राजस्थान का खान पान क्या है - raajasthaan ka khaan paan kya hai

GkExams on 13-01-2019

राजस्थानी खाना विशेष रूप से शाकाहारी भोजन होता है और यह अपने स्वाद के कारण सारे विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में बेसन, दाल, मठा, दही, सूखे मसाले, सूखे मेवे, घी, दूध का अधिकाधिक प्रयोग होता है। हरी सब्जियों की तात्कालिक अनुपलब्धता के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में इनका प्रयोग कम ही रहा है।

मुख्यत: निम्न राजस्थानी खाने अधिक प्रचलित हैं।

  • भुजिया
  • सान्गरी
  • दाल बाटी
  • चूरमा
  • पिटौर की सब्जी
  • दाल की पूरी
  • मावा मालपुआ
  • बीकानेरी रसगुल्ला
  • घेवर
  • हल्दी का साग-हल्दी का साग , यह एक प्रकार की सब्जी हैं जो पश्चिमी राजस्थान में सर्दी के समय बनायीं जाती है। यह मुख्य रूप से देशी घी और हरी हल्दी से निर्मित होती है। इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियां डाली जाती है, हरा प्याज, लहसुन,टमाटर, धनिया, अदरक,हरी मिर्ची इत्यादि। हल्दी की सब्जी गेंहू की रोटियों के साथ खाया जाता है मुख्यरूप से और साथ में दही के साथ इसका स्वाद और बढ़ जाता है। हल्दी की सब्जी शरीर में गर्मी पैदा करती है, इसलिये इसे जाड़े के समय बनाया जाता है।
  • झाजरिया
  • लपसी
  • बालूशाही
  • गौंदी
  • पंचकूट
  • गट्टे की सब्जी

सम्बन्धित प्रश्न



Comments Siravan on 10-07-2022

Siravan

Diya on 31-05-2022

Rajisthan ki sanskriti khAn pan ,sangit,nach , vestivel ka sanbandhit char chitr chepkayaor unka bara ma 100 shabdo ma lekha

Anajli on 30-03-2022

Shiravan Raj Khan pan

Anajli on 30-03-2022

Shiravan kise khte hai

Ram Ram on 01-09-2021

Apna

Vijendra on 05-08-2021

राजस्थान कामण गीत

Dinesh choudhary on 03-08-2021

Panchkuta me samil sabjiya

Bharat kumar on 18-04-2020

राजस्थान राज्य की राज्य सब्जी कोनसी है

Khan Ki prsid h on 11-02-2020

Rbdi Khan Ki prsid h???



राजस्थानी खाना विशेष रूप से शाकाहारी भोजन होता है और यह अपने स्वाद के कारण सारे विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में बेसन, दाल, मठा, दही, सूखे मसाले, सूखे मेवे, घी, दूध का अधिकाधिक प्रयोग होता है। हरी सब्जियों की तात्कालिक अनुपलब्धता के कारण पारंपरिक राजस्थानी खाने में इनका प्रयोग कम ही रहा है।

मुख्यत: निम्न राजस्थानी खाने अधिक प्रचलित हैं।

  • भुजिया
  • सान्गरी
  • दाल बाटी
  • चूरमा
  • पिटौर की सब्जी
  • दाल की पूरी
  • मावा मालपुआ
  • बीकानेरी रसगुल्ला
  • घेवर
  • हल्दी का साग - हल्दी का साग, यह एक प्रकार की सब्जी हैं जो पश्चिमी राजस्थान में सर्दी के समय बनाई जाती है। यह मुख्य रूप से देशी घी और हरी हल्दी से निर्मित होती है। इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियाँ डाली जाती है, हरा प्याज, लहसुन, टमाटर, धनिया, अदरक, हरी मिर्ची इत्यादि। हल्दी की सब्जी मुख्यरूप से गेहूँ की रोटियों के साथ खाई जाती है और दही के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है। हल्दी की सब्जी शरीर में गर्मी पैदा करती है, इसलिये इसे जाड़े के समय बनाया जाता है।
  • झाजरिया
  • लपसी
  • बालूशाही
  • गौंदी
  • पंचकूट
  • गट्टे की सब्जी

