मध्यकालीन मठों का क्या कार्य था ?`? - madhyakaaleen mathon ka kya kaary tha ?`?

विषयसूची

  • 1 मध्यकालीन मट्टू का क्या कार्य था?
  • 2 मठों का क्या अर्थ है?
  • 3 मध्यकालीन मठों का क्या अर्थ है?
  • 4 चार मठ कौन से है?
  • 5 भारत में कुल कितने मठ हैं?
  • 6 मठ कितने प्रकार के होते हैं?

मध्यकालीन मट्टू का क्या कार्य था?

इसे सुनेंरोकेंमध्यकालीन मठों का कार्य : मध्यकालीन मठों में भिक्षु रहते थे। वे धार्मिक कार्य तथा अध्ययन करने के साथ-साथ कृषि कार्य भी करते थे। उन्होंने कला को भी प्रोत्साहित किया। इस प्रकार मध्यकालीन मठ धार्मिक एवं कलात्मक गतिविधियों के केंद्र थे।

मठों का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंमठ का अर्थ ऐसे संस्थानो से है जहां इसके गुरू अपने शिष्यों को शिक्षा, उपदेश इत्यादि प्रदान करता है। ये गुरू प्रायः धर्म गुरु होते है इनके द्वारा दी गई शिक्षा मुख्यतः आध्यात्मिक होती है पर ऐसा हमेशा नही होता। एक मठ में इन कार्यो के अतिरिक्त सामाजिक सेवा, साहित्य इत्यादि से सम्बन्धित कार्य भी होते हैं।

मध्यकालीन मठों का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंमध्यकालीन मठों में भिक्षु रहते थे। वे धार्मिक कार्य तथा अध्ययन करने के साथ-साथ कृषि कार्य भी करते थे। इस प्रकार मध्यकालीन मठ धार्मिक एवं कलात्मक गतिविधियों के केंद्र थे। ये लोगों को नैतिक शिक्षा देते थे तथा रोगियों की सेवा करते थे।

मठों का क्या कार्य था?

इसे सुनेंरोकेंमठों को निर्माण आबादी से दूर किया जाता था। मठों में भिक्षु निवास करते थे। वे प्रार्थना करने के अतिरिक्त, अध्ययन-अध्यापन तथा कृषि भी करते थे। मठों का प्रमुख काम एक स्थान से दूसरे स्थान तक धर्म का प्रचार-प्रसार करना था।

चार मठ कौन कौन से हैं?

आइए जानते हैं आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित इन मठों के बारे में…

  • श्रृंगेरी मठ: श्रृंगेरी शारदा पीठ भारत के दक्षिण में रामेश्वरम् में स्थित है.
  • गोवर्धन मठ: गोवर्धन मठ उड़ीसा के पुरी में है.
  • शारदा मठ: द्वारका मठ को शारदा मठ के नाम से भी जाना जाता है.
  • ज्योतिर्मठ: ज्योतिर्मठ उत्तराखण्ड के बद्रिकाश्रम में है.

चार मठ कौन से है?

इसे सुनेंरोकेंज्योतिर्मठ के तहत दीक्षा लेने वाले संन्यासियों के नाम के बाद ‘गिरि’, ‘पर्वत’ और ‘सागर’ चारों दिशाओं में आदिशंकराचार्य ने स्थापित किए थे ये 4 मठसम्प्रदाय नाम विशेषण लगाया जाता है जिससे उन्हें उस संप्रदाय का संन्यासी माना जाता है. इसका महावाक्य ‘अयमात्मा ब्रह्म’ है. मठ के अंतर्गत अथर्ववेद को रखा गया है.

भारत में कुल कितने मठ हैं?

इसे सुनेंरोकेंआदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए भारत के चार क्षेत्रों में चार मठ स्थापित किये. चारों मठों में प्रमुख को शंकराचार्य कहा गया. इन मठों की स्थापना करके आदि शंकराचार्य ने उन पर अपने चार प्रमुख शिष्यों को आसीन किया. तबसे ही इन चारों मठों में शंकराचार्य पद की परम्परा चली आ रही है.

मठ कितने प्रकार के होते हैं?

आइये जानते हैं इन 4 मठों के बारे में और उनकी विशेषताएं.

  • गोवर्धन मठ, उड़ीसा (ऋग्वेद) गोवर्धन मठ ओड़िसा के तटीय शहर पुरी में है.
  • शारदा पीठ, कर्नाटक (यजुर्वेद)
  • द्वारका पीठ, गुजरात (सामवेद)
  • ज्योतिर्मठ, उत्तराखंड (अथर्व वेद)
  • कांची मठ , तमिलनाडु

विषयसूची

  • 1 मठों का क्या कार्य था?
  • 2 मध्यकालीन मठों से क्या तात्पर्य है?
  • 3 मध्यकालीन चर्च के गुण और दोष क्या थे?
  • 4 चार मठ कौन कौन से हैं?
  • 5 मध्यकाल में मठों का क्या कार्य था?

मठों का क्या कार्य था?

