गर्मी का मौसम : प्राचीन भारत के लोग गर्मी के मौसम में मिट्टी के घड़े, मटके या सुराही का पानी ही पीते थे। अब यह प्रचलन सिर्फ गांव तक ही सीमित रह गया है। शहर में तो लोग फ्रिज का पानी पीते हैं, जो कि सबसे घातक है। दरअसल, गर्मी में मिट्टी के घड़े का पानी ही पीना चाहिए, क्योंकि घड़े में पानी की गुणवत्ता और बढ़ जाती है और वह ठंडा भी रहता है। कुछ लोग इस मौसम में चांदी के घड़े में पानी पीने की सलाह भी देते हैं। चांदी में भी पानी शीतल और स्वच्छ रहता है।
बरसात का मौसम : बरसात के मौसम में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं इसीलिए इस मौसम में हमारे प्राचीन ऋषि-मुनि तांबे के बर्तन या घड़े में पानी पीने की सलाह देते हैं। तांबा अनावश्यक बैक्टीरिया को मारकर पानी को शुद्ध कर देता है।
सर्दी का मौसम : सर्दी के मौसम में सोने के घड़े या बर्तन में पानी पीना चाहिए। इससे शरीर में शीत नहीं जमती है और न ही कफ बढ़ता है। यह सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे मौसमी रोगों से बचाता है। यदि सोने का कोई बर्तन नहीं है, तो पीतल या स्टील के बर्तन में सोने का एक टुकड़ा, अंगूठी, चेन आदि डालकर रखें और फिर उसका पानी पीएं।
सबसे अच्छा पानी : आयुर्वेद के अनुसार सबसे अच्छा पानी बारिश का होता है। उसके बाद ग्लेशियर से निकलने वाली नदियों का, फिर तालाब का पानी, फिर बोरिंग का और पांचवां पानी कुएं या कुंडी का। यदि पानी खराब लगे तो उबालकर पीएं लेकिन ऑरो का पानी नहीं पीएं, क्योंकि ये पानी की क्वालिटी को बिगाड़ देते हैं।
पानी पीने के लिए किस तरह के पात्र का उपयोग करना चाहिए और किस पात्र में पानी पीने से क्या होगा यह जानना जरूरी है, क्योंकि जल से ही आपका जीवन संचालित होता है। इसी से रोग और इसी से निरोगी हुआ जा सकता है। अत: जानिए कि किस गिलास में पानी पीने से क्या होगा।
चांदी के बर्तन जिस घर में होते हैं वहां सुख, वैभव और संपन्नता आती है। अत: घर में पीतल, तांबा और चांदी के ही बर्तन होना चाहिए। लोहे, प्लास्टिक या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
1.चांदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है।
2.चांदी के चम्मच से शहद खाने से शरीर विषमुक्त होता है।
3 एकादश भाव में स्थित राहु तथा पंचम भाव में विराजमान केतु हेतु चांदी के गिलास में पानी पीएं।
4.यदि संभव हो तो हमेशा चांदी के बर्तन में पानी पीएं। चांदी बर्तन ना हो तो गिलास में पानी भरें और उसमें चांदी की अंगुठी डालकर पानी पीएं। यह प्राचीन, सरल और बहुत चमत्कारी तांत्रिक उपाय है। इससे धन संबंधी मामलों में राहत मिलती है।
1. पीतल के बर्तन में पानी पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
2. पीतल के बर्तन में पानी पीने से गुरुत्व का बल बढ़ता है।
3. पीतल के बर्तन में पानी पीने से पाचन तंत्र सुधरता है।
4. यदि आपकी गुरु कमजोर है तो पीतल के बर्तन का भोजन के लिए भी उपयोग करें।
1. तांबे के गिलास में पानी पीने से शरीर के दूषित पदार्थ यूरिन और पसीने से बाहर निकलते हैं।
2. ब्लड प्रेशन नियंत्रित रहता है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
3. तांबे के गिलास में पानी पीने से पेट संबंधी विकार भी दूर होते हैं।
4. तांबा पानी को शुद्ध करने के साथ ही शीतल भी करता है।
5. तांबे के गिलास में पानी पीने से त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं।
6. तांबे का पानी लीवर को स्वस्थ रखता है।
1. प्लास्टिक के गिलास में पानी पीने से सेहत संबंधी कई तरह के नुकसान होते हैं।
2. कांच के गिलास में पानी पी सकेत हैं परंतु इसका कोई फायदा नहीं। ये बर्तन पानी को स्टोर करने के लिए सही माने जाते हैं।
3. कांच और स्टील के बर्तन में गुनगुना या गर्म पानी पीने से सेहत संबंधी कई तरह के नुकसान होते हैं।
4. स्टील को लोहा माना जाता है। लोहा शनी ग्रह का कारण है। इसमें भी पानी पीने का कोई फायदा नहीं होता है।
आप नॉर्मली स्टील के ग्लास में पानी पीती होंगी और बाहर जर्नी करने समय प्लास्टिक के बोतल में पानी पीती होंगी। लेकिन किस बर्तन में पानी पीना सही होता है?
