नदियों द्वारा निर्मित गहरी एवं सँकरी घाटियों को ‘v’ आकार की घाटी कहते हैं। इनका आकार अंग्रेजी वर्णमाला के.’V’ अक्षर की भाँति होता है, जिससे इन्हें v’ आकार की घाटी कहते हैं। इनके किनारे तीव्र ढाल वाले होते हैं। ये घाटियाँ किनारों पर चौड़ी तथा तली में अधिक संकुचित होती हैं। कुछ नदियाँ अपनी घाटी को और अधिक गहरा करती जाती हैं। इस अत्यधिक गहरी ‘V’ आकार की घाटी को कन्दरा (Gorge) कहते हैं। उदाहरण के लिए-भारत की सिन्धु, सतलुज, नर्मदा, कृष्णा, चम्बल आदि नदियाँ अनेक स्थानों पर कन्दराओं का निर्माण करती हैं। भाखड़ा बॉध तो सतलुज नदी की कन्दरा पर ही निर्मित है। कम चौड़ी, अधिक गहरी तथा अधिक सँकरी घाटी को कैनियन कहते हैं। Show
नदी द्वारा निर्मित आकृतियां –नदी द्वारा निर्मित आकृतियां- नदी अपने उद्गम स्थान से लेकर समुद्र में गिरने तक अपने ढाल के कारण अनेक आकृतियों का निर्माण करती हैं। इन आकृतियों के निर्माण में नदी के ढाल, उसमें पानी की उपलब्धता, पाई जाने वाली चट्टानों का प्रभाव पड़ता है। हम इन्हीं आकृतियों का अध्ययन इस अध्याय में करेंगे। नदी की अवस्था –किसी भी नदी की मुख्य रूप से तीन अवस्थाएं होती हैं।
युवावस्था – ( Upper Case )मुख्य रूप से नदियों का उद्गम पर्वतों से होता है यहां पर राज्यों की गति अधिक होती है जिसके कारण आपसे अधिक होता है यहां पर नदियों का ढाल भी अधिक होता है प्रौढ़ावस्था – ( Middle Case )इसमें नदिया मैदानी भागों में बहती हैं। औसत गति होती है इश्क करो अपरदन होता है और नदिया पर्वतों से लाए गए चट्टानों का निक्षेपण करते हैं। वृद्धावस्था – ( Lower Case ) या मुहाना –नदिया जब मैदानी भाग को पार करके समुद्र में मिलने वाली होती हैं। यहां पर ढाल और कम होने के कारण गति बहुत कम हो जाती है। नदिया सिर्फ निक्षेपण कार्य करती हैं। नदी की प्रवणता – ( Gradient )किसी स्थान की समुद्र तल की ऊॅचाई प्रवणता कहलाती है। नदी की प्रवणता जितनी अधिक होती है, ढाल उतना अधिक होगा। नदियों की शक्ति मुख्य रूप से उनकी प्रवणता मिलती है। नदियो के आरोह या अवरोह की दर । नदी द्वारा निर्मित आकृतियां – River Landformsनदी मुख्य रूप से तीन अवस्थाओं में आकृतियों का निर्माण करती है।
युवावस्था में नदी द्वारा निर्मित आकृतियां –युवावस्था में नदी का ढाल तेज होता है और यह पहाड़ों पर होती है। यहां के मुख्य आकृतियां निम्नलिखित है –
क्षिप्रिका Rapidनदिया जब पर्वतीय क्षेत्र में होती है तो वह अपने प्रवाह मार्ग में मुलायम चट्टानों को काट देते हैं। किंतु कठोर चट्टानों को नहीं काट पाती हैं। जिसके कारण उबड़ – खाबड़ आकृतियों का निर्माण होता है। जिसे क्षिप्रिका कहा जाता है। V आकार की घाटी – V shaped Vallleyनदिया जब दो पर्वतों के बीच से निकलते हैं तो वहां पर V आकार की घाटी का निर्माण करती हैं। गार्ज Gorge ValleyV – आकार की घाटी जब बहुत गहरी हो जाती है तो उसे गार्ज कहा जाता है। सिंधु, सतलज, ब्रह्मपुत्र नदी गार्ज का निर्माण करती हैं। I – आकार की घाटी – Canyon Valleyगार्ज में जब नदी का पानी बहुत नीचे चला जाता है और निचले हिस्से को काटता है तो इस प्रकार I आकार की घाटी का निर्माण होता है। इसका ढाल बिल्कुल सीधा होता है। सबसे गहरा कैनियन यूएसए में कोलोरेडो नदी पर बना ग्रैंड कैनियन है।
