Formulae Handbook for Class 9 Maths and ScienceEducational Loans in India NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 6 प्रेमचंद के फटे जूते is part of
NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 6 प्रेमचंद के फटे जूते. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न 1. संघर्षशील लेखक- अपराजेय व्यक्तित्व- कष्टग्रस्त जीवन- सहजता- मर्यादित
जीवन- प्रश्न 2.
उत्तर-
प्रश्न 3. (ख) प्रेमचंद ने कभी पर्दे को अर्थात् लुकाव-छिपाव को महत्त्व नहीं दिया। उन्होंने वास्तविकता
को कभी टॅकने का प्रयत्न नहीं किया। वे इसी में संतुष्ट थे कि उनके पास छिपाने-योग्य कुछ नहीं था। वे अंदर-बाहर से एक थे। यहाँ तक कि उनका पहनावा भी अलग-अलग न था। (ग) लेखक कहता है-प्रेमचंद ने समाज में जिसे भी घृणा-योग्य समझा, उसकी ओर हाथ की अँगुली से नहीं, बल्कि अपने पाँव की अँगुली से इशारा किया। अर्थात् उसे अपनी ठोकरों पर रखा, अपने जूते की नोक पर रखा, उसके विरुद्ध संघर्ष किए रखा। प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. सच
बताऊँ! मुझे एक भी ऐसा दृश्य याद नहीं आता, जब मैंने उन्हें टाई के बिना देखा हो। हाँ, एक बार मैं सुबह-सुबह उनके घर चला गया था। उस समय भी उन्होंने मुझे 45 मिनट प्रतीक्षा कराई। जब ड्राइंग रूम में आए तो टाई लगाए हुए थे। गाँठ तब भी वैसी थी, जैसे जन्मजात हो। उनका एक ही सिद्धांत है-बोलो, तो ढंग का बोलो। वरना चुप रहो। ऐसा न समझिए, कि वे अकसर चुप रहते हैं। नहीं, वे अकसर बोलते पाए जाते हैं। और जब भी बोलते हैं-किसी-न-किसी राष्ट्रीय समस्या पर चिंता प्रकट करते पाए जाते हैं। उनका व्यक्तित्व गंभीर है। यदि कोई उनकी बात न सुन रहा हो तो वे उस पर व्यंग्य कसने लगते हैं। और अगर कोई और बीच में बोलना शुरू कर दे तो उसकी ओर से मुँह मोड़कर उबासी लेने लगते हैं। मेरे टाई वाले मित्र की एक खूबी यह भी है कि वे हर किसी के गिरेबान में झाँकते हैं। उनकी एक-से-एक बेहूदी बात को बतंगड़ बनाकर पेश करते हैं। पर अपने गिरेबान में उन्होंने टाई बाँध रखी है, किसी को झाँकने नहीं देते। पिछले दिनों उन्हें कोई सदमा लगा। वे पागल हो गए। पेट ऐसे निकल आया जैसे दस बच्चे एक साथ प्रसव करेंगे। लोगों को उनके गिरेबान में न सही, बाहरी व्यक्तित्व में झाँकने का मौका मिल गया। परंतु तब वे छुट्टियाँ ले गए। तब तक वापस नहीं आए, जब तक उनकी देह वापस
अपनी औकात पर न लौट आई। प्रश्न 8. भाषा अध्ययन प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
पाठेतर सक्रियता प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8.
प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. More Resources for CBSE Class 9
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लेखक के अनुसार प्रेमचंद जी के व्यक्तित्व की क्या विशेषता थी?1. प्रेमचंद बहुत ही सीधा-सादा जीवन जीते थे वे गांधी जी की तरह सादा जीवन जीते थे। 2. प्रेमचंद के विचार बहुत ही उच्च थे वे सामाजिक बुराइयों से दूर रहे।
इस अंश के आधार पर बताइए कि प्रेमचंद के व्यक्तित्व की क्या विशेषतायें है *?उन्हें किसी ने न हँसते देखा न किसी की प्रशंसा करते। सभी छात्र उनसे भयभीत रहते थे। वे मार-मारकर बच्चों की चमड़ी तक उधेड़ देते थे। छोटे-छोटे बच्चे यदि थोड़ा-सा भी अनुशासन भंग करते तो वे उन्हें कठोर सजा देते थे।
प्रेमचंद के फटे जूते व्यंग्य को पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती है?प्रेमचंद की वेषभूषा देखकर लेखक उनकी पोशाक पर टिप्पणी करता है पर तुरंत ही अपनी टिप्पणी बदल लेता है। समाज में फैली दिखावे की प्रवृत्ति सच्चा चित्रण है। समाज में फैली रुढ़ियाँ, कुरीतियाँ व्यक्ति की राह में रोड़ा उत्पन्न करती हैं, इसे दर्शाया गया है। लेखक प्रेमचंद के जूते फटे होने के कारणों पर अनेक संभावनाएँ प्रकट करता है।
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