विश्व की पहली नर्स कौन है? - vishv kee pahalee nars kaun hai?

इसे सुनेंरोकें1860 में नाइटिंगेल ने लन्दन में सेंट थॉमस हॉस्पिटल की स्थापना कर प्रोफेशनल नर्सिंग की नीव रखी थी। दुनिया का यह पहला धर्मनिरपेक्ष नर्सिंग स्कूल था, जो आज लन्दन के किंग्स कॉलेज का ही एक भाग है।

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस क्यों मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंहर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्सेस डे इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. उन्हें मार्डन नर्सिंग का संस्थापक माना जाता है और उनके जन्मदिन को इंटरनेशनल नर्सेस डे के रूप में मनाया जाने लगा. साल 1974 इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा कर दी गई.

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नर्सिंग की शुरुआत कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंअंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाया। नर्सिंग पेशेवर की शुरुआत करने वाली प्रख्यात ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय वर्ष 1974 में लिया गया।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल की मृत्यु कब हुई?

13 अगस्त 1910
फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल/मृत्यु तारीख

सबसे पहली नर्स कौन थी?

इसे सुनेंरोकेंफ़्लोरेन्स नाइटिंगेल (अंग्रेज़ी: Florence Nightingale) (१२ मई १८२०-१३ अगस्त १९१०) को आधुनिक नर्सिग आन्दोलन का जन्मदाता माना जाता है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल की मृत्यु कब हुई थी?

नाइटिंगेल का जन्म कब हुआ था?

12 मई 1820
फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल/जन्म तारीख

विश्व नर्स डे कब मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंNurses Day 2021: अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस समाज में नर्सों के योगदान का जश्न मनाता है और हर साल 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती मनाता है. फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है. उन्होंने क्रीमियन यूद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिस सैनिकों की देखभाल की थी. जिसे ‘द लेडी विद द लैंप’ भी कहा जाता है.

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नाइटिंगेल के जन्म से पूर्व इटली में फ्लोरेंस नाम किसका होता था *?

इनका जन्म एक समृद्ध और उच्चवर्गीय ब्रिटिश परिवार में हुआ था। लेकिन उच्च कुल में जन्मी फ्लोरेंस ने सेवा का मार्ग चुना।…

फ़्लोरेन्स नाइटिंगेलजन्म12 मई 1820 फ्लोरेंस, ग्रैंड डची ऑफ टस्कैनीमृत्यु13 अगस्त 1910 (उम्र 90) पार्क लेन, लंदन, यूनाइटेड किंगडमव्यवसायनर्स एवं संख्यिकीशास्त्रीसंस्थाएंसेलिमिये बैरेक्स, स्कुटैरी

इसे सुनेंरोकेंआज वर्ल्ड नर्स डे:पहली नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में यह दिन मनाया जाता है, आज उनका 200वां जन्मदिन; संक्रामक रोगों का डेटा जुटाना इनकी पहल आधुनिक नर्सिंग की फाउंडर फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इटली के फ्लोरेंस में हुआ।

13 अगस्त 1910फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल / मृत्यु तारीख

नाइटिंगेल का जन्म कहाँ हुआ था?

फ़्लोरेंस, इटलीफ़्लोरेन्स नाइटिंगेल / जन्म की जगह

नाइटिंगेल का जन्म कब हुआ?

12 मई 1820फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल / जन्म तारीख

भारत की पहली नर्स कौन थी?

इसे सुनेंरोकेंकेरल के एक छोटे से गांव के किसान की ख्वाहिश थी कि उसकी बेटी आइएएस बने। अपनी साम‌र्थ्य अनुसार उसे पढ़ाया-लिखाया और आज उसी बेटी ने यह सपना साकार कर दिखाया है। यह बेटी कोई और नहीं एनीज कनमणि जॉय हैं, जिन्होंने आइएएस की परीक्षा में 65वां स्थान प्राप्त किया है। वह देश की पहली नर्स हैं जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की है।

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नर्स का इंटरव्यू कैसे होता है?

नर्सों से पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न

  • आप नर्स क्यों बनना चाहती हैं?
  • आपके पास कितने वर्ष का अनुभव है?
  • आपने अपना प्रशिक्षण कब पूरा किया?
  • आपकी शैक्षणिक योग्यता क्या है?
  • आप इमर्जेंसी रूम, आर्थोपेडिक्स रूम, ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू या विशिष्ट क्षेत्र में कब से काम कर रही हैं?
  • आपकी शक्ति क्या है?
  • आपकी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है?

नर्सिंग के जनक कौन है?

