पिंजरे में बंद पक्षी के जीवन में क्या परिवर्तन होने वाला है? - pinjare mein band pakshee ke jeevan mein kya parivartan hone vaala hai?

Solution : यह ठीक बात है कि पक्षियों को पिंजरे में बन्द करने से केवल आजादी का ही हनन नहीं होता, क्योंकि उनका सहज स्वाभाविक स्वभाव होता है, .उड़ना.। उड़े बिना वे में नहीं रह सकते। पिंजरे में बन्द करके तो हम उनकी आजादी छीन लेते हैं। जिससे वे उड़ने के लिए पिंजरे में ही छटपटाते रहते हैं। इसके साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता न है, क्योंकि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में पक्षियों की बहुत बड़ी भागीदारी होती है। पक्षियों के न रहने पर यह । सन्तुलन बिगड़ने लगता है। बहुत से पक्षी कीड़े-मकोड़ों को खाकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में सहयोग करते रहते हैं। इससे हमारा पर्यावरण सन्तुलित रहता है। इसके साथ ही पक्षी फलों को खाकर उनके बीजों का प्रकीर्णन करते हैं। इस प्रकार पक्षी पेड़-पौधे के उगने तथा उनकी वृद्धि करने में भी सहायक होते हैं।

पिंजरे में बंधक पक्षी के जीवन में क्या परिवर्तन होने वाला है?

Answer: इसलिए अगर आप पक्षियों को पिंजरे में बंद कतरे है तो पाप के भागीदारी बन जाते हैं. अगर किसी भी पक्षी को पिंजरे में बंद कर दिया जाये तो वह बहुत हिंसक हो जाता है और ऐसा होना घर में नकारात्मक उर्जा फैलने का कारन बन सकता है. पक्षियों को सुख समृद्धि और सफलता के सूचक माना जाता है.

पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से क्या होता है?

पशु-पक्षियों एवं जीव-जंतुओं पर भी नवग्रहों का प्रभाव होता है। पक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है। यदि उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाए, तो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है।

पिंजरे में बंद होने पर पक्षी क्या सोचता होगा?

उत्तर- हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें स्वतन्त्रता पसंद है और वे बंधन में नहीं रहना चाहते। वे खुलकर आकाश में उड़ना चाहते हैं।

पिंजरे में रहकर पक्षियों का क्या होगा?

पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं।