विषयसूची कर्ण की मृत्यु के बाद कुंती ने क्या किया?इसे सुनेंरोकेंकर्ण की मृत्यु के बाद कुंती ने पांडव पुत्रों को अपने जीवन का सबसे बड़ा रहस्य बताया कि कर्ण उनकी पहली संतान थे, पांडवों में सबसे बड़े भाई युधिष्ठिर को जीवन में पहली बार अपनी माता पर क्रोध आया, जिन्होंने इतने वर्षों तक ये राज छुपा का रखा था। कर्ण पिछले जन्म में कौन था? इसे सुनेंरोकेंदरअसल कर्ण ही पूर्वजन्म में दंभोद्भवा नामक असुर था। कर्ण का वध करने के लिए ही कृष्ण और अर्जुन को वापस पुनर्जन्म लेना पड़ा था। पूर्वजन्म में जब दंभोद्भवा का कवच टूटता और नर नारायण में से एक की मृत्यु होती तो दूसरा अपने तप से दूसरे को जीवित कर देता और दंभोद्भवा से युद्ध करने लगता तब तक दूसरा भाई तप करता रहता। कर्ण ने द्रौपदी को वेश्या क्यों कहा?इसे सुनेंरोकेंद्यूत सभा में अपमान के बाद लेकिन यह फ़ालतू तर्क तब दम तोड़ देता है जब उन्हें बताया जाए कि कर्ण ही वह शख्स था जिसने दुर्योधन को द्रौपदी को भरी सभा में लाकर उसे बेइज्जत करने का आइडिया दिया था. कर्ण ही था जिसने द्रौपदी को पांच पतियों से विवाह करने के कारण एक वेश्या होने का ताना दिया था. द्रौपदी ने Karn से विवाह क्यों नहीं किया? इसे सुनेंरोकेंसाथ ही कर्ण से विवाह करने के बाद अपने पिता की प्रतिज्ञा को पूरा करने में वो सहयोग नहीं कर पाएगी. इस दुविधा में पड़कर द्रौपदी ने अपने दिल की बजाय दिमाग की बात सुनते हुए कर्ण से विवाह का इरादा छोड़ दिया. स्वयं अपने आप से निराश हो चुकी द्रौपदी ने स्वयंवर में एक कठोर निर्णय लेते हुए कर्ण को सूतपुत्र कहकर अपमानित किया. कर्ण की मृत्यु के पश्चात द्रौपदी की क्या प्रतिक्रिया थी?इसे सुनेंरोकेंकर्ण की मृत्यु के पश्चात द्रौपदी की क्या प्रतिक्रिया थी? जैसे ही द्रौपदी ने कर्ण की मृत्यु का समाचार सुना वो दुख से मूर्छित हो गयी। होश आने पर वो दौड़ती हुई कर्ण के शव के पास आई और विलाप करने लगी। उसे बड़ा पश्चाताप हुआ कि क्यों उसने स्वयंवर में कर्ण जैसे महान योद्धा का अपमान किया था… कुंती ने कर्ण से क्या मांगा? इसे सुनेंरोकेंAnswer: कुंती कहती हैं कि मैं वो अभागी हूं जिसे अपना पहला पुत्र त्यागना पड़ा था। कर्ण कहते हैं कि आपने जो मांगा है वह तो मैं दे नहीं सकता लेकिन मैं वचन देता हूं कि आपके पांचों के पांचों पुत्र जीवित रहेंगे। यदि अर्जुन वीरगति को प्राप्त हुआ तो मैं बचूंगा और मैं प्राप्त हुआ तो वह बचेगा। शिशुपाल पूर्वजन्म में कौन था?इसे सुनेंरोकेंशिशुपाल के बारे में कहा जाता है कि वह पूर्वजन्म में रावण था। और इससे भी पूर्वजन्म में हिरण्यकश्यप था। कर्ण की मृत्यु कब हुई? इसे सुनेंरोकेंमहाभारत का महायुद्ध 18 दिनों तक चला इस युद्ध में सतरहवें दिन कौरवों के सेनापति कर्ण को वीरगति प्राप्त हुई जब अर्जुन ने निहत्थे कर्ण पर दिव्यास्त्र का प्रयोग कर दिया। अर्जुन के दिव्यास्त्र से कर्ण की मृत्यु हो गई लेकिन यह पूरा सत्य नहीं है। कर्ण की मृत्यु के पश्चात द्रौपदी की क्या प्रतिक्रिया थी?कर्ण की मृत्यु के पश्चात द्रौपदी की क्या प्रतिक्रिया थी? जैसे ही द्रौपदी ने कर्ण की मृत्यु का समाचार सुना वो दुख से मूर्छित हो गयी। होश आने पर वो दौड़ती हुई कर्ण के शव के पास आई और विलाप करने लगी। उसे बड़ा पश्चाताप हुआ कि क्यों उसने स्वयंवर में कर्ण जैसे महान योद्धा का अपमान किया था…
कर्ण की अंतिम इच्छा क्या थी?कर्ण की अंतिम इच्छा
कर्ण ने यह मांगा कि अगले जन्म में कृष्ण उन्हीं के राज्य में जन्म लें और दूसरी इच्छा में उन्होंने कृष्ण से कहा कि उनका अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर होना चाहिए, जहां कोई पाप ना हो। भगवान श्रीकृष्ण ने इस प्रकार योद्धाओं की अंंतिम इच्छा को पूरा किया।
कर्ण का अंतिम संस्कार कैसे हुआ?कर्ण की मृत्यु के बाद उसका अंतिम संस्कार भूमि पर नहीं किया गया था। उन्होंने श्रीकृष्ण से यह वरदान मांगा था कि मृत्यु के पश्चात मेरी देह का ऐसे स्थान पर अंतिम संस्कार कीजिए जहां कोई पाप न हुआ हो। संपूर्ण धरती पर ऐसे स्थान की खोज की गई लेकिन कोई जगह ऐसी नहीं मिली जहां पाप न हुआ हो।
मरते समय कर्ण ने भगवान कृष्ण से क्या माँगा?कर्ण ने मांगे थे 3 वरदान
- कर्ण ने वरदान रूप में अपने साथ हुए अन्याय को याद करते हुए भगवान कृष्ण के अगले जन्म में उसके वर्ग के लोगो के कल्याण करने को कहा। - दूसरे वरदान रूप में भगवान कृष्ण का जन्म अपने राज्य लेने को माँगा और तीसरे वरदान के रूप में अपना अंतिम संस्कार ऐसा कोई करे जो पाप मुक्त हो।
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