इसे सुनेंरोकेंमठों को निर्माण आबादी से दूर किया जाता था। मठों में भिक्षु निवास करते थे। वे प्रार्थना करने के अतिरिक्त, अध्ययन-अध्यापन तथा कृषि भी करते थे। मठों का प्रमुख काम एक स्थान से दूसरे स्थान तक धर्म का प्रचार-प्रसार करना था।

मध्यकालीन मठों से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंमध्यकाल में चर्च के अतिरिक्त धार्मिक गतिविधियों का केन्द्र मठ भी थे। मठ आबादी से दूर स्थापित थे। मठों में भिक्षु रहा करते थे। वे प्रार्थना करते, अध्ययन करते और कृषि का भी कुछ कार्य।

मठों का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंमठ का अर्थ ऐसे संस्थानो से है जहां इसके गुरू अपने शिष्यों को शिक्षा, उपदेश इत्यादि प्रदान करता है। ये गुरू प्रायः धर्म गुरु होते है इनके द्वारा दी गई शिक्षा मुख्यतः आध्यात्मिक होती है पर ऐसा हमेशा नही होता। एक मठ में इन कार्यो के अतिरिक्त सामाजिक सेवा, साहित्य इत्यादि से सम्बन्धित कार्य भी होते हैं।

4 मध्यकालीन मठों का क्या कार्य था?

इसे सुनेंरोकेंमध्यकालीन मठों का कार्य : मध्यकालीन मठों में भिक्षु रहते थे। वे धार्मिक कार्य तथा अध्ययन करने के साथ-साथ कृषि कार्य भी करते थे। उन्होंने कला को भी प्रोत्साहित किया। इस प्रकार मध्यकालीन मठ धार्मिक एवं कलात्मक गतिविधियों के केंद्र थे।

मध्यकालीन चर्च के गुण और दोष क्या थे?

मध्यकाल में चर्च के अतिरिक्त धार्मिक गतिविधियों का केन्द्र मठ भी थे। मठ आबादी से दूर स्थापित थे। मठों में भिक्षु रहा करते थे। वे प्रार्थना करते, अध्ययन करते और कृषि का भी कुछ कार्य।…

  • स्वतन्त्र किसान : स्वतन्त्र किसानों को भूमि उनके अधिपतियों से प्राप्त होती थी।
  • कृषि दास : ये मध्यम श्रेणी के किसान होते थे।
  • सर्फ :

चार मठ कौन कौन से हैं?

आइए जानते हैं आदिशंकराचार्य द्वारा स्थापित इन मठों के बारे में…

  • श्रृंगेरी मठ: श्रृंगेरी शारदा पीठ भारत के दक्षिण में रामेश्वरम् में स्थित है.
  • गोवर्धन मठ: गोवर्धन मठ उड़ीसा के पुरी में है.
  • शारदा मठ: द्वारका मठ को शारदा मठ के नाम से भी जाना जाता है.
  • ज्योतिर्मठ: ज्योतिर्मठ उत्तराखण्ड के बद्रिकाश्रम में है.

चार मठ कौन से है?

इसे सुनेंरोकेंज्योतिर्मठ के तहत दीक्षा लेने वाले संन्यासियों के नाम के बाद ‘गिरि’, ‘पर्वत’ और ‘सागर’ चारों दिशाओं में आदिशंकराचार्य ने स्थापित किए थे ये 4 मठसम्प्रदाय नाम विशेषण लगाया जाता है जिससे उन्हें उस संप्रदाय का संन्यासी माना जाता है. इसका महावाक्य ‘अयमात्मा ब्रह्म’ है. मठ के अंतर्गत अथर्ववेद को रखा गया है.

मध्ययुगीन काल में कौन सा नया धर्म उदय हुआ था *?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर में सिक्खों का उदय होता गया और दक्षिण में मैसूर स्वायत्त होता गया।

मध्यकाल में मठों का क्या कार्य था?

मध्यकालीन मठों का क्या कार्य है?

मध्यकालीन मठों में भिक्षु रहते थे। वे धार्मिक कार्य तथा अध्ययन करने के साथ-साथ कृषि कार्य भी करते थे। ... इस प्रकार मध्यकालीन मठ धार्मिक एवं कलात्मक गतिविधियों के केंद्र थे। ये लोगों को नैतिक शिक्षा देते थे तथा रोगियों की सेवा करते थे।

मध्यकालीन यूरोप में मटन का क्या कार्य था?

ईसाई भिक्षु एवं पादरियों ने ज्ञानदीप को प्रज्वलित रखा। 11वीं शताब्दी के अंत से 15वीं शताब्दी तक के उत्तर मध्य युग में मानव प्रत्येक दिशा में उन्नतिशील रहा।

मठ क्या थे मध्यकालीन यूरोप के किन्हीं दो प्रसिद्ध मठों के नाम बताइये?

श्रृंगेरी मठ: श्रृंगेरी शारदा पीठ भारत के दक्षिण में रामेश्वरम् में स्थित है. श्रृंगेरी मठ कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध मठों में से एक है. इसके अलावा कर्नाटक में रामचन्द्रपुर मठ भी प्रसिद्ध है.

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