सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

बकरी पालन में अपनाएँ वैज्ञानिक तरीके तभी लागत के मुक़ाबले होगा बढ़िया मुनाफ़ा

वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन करके पशुपालक किसान अपनी कमाई को दोगुनी से तिगुनी तक बढ़ा सकते हैं। इसके लिए बकरी की उन्नत नस्ल का चयन करना, उन्हें सही समय पर गर्भित कराना और स्टॉल फीडिंग विधि को अपनाकर चारे-पानी का इन्तज़ाम करना बेहद फ़ायदेमन्द साबित होता है।

सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

बकरी पालन, हर लिहाज़ से किफ़ायती और मुनाफ़े का काम है। फिर चाहे इन्हें दो-चार बकरियों के घरेलू स्तर पर पाला जाए या छोटे-बड़े व्यावसायिक फॉर्म के तहत दर्ज़नों, सैकड़ों या हज़ारों की तादाद में। बकरी पालन में न सिर्फ़ शुरुआती निवेश बहुत कम होता है, बल्कि बकरियों की देखरेख और उनके चारे-पानी का खर्च भी बहुत कम होता है। लागत के मुकाबले बकरी पालन से होने वाली कमाई का अनुपात 3 से 4 गुना तक हो सकता है, बशर्ते इसे वैज्ञानिक तरीके से किया जाए।

कैसे चुनें बकरी की सही नस्ल?

दुनिया में बकरी की कम से कम 103 नस्लें हैं। इनमें से 21 नस्लें भारत में पायी जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं – बरबरी, जमुनापारी, जखराना, बीटल, ब्लैक बंगाल, सिरोही, कच्छी, मारवारी, गद्दी, ओस्मानाबादी और सुरती। इन नस्लों की बकरियों की बहुतायत देश के अलग-अलग इलाकों में मिलती है। 2019 की पशु जनगणना के अनुसार, देश में करीब 14.9 करोड़ बकरियाँ हैं। देश के कुल पशुधन में गाय-भैंस का बाद बकरियों और भेड़ों का ही स्थान है।

सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

बकरी की नस्ल कैसे चुनें?

बकरी की ज़्यादातर नस्लों को घूमते-फिरते हुए चरना पसन्द होता है। इसीलिए इनके साथ चरवाहों का रहना ज़रूरी होता है। लेकिन उत्तर प्रदेश और गंगा के मैदानी इलाकों में बहुतायत से पायी जाने वाली बरबरी नस्ल की बकरियों को कम जगह में खूँटों से बाँधकर भी पाला जा सकता है। इसी विशेषता की वजह से वैज्ञानिकों की सलाह होती है कि यदि किसी किसान या पशुपालक के पास बकरियों को चराने का सही इन्तज़ाम नहीं हो तो उसे बरबरी नस्ल की बकरियाँ पालनी चाहिए और यदि चराने की व्यवस्था हो तो सिरोही नस्ल की बकरियाँ पालने से बढ़िया कमाई होती है।

बरबरी नस्ल की विशेषताएँ

बरबरी एक ऐसी नस्ल है, जिसे चराने का झंझट नहीं होता। ये एक बार में तीन से पाँच बच्चे देने की क्षमता रखती हैं। इनका क़द छोटा लेकिन शरीर काफी गठीला होता है। ये अन्य नस्लों के मुकाबले ज़्यादा फुर्तीली होती हैं। बरबरी नस्ल तेज़ी से विकासित होती है, इसीलिए इसके मेमने साल भर बाद ही बिकने लायक हो जाते हैं।

सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?
बरबरी नस्ल की बकरी रोज़ाना करीब एक लीटर दूध देती है। इसे कम लागत में और किसी भी जगह पाल सकते हैं। इन्हें बीमारियाँ कम होती हैं, इसलिए रख-रखाव आसान होता है। इसके माँस को ज़्यादा स्वादिष्ट माना जाता है। इसीलिए बाज़ार में इसका अच्छा दाम मिलता है। बकरीद के वक़्त तो बरबरी के पशुपालक और भी बढ़िया दाम पाते हैं। बरबरी बकरी को फॉर्म हाउस के शेड में एलीवेटेड प्लास्टिक फ्लोरिंग विधि (स्टाल-फेड विधि) से भी पाला जा सकता है। इस विधि में चारे की मात्रा और गुणवत्ता को बकरियों उम्र की और ज़रूरत के अनुसार नियंत्रित किया जाता है। इसमें बकरियों के रहने की जगह की साफ़-सफ़ाई रखना ख़ासा आसान होता है।

बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण

मथुरा स्थित केन्द्रीय बकरी अनुसन्धान संस्थान [फ़ोन: (0565) 2763320, 2741991, 2741992, 1800-180-5141 (टोल फ्री)] और लखनऊ स्थित द गोट ट्रस्ट (Mobile – 08601873052 to 63) की ओर से बकरी पालन के लिए साल में चार बार प्रशिक्षण कोर्स चलाता है। इसमें व्यावयासिक रूप से बकरी पालन करने वालों का मार्गदर्शन भी किया जाता है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केन्द्र से भी बकरी पालन से सम्बन्धित प्रशिक्षण लिया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- बकरी पालन (Goat Farming): बकरियों की 8 नयी नस्लें रजिस्टर्ड, चुनें अपने इलाके के लिए सही प्रजाति और पाएँ ज़्यादा फ़ायदा

वैज्ञानिक तरीका अपनाएँ

केन्द्रीय बकरी अनुसन्धान संस्थान के पशु आनुवांशिकी और उत्पाद प्रबन्धन विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ एम के सिंह के अनुसार, ‘वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन करके पशुपालक किसान अपनी कमाई को दोगुनी से तिगुनी तक बढ़ा सकते हैं। इसके लिए बकरी की उन्नत नस्ल का चयन करना, उन्हें सही समय पर गर्भित कराना और स्टॉल फीडिंग विधि को अपनाकर चारे-पानी का इन्तज़ाम करना बेहद फ़ायदेमन्द साबित होता है। उत्तर भारत में बकरियों को सितम्बर से नवम्बर और अप्रैल से जून के दौरान गाभिन कराना चाहिए। सही वक़्त पर गाभिन हुई बकरियों में नवजात मेमनों की मृत्युदर कम होती है।’

साफ़-सफ़ाई है सबसे ज़रूरी

ज़्यादातर किसान बकरियों के बाड़े की साफ़-सफ़ाई के प्रति उदासीन रहते हैं। इससे बकरियों में होने वाली बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। इसीलिए यदि बाड़े की फर्श मिट्टी की हो तो समय-समय पर उसकी एक से दो इंच की परत को पलटते रहना चाहिए क्योंकि इससे वहाँ पल रहे परजीवी नष्ट हो जाते हैं। बाड़े की मिट्टी जितनी सूखी रहेगी, बकरियों को बीमारियाँ उतनी कम होंगी।

माँ का पहला दूध

बकरी पालकों की अक्सर शिकायत होती है कि बकरी के तीन बच्चे हुए, लेकिन उनमें से बचा एक ही। आमतौर पर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बकरी का दूध नहीं बचता। इसलिए जब बकरी गाभिन हो तो उसे ख़ूब हरा चारा और खनिज लवण देना चाहिए। पशुपालक जेर गिरने तक बच्चे को दूध नहीं पीने देते, जबकि बच्चे जितना जल्दी माँ का पहला दूध (खीस) पीएँगे, उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता उतनी तेज़ी से बढ़ेगी और मृत्युदर में कमी आएगी।

चारा और दाना

ज़्यादातर बकरी पालक बकरियों के आहार प्रबन्धन पर ध्यान नहीं देते। उन्हें चराने के बाद खूँटे से बाँधकर छोड़ देते हैं। जबकि चराने के बाद भी बकरियों को उचित चारा देना चाहिए, ताकि उनके माँस और दूध में वृद्धि हो सके। तीन से पाँच महीने के बच्चों को चारे में दाने के साथ-साथ हरी पत्तियाँ खिलाना चाहिए।

स्लॉटर ऐज (slaughter age) यानी माँस के लिए इस्तेमाल होने वाले 11 से 12 महीने के बच्चों के चारे में 40 प्रतिशत दाना और 60 प्रतिशत सूखा चारा होना चाहिए। दूध देने वाली बकरियों को रोज़ाना चारे के साथ करीब 400 ग्राम अनाज देना चाहिए। प्रजनन करने वाले वयस्क बकरों को प्रतिदिन सूखे चारे के साथ हरा चारा और 500 ग्राम अनाज देना चाहिए।

