किसी गरीब की मदद कैसे करें? - kisee gareeb kee madad kaise karen?

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

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गरीबों की कैसे मदद की जा सकती है गरीबों की मदद आप दिल से करिए ना आपके पास समय है और आप अच्छे पढ़े लिखे हैं तो उनको बच्चों को फ्री में उस अनपढ़ आइएगा आर्थिक रूप से सक्षम है तो गरीबों के बच्चों को स्कूल में एडमिशन करा कर उनकी फीस भर सकते हैं उनके लिए हॉस्टल खोल सकते हैं उनके लिए धार्मिक विद्यालय खोल सकते हैं उनके लिए चैरिटेबल हॉस्पिटल से खोल सकते हैं सर्दी के दिनों में उनको गर्म कपड़े वितरित कर सकते हैं जो बीमार आशाएं हैं उनका इलाज फ्री में कर आ सकते हैं उनके लड़कियों की जवान लड़कियों की शादी में सहायता कर सकते हैं धन्यवाद

garibon ki kaise madad ki ja sakti hai garibon ki madad aap dil se kariye na aapke paas samay hai aur aap acche padhe likhe hain toh unko baccho ko free mein us anpad aiega aarthik roop se saksham hai toh garibon ke baccho ko school mein admission kara kar unki fees bhar sakte hain unke liye hostel khol sakte hain unke liye dharmik vidyalaya khol sakte hain unke liye chairitebal hospital se khol sakte hain sardi ke dino mein unko garam kapde vitrit kar sakte hain jo bimar ashaen hain unka ilaj free mein kar aa sakte hain unke ladkiyon ki jawaan ladkiyon ki shadi mein sahayta kar sakte hain dhanyavad

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बिल्कुल गरीब मदद कर सकता है गरीब सबसे पहले खुद की मदद कर सकता है सबसे पहले खुद की मदद करें वह खुद को गरीब समझना बंद करें व्यक्ति अपनी सोच से बड़ा होता है अपने किरदार से बड़ा होता है जिस दिन व्यक्ति यह सोचना बंद कर दे कि मैं गरीब हूं अपने आप धीरे-धीरे करके अमीर होना शुरू हो जाए कुछ धारणाएं हमने अपने मन में बना रखी होती है हम उसी धारणा के साथ ही जीवन बिताना चाहते हैं जो बिल्कुल गलत है

bilkul garib madad kar sakta hai garib sabse pehle khud ki madad kar sakta hai sabse pehle khud ki madad kare vaah khud ko garib samajhna band kare vyakti apni soch se bada hota hai apne kirdaar se bada hota hai jis din vyakti yah sochna band kar de ki main garib hoon apne aap dhire dhire karke amir hona shuru ho jaaye kuch dharnae humne apne man me bana rakhi hoti hai hum usi dharana ke saath hi jeevan bitana chahte hain jo bilkul galat hai

बिल्कुल गरीब मदद कर सकता है गरीब सबसे पहले खुद की मदद कर सकता है सबसे पहले खुद की मदद करें

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किसी गरीब की मदद कैसे करें? - kisee gareeb kee madad kaise karen?
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कितने ही लोग और पशु हर दिन दुख भोगते हैं। उनकी सहायता करने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन उनकी सहायता करना उनकी स्थिति को समझने और सहायता के सबसे अच्छे तरीके को जानने के ऊपर निर्भर करता है। करुणावान और निपुण होना ही काफी नहीं है – हमें उदारता से अपना समय देने, आत्मानुशासन बरतने, धैर्यवान और धुन का पक्का होने, एकाग्रता और बुद्धिमत्ता से काम लेने की भी आवश्यकता होती है। दूसरों की सहायता करने के ग्यारह तरीके यहाँ सुझाए गए हैं। इससे ज़रूरतमंदों को तो लाभ होता ही है, साथ ही हमें भी अपने एकाकीपन से बाहर निकल कर अपने जीवन को सार्थक बनाने में सहायता मिलती है:

१. दुखियों के प्रति फिक्रमंद होना

हमें उन लोगों की देखभाल करनी चाहिए जो बीमार हों, अशक्त हों या तकलीफ में हों। यदि हमें कोई ऐसा व्यक्ति दिखाई दे जो किसी भारी बोझ को उठाने या किसी कठिन काम से जूझ रहा हो तो हमें उसका बोझ हल्का करने के लिए आगे आना चाहिए।

