 2022?कभी – कभी सत्यनारायण व्रत का उदयकालिक तिथि से एक दिन का अन्तर पड़ जाता है जैसे कि सूर्योदय के समय पूर्णिमा तिथि नहीं है लेकिन रात में चन्द्रमा उदय के समय पूर्णिमा तिथि है तब उसी दिन व्रत होगा क्योंकि चन्द्रोदय काल एवं प्रदोषव्यापिनी पूर्णिमा में ही व्रत सिद्ध होता है.
सत्यनारायण पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?सत्यनारायण की पूजा का मुहूर्त | Satyanarayan Puja Shubh Muhurat. हिंदू पंचांग के अनुसार, सत्यनारायण की पूजा के लिए आप सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 के बीच कर सकते हैं.
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