सार्वनामिक विशेषण का दूसरा नाम क्या है? - saarvanaamik visheshan ka doosara naam kya hai?

आज के आर्टिकल में हम विशेषण के अंतर्गत सार्वनामिक विशेषण(Sarvanamik Visheshan) को अच्छे से समझेंगे और इसके उदाहरणों के माध्यम से विस्तार से पढेंगे ।

  • संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण – Sarvanamik Visheshan
    • सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा – Sarvanamik Visheshan ki Paribhasha
    • सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण – Sarvanamik Visheshan ke Udaharan
    • सार्वनामिक विशेषण के भेद – Sarvanamik Visheshan ke Bhed
      • (1) निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
      • (2) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
      • (3) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
      • (4) संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण

सार्वनामिक विशेषण का दूसरा नाम क्या है? - saarvanaamik visheshan ka doosara naam kya hai?

सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा – Sarvanamik Visheshan ki Paribhasha

जो सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्दों से पूर्व प्रयुक्त होकर विशेषण का कार्य करते हैं, उन्हें संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण – Sarvanamik Visheshan ke Udaharan

  • यह कलम राम की है।
  • इस पलंग पर सामान ना रखें।
  • वह छात्रा रोती है।
  • यह लङका पढ़ने में अच्छा है।
  • इस गाङी को टच मत करना।
  • यह घर रमेश का है।
  • वह अब्दुल के अब्बा है।
  • यह लङकी वही है जो मर गयी थी।
  • यह पुष्प कितना सुन्दर है।
  • उस पुस्तक को पढ़ो।
  • यह मेरी किताब है।
  • वह घोङा मेरा है।
  • वह रोज मजदूरी करता है।
  • वे कुत्ते जा रहे हैं।
  • उस गरीब को खाना दो।
  • वह गाङी चली गयी है।
  • वह आदमी अच्छे से काम करना जानता है।
  • यह लङका सुंदर है।
  • इस विद्यार्थी ने अच्छा काम किया है।

उपर्युक्त वाक्यों में ’यह’, ’वह’, ’इस’ आदि क्रमशः कलम, छात्रा व विद्यार्थी की ओर संकेत कर रहे हैं, अतः यहां संकेतवाचक या सार्वनामिक विशेषण है।

सार्वनामिक विशेषण के भेद – Sarvanamik Visheshan ke Bhed

सार्वनामिक विशेषण का दूसरा नाम क्या है? - saarvanaamik visheshan ka doosara naam kya hai?

सार्वनामिक/संकेतवाचक विशेषण चार प्रकार के होते हैं –

(1) निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की ओर निश्चयात्मक रूप से संकेत करते हैं, निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे वह मूर्ति, वे मूर्तियों, यह मूर्ति, ये मूर्तियां।

उदाहरण –

  • यह कलम राम की है।’
  • वह आपको जानता है।’

इन दोनों वाक्यों में ’यह’ तथा ’वह’ निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण है।

  • वह खंभा गिर जाएगा।

यहां ’वह’ सर्वनाम ’खंभा’ की विशेषता प्रकट कर रहा है अतः यह सार्वनामिक विशेषण है।

(2) अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की ओर अनिश्चित रूप से संकेत करते हैं, अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे कुछ लाभ, कोई लङका, कोई व्यक्ति।

उदाहरण –

  • कोई आया है।’

इस वाक्य में ’कोई’ शब्द अनिश्चय की स्थिति पैदा कर रहा है। अतः यहां अनिश्चयात्मक सार्वनामिक विशेषण है।

  • कोई आदमी मुझे मार रहा था।
  • वहां देखो कोई आ रहा है।
  • आज कुछ सामान मार्केट से लाना है।
  • कोई आदमी मिलने आया है।
  • मेरी कार से कुछ सामान गायब है।
  • मुझे कुछ खाना है।

(3) प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण

जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम से संबंधित प्रश्नों का बोध कराते हैं, प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे कौन लोग?

क्या सहायता?

कौन आदमी?

क्या काम?

उदाहरण –

  • कौन आया है?’
  • किस टोकरी को उठाना है?’

इन वाक्यों में ’कौन’’किस’ शब्द से प्रश्न होना पाया जा रहा है। अतः यहां प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते है।

  • क्या मुझे यह करना चाहिए।
  • क्या मैं आपके पास आ सकता हूँ।
  • किस किस पुस्तक को पढ़ू?
  • वह कौन गा रही है ?
  • कौन है जो सुबह से फोन करके परेशान कर रहा है।
  • क्या मैं इसके बारे में जान सकता हूँ।

(4) संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण

जो विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का संबंध वाक्य में प्रयुक्त अन्य संज्ञा या सर्वनाम के साथ जोङते हैं, संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

जैसे – जो वस्तु, जो लङका, जो पुस्तक।

उदाहरण –

जो व्यक्ति आपके साथ कार्य करेगा, उससे अभी मिल लो।’

इस वाक्य में ’जो’’उससे’ आदि शब्द संज्ञा व सर्वनाम में संबंध स्थापित कर रहे हैं। अतः यहां संबंधवाचक सार्वनामिक विशेषण है।

  • मेरा नाम रवि है।
  • मेरा भाई अभी तक नहीं आया है।
  • तुम्हारा भाई मेरे पास आया था।
  • जिस काम को करना ना हो, उस पर विचार करना मूर्खता है।
  • तुम्हारे दोनों दोस्त कल जयपुर में मिले थे।
  • तुम्हारी कार मेरे पास है।

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सार्वनामिक विशेषण को और क्या कहते हैं?

सार्वनामिक विशेषण (Sarvanamik Visheshan) को संकेतवाचक विशेषण भी कहते हैं। पुरुषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम के अतिरिक्त शेष सभी सर्वनाम शब्दों का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है।

सार्वनामिक विशेषण का दूसरा नाम इनमें से कौन सा है?

Explanation: जब यह, वह, इस, उस आदि सार्वनामिक शब्द संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हैं, तब उन्हें संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषणों को निश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण भी कहते हैं।

सार्वनामिक विशेषण का उदाहरण कौन सा है?

जैसे— 'गाय' कहने से उसके व्यापक क्षेत्र का बोध होता है; किन्तु 'काली गाय' कहने से गाय का क्षेत्र सीमित हो जाता है। इसी तरह “जब किसी सर्वनाम का मौलिक या यौगिक रूप किसी संज्ञा के पहले आकर उसके क्षेत्र को सीमित कर दे, तब वह सर्वनाम न रहकर 'सार्वनामिक विशेषण' बन जाता है।” यह गाय है।

सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में क्या अंतर है?

सर्वनाम और सर्वनामिक विशेषण में मुख्य अंतर यह होता है कि सर्वनाम मुख्यतः वे शब्द होते हैं, जो किसी संज्ञा शब्द के स्थान पर प्रयुक्त किए जाते हैं, जबकि सर्वनामिक विशेषण वह शब्द होते हैं, जो किसी संज्ञा शब्द से पहले विशेषण के रूप में प्रयुक्त किए जाते हैं, यह विशेषण सर्वनाम से बनाए जाते हैं, इसलिए इन्हें सर्वनामिक विशेषण ...