Class 8 Hindi, Jahaan Pahiya HaiChapter 13 Vasant Bhag 3 जहाँ पहिया हैNCERT Solutions - NCERT Answers - CBSE Guideप्रश्न अभ्यास (NCERT Textbook Exercise Questions - Solved) Show Question: "... उन जंजीरों को तोड़ने का, जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ..." 1. आपके विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहे हैं? 2. क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए। Answer: 1. हमारे विचार से लेखक 'जंजीरों' द्वारा रूढ़िवादी प्रथाओं तथा उन सामाजिक समस्याओं की ओर इशारा कर रहे हैं जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। उदाहरणस्वरूप - स्त्री निरक्षरता, स्त्रीयों के प्रति भेदभाव आदि। 2. जी हाँ, लेखक की इस बात से हम सहमत हैं। जब समाज द्वारा बनाई गई रूढ़ियाँ लोगों के सहनशीलता की सीमाओं को पार करने लगते हैं, तब लोगों में अपने-आप एक इच्छाशक्ति जागृत होने लगती है और वे उन रूढ़ियों के बंधनों से मुक्ति पाने का कोई-न-कोई उपाय अवश्य खोज लेते हैं। इसका कारण यह है कि समय के साथ-साथ विचार धाराओं में परिवर्तन होता रहता है। और प्रगति के लिए यह अत्यंत आवश्यक भी है, अन्यथा समाज दिशाहीन हो जायगा। नए विचारधारा से समाज में एक बदलाव आता है और यही बदलाव हमें पुरानी जंजीरों से मुक्त कर प्रगति के पथ पर ले जाता है। इसका जीवंत उदाहरण पुडुकोट्टई की महिलाएँ हैं जिन्होंने अपनी रोज़मर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए साइकिल चलाना सीखा।
Question: शुरुआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया, परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों? Answer: साइकिल में दो पहिए होते हैं। साइकिल इन पहियों से चलकर अपनी सवारी को आराम से कहीं भी पँहुचा देती है। अर्थात्, 'जहाँ पहिया है' वहाँ तक चालक की पहुँच है। इस शीर्षक के जरिए इसी भावना को इस पाठ में व्यक्त किया गया है। और एक कारण, चूँकि यह पाठ एक ऐसी आंदोलन के समर्थन में लिखा गया है जो 'साइकिल' पर आधारित है, इसलिए यह भी इस शीर्षक को रखने का एक कारण हो सकता है। Question: अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए। Answer: हमारे विचार से इस पाठ का अन्य शीर्षक हो सकता है - "महिला साइकिल आंदोलन"। यह पाठ स्त्रीयों द्वारा साइकिल चलाने की आज़ादी प्राप्त करने के लिए किया गया एक आंदोलन पर आधारित है। अतः यह शीर्षक भी उचित लगता है। समझने की बात Answer: साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है क्योंकि यह किसी से लड़ती - झगड़ती नहीं है। ऐसा कहने के पीछे कई कारण और भी हैं जैसे, साइकिल बिना किसी ईंधन के केवल पैडल मारते ही चुप-चाप बड़ी विनम्रता से चलने लगती है। यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त सवारी है, यहाँ तक कि शोरगुल भी नहीं करती है। रास्ता कैसा भी हो यह चलने के लिए हमेशा तैयार रहती है।
Question: फातिमा ने कहा, " ... मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आज़ादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।" साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को 'आज़ादी' का अनुभव क्यों होता होगा? Answer: साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को 'आज़ादी' का अनुभव इसलिए होता होगा क्योंकि इससे उनकी दूसरों पर निर्भरता लगभग समाप्त हो गई। आर्थिक सुधार होने के साथ-साथ अब वे स्वतंत्र जीवन जीने लगी हैं।
Question: उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आये उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए कस पाठ में प्रयुक्त कुछ उपसर्ग और प्रत्यय इस प्रकार हैं - अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना। Answer: उपसर्गयुक्त शब्द Also study (CBSE sample questions) साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है class 8?उत्तर - साइकिल को विनम्र सवारी इसलिए कहा गया है क्योंकि एक तो इसे सीखना और चलाना बहुत ही आसान है। यह बहुत कम खर्चीली है तथा इसे स्त्री-पुरुष दोनों ही चलाते हैं अर्थात यह स्त्री-पुरुष का भेदभाव किए बिना उनका कहना मान लेती है।
साइकिल की 1 रन की सवारी क्यों कहा गया है?Question: साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा गया है? Answer: साइकिल को विनम्र सवारी कहा गया है क्योंकि यह किसी से लड़ती - झगड़ती नहीं है। ऐसा कहने के पीछे कई कारण और भी हैं जैसे, साइकिल बिना किसी ईंधन के केवल पैडल मारते ही चुप-चाप बड़ी विनम्रता से चलने लगती है।
लेखक पी साइना ने साइकिल को विनम्र सवारी क्यों कहा?Solution : लेखक की दृष्टि में साइकिल एक विनम्र अर्थात् आम सवारी है। इसे चलाना जहाँ आसान है, वहीं इस पर खर्चा भी बहुत कम आता है।
साइकिल आंदोलन कब शुरू हुआ और इसमें कितनी महिलाओं ने भाग लिया?1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह ज़िला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता। हैंडल पर झंडियाँ लगाए, घंटियाँ बज़ाते हुए साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने पुडुकोट्टई में तूफान ला दिया। महिलाओं की साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ रहने वालों को हक्का-बक्का कर दिया।
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