HomeMysteriousHanuman Ji ne konsa parvat uthaya tha | हनुमान जी ने कौनसा पर्वत उठाया था? हनुमान जी ने कोनसा पर्वत उठाया था ?नमस्कार दोस्तों लाइफ स्टोरीज (BVM World ) में आपका स्वागत है। तो दोस्तों आज का टॉपिक है वो बहुत ही अच्छा रहने वाला है। आज के टॉपिक को पढ़ने के बाद आप बहुत कुछ अच्छी जानकारी प्राप्त करेंगे। Show
तो दोस्तों आज का टॉपिक है हनुमान जी ने कोनसा पर्वत उठाया था ? क्या आप जानते है अगर हाँ तो आप हमें कमेंट कर के जरूर बता सकते है। और नहीं जानते तो आइये जानते है- हनुमान जी ने कोनसा पर्वत उठाया था ?श्रीलंका में रामायण के तथ्यों को इकट्ठा करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसके द्वारा हुए अनुसंधानों के अनुसार श्रीलंका की उतर दिशा में ऐसे निशान मिले है जिन्हे हनुमान जी के निशान माना जाता है। रिसर्च कमेटी के अनुसार जहां भगवान राम और रावण का युद्ध हुआ था, उस स्थान पर भी रिसर्च की गई है। आज उस युद्ध स्थान को युदधघगवाना के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने रावण का इसी स्थान पर वध किया था। ऐसा माना जाता है की रावण माता सीता का हरण करके जब लंका लाया था तब माता को अशोक वाटिका ने रखा था। इस स्थान को सेता एलिया के नाम से जाना जाता है। ये श्रीलंका के नुवरा एलिया के पास है। इसी तरह रामायण की मान्यता अनुसार माना जाता है की लक्ष्मण के प्राण वापस लाने के लिए हनुमान जी ने हिमालय से संजीवनी पर्वत को ही उठा लाए थे। इसके बाद वैध ने संजीवनी निकालकर लक्ष्मण को दी थी। माना जाता है की संजीवनी पर्वत आज भी श्रीलंका में मौजूद है। और भी माना जाता है की इस विशाल पर्वत हनुमान जी ने टुकड़े करके इस क्षेत्र में डाल दिया था। माना जाता है की हनुमान जी संजीवनी पर्वत उठाकर श्रीलंका लाए तो उसका एक टुकड़ा रीतिगाला में गिरा था। रीतिगाला में गिरा था। रीतिगाला की खास बात ये की यहाँ जो भी पौधे उगते है वो आस-पास के पेड़ -पौधो से बिलकुल भी नहीं मिलते है। " बोलो जय बजरंग बली " तो दोस्तों आपको यह पोस्ट जानलर कैसी लगी। और भी बहुत सी स्टोरीज के बारे में जानने के लिए आप हमें फॉलो करे सोशल मीडिया पर और ब्लॉग पर। आपको यह कहानी कैसी लगी आप हमें कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद। हिंदी न्यूज़ धर्मयहां से संजीवनी बूटी लाए थे पवनपुत्र, गांव वाले आज भी हैं नाराज यहां से संजीवनी बूटी लाए थे पवनपुत्र, गांव वाले आज भी हैं नाराजदेवभूमि उत्तराखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग पवनपुत्र हनुमान जी से आज तक नाराज हैं। यह गांव है द्रोणागिरि। इस गांव में हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती है और न ही लाल पताका फहराई जाती है।...Arpanलाइव हिन्दुस्तान टीम,मेरठFri, 19 Oct 2018 06:25 AM देवभूमि उत्तराखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां के लोग पवनपुत्र हनुमान जी से आज तक नाराज हैं। यह गांव है द्रोणागिरि। इस गांव में हनुमान जी की पूजा नहीं की जाती है और न ही लाल पताका फहराई जाती है। चमोली क्षेत्र में आने वाले द्रोणागिरि गांव के लोगों में मान्यता है कि जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी तब हनुमान जी जिस पर्वत को संजीवनी बूटी के लिए उठाकर ले गए, वह यहीं स्थित था। द्रोणागिरि के लोग इस पर्वत की पूजा करते थे। ग्रामीणों के मुताबिक जिस वक्त हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने आए, तब पहाड़ देवता ध्यान मुद्रा में थे। हनुमान जी ने पहाड़ देवता से इसके लिए अनुमति भी नहीं ली और न ही उनकी साधना पूरी होने का इंतजार किया। इसलिए यहां के लोग हनुमान जी द्वारा इस पर्वत उठा ले जाने से नाराज हो गए। कहा जाता है कि जब हनुमान जी यहां पहुंचे तो गांव में उन्हें एक वृद्धा दिखाई दी। उन्होंने पूछा कि संजीवनी बूटी किस पर्वत पर होगी। वृद्धा ने द्रोणागिरि पर्वत की तरफ इशारा कर दिया। हनुमान जी पर्वत पर गए लेकिन संजीवनी बूटी की पहचान नहीं कर पाए और पर्वत के काफी बड़े हिस्से को तोड़कर ले गए। बताते हैं कि इसका पता लगने पर गांव वासियों ने वृद्धा का सामाजिक बहिष्कार कर दिया और आज भी इस गांव के लोग अपने आराध्य पर्वत की विशेष पूजा पर महिलाओं के हाथ का दिया नहीं खाते हैं। इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओंपर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत कियागया है। संजीवनी बूटी कौन से पर्वत पर है?इस गांव में द्रोणागिरी पर्वत है। इस पर्वत का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है। मान्यता है कि श्रीराम-रावण युद्ध में मेघनाद के दिव्यास्त्र से लक्ष्मण मुर्छित हो गए थे। तब हनुमानजी द्रोणागिरी पर्वत संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे।
हनुमान जी ने कौनसा पर्वत उठाया?इतना ही नहीं हनुमान जी ने द्रोणागिरी पर्वत ले जाते समय पहाड़ देवता की दाईं भुजा भी उखाड़ दी थी। रामायण में संजीवनी बूटी द्वारा लक्ष्मण के प्राण बचाने के प्रसंग को हम सभी बखबूी जानते हैं। हनुमान लंका से संजीवनी लेने के लिए हिमालय पर्वत पर आए थे और यहीं से वो संजीवनी बूटी नहीं बल्कि पूरा पहाड़ ही उठाकर ले गए थे।
हनुमान जी ने संजीवनी के लिए कौन सा पर्वत उठाया था?चमोली क्षेत्र में आने वाले द्रोणागिरि गांव के लोगों में मान्यता है कि जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी तब हनुमान जी जिस पर्वत को संजीवनी बूटी के लिए उठाकर ले गए, वह यहीं स्थित था। द्रोणागिरि के लोग इस पर्वत की पूजा करते थे। ग्रामीणों के मुताबिक जिस वक्त हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने आए, तब पहाड़ देवता ध्यान मुद्रा में थे।
हनुमान जी ने औषधियों का कौनसा पर्वत उठाकर लाया था?इसी तरह रामायण की मान्यता अनुसार माना जाता है कि लक्ष्मण के प्राण वापस लाने के लिए हनुमान हिमालय से संजीवनी पर्वत को ही उठा लाए थे। इसके बाद वैद्य ने संजीवनी निकालकर लक्ष्मण को दी थी। माना जाता है कि संजीवनी पर्वत आज भी श्री लंका में मौजूद है।
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