बकरियों के पोषण के लिए प्रतिदिन दाने के साथ सूखा चारा होना चाहिए। दाने में 57 प्रतिशत मक्का, 20 प्रतिशत मूँगफली की खली, 20 प्रतिशत चोकर, 2 प्रतिशत मिनरल मिक्चर और 1 प्रतिशत नमक होना चाहिए। सूखे चारे में सूखी पत्तियाँ, गेहूँ, धान, उरद और अरहर का भूसा होना चाहिए। ठंड के दिनों में बकरियों को गन्ने का सीरा भी ज़रूर दें। यदि ऐसा पोषक खाना बकरियों को मिले तो उसके माँस और दूध में बढ़ियाँ इज़ाफ़ा होगा और अन्ततः किसानों की आमदनी दोगुनी से तीन गुनी हो जाएगी।

ये भी पढ़ें- बकरी पालन (Goat Farming): इन दो युवकों ने अपने दम पर खड़ा किया बकरियों का ब्रीडिंग फ़ार्म, कभी हंसते थे पड़ोसी और आज देते हैं मिसाल

प्रजनन प्रबन्धन कैसे करें?

समान नस्ल की मादा और नर में ही प्रजनन करवाएँ। प्रजनन करने वाले परिपक्व नर बकरों की उम्र डेड़ से दो साल होनी चाहिए। ध्यान रहे कि एक बकरे से प्रजनित सन्तान को उसी से गाभिन नहीं करवाएँ। यानी, बाप-बेटी का अन्तः प्रजनन नहीं होने दें। इससे आनुवांशिक विकृतियाँ पैदा हो सकती हैं। 20 से 30 बकरियों से प्रजनन के लिए एक बकरा पर्याप्त होता है। मादाओं में गर्मी चढ़ने के 12 घंटे बाद ही उसका नर से मिलन करवाएँ। प्रसव से पहले बकरियों के खाने में दाने का मात्रा बढ़ा दें।

मेमने का प्रबन्धन कैसे करें?

प्रसव के बाद मेमने को साफ़ कपड़े से पोछें। गर्भनाल को साफ़ और नये ब्लेड से काटें और उस पर आयोडीन टिंचर लगाएँ। जन्म के फ़ौरन बाद मेमनों को माँ का पहला दूध पीने दें। जब मेमने 15 दिन के हो जाएँ तो उन्हें हरा चारा और दाना देना शुरू करें तथा धीरे-धीरे दूध की मात्रा घटाते रहें। तीन महीने की उम्र के बाद मेमनों को टीके लगवाएँ। इसके लिए पशु चिकित्सालय से सम्पर्क करें। वहाँ सभी टीके मुफ़्त लगाये जाते हैं।

सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

वज़न करके ही बेचें बकरियाँ

बकरियों को नौ महीने के बाद ही बेचना फ़ायदेमन्द होता है, क्योंकि तब तक वो पर्याप्त विकसित हो जाते हैं। बेचने के लिए घूमन्तू व्यापारियों से बचना चाहिए क्योंकि अक्सर वो बकरी पालक किसानों को कम दाम देते हैं। इसीलिए बकरियों को पशु बाज़ार या कसाई या बूचड़खाने को सीधे बेचने की कोशिश करनी चाहिए और बेचते वक़्त बकरी के वजन के हिसाब से ही उसका भाव तय किया जाना चाहिए। बकरी पालकों में इन बातों को लेकर जागरूकता बेहद ज़रूरी है, वर्ना उनका मुनाफ़ा काफ़ी कम हो सकता है।

बकरी पालन के लिए प्रोत्साहन योजना

ज़्यादातर राज्य सरकारें बकरी पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें रियायती दरों पर बैंकों से कर्ज़ लेने की योजनाएँ चलाती हैं। इसके बारे में किसानों को नज़दीकी बैंक, कृषि विज्ञान केन्द्र या पशु चिकित्सालयों से सम्पर्क करना चाहिए।

अन्य सावधानियाँ

बकरी पालन से जुड़े उपकरणों की सफ़ाई के लिए पशु चिकित्सक की सलाह लेकर ही कीटाणु नाशक दवाओं का उपयोग करें। बकरियों को पौष्टिक आहार दें, उन्हें सड़ा-गला और बासी खाना नहीं खिलाएँ, वर्ना वो बीमार पड़ सकती हैं। बकरियाँ खरीदने से पहले उन्हें पशुओं के डॉक्टर को ज़रूर दिखाएँ, क्योंकि बकरियों में कुछ ऐसी भी बीमारी होती हैं जिनके सम्पर्क और संक्रमण से स्वस्थ बकरियाँ भी मर सकती हैं। बीमारी से मरने वाली बकरी को जला या दफ़ना दें।

ये भी पढ़ें: बकरी पालन में मुनाफ़ा कमाना है तो ‘गोटवाला फ़ार्म’ से लीजिये ट्रेनिंग, ‘बकरी पंडित पुरस्कार’ से सम्मानित दीपक पाटीदार को बनाइये गुरू

सम्पर्क सूत्र: किसान साथी यदि खेती-किसानी से जुड़ी जानकारी या अनुभव हमारे साथ साझा करना चाहें तो हमें फ़ोन नम्बर 9599273766 पर कॉल करके या पर ईमेल लिखकर या फिर अपनी बात को रिकॉर्ड करके हमें भेज सकते हैं। किसान ऑफ़ इंडिया के ज़रिये हम आपकी बात लोगों तक पहुँचाएँगे, क्योंकि हम मानते हैं कि किसान उन्नत तो देश ख़ुशहाल।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    मुर्गी पालन व्यवसाय में होममेड इनक्यूबेटर का इस्तेमाल, वैज्ञानिक प्रबंधन से असम के तपश रॉय ने बढ़ाया अपना मुनाफ़ा

    किसी भी काम में सफलता के लिए उससे संबंधित कौशल का होना ज़रूरी है। इसलिए समय-समय पर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा ग्रामीण इलाकों में युवाओं को विभिन्न व्यवसाय से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है। असम के एक युवा तपश रॉय की ज़िंदगी ऐसे ही एक प्रशिक्षण ने बदल दी। वो मुर्गी पालन व्यवसाय में अच्छा लाभ कमा रहे हैं।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती: इस किसान ने पानी की समस्या को दूर करने के लिए अपनाया ये फ़ॉर्मूला

    पिछले करीबन 12 साल से ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती कर रहे बिसरोट्टी ने फसल की उपज को अच्छा करने के लिए कई प्रयोग किए। आइए जानते हैं उनके प्रयोगों के बारे में।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    हरियाणा के राहुल दहिया ने कैसे पाई बागवानी में सफलता? इन उन्नत तकनीकों और सरकारी योजनाओं का उठाया लाभ

    राहुल दहिया ने अमरूद की खेती के साथ बागवानी के सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने फलों की नर्सरी भी बनाई हुई है। उनकी ये नर्सरी हरियाणा बागवानी बोर्ड व राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।  

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    भिंडी की खेती: भिंडी की उन्नत किस्म से किसान उपेंद्र सिंह पटेल को डेढ़ महीने में मिली बंपर पैदावार, जानिए इसकी ख़ासियत

    भिंडी की खेती कर रहे किसानों के लिए वैज्ञानिकों ने भिंडी की कई उन्नत किस्में ईज़ाद की हैं। भिंडी की ये उन्नत किस्में, बंपर पैदावार देने के साथ ही कीटों से भी सुरक्षित रहती है। ऐसी ही एक भिंडी की किस्म की खेती कर वाराणसी के किसान उपेंद्र सिंह पटेल ने भिंडी की बम्पर पैदावार हासिल की है।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    बेहतर लाभ का ज़रिया है मछली बीज उत्पादन, कैसे शुरू करें? जानिए मत्स्य विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सारंग से

    मछली बीज उत्पादन का व्यवसाय भी युवकों के लिए अच्छी कमाई का ज़रिया बन सकता है। जुलाई से अगस्त प्रजनन का सबसे अच्छा समय होता है। इन महीनों में मछली बीजों की ज़बरदस्त मांग रहती है। कैसे करें फिश हैचरी तैयार, कैसा है इसका बिज़नेस? इसपर किसान ऑफ़ इंडिया की बिन्ध्याचल मंडल मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश के मत्सय विभाग के उपनिदेशक डॉ.  मुकेश सारंग से ख़ास बातचीत।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    Saunf ki kheti: अच्छी कमाई के लिए करें सौंफ की खेती, जानिए Fennel Cultivation की उन्नत तकनीक

