इसे सुनेंरोकेंसेल्युलोज – जबकि सेल्यूलोज एक पॉलीसैकराइड है इस प्रकार यह एक शर्करा नहीं है मूल रूप से यह एक गैर-शर्करा कार्बोहाइड्रेट है। निम्न में कौन कार्बोहाइड्रेट है? UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Step by step video & image solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts
& scoring excellent marks in Class 11 exams….निम्नलिखित में से कौन कार्बोहाइड्रेट नहीं है? निम्नलिखित में से कौन सा कार्बोहाइड्रेट का स्रोत नहीं है? इसे सुनेंरोकेंचना कार्बोहाइड्रेट का स्रोत नहीं है, यह प्रोटीन का स्रोत है। इसे सुनेंरोकेंग्लूकोज़ (Glucose) या द्राक्ष शर्करा (द्राक्षधु) सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट है। यह जल में घुलनशील होता है तथा इसका रासायनिक सूत्र C6H12O6 है। यह स्वाद में मीठा होता है तथा सजीवों की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का सर्व प्रमुख स्रोत है। निम्नलिखित में से कौन सा
कार्बोहाइड्रेट का समृद्ध स्रोत है *? इसे सुनेंरोकेंये हमारे शरीर के वजन का लगभग 1% हैं और शरीर में ऊर्जा के स्रोत के रूप में कार्य करने के लिए ऑक्सीकृत हो सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत आलू, फल, अनाज, चीनी, शहद, रोटी, दूध, आदि हैं। निम्नलिखित में से कौन सा कार्बोहाइड्रेट का सबसे सरल रूप है? इसे सुनेंरोकेंशर्करा की केवल एक इकाई से मिलकर बने मोनोसकराइड सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ग्लूकोज, फ्रक्टोज और गैलेक्टोज मोनोसकराइड के उदाहरण हैं। कार्बोहाइड्रेट क्या काम करता है?इसे सुनेंरोकेंकार्बोहाइड्रेट शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों को करने और इसे सक्रिय रखने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं। केवल कुछ कार्बोहाइड्रेट स्रोत पौष्टिक होते हैं, क्योंकि परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट में स्वास्थ्य, विटामिन, आहार फाइबर और खनिजों जैसे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले आवश्यक तत्वों की कमी होती है। ऐसा कोइ भी पदार्थ जो शर्करा (कार्बोहाइड्रेट), वसा, जल तथा/अथवा प्रोटीन से बना हो और जीव जगत द्वारा ग्रहण किया जा सके, उसे भोजन कहते हैं। जीव न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए भोजन करते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर का विकास करते हैं, उसे स्वस्थ रखते हैं और शक्ति प्रदान करते हैं। भोजन में ऊर्जा का त्वरित स्रोत है। भोजन के विविध अवयव[संपादित करें]भोजन में पाए जाने वाले कुछ तत्व हैं - कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और तेल, विटामिन और खनिज। इसके अतिरिक्त भोजन में सभी पोषक तत्व होने चाहिए ; अर्थात् मांसपेशियों और उत्तकों को सबल बनाने के लिए प्रोटीन, ऊर्जा या शक्ति प्रदान करने के लिए कार्बोहाइड्रेट और वसा, मजबूत हडि्डयों और रक्त के विकास के लिए खनिज लवण और स्वस्थ जीवन एवं शारीरिक विकास के लिए विटामिन। शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज की आवश्यकता मनुष्य की आयु, लिंग, शारीरिक श्रम और शरीर की दशा पर निर्भर करती