२. उन लोगों का मार्गदर्शन करना जिन्हें अपनी कठिनाई से बाहर निकलने का मार्ग न सूझ रहा हो

ऐसे लोग जो समझ न पा रहे हों कि वे किसी कठिन परिस्थिति को कैसे हल करें, यदि वे हमसे सलाह मांगें तो हम उन्हें सलाह दें, या कम से कम उनकी समस्या को सहानुभूतिपूर्वक सुनें। यदि हमारा पालतू कुत्ता या बिल्ली कमरे में बंद हो तो हम उसे बाहर निकलने में मदद करने के लिए दरवाज़ा खोल सकते हैं। इस सीख को हम उस समय भी लागू कर सकते हैं जब हम किसी मक्खी को खिड़की के शीशे पर मंडराते हुए देखें। वह कमरे में नहीं रहना चाहती है; वह बाहर निकलना चाहती है और इसलिए हम खिड़की को खोल देते हैं और मक्खी को बाहर निकलने में मदद करते हैं।

३. हमारी सहायता करने वालों की नेकी का बदला चुकाना

यह महत्वपूर्ण है कि हम उन सभी लोगों की मेहनत के महत्व को समझें जो इतनी सारी चीज़ों को संभव बनाते हैं, और अपने माता-पिता जैसे उन लोगों की सहायता करने का प्रयास करें जो हमारे लिए इतना कुछ करते हैं। हमें उनकी सहायता किसी अपराध बोध या कर्तव्यबोध के कारण नहीं बल्कि सच्ची कृतज्ञता के भाव के साथ करनी चाहिए।

४. भयभीत लोगों को सांत्वना देना और उनकी सुरक्षा करना

हमें भयभीत लोगों और पशुओं को सांत्वना देने का भरसक प्रयत्न करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को किसी ऐसे स्थान पर जाना हो जहाँ जाने में खतरा हो या जहाँ उन्हें चोट लगने का जोखिम हो, तो हमें उनके साथ जाने का प्रस्ताव करना चाहिए और उनकी सुरक्षा करनी चाहिए। हिंसा के दौर से गुज़रे हुए शरणार्थियों को हमें सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए कि वे अपने आप को संभाल सकें। जो युद्ध या किसी प्रकार के दुर्व्यवहार का सदमा झेल चुके हैं हैं उन्हें हमारी सहानुभूति और सहायता की विशेष तौर पर आवश्यकता होती है ताकि उनके मन के घाव भर सकें।

५. दुखियारों को दिलासा देना

जब कोई व्यक्ति तलाक या अपने किसी प्रियजन की मृत्यु की पीड़ा से गुज़र रहा हो तो हम करुणा के व्यवहार से उन्हें सांत्वना देने का प्रयास करते हैं। हमें कभी उन्हें “अरे, बेचारा” कहते हुए कृपा करने का दिखावा नहीं करना चाहिए, बल्कि उनकी स्थिति को समझते हुए उनकी पीड़ा को बांटने का प्रयास करना चाहिए।

६. गरीबों की आर्थिक सहायता करना

धर्मार्थ संस्थाओं को दान देना अच्छी बात है, लेकिन उन लोगों को दान देना भी महत्वपूर्ण है जो हमें सड़कों पर भीख मांगते हुए मिलते हैं। हमें अपनी झिझक को छोड़कर आगे आना चाहिए, खास तौर पर तब जब कोई बेघर भिखारी हमें गंदा और भद्दा दिखाई देता है, और हम उसकी ओर देखना भी नहीं चाहते हैं, तब भी हमें मुस्कराते हुए उसे सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए। हम कल्पना करें कि जैसे सड़क पर रहने वाला वह व्यक्ति हमारी माँ या हमारा अपना बेटा हो: हम उन्हें कचरा समझ कर पत्थरदिल बनकर कैसे गुज़र सकते हैं?

