राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व क्या है? - raajaneeti vigyaan ke adhyayan ka mahatv kya hai?

 प्रश्न; राजनीति विज्ञान के अध्ययन से क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए। 

अथवा" राजनीति विज्ञान का महत्व बताइए। 

अथवा' राजनीति विज्ञान के अध्ययन के महत्व का वर्णन कीजिए। 

उत्तर-- 

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व 

rajniti vigyan ke adhyayan ka mahatva;आज का युग समाजिकता एवं भौतिकवादी युग हैं, इस युग में राज्य का महत्व तथा कार्यक्षेत्र बहुत बढ़ गया है। आज राज्य मनुष्य के जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करता हैं। प्राचीनकाल में राज्य तथा राजनीति को केवल राजा-महाराजा और राजपुरूषों के लिए जानना जरूरी था, पर आज लोकतंत्र, समाजवाद तथा लोक-कल्याणकारी राज्य का युग हैं। इस युग में व्यक्ति राज्य और राजनीति से सम्बद्ध हैं, अतः हर व्यक्ति हेतु राजनीति विज्ञान का अध्ययन जरूरी हैं। राजनीति विज्ञान का अध्ययन करे बगैर व्यक्ति अपने आसपास के परिवेश को नहीं समझ सकता। आजकल राजनीति मानव-जीवन के प्रत्येक पहलू पर छायी हुई हैं। हमारे जीवन का कोई भाग राजनीति के प्रभाव से अछूता नहीं रहा हैं। आधुनिक राज्य 'पालने' से लेकर 'मरघट' तक मनुष्य के जीवन को नियमित और नियंत्रित करता है तथा राजनीतिशास्त्र ऐसे ही अध्ययन का विज्ञान हैं। संक्षेप में राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व निम्नलिखित हैं-- 

1. मानव-अधिकारों तथा कर्त्तव्यों का ज्ञान

राजनीति विज्ञान व्यक्ति को मानव-अधिकारों एवं कर्त्तव्यों का ज्ञान प्रदान कर उसे राज्य या समाज की श्रेष्ठतम इकाई के रूप में जीवन गुजारने के लिए प्रेरित करता हैं। राजनीति विज्ञान नागरिकों में परस्पर अच्छे संबंध स्थापित करके संघर्ष के स्थान पर सहयोग के सिद्धांतों को प्रतिष्ठित करने के लिए प्रयासरत हैं। इस रूप में राजनीति विज्ञान का अध्ययन नागरिक एवं समाज (राज्य) दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

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2. शासन कला में निपुणता

राजनीति विज्ञान उसे संविधान तथा राजनीतिक क्रिया-कलापों का ज्ञान देता है। यह व्यक्ति को शासन तथा राजनीति में भाग लेने योग्य बनाता हैं। यदि किसी देश के नागरिक शासन-कला नीतियों को नहीं जानते तो वह देश सफलतापूर्वक नहीं चल सकता। 

3. राष्ट्रीय एवं संवैधानिक इतिहास के अध्ययन में सहायक 

राजनीति विज्ञान के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्रीय तथा संवैधानिक इतिहास का भी अध्ययन किया जाता हैं। इस प्रकार के अध्ययन के आधार पर राजनीति विज्ञान का विद्यार्थी अपने देश के गौरवशाली अतीत तथा उससे प्राप्त सफलताओं/असफलताओं का ज्ञान प्राप्त कर सकता है। 

4. श्रेष्ठ नागरिक बनना 

राजनीति का ज्ञान एक व्यक्ति को आदर्श नागरिक बनाता है। यह उसे सामाजिक जीवन हेतु प्रशिक्षित करता है। इसके अध्ययन से श्रेष्ठ नागरिकता की शिक्षा मिलती हैं। 

5. चेतना की उत्पत्ति  

राजनीति विज्ञान के अध्ययन से मनुष्य अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक होता है। हम जिस समाज में रहते हैं उस समाज मे रहकर भी हम तब तक कोई उन्नति नहीं कर सकते जब तक कि हममें चेतना न हो। राज्य की गतिविधियों का अध्ययन करने हेतु राज्य एवं राजनीतिक समाज का सूक्ष्म अध्ययन जरूरी हैं। इस प्रकार का सूक्ष्म अध्ययन प्राचीनकाल में नही होता था, आधुनिक काल में इसका अध्ययन होता हैं। 

6. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का ज्ञान तथा उपचार 

विज्ञान की तीव्र प्रगति तथा इसके संचार के नये-नये माध्यमों के अविष्कारों के फलस्वरूप विश्व के विभिन्न देश एक-दूसरे के बहुत निकट आ गए हैं। ऐसे में विभिन्न राज्यों के पारस्परिक संबंधों तथा समस्याओं का अध्ययन महत्वपूर्ण हो गया है। साम्राज्यवाद, पूँजीवाद, साम्यवाद, नि:शस्त्रीकरण तथा विश्वशांति जैसी विचारधाराएँ तथा संयुक्त राष्ट्र जैसी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की जानकारी अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध तथा प्रबन्ध के अंतर्गत आती है, जो कि राजनीति विज्ञान का ही एक महत्वपूर्ण भाग हैं। इस प्रकार की जानकारी के आधार पर ही कोई व्यक्ति विदेश नीति तथा उससे जुड़ी अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का अध्ययन कर सकता हैं। 

7. राज्य एवं सरकार का ज्ञान

राजनीति विज्ञान के अध्ययन के माध्यम से ही किसी राज्य के उद्देश्य, संगठन, उसके कार्यक्षेत्र तथा शासन के प्रकार व व्यवस्था के संबंध में प्रचलित भिन्न-भिन्न विचारधाराओं तथा उनके गुण-दोषों की जानकारी का पता चलता हैं। इसी जानकारी या ज्ञान के आधार पर हम अपने देश की राजनीतिक व्यवस्था का ऐसा प्रबुद्ध तथा जागरूक आलोचक बन सकते हैं कि राज्य का उचित दिशा में मार्गदर्शन कर सकें। 

उपरोक्त तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि राजनीति विज्ञान का अध्ययन सदैव से ही महत्वपूर्ण रहा हैं और रहेगा। वर्तमान परिवेश में जनकल्याणकारी राज्य की अवधारणा, प्रजान्त्रात्मक शासन व्यवस्था तथा बढ़ते वैश्वीकरण या भू-मण्डलीकरण की प्रक्रिया ने इस अध्ययन को और भी अधिक महत्वपूर्ण तथा एक तरह से अनिवार्य ही बना दिया हैं। इस संबंध में राबर्ट ए. हडल का कथन उचित ही हैं कि," राजनीति आज मानवीय अस्तित्व का अपरिहार्य तत्व बन गयी हैं।" प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में, किसी न किसी समय, किसी न किसी प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था से सम्बद्ध हैं।"

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  • राजनीति विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता/महत्व :
      • 1. मानव अधिकारों एवं कर्तव्यों का ज्ञान
      • 2. राष्ट्रीय और संवैधानिक इतिहास का ज्ञान
      • 3. राज्य एवं सरकार का ज्ञान
      • 4. उत्तम प्रशासन कला का ज्ञान
      • 5. उदार मानवीय दृष्टिकोण का निर्माता
      • 6. राजनीतिक चेतना का विकास
      • 7. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का ज्ञान

राजनीति विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता/महत्व :

अरस्तू मानव जीवन को नैतिक और सभ्य बनाने के लिए राजनीति विज्ञान के अध्ययन को आवश्यक समझता था। मनुष्य के जीवन में राजनीति विज्ञान के अध्ययन के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। संक्षेप में, राजनीति विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता निम्नवत् है –

1. मानव अधिकारों एवं कर्तव्यों का ज्ञान

राजनीति विज्ञान के अध्ययन से व्यक्ति मानवीय अधिकारों का ज्ञान प्राप्त कर अपने व्यक्तित्व का सर्वोच्च विकास कर सकते हैं तथा कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त कर समाज एवं राज्य की उन्नति में योगदान दे सकते हैं। राजनीति विज्ञान मानव को उसके अधिकार और कर्तव्यों का ज्ञान कराता है जिससे मनुष्य समाज की श्रेष्ठतम इकाई के रूप में जीवन व्यतीत कर सके। इसके साथ ही राजनीति विज्ञान व्यक्तियों में परस्पर उचित सम्बन्ध स्थापित करके संघर्ष के स्थान पर सहयोग के सिद्धान्तों को प्रतिष्ठित करने का प्रयत्न करता है। इस प्रकार राजनीति विज्ञान का अध्ययन व्यक्ति ओर समाज दोनों के लिए ही उपयोगी है।

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व क्या है? - raajaneeti vigyaan ke adhyayan ka mahatv kya hai?