है। शारीरिक श्रम करने वाले एक मजदूर को दफ्तर में काम करने वाले व्यक्ति की अपेक्षा शक्ति प्रदान करने वाले भोजन की कहीं अधिक आवश्यकता होती है। गर्भवती औरतों और स्तनपान करने वाले बच्चों की माताओं को शारीरिक परिवर्तनों के कारण अधिक प्रोटीन और खनिजों की आवश्यकता होती है। इसलिए यह जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी आयु, लिंग, काम की दशा आदि के अनुसार अपने भोजन में सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल करे। मनुष्य की इन आवश्यकताओं को पूरा करने वाले भोजन को संतुलित भोजन (बैलेंस्ड फुड) कहते हैं। निम्नलिखित खाद्य वर्ग की वस्तुओं को सूझबूझ के साथ मिलाकर संतुलित भोजन तैयार किया जा सकता है। शक्तिदायक भोजन :[संपादित करें]कार्बोहाइड्रेट तथा वसा युक्त भोजन को शक्तिदायक भोजन कहते हैं। दालें, कन्दमूल, सूखे मेवे, चीनी, तेल और वसा इस वर्ग में आते हैं। शरीर-निर्माण करने वाले भोजन:[संपादित करें]अधिक प्रोटीन वाला भोजन शरीर निर्माण करने वाला भोजन कहलाता है। भारतीय नस्ल की देशी गाय का दुध, घी,दालें, तिलहन, गरी और कम वसा वाले तिलहनों के उत्पाद इस वर्ग में आते हैं। संरक्षण देने वाले भोजन :[संपादित करें]जिस भोजन में प्रोटीन, विटामिन और खनिज अधिक पाये जाते हैं उसे संरक्षण देने वाला भोजन कहते हैं। दूध और दूध के उत्पाद, अंडे, कलेजी, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फल इस वर्ग में आते हैं। भारत में अधिकांश लोग अधिक अनाज खाते हैं और उनके भोजन में दूसरे शक्तिवर्द्धक तत्वों की कमी होती है। मोटे तौर पर भोजन में बदलाव लाकर उसमें सुधार किया जा सकता है, अर्थात् जहां कहीं भोजन में अन्न की अधिकता हो, अन्न की मात्रा कम की जाए और उसके बजाए भोजन में शरीर की प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की आवश्यकता पूरी करने वाले तत्व बढ़ाए जाएं। जहां कहीं इस प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध हों उनसे और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रयोग से, परिरक्षित भोजन की सहायता से, पौष्टिक आहार में सुधार लाया जा सकता है। भोजन तैयार करने की सुधरी विधियों का प्रयोग करके भोजन पकाने के दौरान पोषक तत्वों को होने वाली हानि को रोका जा सकता है। भोजन को अधिक उबालने या तलने से बहुत से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। इसलिए इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि खाना सही तरीके से पकाया जाए। पोषकों के कार्य और उनके स्रोत :[संपादित करें]प्रोटीन :[संपादित करें]शरीर में उत्तकों, मांसपेशियों और रक्त जैसे महत्वपूर्ण द्रव्यों का निर्माण, संक्रमण का सामना करने के लिए इन्जाइम और रोग प्रतिकारक तत्वों के विकास में सहायता। स्रोत :- ताजा या सुखाया हुआ दूध, पनीर, दही, तिलहन और गिरी, सोयाबीन, खमीर, दालें, मांस, कलेजी, मछली, अण्डे और अनाज। वसा :[संपादित करें]शक्ति के संकेिन्द्रत स्रोत का काम करना और घुलनशील विटामिनों की पूर्ति करना। स्रोत : मक्खन, घी, वनस्पति तेल और वसा, तिलहन और गिरी, मछली का तेल और अण्डे की जर्दी। कार्बोहाइड्रेट :[संपादित करें]शरीर को शक्ति प्रदान करना। स्रोत : अनाज, बाजरा, कन्दमूल