लेखक अति थि को जानेका सकं ेत कैसे दि या लेखक के अनसु ार अच्छा अति थि कौन होता है? - lekhak ati thi ko jaaneka sakan et kaise di ya lekhak ke anasu aar achchha ati thi kaun hota hai?

लेखक ने अतिथि को जाने का संकेत किन-किन उपायों से दिया?


लेखक ने अतिथि को जाने का संकेत देने के लिए कई उपाय किए। उसने अतिथि के सामने रोज-रोज तारीखें बदली, तारीखें बदलते समय इस बात को दोहराया कि आज यह तारीख हो चुकी है। उसने धोबी को कपड़े देने की बजाय लॉण्ड्री में देने का सुझाव दिया ताकि कपड़े जल्दी धुल सके। अन्त में लेखक ने मुस्कराना और बातचीत करना तक बंद कर दिया।

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पाठ में आए इन वाक्यों में ‘चुकना’ क्रिया के विभिन्न प्रयोगों को ध्यान से देखिए और वाक्य सरंचना को समझिए-(क) तुम अपने भारी चरण-कमलों की छाप मेरी ज़मीन पर अंकित कर चुके।
(ख) तुम मेरी काफ़ी मिट्‌टी खोद चुके।
(ग) आदर-सत्कार के जिस उच्च बिंदु पर हम तुम्हें ले जा चुके थे।
(घ) शब्दों का लेन-देन मिट गया और चर्चा के विषय चुक गए।
(ङ) तुम्हारे भारी-भरम शरीर से सलवटें पड़ी चादर बदली जा चुकी और तुम यहीं हो।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है?


अतिथि लेखक के घर पर पिछले चार दिनों से रह रहा था और अभी तक जाने का नाम नहीं ले रहा था।

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 पति-पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?


पति ने स्नेह से भीगी मुस्कुराहट से मेहमान को गले लगाकर उसका स्वागत किया। रात के भोजन में दो प्रकार की सब्जियों और रायते के अलावा मीठी चीजों का भी प्रबन्ध किया गया था। उनके आने पर पत्नी ने उनका स्वागत सादर प्रणाम करके किया था।

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कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही है?


कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से पंछी के पंखों की तरह फड़फड़ा रही है।

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निम्नलिखित वाक्य सरंचनाओं में ‘तुम’ के प्रयोग पर ध्यान दीजिए-
(क) लॉण्ड्री पर दिए कपड़े धुलकर आ गए और तुम यहीं हो।
(ख) तुम्हें देखकर फूट पड़ने वाली मुस्कुराहट धीरे-धीरे फीकी पड़कर अब लुप्त हो गई है।
(ग) तुम्हारे भरकम शरीर से सलवटें पड़ी चादर बदली जा चुकी।
(घ) कल से मैं उपन्यास पढ़ रहा हूँ और तुम फिल्मी पत्रिका के पन्ने पलट रहे हो।
(ङ) भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण कर रही हैं, पर तुम जा नहीं रहे।

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लेखक अतिथि को जाने का सकं ेत कैसे दिया लेखक के अनसु ार अच्छा अति थि कौन होता है?

NCERT Solution.
उत्तर: अतिथि चार दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है। ... .
उत्तर: कैलेंडर की तारीखें अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही हैं। ... .
उत्तर: पति एक स्नेह भीगी मुस्कराहट के साथ अतिथि से गले मिला था। ... .
उत्तर: दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की गई। ... .
उत्तर: तीसरे दिन सुबह अतिथि ने कहा कि वह धोबी को कपड़े देना चाहता है।.

अच्छा अतिथि कौन होता है?

लेखक को ऐसा अतिथि अच्छा लगता है।

लेखक ने अतिथि का स्वागत कैसे किया?

लेखक ने अतिथि का स्वागत जिसे उत्साह और लगन के साथ किया उसके मूल में यह आशा थी कि अतिथि भी अपना देवत्व बनाए रखेगा और उसकी परेशानियों को ध्यान में रखकर अगले दिन घर चला जाएगा। जाते समय उसके मन पर शानदार मेहमान नवाजी की छाप होगी।

अतिथि के अधिक दिनों तक टिके रहने पर लेखक के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक ने उसके साथ मुस्कुरा कर बात करना छोड़ दिया,बात चीत के विषय समाप्त हो गए। सौहार्द व्यवहार अब बोरियत में बदल गया। लंच डिनर अब खिचड़ी पर आ गए। इसके बाद लेखक उपवास तक जाने की तैयारी करने लगा।