अर्जुन लाल सेठी की जन्म भूमि कौन सी है? - arjun laal sethee kee janm bhoomi kaun see hai?


अर्जुन लाल सेठी
जन्मः 9 सितंबर, 1880 ई. को
- राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी अर्जुन लाल सेठी की जन्मभूमि जयपुर थी।
- राजस्थान में सशस्त्र क्रांति के कर्णधार सेठी जी ने 1905 में ‘जैन शिक्षा प्रचारक समिति’ की स्थापना की, जिसके तत्वाधान में क्रांतिकारियों का प्रशिक्षण केन्द्र ‘जैन वर्धमान पाठशाला’ शुरू की गई।
- 1907 ई. में सूरत कांग्रेस में भाग लिया। 12 दिसंबर, 1912 ई. को दिल्ली में गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग्स के जुलूस पर बम फेंकने की घटना की रूपरेखा सेठीजी की थी।
- क्रांतिकारी माणकचन्द और मोतीचंद भी इस विद्यालय में ही पढ़ने आए थे। उनमें मोतीचंद को नीमेज के महंत हत्याकांड में फांसी की सजा दी गई।
- सन् 1914 में सेठीजी को भी उक्त हत्याकांड के सिलसिले में नजरबंद कर दिया गया। इस नजरबंदी का विरोध होने पर सेठीजी को मद्रास प्रेसीडेन्सी के अधीन वैलूर जेल में भेज दिया गया।
- सन् 1920 में जेल से मुक्त होने के बाद सेठीजी ने अजमेर को अपना कार्य क्षेत्र बनाया।
- सन् 1921 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया और अजमेर में हिंदू-मुस्लिम एकता और शराब के ठेकों की जोरदार पिकेटिंग की।
- उनकी अंतिम ईच्छा थी कि उन्हें जलाया नहीं जाए बल्कि दफनाया जाए।
- 23 दिसम्बर 1941 को मृत्यु


- उन्होंने ‘शुद्र मुक्ति’, स्त्री मुक्ति, महेन्द्र कुमार आदि पुस्तक लिखी।

अर्जुन लाल सेठी (1880-1941 ई.) – अर्जुनलाल सेठी का जन्म जयपुर में एक जैन परिवार में हुआ था। 1902 ई. में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए. करने के बाद उसने चौमू ठाकुर देवीसिंह के निजी सचिव के रूप में कार्य किया, किनतु शीघ्र ही उसने यह पद त्याग दिया। 1907 ई. में उसने अजमेर में जैन शिक्षा सोसाइटी स्थापित की, जिसे 1908 में जयपुर स्थानान्तरित कर दिया तथा एक वर्धमान विद्यालय और छात्रावास भी जयपुर में खोला। वह दक्षिण भारत भी गया और अपनी शिक्षा संस्था के संबंध में जानकारी दी। जयपुर का वर्धमान विद्यालय प्रत्यक्ष में तो एक धार्मिक विद्यालय ही था, लेकिन वास्तव में यहाँ क्रांतिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। उनके शिष्यों ने धन प्राप्त करने के लिए बिहार में मिनाज स्थिर जैन उपासरे को लूटने की योजना बनायी। 20 मार्च, 1913 ई. को उपासरे के महन्त व उसके नौकर की हत्या कर दी गयी, किन्तु इस लूट में कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ।

अर्जुन लाल सेठी की जन्म भूमि कौन सी है? - arjun laal sethee kee janm bhoomi kaun see hai?

23 दिसंबर, 1912 ई. को कङी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद भारत के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग्ज पर बम फेंका गया। इस संबंध में 13 व्यक्ति गिरफ्तार किया गये। सरकारी गवाह अमीरचंद ने अदालत को बताया कि इस बम काण्ड की योजना अर्जुनलाल सेठी के मस्तिष्क की देन थी। अतः सेठी को गिरफ्तार कर लिया गया। सबूत के अभाव में उन पर कोई मुकदमा नहीं बना तब अँग्रेजों के कहने पर जयपुर महाराजा ने सेठी को सार्वजनिक शांति के लिये खतरा बताकर पाँच वर्ष तक जेल में बंद रखा। 1920 ई. में उन्हें रिहा कर दिया गया और कुछ वर्षों बाद वह काँग्रेस में शामिल हो गये, लेकिन 10-12 वर्षों के बाद वे काँग्रेस से अलग हो गये। अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति के कारण वे अजमेर में ख्वाजा की दरगाह में मुस्लिम बच्चों को अरबी-फारसी पढाकर जीवनयापन करने लगे। 1941 ई. में यहीं उनका देहान्त हो गया, तब दरगाह के लोगों ने उन्हें मुसलमान समझकर दफना दिया।