  • सिरावण :– ग्रामीण क्षेत्र में सुबह का भोजन। सुबह के भोजन को कलेवा भी कहा जाता है।  
  • भात/रोट :– दोपहर का भोजन जिसमें जौ, मक्का एवं बाजरे की रोटी तथा मिर्ची, छाछ, दही व हरी सब्जियां होती है।
  • ब्यालू :– शाम का भोजन।
  • सोगरा :– बाजरे के आटे से बनी मोटी रोटी जो आकरी सेकी जाती है।
  • खीच :– बाजरी व मोठ की दाल के संयोग से बना एक प्रकार का  दलिया।  
  • टिक्कड़ :– गेहूँ/मक्के के आटे से बनी मोटी रोटी जो आकरी सेकी जाती है।
  • राब/राबड़ी :– मक्के या बाजरे के आटे में छाछ मिलाकर बनाये जाने वाला पेय पदार्थ। यह गर्मी की ऋतु का भोजन है।
  • घाट :– मक्का या बाजरे का मोटा आटा जो पानी या छाछ में पकाया जाता है।
  • चीलड़ा :– मोठ के आटे में नमक, मिर्च, जीरा, धनिया आदि मिलाकर बनाया गया रोटीनुमा व्यंजन।
  • खाटा :– बेसन को छाछ में मिलाकर बनाई गई सब्जी। इसे कड़ी भी कहा जाता है।
  • सीरा या लापसी :– गेहूँ के आटे को घी में भूनकर व गुड़ या चीनी मिलाकर बनाया गया व्यंजन।    
  • सांगरी :– खेजड़ी की फली से बनी हुई सब्जी।
  • खोखा :– जब सांगरियां पेड़ पर ही पक जाती है और सूखकर पीली पड़ जाती है। उसे खोखा कहा जाता है।     
  • केरिया :– केर की सब्जी।
  • खींफोली :– खींप की सब्जी।
  • नुक्ति :– बेसन के छोटे-छोटे दानों को चीनी की चासनी पिलाकर बनाये गए दाने।
  • पंचकुटा :– केर, काचरी आदि पाँच अलग-अलग फलों का मिश्रण कर बनायी गई स्वादिष्ट सब्जी।
  • बटल्या :– गेहूं के आटे के लोए बनाकर प्राय: सर्दियों में दाल के साथ उबाले जाते हैं।
  • खाखरे :– पतली चपातियों को सुखाकर खाखरे बनाये जाते हैं।
  • फोफलिया :– टिण्डसियों को दो भागों में काटकर सुखाकर बनी हुई सब्जी।
  • काँगिया :– आदिवासियों का मृत्युभोज जिसमें दलिया एवं माँस खिलाया जाता है।
  • हीरावणी :– विवाह के समय नववधू को दिया जाने वाला कलेवा।
  • काँज्या :– गाजर के छोटे-छोटे टुकड़ों को उबालकर नमक, मिर्च व मसाले लगाकर बनायी गई सब्जी।
  • पुए/गुलगुले :– गेहूँ के आटे में चीनी या गुड़ मिलाकर गाढ़ा पतला घाेल करके तेल में तलकर बनाये गए छोटे-छोटे अनियमित गोल से आकार के टुकड़े।
  • दाल बाटी चुरमा :– राजस्थान का प्रसिद्ध भोजन। यह प्राय: सवामणियों के आयोजन के दौरान बनाया जाता है।
  • सिराड़िया/चिराड़िया :– छोटे काचर।
  • कोकला :– पक्के हुए काचरे को सीधे काटकर बनायी जाने वाली सब्जी।
  • गोटका :– पक्के हुए काचरे को सीधे काटकर सुखाने के पश्चात बनायी जाने वाली सब्जी।   
  • दुनी :– मेदा का हलवा जिसमें मेदा की तुलना में दुगुना घी डाला जाता है।
  • पंजीरी :– धनिये को पीसकर उसमें बूरे (पीसी हुई चीनी) को मिलाकर  बनाया हुआ स्वादिष्ट मिश्रण। यह राजस्थान में प्राय: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रसाद के रूप में बाँटी जाती है।   
  • लपटा/मीठी राब :– गेहूँ या बाजरे के आटे को घी में सेककर पानी में गुड़ के साथ उबालकर बनाया गया पेय। इसे ‘गलवान्या’ भी कहा जाता है। किसान वर्षा होने के बाद जब पहली बार हल जोतता है तब मीठी राब बनायी जाती है।
  • धानी :– मिट्‌टी को गर्म करके उसमें सिके हुए जौ के दाने।
  • भूंगड़ा :– गर्म मिट्‌टी में सिके हुए चने।
  • सत्तु :– ग्रामीण क्षेत्रों में धानी के आटे को सुबह के समय पानी में चीनी के साथ मिलाकर बनाया गया पेय पदार्थ।
  • शक्करपारे :– गेहूँ के आटे में चीनी या गुड़ मिलाकर तिकोने चतुर्भुजाकार टुकड़े जिन्हें तेल में तलकर बनाया जाता है।
  • चक्की :– बेसन के आटे से बनी बर्फी जिसे ग्रामीण क्षेत्र में चक्की के नाम से जाना जाता है।
  • घुघरी :– चने व गेहूँ को पानी में उबालकर बनाया गया व्यंजन। ये प्राय: ग्रामीण क्षेत्रों मंे लड़की के पैदा हाेने पर बनायी जाती है।
  • खीचिया :– यह एक प्रकार का पापड़ जो गेहूँ, चावल, मक्का के आटे से आते हैं।
  • लोथरे :– जब काचरियों की फांके काटकर सुखायी जाती है तब लोथरे के नाम से जानी जाती है।
  • चापटिया :– कुमट पेड़ से प्राप्त फल।
  • बरिया :– मोठ या चने को पानी में उबालकर नमक-मिर्च व मसाले मिलाकर बनाया गया व्यंजन।
  • कैर के वृक्षों के फलों को मारवाड़ में ‘कैर’ ब्रजक्षेत्र में ‘टेंटी’ तथा पंजाबी क्षेत्र में ‘डेले’ के नाम से जानते हैं।
  • पटोलिया :– आटे व नमक का काफी पतला हलवा।
  • गूंजा :– पाली की प्रसिद्ध मिठाई।