    सौंफ़ की खेती को रबी और ख़रीफ़ दोनों मौसम में किया जा सकता है। सौंफ की खेती की ये भी विशेषता है कि रेतीली या बलुआ ज़मीन के अलावा अन्य सभी किस्म की भूमि में इसकी खेती की जा सकती है। मसाले के रूप में इस्तेमाल होने वाली सौंफ के मुकाबले लखनवी सौंफ महँगी होती है। क्योंकि चबाकर खाने वाली उत्तम किस्म की सौंफ के दानों का आकार और वजन इसकी पूर्ण विकसित अवस्था की तुलना में क़रीब आधा होता है।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    Red Cabbage Farming: हरी के मुकाबले लाल पत्ता गोभी की खेती है मुनाफ़े का सौदा

    लाल पत्ता गोभी की बुवाई सितंबर से मध्य नवंबर के बीच या मध्य जनवरी से फरवरी के बीच कर सकते हैं। इस गोभी को लगाने और रोगों से बचाने के तरीके हम आपको इस लेख में बताएंगे।  

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    Top 10 Varieties of Mustard: सरसों की इन 10 उन्नत किस्मों से अच्छी होगी पैदावार

    देश में बड़ी संख्या में किसान सरसों की खेती से जुड़े हैं। आने वाले सालों में सरसों का रकबा और बढ़ने का अनुमान है। अगर किसान सरसों की सही किस्म का चुनाव करें तो उन्हें अच्छी पैदावार के साथ अच्छा मुनाफ़ा भी मिल सकता है।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    हल्दी की खेती से खड़ा किया बिज़नेस, पाकिस्तान से भारत में आकर बसे किसान धुंडा सिंह की कामयाबी की कहानी

    देश के कई हिस्सों की मिट्टी बहुत उपचाऊ नहीं है। ऐसे में पारंपरिक तरीके से सिर्फ़ अनाज उगाने पर न तो उपत्पादकता बढ़ेगी और न ही मुनाफ़ा। जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले के किसान धुंडा सिंह ने वैज्ञानिकों की सलाह पर हल्दी की खेती की शुरुआत की थी और आज वो अपने इस व्यवसाय की बदौलत सफल किसानों में गिने जाते हैं।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    मशरूम उत्पादन में मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जानकारी भी है अहम, सिवा यादव ने इसी के बल पर सफलता हासिल की

    मशरूम की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी खेती किसानों की आमदनी दोगुनी करने का अच्छा ज़रिया बन सकती है। मशरूम न सिर्फ़ सेहत के लिए, बल्कि किसानों की आर्थिक सेहत सुधारने में भी मददगार साबित हो सकता है। मशरूम उत्पादन में फ़तेहपुर ज़िले की रहने वाली सिवा यादव ने सफलता पाई है।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    पॉलीहाउस खेती (Polyhouse Farming): राजस्थान के भेरु राम को हुआ 10 गुना फ़ायदा, एक एकड़ से 10 लाख रुपये तक का मुनाफ़ा

    पॉलीहाउस खेती में फसलों को कम या अत्यधिक बारिश या गर्म जलवायु के कारण किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। आधुनिक तकनीक से पॉलीहाउस के अंदर का तापमान नियंत्रित किया जाता है। इससे फसल का उत्पादन भी अधिक होता है।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    Mustard Variety: सरसों की उन्नत किस्म से बढ़ाई पैदावार, जानिए बलवंत सिंह ने क्यों चुनी ये किस्म

    सरसों की उन्नत किस्म (Mustard Hybrid Variety): सरसों की खेती अगर उन्नत तरीके से की जाए, तो किसानों को अच्छा मुनाफ़ा देगी, लेकिन इसके लिए सही किस्म का चुनाव ज़रूरी है। गोरखपुर ज़िले के एक किसान की किस्मत उन्नत किस्म के चुनाव के बाद बदल गई।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    बकरी पालन: इन बातों का रखेंगे ध्यान तो बढ़ेगा बकरियों का दूध उत्पादन, ICAR-CIRG ने सुझाए तरीके

    बकरी पालन आमतौर पर दूध और मांस के लिए ही किया जाता है। बकरे का इस्तेमाल मांस के लिए और मादा बकरियों को दूध के लिए पाला जाता है। बकरी की दूध उत्पादन क्षमता अन्य दुधारू पशुओं से कम होती है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर पशुपालक बकरियों की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाकर अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom) और नारियल का ये कनेक्शन है बड़ा किफ़ायती, खेती आसान, बड़ा फ़ायदा