जैसे कि आलू, चुकन्दर, अरवी , टेपिओका आदि और चीनी तथा गुड़। विटामिन[संपादित करें]विटामिन ए :[संपादित करें]शरीर की चमड़ी और श्लेष्म झिल्ली को स्वस्थ रखना और रात्रि अन्धता से बचाव। स्रोत : मछली का तेल, कलेजी, दूध के उत्पाद -दही, मक्खन, घी- गाजर, फल और पत्तेदार सिब्जयां। विटामिन बी 1 (थायामिन)[संपादित करें]सामान्य भूख, पाचन शक्ति तथा स्वस्थ स्नायु प्रणाली और भोजन की शर्करा को शक्ति में बदलना। स्रोत : कलेजी, अण्डे, फलियां, दालें, गिरी, तिलहन, खमीर, अनाज, सेला चावल। विटामिन बी-2 (रिबोफ्लेविन) :[संपादित करें]कोशिकाओं को आक्सीजन के उपयोग में सहायता देना, आंखों को स्वस्थ और साफ रखना तथा नाम मुंह के आसपास पपड़ी न जमने देना तथा मुंह के कोरों को फटने से बचाना। स्रोत : दूध, सपरेटा, दही, पनीर, अण्डे, कलेजी और पत्तेदार सिब्जयां। नियांसिन[संपादित करें]चमड़ी, पेट, अंतिड़यों और स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखना। स्रोत : दालें, साबुत अनाज, मांस, कलेजी, खमीर, तिलहन, गिरी और फलियां। विटामिन सी :[संपादित करें]कोशिकाओं को मजबूत बनाना, रक्त वाहिक की भित्तियों को शक्तिशाली बनाना, संक्रमण की रोकथाम और रोग से जल्दी मुक्ति पाने की शक्ति प्रदान करना। स्रोत : आंवला, अमरूद, नींबू की जाति के फल, ताजी सिब्जयं और अंकुरित दालें। विटामिन डी :[संपादित करें]शरीर को काफी मात्रा में कैिल्शयम ग्रहण करने और हड्डी मजबूत बनाने में सहायता देता है। स्रोत : दूध, मक्खन, अंडे , दूध, पनीर, मछली, तेल और घी। कैल्शियम और फास्फोरस :[संपादित करें]हडि्डयां और दांत बनाने, रक्त बढ़ाने तथा पेशियों और नाड़ियों को ठीक रूप् से काम करने में सहायक होता है। स्रोत : दूध और इसके उत्पाद, पत्तेदार सिब्जयां, छोटी मछली और अनाज आदि। लौहतत्व :[संपादित करें]प्रोटीन के साथ मिलकर हीमोग्लोबीन (रक्त में एक लाल पदार्थ जो कोषिकाओं में आक्सीजन ले जाता है) बनाना। स्रोत : कलेजी, गुर्दा, अंडे, सिब्जयां, तिलहन-गिरी, फलियां, दालें, गुड़, सूखे मेवे और पत्तेदार सिब्जयां। भोजन से सम्बन्धित भारतीय ग्रंथ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
कौन सा कार्बोहाइड्रेट का स्रोत नहीं है?चना कार्बोहाइड्रेट का स्रोत नहीं है, यह प्रोटीन का स्रोत है।
कार्बोहाइड्रेट के स्रोत कौन कौन से होते हैं?शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार से प्राप्त होते है, पहला माड़ी अर्थात स्टार्च तथा दूसरा चीनी अर्थात शुगर। गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, मोटे अनाज तथा चावल और दाल तथा जड़ो वाली सब्जियो मे पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट्स को माड़ी कहा जाता है।
निम्नलिखित में से कौन सा कार्बोहाइड्रेट का सबसे समृद्ध स्रोत है?सही उत्तर चावल है। कार्बोहाइड्रेट फल, अनाज, सब्जियां और दूध उत्पादों में पाए जाने वाले शर्करा, स्टार्च और फाइबर होते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा खाद्य पदार्थ कार्बोहाइड्रेट का मुख्य स्रोत है?कार्बोहाइड्रेट के मुख्य स्रोत आलू, फल, अनाज, चीनी, शहद, रोटी, दूध, आदि हैं।
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