७. अपने साथ जुड़े लोगों को धर्म से परिचित कराएं

हमें उन लोगों की भी सहायता करने की आवश्यकता है जो हर समय हमारे साथ रहना पसंद करते हैं। हमें उन्हें अपने ऊपर आश्रित नहीं बनाना चाहते हैं, लेकिन उनका हमारे साथ बहुत गहरा लगाव है, तो हम उन्हें सुख को प्राप्त करने और दूसरों की सहायता करने के बुनियादी बौद्ध तरीके सिखा कर उनकी सहायता करने का प्रयास कर सकते हैं, किन्तु ऐसा तभी करना चाहिए जब वे इसमें रुचि दिखाएं। इसका उद्देश्य लोगों का मत परिवर्तन करवाना नहीं है, बल्कि सामान्य तौर पर सहायता और सलाह देना है। इस प्रकार हम उनके साथ अपने सम्बंध को सार्थक बना सकते हैं।

८. दूसरों को दी जाने वाली सहायता उनकी इच्छा के अनुरूप हो

हमें दूसरों की सहायता इस ढंग से करने का प्रयास करना चाहिए कि वह उनके लिए उपयुक्त हो। यदि कोई हमसे आग्रह करता है कि हम उसे कोई चीज़ सिखाएं, तो भले ही वह कार्य हमारी पसंद का कार्य न हो, तब भी यदि वह कार्य उस व्यक्ति के लिए उपयुक्त है तो हमें उस व्यक्ति को सिखाने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए। यह कुछ वैसा ही है जैसे अपने मित्रों के साथ किसी रैस्टोरेंट में जाते समय हमेशा अपनी पसंद के रैस्टोरेंट में जाने और अपनी पसंद का खाना खाने की ज़िद करना औरों का ध्यान रखने वाला स्वार्थी व्यवहार कहलाएगा। कभी-कभी हमें दूसरों की पसंद के हिसाब से भी चलना चाहिए। इसी प्रकार आपसी सम्बंधों में हमें अपनी पसंद और दूसरे व्यक्ति की पसंद के बीच समझौता करना चाहिए। यह आवश्यक नहीं है कि हमेशा हमारी ही मर्ज़ी चले और हमारी इच्छा को ही माना जाए। 

९. ईमानदारी का जीवन जीने वालों को प्रोत्साहित करें

हम ईमानदारी का जीवन जीने वाले व्यक्तियों – जो सकारात्मकता के मार्ग पर चलते हुए अच्छा काम करते हैं – की सराहना करके लोगों की सहायता कर सकते हैं, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए कि ऐसा करने से वे व्यक्ति अहंकारी न हो जाएं। यह बात तब विशेष तौर पर लागू होती है जब हम ऐसे लोगों के साथ हों जिनमें आत्म सम्मान का अभाव होता है। ऐसे लोगों के मामले में जिनमें अच्छाईयाँ तो होती हैं लेकिन जो अहंकारी होते हैं, हम दूसरों से उनकी प्रशंसा कर सकते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति में उनकी तारीफ नहीं करनी चाहिए। फिर भी हम उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे दूसरों की भलाई के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग करें और साथ ही साथ उन्हें उनकी गलतियों का अहसास कराकर उन्हें अपने अहंकार को कम करने में उनकी सहायता करें।

१०. विनाशकारी प्रवृत्ति वाले लोगों को सकारात्मक व्यवहार की शिक्षा दें

यदि हमारा सामना ऐसे लोगों से हो जो विनाशकारी और नकारात्मक जीवन जीते हैं, तो हमें उन्हें खारिज नहीं करना चाहिए और न ही उनकी निंदा करनी चाहिए। ऐसे लोगों की आलोचना करने के बजाए, यदि वे अपने आपको बदलने के लिए तैयार दिखाई दें तो, हमें उन लोगों को ऐसे मार्ग सुझाने का प्रयास करना चाहिए जिनकी सहायता से वे अपने नकारात्मक व्यवहार पर विजय पा सकें।

११. जब बाकी तरीके नाकाम हो जाएं तो अपनी असाधारण क्षमताओं का उपयोग करें

हममें से कुछ लोगों के पास कुछ असाधारण क्षमताएं होती हैं। हो सकता है कि हम मार्शल आर्ट के विशेषज्ञ हों, लेकिन दूसरों के सामने अपनी योग्यता का प्रदर्शन न करते हों। लेकिन जब हम देखें कि किसी व्यक्ति पर हमला किया जा रहा है और हमलावर को रोकने का और कोई तरीका नहीं है, तो हम अपनी क्षमताओं का उपयोग करके हमलावर को काबू में कर सकते हैं।