2. राष्ट्रीय और संवैधानिक इतिहास का ज्ञान

राजनीति विज्ञान के अध्ययन के आधार पर अपने देश की प्राचीन गौरव और प्राचीन असफलताओं का ज्ञान होता है। भारतीय राजनीति का विद्यार्थी अपने देश के राष्ट्रीय इतिहास का अध्ययन करने के उपरान्त यह निश्चित कर सकता है कि हमारी आजादी कितने बलिदानों के परिणाम स्वरूप मिली है, इसलिए इसकी हमें सदैव रक्षा करनी चाहिए। इस प्रकार विभिन्न देशों के राजनीति विज्ञान के विद्यार्थी अपने-अपने देश की प्राचीन परम्पराओं, इतिहास और संस्कृति का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

3. राज्य एवं सरकार का ज्ञान

राजनीति विज्ञान में राज्य और सरकारों के संगठन, गुण-दोषों का अध्ययन किया जाता है। सरकार के विभिन्न रूपों में हमारे देश के लिए कौन-सा रूप सर्वोत्तम होगा, सरकार के कार्यों का मूल्यांकन किस आधार पर किया जाए, सरकार की कमियों को दूर करने के उपाय आदि की जानकारी राजनीति विज्ञान से मिलती है। शासन व्यवस्था और सरकार के अधिकार और कर्तव्यों का विश्लेषण भी इसमें किया जाता है।

4. उत्तम प्रशासन कला का ज्ञान

राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत प्रशासन को कुशल और जनहितकारी बनाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के चयन और प्रशिक्षण आदि विषयों का अध्ययन किया जाता है। वर्तमान में राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत उत्तम प्रशासन तथा प्रशासन को जनता के प्रति अधिक से अधिक उत्तरदायी बनाने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।

5. उदार मानवीय दृष्टिकोण का निर्माता

आधुनिक युग में वैज्ञानिक प्रगति के कारण सम्पूर्ण विश्व ने एक इकाई का रूप धारण कर लिया है और समस्त विश्व के मनुष्य एक-दूसरे के बहुत निकट आ गये हैं। राजनीति विज्ञान हमें अपने और विश्व के दूसरे देशों का ज्ञान प्रदान कर हमारे दृष्टिकोण को व्यापक और उदार बनाता है। राजनीति विज्ञान हमें परिवार, जाति, गाँव और नगर के अतिरिक्त राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार करने की क्षमता प्रदान करता है।

यह शिक्षा देता है कि व्यक्ति से परिवार बड़ा है, परिवार से गाँव, गाँव से जिला, जिला से प्रान्त और प्रान्त से देश और देश से बड़ा विश्व है। व्यक्ति को परिवार के हित में, परिवार को गाँव के हित में, गाँव को जिला के हित में, जिला को प्रान्त के हित में, प्रान्त को राष्ट्र के हित में अपने स्वार्थ त्यागने चाहिए। क्षेत्रीय संकीर्णता, भाषावाद, जातिवाद, रंगभेद, लिंगभेद, धर्मभेद सबसे ऊपर उठकर मानव मात्र की समानता को एक मात्र आधार माने और विश्व कल्याण की भावना से कार्य करें। आज राजनीति विज्ञान मानव को विश्व राज्य निर्माण करने की ओर प्रेरणा दे रहा है। यदि ऐसा हो सका तो समस्त मानव-मानव के भेद सदैव के लिए समाप्त हो जाएंगे।

6. राजनीतिक चेतना का विकास

राजनीति विज्ञान नागरिकों में राजनीतिक चेतना जाग्रत करता है। राजनीतिक चेतना के अभाव में नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन उचित रूप में नहीं कर पाते हैं और नेता तथा प्रशासक पथ-भ्रष्ट हो सकते हैं। राजनीति विज्ञान के ज्ञान से सम्पन्न राजनीतिक चेतना युक्त जनता शासकों को भ्रष्ट होने से रोकती है तथा सरकार की गलत नीतियों की आलोचना कर शासन को जनहितकारी बनाने का यथासम्भव प्रयास करती है। राजनीतिक दृष्टि से जागरूक जनता ही बाह्य आक्रमण तथा आन्तरिक संकटों का सामना कर सकती है।

7. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं का ज्ञान

संचार के द्रुतगति के साधनों ने सारे विश्व को समेट कर आज बहुत छोटा कर दिया है। आज विश्व के किसी भी कोने में कोई घटना घटती है, उसकी तुरन्त सूचना दुनियाभर को हो जाती है और उसका प्रभाव भी किसी न किसी रूप में दूसरों पर पड़ता ही है। आज कोई भी घटना स्थानीय या राष्ट्रीय नहीं रह पाती है। ऐसी स्थिति में राज्यों के पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन आवश्यक भी हो जाता है और महत्वपूर्ण भी। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति और अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध तथा अन्तर्राष्ट्रीय विधि राजनीति विज्ञान के भाग ही हैं। इसके माध्यम से ही निःशस्त्रीकरण, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं, अन्तर्राष्ट्रीय विचारधाराओं आदि का अध्ययन किया जाता है, जो प्रत्येक देश के लिए अनिवाय है। विदेश सम्बन्ध और राष्ट्रीय राजनीति पर अन्तर्राष्ट्रीय दबाव, शीतयुद्ध, आर्थिक साम्राज्यवाद जैसे महत्वपूर्ण प्रश्नों की जानकारी इस विषय से मिलती है।

उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट है कि राजनीति विज्ञान का अध्ययन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। आज यह सम्भव नहीं है कि व्यक्ति राजनीति विज्ञान के प्रति उपेक्षा बरतें। व्यक्ति भले ही राजनीति में रूचि न रखे या राजनीति से दूर रहना चाहे परन्तु राजनीति उससे दूर नहीं रह पाती है, उन तक पहुँच ही जाती है।

रॉबर्ट ए0 डहल के अनुसार, “राजनीति आज मानवीय अस्तित्व का अपरिहार्य तत्व बन गई है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में, किसी न किसी समय, किसी न किसी प्रकार की राजनीतिक व्यवस्था से सम्बद्ध है। आज राजनीति विज्ञान का अध्ययन दुरतगति से अधिकाधिक उपयोगी होता जा रहा है। आइवर ब्राउन के अनुसार, “सामाजिक जीवन के वास्तविक मूल्य के प्रति यदि सहज बुद्धि से देखा जाय तो राजनीति विज्ञान का अध्ययन उपयोगी और सार्थक सिद्ध होगा।”

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का महत्व क्या है? - raajaneeti vigyaan ke adhyayan ka mahatv kya hai?

राजनीति विज्ञान क्या है इसके अध्ययन का महत्व बताइए?

राजनीति विज्ञान का राज्य विषयक अध्ययन मूलतः संस्थात्मक है क्योंकि उसमें केन्द्रीय महत्व राज्य अथवा सरकार का है, अन्य तत्व मात्र सांयोगिक है। राजनीति विज्ञान औपचारिक रूप से राजनीतिक संस्थाओं का अध्ययन करते हुये राज्य के संविधान में निहित कानूनी वास्तविकता को अध्ययन का आधार बनाता है।

राजनीति विज्ञान का उद्देश्य क्या है?

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान विषय है जो राज्य, राष्ट्र, सरकार और राजनीति और सरकार की नीतियों के अध्ययन से संबंधित है। अरस्तू ने इसे राज्य के अध्ययन के रूप में परिभाषित किया। यह राजनीति के सिद्धांत और व्यवहार, और राजनीतिक प्रणालियों, राजनीतिक व्यवहार और राजनीतिक संस्कृति के विश्लेषण से व्यापक रूप से संबंधित है।

राजनीति की परिभाषा क्या है?

राजनीति दो शब्दों का एक समूह है राज+नीति (राज मतलब शासन और नीति मतलब उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने की कला) अर्थात् नीति विशेष के द्वारा शासन करना या विशेष उद्देश्य को प्राप्त करना राजनीति कहलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जनता के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर (सार्वजनिक जीवन स्तर)को ऊँचा करना राजनीति है ।

राजनीति विज्ञान का जनक कौन है?

राजनीति विज्ञान के जनक अरस्तू को कहा जाता है, जो एक यूनानी दार्शनिक और प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे. उनका जन्म 384 ईपू में स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था. उन्होंने भौतिकी,जीव विज्ञान, राजनीति शास्त्र, नीतिशास्त्र,तर्कशास्त्र, आध्यात्म, कविता, संगीत, नाटक सहित कई विषयों पर रचना की.