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लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न.1. प्रेमचंद जैसे साहित्यकार की फोटो में उनके फटे जूतों को देखकर परसाई जी की मनोदशा पर टिप्पणी कीजिए।
[CBSE Marking Scheme 2017]
प्रश्न.2.
”सभी नदियाँ पहाड़ थोड़े ही फोड़ती हैं“ पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए। व्याख्यात्मक हल- प्रश्न.3. कुंभनदास कौन थे ? उनका प्रसंग किस संदर्भ में किया गया है ? समझाकर लिखिए। संतन कौं कहा सीकरी सौ
काम। प्रेमचंद के फटे जूते के संदर्भ में कुंभनदास के प्रसंग का उल्लेख किया गया है। प्रेमचंद रूढ़िवादी परम्पराओं को ठोकर मारते थे इसलिए उनके जूते फट गए, परन्तु समाज नहीं बदला। प्रश्न.4. प्रेमचंद साधारण किसानों की भाँति जीवन-यापन करते थे। यद्यपि वे राष्ट्रीय ख्याति के कथाकार थे फिर भी उनका रहन-सहन आडम्बरहीन था। वे साधारण धोती कुर्ता पहनते थे। उनके साधारण-से जूतों को देखकर उनके किन गुणों का परिचय मिलता
है ? [C.B.S.E. 2013 Term II, 10 OH7WZ] प्रश्न.5. हरिशंकर परसाई ने प्रेमचन्द का जो शब्द चित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है,
उससे प्रेमचन्द के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं ?
प्रश्न.6. लेखक को प्रेमचंद समाज के घृणित लोगों की ओर पैर की अंगुली से इशारा करते क्यों प्रतीत हो रहे हैं? बताइए। प्रश्न.7. हरिशंकर परसाई के अनुसार, प्रेमचंद का जूता घिसा नहीं था, फटा था, क्यों ?
प्रश्न.8. ”जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो“ इस पंक्ति में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए। [C.B.S.E. 2012 Term II HA-1059]
प्रश्न.9. पाठ में ‘टीले’ शब्द का प्रयोग किन सन्दर्भों को इंगित करने के लिए किया गया होगा ? प्रश्न.10. आपकी दृष्टि से वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है?
प्रश्न.11. ‘प्रेमचन्द के फटे जूते’ पाठ के अनुसार बताइए कि ‘तुम परदे का महत्त्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुरबान हो रहे हैं’ क्यों कहा गया है ? [C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1] उत्तर. आजकल पर्दा रखना अर्थात् छिपाव रखना आवश्यक हो गया है। हम जैसे साधारण लोग तो इस पर जान दे रहे हैं। प्रेमचन्द कुछ नहीं छिपाते। वे जैसे हैं वैसे ही दिखाई देते हैं। लेखक व्यंग्य करता है कि अब जमाना बदल गया है। अब पर्दें का जमाना है। प्रश्न.12. ‘जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पच्चीसों टोपियाँ न्यौछावर होती है।’
स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न.13.
‘प्रेमचंद के फटे जूते’ में लेखक को कौन-सी विडम्बना चुभी और क्यों ? प्रश्न.14. लेखक ने प्रेमचंद के जूते फटने का क्या कारण सोचा ? पाठ के आधार पर लिखिए। प्रश्न.15. ”लेखक को फोटो में प्रेमचंद किस पर हँसते दिख रहे थे ?“ प्रेमचंद के फटे जूते’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। प्रश्न.16. ‘गंदे से गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है’ का आशय सप्रसंग स्पष्ट कीजिए। प्रश्न.17. प्रेमचंद फोटो में मुस्कराकर क्या व्यंग्य कर रहे हैं ? पाठ के आधार पर लिखिए। प्रश्न.18. लेखक हरिशंकर परसाई प्रेमचंद के पैर की अंगुली के इशारे में किस व्यंग्य मुस्कान के होने की बात करते हैं ? प्रश्न.19. क्या समझौता न करना प्रेमचंद की कमजोरी थी ? पाठ के आधार
पर लिखिए।
प्रश्न.20. ‘प्रेमचन्द के फटे जूते’ पाठ में निहित व्यंग्य को अपने शब्दों में लिखिए।
प्रेमचंद के फटे जूते पाठ
को इस वीडियो
की मदद से समझें। प्रेमचंद के फटे जूते पाठ से प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन कौन सी विशेषताएँ उभर कर आती है?(1) प्रेमचंद का व्यक्तित्व बहुत ही सीधा-सादा था, उनके व्यक्तित्व में दिखावा नहीं था। (2) प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे। किसी और की वस्तु माँगना उनके व्यक्तित्व के खिलाफ़ था। (3) इन्हें समझौता करना मंजूर नहीं था।
प्रेमचंद की फोटो से उनके व्यक्तित्व के ववषय में क्या बोध होता है?प्रेमचंद बहुत ही सीधा-सादा जीवन जीते थे वे गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे।. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।. प्रेमचंद एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे।. प्रेमचंद को समझौता करना मंजूर न था।. वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला करते थे।. प्रेमचंद के फटे जूते पाठ के आधार पर लिखिए कि लेखक के अनुसार लोग फोटो खिचवाने के लिए क्या क्या करते हैं?फोटो खिंचाने के लिए तो बीवी तक माँग ली जाती है, तुमसे जूते ही माँगते नहीं बने! तुम फोटो का महत्व नहीं जानते। लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए! गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है।
प्रेमचंद जी की क्या विशेषताएं थी किन्हीं चार विशषे ताओं का उल्लेख कीजिए?प्रेमचंद बेहद सादगी से रहने वाले व्यक्ति थे, उन्हें किसी भी तरह का दिखावा पसंद नही था। प्रेमचंद संतोषी स्वभाव के व्यक्ति थे। इतना महान लेखक होने के बावजूद वह आर्थिक अभाव से ग्रस्त रहे लेकिन उन्होंने सहज रूप से उस जीवन को जिया।
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