वीडियो: मैथ्यू रिकार्ड – परोपकार के लाभ
सबटाइटल्स को ऑन करने के लिए वीडियो स्क्रीन पर "CC" आइकॉन को क्लिक कीजिए। सबटाइटल्स की भाषा बदलने के लिए "सेटिंग्स" आइकॉन को क्लिक करें और उसके बाद "सबटाइटल्स" पर क्लिक करें और फिर अपनी पसंद की भाषा का चुनाव करें।

दूसरों की भलाई करने के बहुत से तरीके हैं। हमारा कौशल न केवल यह जानने में है कि किस प्रकार और किसकी सहायता किस रूप में की जाए, बल्कि यह समझने में भी है कि कब हम सहायता करें और किन परिस्थितियों में चुपचाप खड़े रहकर दूसरों को यह मौका दें कि वे अपनी मदद स्वयं करना सीख सकें। जो लोग स्पष्ट तौर पर शारीरिक या मानसिक तौर पर तकलीफ उठाते हुए दिखाई देते हैं, ऐसे लोगों को हमारी देखभाल की तुरंत आवश्यकता होती है। लेकिन उनकी सहायता बिल्कुल सही मात्रा में की जानी चाहिए – न बहुत अधिक और न ही बहुत कम। हमें विपत्ति के समय में लोगों की सहायता करनी ही चाहिए ताकि वे एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हो सकें, लेकिन आगे चलकर सबसे अच्छी सहायता वह होगी जहाँ उनके लिए ऐसी स्थितियाँ और साधन उपलब्ध कराए जाएं जहाँ वे जीवन में आगे बढ़ने और खुद अपना खयाल रखने के काबिल बन सकें।

हमें गरीब लोगों की मदद कैसे करनी चाहिए?

अपने देश में हालांकि, गरीबी के बहुत से कारण है, मगर मौजूदा परिस्थितियों में लोगों के बीच एकता की कमी के कारण, गरीबों की दशा दिन प्रति दिन और दयनीय होती जा रही है।.
टीम बनाकर सफाई अभियान चलायें | Team up and run cleaning campaign. ... .
फुटपाथ या Red Light वेंडर से सामान खरीद कर Help करें ... .
जन्मदिन में भिखारियों को भोजन करायें.

गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कैसे करें?

अपने आसपास के किसी गरीब परिवार की आधारभूत मदद करके जैसे भोजन, कपड़े या किसी अन्य जरूरी सामान से मदद करके। स्वयं कम से कम उपभोग करके भी आप दूसरों की मदद कर सकते हैं।.
सोशल मीडिया का उपयोग बंद करो। ... .
बस सपने देखना बंद करो। ... .
बहाने बनाना बंद करो। ... .
अपने आप पर कठोर होना बंद करो। ... .
आशाहीन होना बंद करो।.

हमें दुखी लोगों की सहायता कैसे करनी चाहिए?

अपने परिजनों के बिछड़ने के शोक के कारण सदमें में रहते हैं। ऐसे लोगों की सहायता दिलासा देकर और उनकी सुरक्षा करके करनी चाहिए। सांत्वना के शब्द बोलकर उनकी पीड़ा को कम करने का प्रयास करना चाहिए। इस पीड़ा से गुजर रहे इंसान को हम अपने अच्छे व्यवहार से उनको इस दुख के महासागर से निकाल सकते हैं।

आप बूढ़े लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं?

बुजुर्ग सेहत से जितना तंदुरुस्त और फिट रहेंगे यह उनके लिए और परिवार के लिए भी अच्छा रहेगा। व्यायाम और योग उनकी दिनचर्या में शामिल हो इसके लिए उन्हें प्रेरित करते रहें। इससे बीमारियां दूर होंगी और उनका अकेलापन भी कम होगा। अगर उनको दर्द हो रहा है या किसी तरह की मेडिकल मदद की जरुरत है तो पहले प्राथमिक चिकित्सा करें।