झाँसी की रानी की समाधि पर शब्दार्थ Show दिव्य = चमकता हुआ, अति सुन्दर इस समाधि ………………………………..……………….. मरदानी की। संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ हैं। भावार्थ – कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान रानी लक्ष्मीबाई की समाधि के विषय में कहती हैं कि इस समाधि में राख की एक ढेरी छिपी है। वह जलकर अमर हो गई। उसने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर मिटकर अपनी चिता की ज्वाला के रूप में चमकती हुई सुन्दर आरती की। यह छोटी समाधि उस वीरांगना लक्ष्मीबाई की अंतिम लीलास्थली है। यहीं कहीं ………………………………………… ज्वाला-सी॥ भावार्थ – रानी लक्ष्मीबाई टूटी हुई विजयमाला के समान इसी समाधि के आस-पास स्वर्ग सिधार गई। उनकी हड्डियों के अवशेष (फूल) यहीं पर इकट्ठे हैं, मानो यह समाधि उनका स्मृति स्थल हो। उस वीरांगना ने अंग्रेजों के अनेक हमले मरने तक सहन किए। उसने स्वाधीनता के महायज्ञ में अपनी आहुति दे दी। चिता की ज्वाला से उसका व्यक्तित्व और भी चमकीला बन गया। बढ़ जाता है …………………………….…………. चिनगारी॥ भावार्थ – युद्ध में वीरगति पाने से वीर योद्धा का मान-सम्मान बढ़ जाता है, ठीक वैसे ही जैसे- स्वर्ण-भस्म स्वर्ण से भी मूल्यवान होती है। हमें अब रानी की समाधि, उनसे भी अधिक प्रिय लगने लगी है। क्योंकि इसमें स्वाधीनता की आशा की चिंगारी निहित है। इससे भी सुन्दर …………………………………………….. बानी॥ भावार्थ – रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से भी सुन्दर समाधियाँ संसार में मौजूद हैं परन्तु उन समाधियों की कहानी आधी रात में छोटे-मोटे जन्तु ही सुनते-सुनाते हैं। अर्थात् उन पर अन्धेरे में कीडे-मकोडे बोलते विचरते हैं लेकिन रानी लक्ष्मीबाई की समाधि की अमर कहानी कवियों की वाणी में चिरस्मरणीय हो गई है। वीरों की शौर्य-गाथाएँ कवि लोग स्नेह और श्रद्धा के साथ बखान करते हैं। बुन्देले ……………………………………..………… वाली रानी॥ भावार्थ – कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान कहती हैं कि हमने बुन्देलखण्ड के रहनेवाले लोगों से रानी की वीरता की कहानियाँ सुनी हैं। इस वीरांगना ने अँगरेजों से डटकर लोहा लिया था, जिसके कारण वह झाँसी की रानी के नाम से प्रसिद्ध हुई। झाँसी की रानी की समाधि पर अभ्यास प्रश्न भाव बोध : प्रश्न १. (ख) ‘रानी की समाधि में स्वतन्त्रता
की आशा की चिंगारी छिपी है’ ऐसा क्यों कहा गया है? (ग) रानी की समाधि तथा अन्य समाधियों में क्या अंतर है? (घ) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में अमर क्यों है? प्रश्न २. प्रश्न ३. प्रश्न ४. अब करने की बारी UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalravरानी से अधिक उसकी समाधि प्रिय क्यों है?भावार्थ : जिस प्रकार स्वर्ण-भस्म, सोने से भी मूल्यवान होती है, उसी प्रकार युद्ध में वीरगति पाने से वीर योद्धा का मान-सम्मान बढ़ जाता है। हमें अब रानी लक्ष्मी की समाधि, उनसे भी अधिक प्रिय लगती है। क्योंकि इसमें स्वाधीनता की आशा की चिंगारी निहित है।
रानी लक्ष्मीबाई की समाधि में क्या छिपी हुई है?भावार्थ – कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान रानी लक्ष्मीबाई की समाधि के विषय में कहती हैं कि इस समाधि में राख की एक ढेरी छिपी है। वह जलकर अमर हो गई। उसने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर मिटकर अपनी चिता की ज्वाला के रूप में चमकती हुई सुन्दर आरती की। यह छोटी समाधि उस वीरांगना लक्ष्मीबाई की अंतिम लीलास्थली है।
रानी की समाधि किसका प्रतीक है?यह समाधि यह लघु समाधि है झाँसी की रानी की । अंतिम लीला-स्थली यही है लक्ष्मी मर्दानी की यही कही पर बिखर गई वह भग्न विजय माला सी । उसके फूल यहाँ संचित हैं है वह स्मृति शाला सी ।।
रानी की समाधि में स्वतंत्रता की आशा की चिंगारी छिपी है ऐसा क्यों कहा गया है?(ख) 'रानी की समाधि में स्वतन्त्रता की आशा की चिंगारी छिपी है' ऐसा क्यों कहा गया है? उत्तर: ऐसा इसलिए कहा गया है कि १८५७ का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम बाद में मिली स्वतंत्रता (१५ अगस्त, १९४७) का पूर्व प्रतीक था।
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