हमारी बॉडी के लिए पानी बहुत जरूरी होता है। आप इसकी अहमियत इसी बात से समझ सकती हैं कि हमारी बॉडी का 60% हिस्सा पानी ही होता है। इसलिए पानी शरीर के लिए जरूरी होता है। आप दो दिन बिना खाने के रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना नहीं। पानी के बिना शरीर में कमजोरी आने लगती है जिससे चक्कर आने लगते हैं।
कैसे पीती हैं पानी?
पानी जरूरी होने के कारण पानी तो सब पीते हैं लेकिन हेल्दी रहने के लिए इससे भी फर्क पड़ता है कि आप पानी कैसे पीती हैं? मतलब कि कोई कांच के ग्लास में पानी पीता है तो कोई पानी के बोतल में पानी पीता है। कुछ लोग तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं। आप किस बर्तन में पानी पीती हैं?
किस बर्तन में पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है? इस सवाल का जवाब आपको यहां मिलेगा।
प्लास्टिक में पानी नहीं
सबसे पहले तो यही जानना बेहतर होता है कि प्लास्टिक के बर्तन में पानी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए और यह हर कोई जानता है कि प्लास्टिक के बोतल या ग्लास में पानी पीना हेल्थ के लिए सही नहीं होता है। गरम पानी तो प्लास्टिक की बोतलों या ग्लास में बिल्कुल नहीं पीना चाहिए। मार्केट में कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वॉटर प्लास्टिक की बोतल में ही मिलते हैं जो polyethylene terephthalate (PET) से बने होते हैं।
प्लास्टिक के बोतल में गरम पानी नहीं
प्लास्टिक के बोतल में गरम पानी बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए। दरअसल जब प्लास्टिक के बोतल या ग्लास के अंदर का तापमान जब गरम (गरम पानी या चाय से) होने लगता है तो प्लास्टिक के हानिकारक तत्व पानी में घुलने लगते हैं। फिर ये पानी पीने से शरीर के अंदर जाते हैं और शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। इस पर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध भी किया है। इस शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्लास्टिक की बोतलों में जो कैमिकल पाया जाता है वो मानव शरीर में पाए जाने हॉर्मोनल सिस्टम के लिए बहुत खतरनाक होता है। इसलिए प्लास्टिक के बोतल या ग्लास में पानी नहीं पीना चाहिए।
कांच की बोतल या ग्लास
सामान्य तौर पर घरों में पानी स्टेनलेस स्टील, एल्यूमीनियम या कांच की बोतलों या ग्लास में पिया जाता है। ये बर्तन पानी को स्टोर करने के लिए सही माने जाते हैं। लेकिन कांच के बर्तन में ज्यादा गरम पानी डालकर भी पीना अच्छा नहीं होता है।
तांबे के बर्तन ज्यादा फायदेमंद
तांबे के बर्तन में पानी पीना सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। प्राचीनकाल में तो हर घर में तांबे के बर्तन और ग्लास का ही इस्तेमाल पानी के लिए होता था। इसलिए तो पहले के लोग हमसे ज्यादा हेल्दी भी रहते थे। तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर से हर तरह की बीमारियां कोसों दूर रहती थी। तांबे में मौजूद तत्व मानव शरीर को अंदर से सही रखता है।
लीवर को रखता है स्वस्थ
आयुर्वेद के अनुसार रात को तांबे के पात्र में रखा जल तांबे के गुणों से युक्त होकर लीवर को स्वस्थ रखता है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार तांबे के बर्तन में पानी पीने से पेट की बीमारियां नहीं होती हैं। तांबे के बर्तन में पानी पीने से कई सारे फायदे होते हैं जिनमें से नीचे लिखे प्रमुख हैं-
- तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से दिल हेल्दी रहता है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित में रहता है जिससे बैड कोलेस्ट्रोल कम होता है। इन सब कारणों से हार्ट अटैक आने का खतरा कम हो जाता है।
- इससे वात, पित्त और कफ की शिकायत भी नहीं होती है।
- तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचनतंत्र मजबूत होता है जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है।
- अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।
तो इन सब कारणों से आज से ही तांबे के बर्तन में पानी पीना शुरू कर दें। कम से कम प्लास्टिक के बर्तन में तो पानी पीना बंद कर दें। इससे आप और आपका दिल हेल्दी रहेगा।
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