    अगर आप भी ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom) उत्पादन में कम लागत में ज़्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इस तकनीक का इस्तेमाल अवश्य करें।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    Turmeric Cultivation: हल्दी की खेती में इस महिला ने अपनाई ऐसी तकनीक, बढ़ा उत्पादन और दूर हुई नमी की समस्या

    नमी कम होने के कारण हल्दी की फसल (Turmeric Cultivation) को नुकसान न पहुंचे इसके लिए झारखंड की सरोज लकड़ा ने हल्दी की खेती के लिए नई तकनीक ईज़ाद की। इससे हल्दी की फसल में 10 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हुई।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    मोती पालन: 25 साल से Organic Pearl Farming कर रहे अशोक मनवानी, मोती की खेती पर Exclusive बात

    आज की तारीख में अशोक मनवानी अपने मोती पालन (Pearl Farming) के इनोवेशन और सीपों पर उनकी रिसर्च के लिए जाने जाते हैं। उनका सपना है कि भारत मोती पालन के मामले में पहले पायदान पर पहुंचे।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    Lumpy Skin Disease: लम्पी त्वचा रोग से बचाव के घरेलू उपचार और सावधानियां, जानिए पशु चिकित्सक डॉ. बंशीधर यादव से

    वेटरनरी हॉस्पिटल, हरसौली, जिला जयपुर के पशु चिकित्सक और प्रभारी डॉ. बंशीधर यादव ने लम्पी स्किन रोग के इलाज के दौरान फ़ील्ड के  अनुभव किसान ऑफ़ इंडिया के साथ साझा किए। लम्पी त्वचा रोग के शुरुआती लक्षणों की पहचान को लेकर जानकारी दी। साथ ही शुरुआती लक्षण दिखने पर कौन से घरेलू उपचार किसान अपना सकते हैं, इसके बारे में बताया।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    गाजर की खेती (Carrot Farming): गाजर की इस किस्म ने एक गाँव को बना दिया ‘गाजर गाँव’

    गाजर की खेती अच्छे मुनाफ़े का सौदा बन सकती है, लेकिन ही किस्म का चयन ज़रूरी है। ICAR द्वारा विकसित की गई एक किस्म ने एक गाँव की तस्वीर ही बदल दी और आज ये गाँव ‘गाजर गाँव’ के नाम से भी जाना जाता है।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    सोलर असिस्टेड ई-प्राइम मूवर मशीन (E-Prime Mover Machine): एक मशीन कई काम, जानिए कैसे किसानों के लिए है फ़ायदेमंद

    पेट्रोल, डीजल और बिजली जैसे ऊर्जा स्रोतों पर बढ़ती निर्भरता से न सिर्फ़ इनके समय से पहले खत्म होने का डर है, बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए कृषि वैज्ञानिक लगातार बैटरी व सोलर ऊर्जा से संचालित होने वाले कृषि उपकरण बना रहे हैं, इन्हीं में से एक है सोलर असिस्टेड ई-प्राइम मूवर मशीन।

  • सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी कौन सी है? - sabase jyaada doodh dene vaalee bakaree kaun see hai?

    किसानों को नहीं पड़ेगी पराली जलाने की ज़रूरत, जानिए क्या हैं तरीके और कैसे पराली है मिट्टी के लिए वरदान

    पराली जलाना न सिर्फ़ पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि ये मिट्टी की उर्वरता को भी कम करता है। ऐसे में इस समस्या से निज़ात पाने के लिए किसानों को पराली के वैकल्पिक इस्तेमाल के बारे में जानकारी देना ज़रूरी है। ICAR ने पराली के कुछ वैकल्पिक इस्तेमाल बताए हैं, जानिए इनके बारे में।