Solution : राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं क्रांतिकारी अर्जुनलाल सेठी की जन्मभूमि जयपुर थी। अर्जुनलाल सेठी ने राजस्थान में सशस्त्र क्रांति और जनजागृति का अलख जगाया। सेठी ने जयपुर में सन् 1905 ई. में 'जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की और उसके तत्वावधान में 'वर्धमान विद्यालय, वर्धमान छात्रावास और वर्धमान पुस्तकालय' चलाए, क्रान्तिकारियों के प्रशिक्षण केन्द्र थे। तत्कालीन जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने उन्हें राज्य का प्रधानमंत्री बनाने का पेशकश की थी, किन्तु राष्ट्रप्रेम के कारण उन्होंने इसे यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि "अर्जुन लाल नौकरी करेगा. तो अंग्रेजों को भारत से कौन निकालेगा अर्जुनलाल सेठीसेठी ने देश में भावी क्रान्ति के लिये युवकों को तैयार किया जोरावर सिंह प्रतापसिंह,माणिकचन्द्र, मोतीचन्द, विष्णुदत आदि क्रान्तिकारी इन्हीं के विद्यालय से जुड़े थे। सेठी हार्डिंग बम काण्ड,आरा हत्याकाण्ड, काकोरी कार्रवाई से सम्बद्ध थे। अजमेर में रहते हुए 'शूद मुक्ति स्त्री मुक्ति महेन्द्र कुमार आदि पुस्तके लिखी। इन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता स्थापित करने का प्रयास किया।

अर्जून लाल सेठी ने ई.1905मे जैन शिक्षा प्रचारक समिति तथा उसके अधिन विद्धालय छात्रावास एवं पुस्तकाल्य का संचालन किया ।इन संस्थाओ में सेठिजी ने क्रांतिकारियों को प्रशिक्षित करने का काम किया । उनका सम्बन्ध रास बिहारी बोस , शचिन्द्र सान्य एवं मास्टर अमिचंद जैसे क्रंतिकारियों से हो गया। इन क्रांतिकारियो द्वारा भारत भर मे सशस्त्र क्रांति की योजनाएं बनायी जाती थी । राजस्थान मे ईस क्रांति का जिम्मा केसरीसिंह बारहठ ,खरवा ठाकुर गोपालसिंह खरवा ,ब्यावर के सेठ दामोदर दास राठी और जयपुर के अर्जुन लाल सेठी को सौंपा गया । सेठी का यह कार्य था कि वे अपने विद्धालय में नवयुवकों को क्रांति के लिए तैयार करे । प्रतापसिंह बारहठ, माणकचन्दं (शोलापुर) और विष्णूदत (मिर्जापुर) ने वर्द्धमान विद्धालय में ही क्रांति का प्रशिक्षण प्राप्त किया ।

देश भर में सशस्त्र क्रांति के आयोजन के लिये धन की पूर्ति करने हेतू वर्द्धमान विद्धालय के चार छात्रो ने विष्णूदत्त के नेत्रित्व मे बिहार के आरा जिले में निमेज के एक जैन मंहत पर डाका डाला । मंहत मारा गया किंतु धन कि प्राप्ति नही हुई । इस काण्ड के साथ सेठी का नाम भी जुड गया । उन्हें जयपुर मे नजर बंद राखा गया । उसके बाद उन्हें मद्रास प्रेसीडेन्सी की वैलुर जेल भेज दिया गया । सात वर्ष बाद ई.1920 में उन्हे छोडा गया । जब सेठीजी जेल से छुटकर राजस्थान लौट रहे थे। तब बालगंगाधर तिलक ने दो हजार लोगों के साथ पूना रेल्वे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया । छात्रों ने बग्घी के घोडे खोलकर उनकी बग्घी हाथो से खींचा  ।  वैलुर आने के बाद सेठिजी ने अजमेर को अपनी कर्मभुमि बनाया । ई.1920-21में असहयोग आंदोलन में भाग लेने पर उन्हे सागर जेल भेज दिया गया । डेढ वर्ष बाद जेल रिहाई होने पर वे पुन: अजमेर आ गये । इस बार गांधिजी से उनका गहरा मतभेद हो गया ।ई.1934  में गांधिजी अजमेर आये तथा सेठी से गले मिलकर रू पडे ।गांधीजी की प्रेरणा से अब उन्होने हिन्दू मूस्लिम एकता का काम आरंभ किया ।23दिसम्बर 1945 को उनका निधन हो गया । उनका देहांत हो जाने पर उनकी ईच्छानुसार उन्हें दफनाया गया ।

अर्जुन लाल सेठी को कौन सी जेल में रखा गया?

सरकार को भय था कि जयपुर जेल में अर्जुन लाल सेठी की उपस्थिति से जयपुर की शांति और व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है, इसलिए सेठी को वेल्लोर (मद्रास) जेल में भेज दिया गया

अर्जुन लाल सेठी ने किसकी स्थापना की?

1880 ई. में जयपुर में जन्मे अर्जुनलाल सेठी प्रारंभिक काल में चौमू ठिकाने के कामदार नियुक्त हुए। किन्तु देशभक्ति की भावना के कारण अपने पद से त्याग पत्र देकर उन्होंने 1906 ई. में जैन शिक्षा प्रचारक समिति की स्थापना की, जिसके तत्वाधान में जैन वर्धमान पाठशाला स्थापित की गई।

अर्जुन लाल शेट्टी का जन्म कब हुआ था?

9 सितंबर 1880

वर्धमान विद्यालय की स्थापना कब हुई?

उन्होंने क्रांति और स्वतंत्रता का पाठ पढ़ाने के लिए 1907 में जयपुर के 'जैन वर्धमान विद्यालय' में भारत के पहले राष्ट्रीय विद्यापीठ की स्थापना की।