इसे सुनेंरोकें12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस में विलियम नाइटिंगेल और फेनी के घर जन्मीं फ्लोरेंस नाइटिंगेल इंग्लैंड में पली-बढ़ीं। फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग की जनक के तौर पर जाना जाता है। उनके जन्मदिवस के खास मौके पर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।

आधुनिक नर्सिंग आंदोलन की जन्मदाता फ्लोरेंस नाइटेंगल (Florence Nightingale) का निधन 13 अगस्त 1910 को हुआ था। जिंदगीभर बीमार और रोगियों की सेवा करने वाली फ्लोरेंस का अपना बचपन बीमारी और शारीरीक कमजोरी की चपेट में रहा। फ्लोरेंस के हाथ बहुत कमजोर थे। इसलिए वह ग्‍यारह साल की उम्र तक लिखना ही नहीं सीख सकी। बाद में फ्लोरेंस ने लैटिन, ग्रीक, गणित की औपचारिक शिक्षा ली। गणित फ्लोरेंस का प्रिय विषय हुआ करता था।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्‍म 12 मई सन् 1820 को हुआ था। फ्लोरेंस की याद में उनके जन्‍मदिन पर हर साल 12 मई को वर्ल्‍ड नर्सिंग डे के रूप में मनाया जाता है। 17 साल की उम्र में जब फ्लोरेंस ने अपनी मां से कहा कि वो आगे गणित पढ़ना चाहती है तब उनकी मां ने यह कहकर उनका विरोध किया कि गणित औरतों के पढ़ने का विषय नहीं होता है।

बहुत दिनों तक परिवारजनों को मनाने के बाद आखिरकार फ्लोरेंस को गणित पढ़ने की इजाजत मिल ही गई। 22 साल की उम्र में फ्लोरेंस ने नर्सिंग को अपना करियर बनाने का फैसला किया। उन दिनों अच्‍छे घर की लड़कियां नर्स बनने के बारे में सोचती भी नहीं थी। उस पर से फ्लोरेंस एक संपन्‍न परिवार की लड़की थी। उनका यह फैसला उनके परिवारवालों को पसंद नहीं आया।

सन् 1854 में ब्रिटेन, फ्रांस और तुर्की ने रूस के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। युद्ध में घायलों के उपचार के लिए कोई सुविधाएं उपलब्‍ध नहीं थी। वहां के अस्‍पतालों में गंदगी पसरी हुई थी। वहां की स्थिति इतनी विकट थी कि घाव पर बांधने के लिए पट्टीयां भी उपलब्‍ध नहीं हो पा रही थी। देश की रक्षा के खातिर सीमा पर लड़ रहे सैनिकों की इतनी दयनीय दशा होने के बावजूद वहां की सेना महिलाओं को बतौर नर्स नियुक्‍त करने के पक्ष में नहीं थी।

आखिरकार फ्लोरेंस अपनी महिला नर्सों के समूह के साथ अधिकारिक रूप से युद्धस्‍थल पर पहुंची। वहां पर भी उन सभी को केवल इसलिए उपेक्षा का सामना करना पड़ा क्‍योकि वे महिलाएं थी। इस बीच रूस ने जवाबी हमला कर दिया। रूस के सैनिकों की संख्‍या 50,000 थी, जिनका सामना केवल 8000 ब्रिटीश सैनिकों ने किया नतीजतन छह घंटों में 2500 ब्रिटीश सैनिक घायल हो गए। अस्‍पतालों की दशा पहले से ज्‍यादा दयनीय हो गई।

ऐसे समय में फ्लोरेंस नाइटेंगल के मार्गदर्शन में सभी नर्सें जख्‍मी सैनिकों की सेवा में जुट गई। वे दिन-रात एक कर सैनिकों का उपचार करने में मदद करती रही। अस्‍पताल की साफ सफाई से लेकर मरहम-पट्टी तक का काम उन्‍होंने किया। वे मरीजों के लिए खाना भी खुद बनाती थी। उनके सोने के लिए एक कमरा तक नहीं था।

इतनी विपरीत परिस्थितियों में वे घायलों की सेवा में जुटी रही। इसी दौरान फ्लोरेंस ने आंकडे व्‍यवस्थित ढंग से एकत्रित करने की व्‍यवस्‍था बनाई। अपने गणित के ज्ञान का प्रयोग करते हुए फ्लोरेंस ने जब मृत्‍युदर की गणना की तो पता चला कि साफ-सफाई पर ध्‍यान देने से मृत्‍युदर साठ प्रतिशत कम हो गई है। नाइटेंगल की सेवा को देखकर सैन्‍य अधिकारियों का रवैया भी बदल गया। इस मेहनत और समर्पण के लिए फ्लोरेंस का सार्वजनिक रूप से सम्‍मान किया गया और जनता ने धन एकत्रित करके फ्लोरेंस को पहुंचाया ताकि वह अपना काम निरंतर कर सके।