  • अंगूर
  • अदरक
  • अन्य
  • अन्य
  • अन्य खेती
  • अन्य फल
  • अन्य सब्जी
  • अमरूद
  • आम
  • आलू
  • इनोवेशन
  • इवेंट
  • उर्वरक
  • एक्सपर्ट किसान
  • एक्सपर्ट ब्लॉग
  • एग्री बिजनेस
  • औषधि
  • करेला
  • काली मिर्च
  • किसान क्रेडिट कार्ड
  • किसान सम्मान निधि
  • कृषि उपकरण
  • कृषि उपकरण न्यूज़
  • कृषि उपज
  • कृषि रोजगार एवं शिक्षा
  • कृषि विश्वविद्यालय
  • कृषि वैज्ञानिक
  • कृषि संस्थान
  • कृषि-विश्वविद्यालय
  • कृषि-संस्थान
  • केला
  • खजूर
  • गन्ना
  • गेहूं
  • जल कृषि
  • जलवायु परिवर्तन
  • ज़ीरो बजट खेती
  • जैविक खेती
  • जैविक/प्राकृतिक खेती
  • टमाटर
  • टेक्नोलॉजी
  • ट्रेनिंग
  • ट्रैक्टर
  • डेयरी फ़ार्मिंग
  • ड्रोन
  • तकनीकी न्यूज़
  • थ्रेशर
  • दाल
  • देसी गाय
  • धान
  • नारियल
  • नौकरी
  • न्यूज़
  • पपीता
  • पशुपालन
  • पशुपालन और मछली पालन
  • पशुपालन तकनीक
  • पशुपालन न्यूज़
  • पालक
  • पॉवर टिलर
  • पोटैटो डिगर
  • प्याज
  • प्राकृतिक खेती
  • प्रॉडक्ट लॉन्च
  • फल-फूल और सब्जी
  • फलों की खेती
  • फसल न्यूज़
  • फसल प्रबंधन
  • फसल बीमा
  • फसल बीमा योजना
  • फ़ूड प्रोसेसिंग
  • फूलों की खेती
  • बकरी पालन
  • बिज़नेस न्यूज़
  • बीज उत्पादन
  • बुरांश
  • बैंगन
  • ब्रोकली
  • भांग
  • भिंडी
  • भूमि अधिग्रहण
  • मक्का
  • मछली पालन
  • मछली पालन तकनीक
  • मंडी भाव
  • मशरूम
  • मसालों की खेती
  • महुआ
  • मिट्टी की सेहत
  • मुर्गी पालन
  • मूंगफली
  • मोबाइल ऐप्स
  • मौसम
  • रजनीगंधा
  • राइस प्लांटर
  • राज्य
  • रीपर
  • रोटावेटर
  • लहसुन
  • लाईफस्टाइल
  • लिलियम
  • लोन
  • वर्मीकम्पोस्ट
  • विविध
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टोरीज
  • सफल पुरुष किसान
  • सफल महिला किसान
  • सब्जियों की खेती
  • सब्जी/फल-फूल/औषधि
  • सरकारी योजनाएं
  • सरसों
  • सूअर पालन
  • सेब
  • स्टार्टअप
  • स्ट्रॉबेरी
  • स्प्रेयर
  • स्वास्थ्य
  • हल्दी
  • हेल्थ फ़ूड
  • होम गार्डनिंग

सबसे अधिक दूध देने वाली बकरी की नस्ल कौन सी है?

जिलेकी जखराना बकरी दूध उत्पादन में प्रदेश में अव्वल है। रोजाना 2.50 से 3 किलो दूध देने वाली बकरियों की यह एक मात्र नस्ल है।

सबसे ज्यादा बच्चे देने वाली बकरी कौन सी है?

इनकी अन्य खूबी यह भी है कि यह एक बार में तीन से पांच बच्चे देती है। अगर कोई व्यवसायिक रूप में बकरी पालन शुरू करना चाहता है तो बरबरी बकरी सबसे अच्छी नस्ल है। जमुनापारी नस्ल 22 से 23 महीने में, सिरोही 18 महीने में गाभिन होती है वहीं बरबरी 11 महीने में बच्चे देने के लिए तैयार हो जाती है।

भारत में दूध के लिए कौन सी बकरी सबसे अच्छी है?

जमनापारी भारत में वाणिज्यिक बकरी पालन के लिए सबसे लोकप्रिय नस्ल है। यह ज्यादातर उत्तर प्रदेश में पाया जाता है। जमनापारी बकरियां सुंदर और स्वस्थ जीन वाली होती हैं। इस बकरी को मुख्यतः दूध के लिए पाला जाता है।

सबसे महंगी नस्ल की बकरी कौन सी है?

जमुनापारी नस्ल के बाद बीटल नस्ल की बकरियों का पालन सबसे अधिक किया जाता है. इस नस्ल से पशुपालक 2 से 3 लीटर दूध रोजाना निकाल सकते हैं. इसके अलावा बाजार में इसका मांस भी अच्छे कीमतों पर बिकता है. सिरोही नस्ल की बकरी को पशुपालक सबसे अधिक पालते हैं.