जलप्रपात – Waterfallsनदियाॅ जब ऊंचाई से सीधे नीचे गिरती है तो जलप्रपात का निर्माण करती हैं। यह पर्वत और पठारी भागों में देखने को मिलता है। अवनमन कुंड – Plunge poolनदियां जब जलप्रपात के अपमान से नीचे गिरती है तो एक गड्ढा या कुंड का निर्माण करती हैं। जिसे जलप्रपात या झरना कहा जाता है।प्रौढ़ावस्था में नदी द्वारा निर्मित आकृतियां –नदिया जब पर्वतों से उतरकर के मैदानी भाग में आती है, तो उनका ढाल अपेछाकृत कम जाता है। नदिया यहां पर अपरदन और निक्षेपण का कार्य करती हैं। यहां नदियों के द्वारा निक्षेपण से एक विशाल मैदानी भाग का निर्माण होता है। यहा बनने वाली आकृतियां निम्न है –
S – आकार की घाटी (S – Shaped Valley )नदिया मैदानी क्षेत्र में मुलायम चट्टानो को काट देती हैं परन्तु कठोर चट्टानों को नहीं काट पाती। जिसके कारण S आकार की घाटी बन जाती है। इसे निनांडर या विसर्प घाटी भी कहा जाता है। गोखुर झील – छांटन झील ( Ox Bow Lake )S आकार की घाटी जब कभी सीधी हो जाती है, तब गोखुर झील का निर्माण करती हैं। इसे परितत्व झील भी कहा जाता है। तटबंध –मैदानी क्षेत्र में नदियां अपने किनारों पर सिल्ट गाद या कचरे को जमा करती है। यह बहुत उपजाऊ होता है। नदीय द्वीप – River Islandजब नदिया अपने मार्ग के बीच में सिल्ट को जमा कर देती हैं तो नदी द्वीप का निर्माण होता है। माजुली द्वीप ब्रह्मपुत्र नदी पर बना हुआ विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। वृद्धा अवस्था में नदियों द्वारा निर्मित आकृतियां –नदिया के अपने मुहाने पर पहुंचती है। तो उनका ढाल बहुत कम हो जाता है। जिस कारण से नदियां केवल निक्षेपण का कार्य करती है।
वितरिका – ( Distributary )नदियां जब अपने मुहाने पर पहुंच जाती हैं तो उनका ढाल कम हो जाता है। जिससे वह कई शाखाओं में बट जाती हैं। इन शाखाओं का वितरिका कहा जाता है। डेल्टा – ( Delta )दो वितरिकाओं के बीच जब गाद जमा हो जाता है उसे डेल्टा कहते है। यह बहुत उपजाऊ भाग होता है। विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरवन डेल्टा है। ज्वार नद – ( Estuary )जब नदी के मुहाने पर दोनों तरफ से पर्वत होते हैं तो नदियां वितरिका नहीं बना पाती है। जिससे अपने सिल्ट को जमा नहीं कर पाती और सीधे समुद्र में गिरा देती है। जिससे एस्चुरी का निर्माण होता है। सबसे बड़ा एस्चुरी गोदावरी नदी का है। अधिक जानकारी के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें…विश्व के प्रमुख घास के मैदान चट्टान की परिभाषा और प्रकार नदी द्वारा युवा अवस्था में कौन से आकार की घाटी का निर्माण होता है?v आकार की घाटी का निर्माण "युवा नदी" द्वारा होता हैं।
यू आकार की घाटी का निर्माण कौन करता है?यू आकार की घाटी का निर्माण हिमनदों द्वारा होता है और इसका नामकरण अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर "U" के आधार पर हुआ है जिससे इस घाटी की आकृति मिलती है। पर्वतीय भागों में हिमानियों द्वारा बनायी गयी घाटियां पार्श्ववर्ती और तली अपरदन के कारण सपाट तल वाली तथा चौरस खुली हुई होती हैं।
U आकार की घाटी कहाँ पायी जाती है?यू-आकार की घाटियाँ पूरी दुनिया में पाई जाती हैं, लेकिन विशेष रूप से पर्वत श्रृंखलाओं में पाई जाती हैं। वे हिमनद क्षरण का परिणाम हैं, जो आमतौर पर पहले से मौजूद वी-आकार की घाटियों में होता है।
वी आकार की घाटी और यू आकार की घाटी में क्या अंतर है?हिमनद जिस घाटी से होकर अग्रसर होते हैं, तलीय तथा पार्श्विक अपरदन द्वारा यू-आकृति घाटी का निर्माण करते हैं। जब किसी नदी घाटी (V-आकृति घाटी) से होकर कोई हिमनद अग्रसर होता है, घाटी का स्वरूप परिवर्तित होकर 'U' अक्षर के समान हो जाता है।
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