युद्ध खत्‍म होने के बाद भी वे गंभीर रूप से घायल सैनिकों की सेवा और सेना के अस्‍पतालों की दशा सुधारने के अपने काम में लगी रही। सन 1858 में उनकी काम की सराहना रानी विक्‍टोरिया और प्रिंस अल्‍बर्ट ने भी की। सन् 1860 में फ्लोरेंस के अथक प्रयासों का सुखद परिणाम आर्मी मेडिकल स्‍कूल की स्‍थापना के रूप में मिला। इसी वर्ष में फ्लोरेंस ने नाइटेंगल ट्रेनिंग स्‍कूल की स्‍थापना की। इसी साल फ्लोरेंस ने नोट्स ऑन नर्सिंग नाम की पुस्‍तक का प्रकाशन किया। यह नर्सिंग पाठ्यक्रम के लिए लिखी गई विश्‍व की पहली पुस्‍तक है।

रोगियों और दुखियों की सेवा करने वाली फ्लोरेंस खुद भी 1861 में किसी रोग का शिकार हो गई इसकी वजह से वे छह सालों तक चल नहीं सकी। इस दौरान भी उनकी सक्रियता बनी रही। वे अस्‍पतालों के डिजाइन और चिकित्‍सा उपकरणों को विकसित करने की दिशा में काम करती रही। साथ में उनका लेखन कार्य भी जारी रहा।

उन्‍होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और दुखियों की सेवा में समर्पित किया। इसके साथ ही उन्‍होंने नर्सिंग के काम को समाज में सम्‍मानजनक स्‍थान दिलवाया। इससे पूर्व नर्सिंग के काम को हिकारत की नजरों से देखा जाता था। फ्लोरेंस के इस योगदान के लिए सन 1907 में किंग एडवर्ड ने उन्‍हें आर्डर ऑफ मेरिट से सम्‍मानित किया। आर्डर ऑफ मेरिट पाने वाली पहली महिला फ्लोरेंस नाइटेंगल ही है।

फ्लोरेंस नाइटेंगल के बारे में कहा जाता हैं, कि वह रात के समय अपने हाथों में लालटेन लेकर अस्‍पताल का चक्‍कर लगाया करती थी। उन दिनों बिजली के उपकरण नहीं थे, फ्लोरेंस को अपने मरीजों की इतनी फिक्र हुआ करती थी कि दिनभर उनकी देखभाल करने के बावजूद रात को भी वह अस्‍पताल में घूमकर यह देखती थी कि कहीं किसी को उनकी जरूरत तो नहीं है।

फ्लोरेंस की इस पहल से विश्‍वभर के कई रोगियों को अपनी परेशानियों से निजात मिली और आज अस्‍पतालों में नर्सों को सम्‍मानित दर्जा देने के साथ-साथ इस बात पर विश्‍वास किया जाता है कि रोगी केवल दवाओं से ठीक नहीं होता, उसके स्‍वस्‍थ होने में देखभाल का योगदान, दवाओं से अधिक होता है।

घायलों की सेवा करने वाली फ्लोरेंस को 'लेडी विथ दि लैंप' का नाम मिला था और उन्हीं की प्रेरणा से महिलाओं को नर्सिंग क्षेत्र में आने की प्रेरणा मिली थी। फ्लोरेंस नाइटेंगल का 90 वर्ष की उम्र में 13 अगस्त, 1910 को निधन हो गया।

नर्स के जनक कौन है?

फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल (अंग्रेज़ी: Florence Nightingale) (१२ मई १८२०-१३ अगस्त १९१०) को आधुनिक नर्सिग आन्दोलन का जन्मदाता माना जाता है

दुनिया की सबसे पहली नर्स कौन थी?

आज वर्ल्ड नर्स डे:पहली नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में यह दिन मनाया जाता है, आज उनका 200वां जन्मदिन; संक्रामक रोगों का डेटा जुटाना इनकी पहल आधुनिक नर्सिंग की फाउंडर फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म इटली के फ्लोरेंस में हुआ।

विश्व की प्रथम महिला नर्स कौन थी?

International Nurses Day 2022: आपने फ्लोरेंस नाइटिंगेल या 'द लेडी विद द लैंप' के बारे में किताबों में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल को ही दुनिया की पहली नर्स माना जाता है और उन्हीं के जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज डे यानी नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.

नर्सिंग की शुरुआत कब हुई?

फ्लोरेंस नाइटिंगेल का नर्स दिवस से नाता अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1974 जनवरी से हुई थी। यह दिन आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल को समर्पित है। उनकी याद में ही 12 मई को नर्स दिवस मनाया जाता है।