राजस्थानी खान-पान

व्यंजन स्थान
कचोरा नसीराबाद
कचौरी कोटा
मक्खन बड़ा दौसा
चमचम बीकानेर
कलाकंद जयपुर
पेडे सरदार शहर
सोहन पपड़ी अजमेर
रसगुल्ले बीकानेर
फीणी सांभर
गुड़धानी जयपुर
दूधपेड़े मेड़ता
मिर्चीबड़ा जोधपुर
दूध के लड्‌डू जोधपुर
मावा बाटी बाँसवाड़ा
भुजिया/नमकीन बीकानेर
केर सांगरी सब्जी शेखावटी क्षेत्र
मालपुए ब्यावर, पुष्कर
मोटमां जैसलमेर
मावे की मिठाई अलवर
मावे की कचौरी जोधपुर
जलेबी अजमेर
कत-बाफला हाड़ौती
घेवर जयपुर
लम्बे गुलाब जामुन शाहपुरा (भीलवाड़ा)
बाजरी की रोटी नागौर
तिलपट्‌टी ब्यावर
सत्तू खाटू श्याम जी (सीकर)
मावे के मालपूए पुष्कर (अजमेर)
खीर-मालपुआ गोनेर (जयपुर)
राजस्थानी खान-पान

राजस्थान के मुख्य भोजन क्या है?

राजस्थान का खान पान.
भुजिया.
सान्गरी.
दाल बाटी.
पिटौर की सब्जी.
दाल की पूरी.
मावा मालपुआ.
बीकानेरी रसगुल्ला.

राजस्थान राज्य की सब्जी कौन सी है?

रोहिड़ा( Tecomella undulata) का फूल राजस्थान का राज्यपुष्प है। "सतपुतिया" सब्जी क्या होती है?

राजस्थान में दोपहर के भोजन को क्या कहते हैं?

भाता/रोट/दोपेर्या:- राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रो में दोपहर के समय भोजन करने को भाता या रोट कहते हैं जिसमें जौ, बाजरा अथवा मक्के की रोटी तथा मिर्ची, छाछ, दही व हरी सब्जी होती है।