कुछ ही साल पहले की बात है जब 2018 में नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका को चैलेंज देते हुए कहा था कि उनका हाथ हमेशा न्यूक्लियर बटन पर रहता है। इसके जवाब में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पलटवार करते हुए कहा था उनका न्यूक्लियर बटन भी काम करता है और कहीं अधिक पावरफुल है। इन दो देशों के बीच तनातनी को देख ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि कहीं यह लड़ाई बड़ा रूप न अख्तियार कर ले। तीन साल बाद एक बार फिर न्यूक्लियर पावर को लेकर कई तरह की आशंका जताई जा रही है। इन सबके बीच यूएन चीफ की ओर सीटीबीटी यानी कॉम्प्रिहेंसिव टेस्ट बैन ट्रीटी (व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करने की बात कही जाती है। चीन की ओर से आई परेशान करने वाली खबर पिछले कुछ समय से भारत और चीन के बीच रिश्ते ठीक नहीं है और सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। इन सबके बीच पिछले दिनों खबर आई कि चीन की ओर से वहां के यूमेन शहर के पास सैकड़ों मिसाइल रखने के ठिकाने बनाए जा रहे हैं। इन ठिकानों का इस्तेमाल तरल ईंधन वाली मिसाइलों को रखने के लिए किया जाना है। पिछले कुछ समय से तनातनी का जो माहौल है उसमें यह खबर परेशान करने वाली है।
Show परमाणु हथियारों पर संयुक्त राष्ट्र की
अपील, भारत का जवाब
क्या है सीटीबीटी और भारत ने क्यों नहीं किया इस पर हस्ताक्षर
उसके बाद 1963 में पार्शियल न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी पेश (पीटीबीटी) पेश की गई। मगर आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आने पर भारत ने 1968 में नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी का बहिष्कार कर दिया। भारत का यह मानना है कि इस संधि के बिंदु परमाणु संपन्नता को लेकर देशों के बीच भेदभाव करने वाले हैं। यही वजह है कि भारत ने अभी तक सीटीबीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है। सीटीबीटी का पूरा नाम क्या है?CTBT की फुल फॉर्म है - Comprehensive Test Ban Treaty ( कांप्रेहेन्सिव टेस्ट बैन ट्रीटी ) जिसे हिंदी में व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि कहा जाता है। यह एक बहुपक्षीय समझौता है जो किसी के भी द्वारा किसी भी जगह (पृथ्वी की सतह पर, वायुमंडल में, पानी के नीचे और भूमिगत) पर परमाणु परीक्षण (विस्फोट) करने पर रोक लगाता है।
कितने देश सीटीबीटी पर हस्ताक्षर कर चुके हैं?यह संधि 24 सितंबर 1996 को अस्तित्व में आयी। उस समय इस पर ७१ देशों ने हस्ताक्षर किया था। अब तक इस पर १७८ देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। भारत और पाकिस्तान ने सीटीबीटी पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किया है।
भारत ने CTBT पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किए?भारत का यह मानना है कि इस संधि के बिंदु परमाणु संपन्नता को लेकर देशों के बीच भेदभाव करने वाले हैं। यही वजह है कि भारत ने अभी तक सीटीबीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है।
भारत ने NPT पर हस्ताक्षर कब किए?परमाणु अप्रसार संधि (अंग्रेज़ी:नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) को एनपीटी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना है। १ जुलाई १९६८ से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ।
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